ED ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को गिरफ्तार किया, जानें पूरा मामला

ED ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को गिरफ्तार किया, जानें पूरा मामला

On

कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ED ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले उनके आवास पर ED ने छापेमारी की थी। आइए जानते हैं कि किस मामले में हो रही है ये कार्रवाई।

प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले ईडी ने सुबह-सुबह भिलाई में उनके आवास पर छापेमारी की थी। जानकारी के मुताबिक, ईडी ये कार्रवाई शराब घोटाले के मामले से कनेक्शन के सिलसिले में कर रही है। जानकारी के मुताबिक, ED की टीम पूर्व सीएम भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास पर पहुंची थी। ईडी की टीम 3 गाड़ियों में पहुंची और CRPF के जवान भी मौके पर मौजूद थे। उनके घर में ईडी की जांच चल रही है।

भूपेश बघेल ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी ईडी की ओर से की गई छापेमारी की कार्रवाई को लेकर ट्वीट कर के जानकारी दी है। उन्होंने कहा- "ईडी आ गई है। आज विधानसभा सत्र का आखिरी दिन है। आज अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा उठाया जाना था।"

क्या है शराब घोटाले का मामला?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि राज्य में एक संगठित शराब सिंडिकेट काम कर रहा था, जिसमें अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और कई अन्य लोग शामिल थे। इस घोटाले से करीब 2161 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (Proceeds of Crime) हुई। ED की जांच में यह भी पता चला है कि कवासी लखमा, जो तत्कालीन आबकारी मंत्री थे, उन्हें इस घोटाले से हर महीने मोटी नकद रकम दी जाती थी। यह रकम घोटाले से होने वाली कमाई से दी जाती थी। यह घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच का है। इसमें अलग-अलग तरीके से अवैध कमाई की गई। 

शराब की खरीदारी पर डिस्टिलर्स (शराब बनाने वाली कंपनियों) से प्रति केस कमीशन के तौर पर रिश्वत ली जाती थी। यह शराब CSMCL (छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम) द्वारा खरीदी जाती थी। राज्य की सरकारी दुकानों से बिना किसी रिकॉर्ड के कच्ची देशी शराब बेची जाती थी। इस बिक्री से सरकार को एक रुपया भी नहीं मिला, सारा पैसा सिंडिकेट की जेब में चला गया। डिस्टिलर्स से रिश्वत लेकर उन्हें फिक्स मार्केट शेयर दे दिए जाते थे, ताकि वे एक तरह से कार्टेल बना सकें। साथ ही FL-10A लाइसेंस धारकों से भी विदेशी शराब के धंधे में एंट्री देने के बदले मोटी रकम वसूली जाती थी। इस मामले में ED अब तक करीब 205 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच कर चुकी है।

पहले भी हुई थी छापेमारी

ये पहली बार नहीं है जब ईडी ने भूपेश बघेल या उनके परिवार के खिलाफ ये कार्रवाई की हो। इससे पहले मार्च 2025 में, ईडी ने दुर्ग ज़िले में चैतन्य बघेल के घर और उनके क़रीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ़ पप्पू बंसल से जुड़ी संपत्तियों समेत 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस रेड में नकदी जब्त की गई थी और नोट गिनने वाली मशीनों का इस्तेमाल किया गया था।

कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ED ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले उनके आवास पर ED ने छापेमारी की थी। आइए जानते हैं कि किस मामले में हो रही है ये कार्रवाई।

प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले ईडी ने सुबह-सुबह भिलाई में उनके आवास पर छापेमारी की थी। जानकारी के मुताबिक, ईडी ये कार्रवाई शराब घोटाले के मामले से कनेक्शन के सिलसिले में कर रही है। जानकारी के मुताबिक, ED की टीम पूर्व सीएम भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास पर पहुंची थी। ईडी की टीम 3 गाड़ियों में पहुंची और CRPF के जवान भी मौके पर मौजूद थे। उनके घर में ईडी की जांच चल रही है।

भूपेश बघेल ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी ईडी की ओर से की गई छापेमारी की कार्रवाई को लेकर ट्वीट कर के जानकारी दी है। उन्होंने कहा- "ईडी आ गई है। आज विधानसभा सत्र का आखिरी दिन है। आज अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा उठाया जाना था।"

क्या है शराब घोटाले का मामला?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि राज्य में एक संगठित शराब सिंडिकेट काम कर रहा था, जिसमें अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और कई अन्य लोग शामिल थे। इस घोटाले से करीब 2161 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (Proceeds of Crime) हुई। ED की जांच में यह भी पता चला है कि कवासी लखमा, जो तत्कालीन आबकारी मंत्री थे, उन्हें इस घोटाले से हर महीने मोटी नकद रकम दी जाती थी। यह रकम घोटाले से होने वाली कमाई से दी जाती थी। यह घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच का है। इसमें अलग-अलग तरीके से अवैध कमाई की गई। 

शराब की खरीदारी पर डिस्टिलर्स (शराब बनाने वाली कंपनियों) से प्रति केस कमीशन के तौर पर रिश्वत ली जाती थी। यह शराब CSMCL (छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम) द्वारा खरीदी जाती थी। राज्य की सरकारी दुकानों से बिना किसी रिकॉर्ड के कच्ची देशी शराब बेची जाती थी। इस बिक्री से सरकार को एक रुपया भी नहीं मिला, सारा पैसा सिंडिकेट की जेब में चला गया। डिस्टिलर्स से रिश्वत लेकर उन्हें फिक्स मार्केट शेयर दे दिए जाते थे, ताकि वे एक तरह से कार्टेल बना सकें। साथ ही FL-10A लाइसेंस धारकों से भी विदेशी शराब के धंधे में एंट्री देने के बदले मोटी रकम वसूली जाती थी। इस मामले में ED अब तक करीब 205 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच कर चुकी है।

पहले भी हुई थी छापेमारी

ये पहली बार नहीं है जब ईडी ने भूपेश बघेल या उनके परिवार के खिलाफ ये कार्रवाई की हो। इससे पहले मार्च 2025 में, ईडी ने दुर्ग ज़िले में चैतन्य बघेल के घर और उनके क़रीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ़ पप्पू बंसल से जुड़ी संपत्तियों समेत 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस रेड में नकदी जब्त की गई थी और नोट गिनने वाली मशीनों का इस्तेमाल किया गया था।

ED ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को गिरफ्तार किया, जानें पूरा मामला
ED ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को गिरफ्तार किया, जानें पूरा मामला
Edited By: [email protected]

खबरें और भी हैं

CM वीएस अच्युतानंदन का निधन, 8 दशक लंबा सियासी करियर, CPM संस्थापकों में रहे

नवीनतम

Copyright (c) Undekhi Khabar All Rights Reserved.
Powered By Vedanta Software