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Category उत्तर प्रदेश
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डिंपल पर मौलाना रशीदी के बयान के खिलाफ सड़क पर बीजेपी, अखिलेश की चुप्पी पर उठाए सवाल
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By khabarundekhi@gmail.com
अखिलेश यादव ने बस इतना ही कहा है "जो कपड़े हम संसद में पहनते हैं, वही ड्रेस पहनकर वहां भी जाएंगे". बीजेपी का आरोप है कि मुस्लिम वोट बैंक के लिए समाजवादी पार्टी साजिद रशीदी पर सॉफ्ट है.
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव (Dimple Yadav) के खिलाफ एक टीवी शो के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ बीजेपी सांसदों ने सोमवार को संसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया. अब मामला लखनऊ की सड़कों तक पहुंच गया है.मतलब यह कि डिंपल यादव के सम्मान के लिए बीजेपी संसद से लेकर सड़क तक संघर्ष कर रही है. समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल के मान-सम्मान के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है.
डिंपल के सम्मान में अखिलेश पर तंज
समाजवादी पार्टी ऑफिस से लेकर अखिलेश यादव के घर तक लखनऊ की सड़कों पर होर्डिंग और बैनर लग गए हैं. बीजेपी के MLC सुभाष यदुवंशी ने ये पोस्टर लगवाए हैं. उन्होंने मौलाना साजिद रशीदी के डिंपल यादव पर की गई टिप्पणी को लेकर अखिलेश यादव पर तंज कसा है. पोस्टर पर लिखा है "चुप रहने वाले प्रदेश की बहन-बेटियों की सुरक्षा क्या करेंगे?" बीजेपी नेता ने अखिलेश की चुप्पी को 'धिक्कार योग्य' बताते हुए उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं.
मौलाना साजिद रशीदी पर अखिलेश ने क्या कहा?
बीजेपी के MLC सुभाष यदुवंशी भी यादव बिरादरी से हैं. वह लंबे समय से बीजेपी संगठन से जुड़े हैं. पोस्टर पर उनका नाम और पद भी लिखा है. डिंपल यादव पर मौलाना साजिद रशीदी के विवादित कमेंट पर पार्टी की सांसद इकरा हसन ने उन्हें फटकार लगाई है. इस पर अखिलेश यादव ने बस इतना ही कहा है "जो कपड़े हम संसद में पहनते हैं, वही ड्रेस पहनकर वहां भी जाएंगे". बीजेपी का आरोप है कि मुस्लिम वोट बैंक के लिए समाजवादी पार्टी साजिद रशीदी पर सॉफ्ट है.
ED ने पूछे सवाल तो लड़खड़ाने लगी छांगुर बाबा की जुबान
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By khabarundekhi@gmail.com
अवैध और जबरन तरीके से धर्मांतरण का रैकेट चलाने के आरोप में पकड़े गए छांगुर बाबा का ED के सवालों से सामना हुआ तो उसकी जुबान लड़खड़ाने लग गई। वह ED के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहा था।
यूपी में जबरन धर्मांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार छांगुर बाबा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। सोमवार को लखनऊ में उसे प्रवर्तन निदेशालय (ED) की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट से इजाजत मिलते ही ED की टीम उसे कस्टडी रिमांड पर लेकर चली गई थी। आज ईडी ने उससे अवैध धर्मांतरण और देश विरोधी गतिविधियों को लेकर कई सवाल किए गए। छांगुर का ईडी के सवालों से सामना हुआ तो उसकी जुबान लड़खड़ाने लग गई।
सूत्रों के अनुसार छांगुर ED के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहा। ED ने उससे जो सवाल जवाब किये हैं, वो कुछ इस तरह से हैं-
सवाल 1– तुम्हारे पास इतने पैसे विदेशों से क्यों भेजे जाते थे, इन पैसों का क्या करते हो?
छांगुर का जवाब- दीन और इस्लाम प्रचार में बहुत पैसे खर्च होते हैं साहब, बाकि मेरे पैसे जो भी आए वो इस्लाम और इसके प्रचार-प्रसार के लिए ही चंदे के तौर पर आए हैं
सवाल 2- धर्म परिवर्तन क्यों करवाते थे? इसके पीछे क्या मकसद था?
छांगुर का जवाब- कोई मकसद नहीं था मेरा, मैंने सिर्फ इस्लाम के प्रचार-प्रसार का काम किया है। कोई अपने मन से ही धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो मेरी कोई गलती नहीं है, मैंने कभी ये सब काम पैसो के लिए नहीं किया न ही कभी किसी का जबरन धर्म परिवर्तन करवाया।
सवाल 3- क्या दूसरे देशों से भी तुम्हे इंस्ट्रक्शन मिलता था इस्लाम के प्रचार के लिए?
छांगुर का जवाब- मैं निर्दोष हूं, मैं जो करता था सिर्फ अल्लाह के दिखाए मार्ग पर काम करता था।
सवाल 4- क्या जो तुमने संपत्ति बनाई है क्या उसकी इनकम टैक्स को जानकारी दी है?
छांगुर का जवाब- ये मेरी संपत्ति है, मैंने किसी की संपति नहीं हड़पी। लोगो ने दीन के प्रचार के लिए दिया है इस पर सरकार और इनकम टैक्स का कोई हक नहीं है।
सवाल 5- देश विरोधी गतिविधियों में भी इन पैसों का उपयोग किया है तुमने?
छांगुर का जवाब- मैं निर्दोष हूं, मैंने कोई गलत काम कभी नहीं किया है।
सवाल 6- तुमने ये पैसा कहां कहां खर्च किया?
इस सवाल पर छांगुर कुछ नहीं बोला। ED ने छांगुर के सामने बैंक स्टेटमेंट की पूरी फाइल रखी और एक-एक रुपये के बारे में पूछा। छांगुर इन पैसों के बारे में नहीं बता पाया। छांगुर ने ज्यादातर पैसे कैश में खर्च किए है, जिसकी डिटेल छांगुर नहीं बता पाया।
सवाल 7- क्या तुमने विदेश में भी कोई संपत्ति खरीदी है या पैसा भेजा है?
छांगुर ने इसका कोई माकूल जवाब नहीं दिया है
सवाल 8- क्या किसी राजनेता, सरकारी अफसर या व्यापारी से मिलीभगत है तुम्हारी?
जवाब- छांगुर ने कुछ लोगों का नाम बताए जो छांगूर के अच्छे संपर्क में थे लेकिन यह भी कहा जैसे हर आदमी सरकारी लोगों और नेताओं के पास जाता है वैसे ही छांगूर भी इन लोगों से मिलता था और अपने कामों की दरख्वास्त करता था (एजेंसी अभी उसको वेरीफाई कर रही है)
सवाल 9- नेपाल में तुम्हारा नेटवर्क क्या है? वहां से हवाला के जरिये काफी पैसे आए हैं तुम्हारे अकाउंट में?
जवाब- मुझे नहीं पता हवाला के पैसों के बारे में, रकम सिर्फ चंदे के तौर पर ली जाती थी। मुझे और कुछ नहीं पता हवाला या किसी और चीज के बारे में।
सवाल 10- तुम भारत में मुस्लिम राष्ट्र स्थापित करना क्यों चाहते थे?
जवाब- मैं सिर्फ दीन और अल्लाह की बात करता हूं, उनके दिखाए मार्ग पर चलता हूं, मेरे बारे में गलत बाते उड़ाई गई हैं। मैं बेकसूर हूं।
CM योगी का मिशन फुल स्टॉप... उत्तर प्रदेश में अफसरों और नेताओं के बीच जारी जंग में उठाया बड़ा कदम
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By khabarundekhi@gmail.com
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में नौकरशाही और नेताओं के बीच जारी शीत युद्ध पर फुलस्टॉप लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है.
यूपी के नेताऔं और अफसरों में इन दिनों तनातनी चरम पर है. सांसदों और विधायकों का आरोप है कि अफसर उनकी नहीं सुनते है. अफसर कहते हैं कि उन पर नाजायज दवाब बनाया जाता है. आए दिन जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों के झगड़े की खबरें आती रहती हैं. अभी हाल में ही यूपी की एक मंत्री पुलिस थाने के सामने धरने पर बैठ गई थीं. राज्य के बिजली मंत्री ए के शर्मा भी अपने अफसरों से परेशान हैं. उनका दावा है कि कुछ नेता और अफसर मिल कर उन्हें फेल करना चाहते हैं. कहानी हर जिले और हर विभाग की है. अधिकारियों और नेताओं में जारी शीत युद्ध के बीच अब माहौल ठीक करने की पहल खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने की है. अफ़सरों और नेताओं के झगड़े से सरकार की छवि खराब होती है. अखिलेश यादव को बार बार मौका मिल जाता है. आज संसद की बैठक से पहले दिल्ली से ही उन्होंने लखनऊ पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री तो सुरंग खोद रहे हैं. जब भी मौका मिलता है कि अखिलेश यादव ब्यूरोक्रेसी और बीजेपी के नेताओं के झगड़े में कूद पड़ते हैं. ऐसे में अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठकों का दौर शुरू कर दिया है. शुरूआत उन्होंने अपने ही इलाके यानी गोरखपुर से की है. गोरखपुर दौरे में योगी ने उस मंडल के जन प्रतिनिधियों की मीटिंग बुलाई. इलाके के सांसद, विेधायक, जिला पंचायत अध्यक्षों और मेयर के साथ उन्होंने लंबी चर्चा की. सड़क निर्माण से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर खुल कर बात हुई. किसी विधायक को क्या दिक्कत हो रही है. किस सांसद को किस अधिकारी से शिकायत है. सारी बातें नोट की गईं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ लौटे तो बैठकों का दूसरा दौर शुरू हुआ. बीते दिनों उन्होंने कानपुर, चित्रकूट, अयोध्या, झाँसी, देवीपाटन मंडलों की बैठक की. उन जगहों से जुड़े सभी जन प्रतिनिधियों को बुलाया . पहले सामूहिक रूप से उनकी समस्याओं पर बातचीत की. उनके दो काम रूके हैं, उनसे जुड़ी फाइलों पर अफ़सरों को काम करने के आदेश दिए. आज फिर वे दो ऐसी बैठकें करने वाले हैं. आज सीएम योगी वाराणसी में हैं. जहां पहले वे वाराणसी और फिर आज़मगढ़ मंडल की मीटिंग कर रहे हैं. इसी बहाने उनकी कोशिश बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के नेताओं से संवाद की है.
यूपी में डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव है. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा. इस हार की कई वजहें बताई गईं. एक वजह ये बताई गई कि यूपी में अफसरशाही बेलगाम हो गई है. कुछ दिनों पहले यूपी सरकार के एक मंत्री और चीफ सेक्रेटरी में जबरदसत कहा सुनी हो गई. खबर दिल्ली तक पहुंच गई हैं. ऐसी घटनाओं से सांगा सरकार को लेकर नैरेटिव बदलने लगता है. यूपी के मुख्यमंत्री चुनावी समय में इन पर फुल स्टॉप लगाने में जुटे हैं.
CM योगी ने रचा इतिहास, यूपी में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर रहने का बनाया रिकॉर्ड
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By khabarundekhi@gmail.com
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी के इतिहास में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने वाले पहले नेता बन गए हैं। सीएम योगी ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नया ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। वे राज्य के इतिहास में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने वाले पहले नेता बन गए हैं। उन्होंने इस मामले में प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे पंडित गोविंद बल्लभ पंत का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। योगी आदित्यनाथ ने अब तक 8 साल 4 महीने और 10 दिन का कार्यकाल पूरा कर लिया है, जबकि पंडित गोविंद बल्लभ पंत का कुल कार्यकाल (स्वतंत्रता से पूर्व सहित) 8 साल और 127 दिन का रहा था।
लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके नेतृत्व में, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी बहुमत हासिल किया, जिसके बाद वे लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने पूर्ण कार्यकाल के बाद दोबारा लगातार पद संभाला है।
प्रदेश के 22वें मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश के 22वें मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ और प्रभावशाली नेता हैं। राजनीति में आने से पहले, वे गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मठ के महंत यानी मुख्य पुजारी रहे हैं। उन्होंने 1998 में मात्र 26 वर्ष की आयु में गोरखपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सियासत में कदम रखा था, जिससे वे देश के सबसे युवा सांसदों में से एक बन गए थे।
अखिलेश, मुलायम सिंह और मायावती हुए पीछे
मायावती- 7 वर्ष 16 दिन का कार्यकाल
मुलायम सिंह यादव- 6 वर्ष 274 दिन का कार्यकाल
डॉ.सम्पूर्णानंद- 5 वर्ष 345 दिन का कार्यकाल
अखिलेश यादव- 5 वर्ष 4 दिन का कार्यकाल
नारायण दत्त तिवारी- 3 वर्ष 314 दिन का कार्यकाल
चंद्रभानु गुप्ता- 3 वर्ष 311 दिन का कार्यकाल
कल्याण सिंह- 3 वर्ष 217 दिन का कार्यकाल
· गोरखपुर से 5 बार के सांसद
· योगी आदित्यनाथ लगातार पांच बार गोरखपुर से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान, वे बीजेपी के सबसे प्रमुख और प्रभावशाली चेहरों में शामिल थे। उनके कुशल प्रचार और नेतृत्व का पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने में महत्वपूर्ण योगदान रहा, और इसी के परिणामस्वरूप 19 मार्च 2017 को उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
· उत्तर प्रदेश में अगला विधानसभा चुनाव 2027 में होगा। पिछला विधानसभा चुनाव मार्च 2022 में हुआ था और विधानसभा का कार्यकाल 22 मई 2027 को समाप्त होगा।
बिहार SIR पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने ड्राफ्ट सूची के प्रकाशन पर रोक लगाने से किया इनकार
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By khabarundekhi@gmail.com
बिहार मतदाता सूची मामले में सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने कहा कि हमें राशन कार्ड को स्वीकार करने में दिक्कत है. लेकिन जहां तक वोटर आईडी की बात है वो तो फॉर्म पर पहले से ही प्रिंट है.
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने ड्राफ्ट सूची के प्रकाशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. एक अगस्त को ड्राफ्ट पब्लिकेशन होना है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ड्राफ्ट सूची की वैधता लंबित याचिकाओं के फैसले पर निर्भर करेगी. अदालत ने कहा कि आधार और मतदाता पहचान पत्र की अनुमति न देने से बड़े पैमाने पर लोगों का बहिष्कार हो सकता है.
बिहार मतदाता सूची मामले में सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने कहा कि हमें राशन कार्ड को स्वीकार करने में दिक्कत है. लेकिन जहां तक वोटर आईडी की बात है वो तो फॉर्म पर पहले से ही प्रिंट है. आधार नंबर वोटर को भरना है. लेकिन कोर्ट का आदेश ही है कि आधार नागरिकता की पहचान का दस्तावेज नहीं है. इस मुद्दे पर अदालत मंगलवार को एक बार फिर सुनवाई करेगी.
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया ने राजनीतिक और कानूनी बहस छेड़ दी है. विपक्ष का आरोप है कि इससे कई वैध मतदाताओं को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा सकता है. जस्टिस सूर्य कांत और जॉयमाल्या बागची की बेंच इस मामले की सुनवाई की. याचिकाकर्ताओं ने मतदाता सूची संशोधन की समय और वैधता पर सवाल उठाए हैं.
बताते चलें कि बिहार में SIR ( स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विपक्ष की 9 राजनीतिक पार्टियों ने याचिका दाखिल की है. कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, एनसीपी की सुप्रिया सुले, सीपीआई के डी राजा, डीएमके, हरिंदर मलिक (समाजवादी पार्टी), शिवसेना UBT के अरविंद सावंत, JMM के सरफराज अहमद और CPI (ML ) के दीपांकर भट्टाचार्य याचिकाकर्ता हैं.
बिहार मतदाता सूची मामले में सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने कहा कि हमें राशन कार्ड को स्वीकार करने में दिक्कत है. लेकिन जहां तक वोटर आईडी की बात है वो तो फॉर्म पर पहले से ही प्रिंट है.
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने ड्राफ्ट सूची के प्रकाशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. एक अगस्त को ड्राफ्ट पब्लिकेशन होना है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ड्राफ्ट सूची की वैधता लंबित याचिकाओं के फैसले पर निर्भर करेगी. अदालत ने कहा कि आधार और मतदाता पहचान पत्र की अनुमति न देने से बड़े पैमाने पर लोगों का बहिष्कार हो सकता है.
बिहार मतदाता सूची मामले में सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने कहा कि हमें राशन कार्ड को स्वीकार करने में दिक्कत है. लेकिन जहां तक वोटर आईडी की बात है वो तो फॉर्म पर पहले से ही प्रिंट है. आधार नंबर वोटर को भरना है. लेकिन कोर्ट का आदेश ही है कि आधार नागरिकता की पहचान का दस्तावेज नहीं है. इस मुद्दे पर अदालत मंगलवार को एक बार फिर सुनवाई करेगी.
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया ने राजनीतिक और कानूनी बहस छेड़ दी है. विपक्ष का आरोप है कि इससे कई वैध मतदाताओं को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा सकता है. जस्टिस सूर्य कांत और जॉयमाल्या बागची की बेंच इस मामले की सुनवाई की. याचिकाकर्ताओं ने मतदाता सूची संशोधन की समय और वैधता पर सवाल उठाए हैं.
बताते चलें कि बिहार में SIR ( स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विपक्ष की 9 राजनीतिक पार्टियों ने याचिका दाखिल की है. कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, एनसीपी की सुप्रिया सुले, सीपीआई के डी राजा, डीएमके, हरिंदर मलिक (समाजवादी पार्टी), शिवसेना UBT के अरविंद सावंत, JMM के सरफराज अहमद और CPI (ML ) के दीपांकर भट्टाचार्य याचिकाकर्ता हैं.
छांगुर के भतीजे सबरोज पर बुलडोजर एक्शन, 300 स्क्वायर फीट पर बना अवैध घर टूटा
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By khabarundekhi@gmail.com
छांगुर बाबा के भतीजे और धर्मांतरण मामले में आरोपी सबरोज ने लगभग 300 स्क्वायर फीट पर है अवैध कब्जा कर मकान बनाया था। प्रशासन ने मकान का अवैध हिस्सा गिरा दिया है।
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में प्रशासन लगातार छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। अवैध धर्मांतरण के आरोपी और छांगुर के भतीजे सबरोज के घर पर शनिवार को बुलडोजर चला। प्रशासन ने उतरौला के रेहरा माफी में सबरोज के घर का अवैध हिस्सा तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि सबरोज ने लगभग 300 स्क्वायर फीट में अवैध कब्जा कर मकान बना रखा था। प्रशासन ने शनिवार दोपहर 11 बजे बुलडोजर कार्रवाई शुरू की और मकान का अवैध हिस्सा तोड़ दिया।
धर्मांतरण के मास्टरमाइंड छांगुर का भतीजा सबरोज भी धर्मांतरण मामले में आरोपी है। सबरोज ने नवीन परती पर कब्जा कर घर बनाया था। शनिवार को जेसीबी से अवैध मकान गिरा दिया गया। अवैध धर्मांतरण के मामले में सबरोज 19 जुलाई को गिरफ्तार हुआ था। उसके साथ छांगुर गैंग के सदस्य शहाबुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था। सबरोज इस समय पुलिस की गिरफ्त में है।
तीन बार नोटिस के बाद चला बुलडोजर
छांगुर के भतीजे सबरोज का मकान छांगुर की कोठी से 1 किमी दूर रेहरा माफी गांव में ही बना हुआ था। सुबह 11 बजे उतरौला तहसील की टीम दो जेसीबी मशीन लेकर पहुंचीं। इसके बाद मकान के अवैध हिस्से को गिरा दिया गया। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव में पुलिस बल तैनात किया गया। प्रशासन ने कहा कि सबरोज को 3 बार नोटिस दिया जा चुका है। आखिरी नोटिस 18 जुलाई को दिया गया था। प्रशासन का कहना है कि ये मकान अवैध कब्जा करके बनाया गया था। मकान लगभग 300 स्क्वायर फीट में बना हुआ था। इसमें एक किचन, एक कमरा और एक बरामदा बना हुआ था। इससे पहले 8, 9 और 10 जुलाई को छांगुर बाबा की सहयोगी नसरीन की कोठी पर बुलडोजर चला था।
क्या है मामला?
छांगुर बाबा का असली नाम जमालुद्दीन उर्फ करीमुल्ला शाह है। उसे उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी फंडिंग के आरोप में 5 जुलाई 2025 को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया। छांगुर के साथ सहयोगी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन को भी गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि छांगुर ने चांद औलिया दरगाह को केंद्र बनाकर हिंदू और गरीब तबकों को निशाना बनाते हुए जबरन धर्मांतरण कराया। जांच में 100-500 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग, 40 से अधिक बैंक खातों और नेपाल के रास्ते आईएसआई कनेक्शन का खुलासा हुआ। छांगुर की आलीशान कोठी सरकारी जमीन पर बनी थी, उसे बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया और इसके 8.55 लाख रुपये के खर्च की वसूली का नोटिस जारी कर दिया गया है। ये पैसे छांगुर को ही भरने होंगे। ईडी और एनआईए भी मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग की जांच कर रही हैं। मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और संगठित साजिश से जुड़ा माना जा रहा है।
बड़ा फैसला लेने वाले हैं तेज प्रताप यादव? परिवार के सदस्यों को किया अनफॉलो, पार्टी से भी बनाई दूरी
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By khabarundekhi@gmail.com
तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया से परिवार के सदस्यों और पार्टी के आधिकारिक हैंडल को अनफॉलो कर दिया है। तेज प्रताप ने पार्टी से भी दूरी बना ली है।
तेज प्रताप यादव ने एक्स पर अपनी ही पार्टी और परिवार से दूरी बनाते हुए आरजेडी के आधिकारिक हैंडल के साथ-साथ अपनी बहन और लोकसभा सांसद मीसा भारती, राज लक्ष्मी यादव, हेमा यादव और परिवार के अन्य सदस्यों को अनफॉलो कर दिया है। हालांकि तेज प्रताप आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को फॉलो कर रहे हैं।
एक्स हैंडल पर अब 6 लोगों को ही फॉलो कर रहे तेज प्रताप
तेज प्रताप यादव पहले अपने सोशल मीडिया पर 14 लोगों को फॉलो करते थे लेकिन अब केवल 6 लोगों को ही फॉलो कर रहे हैं। तेज प्रताप के फॉलोइंग लिस्ट में टीम तेज प्रताप यादव, अखिलेश यादव, राबड़ी देवी, रितेश देशमुख, तेजस्वी यादव और लालू यादव हैं।
तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया से परिवार के सदस्यों और पार्टी के आधिकारिक हैंडल को अनफॉलो कर दिया है। तेज प्रताप ने पार्टी से भी दूरी बना ली है।
तेज प्रताप यादव ने एक्स पर अपनी ही पार्टी और परिवार से दूरी बनाते हुए आरजेडी के आधिकारिक हैंडल के साथ-साथ अपनी बहन और लोकसभा सांसद मीसा भारती, राज लक्ष्मी यादव, हेमा यादव और परिवार के अन्य सदस्यों को अनफॉलो कर दिया है। हालांकि तेज प्रताप आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को फॉलो कर रहे हैं।
एक्स हैंडल पर अब 6 लोगों को ही फॉलो कर रहे तेज प्रताप
तेज प्रताप यादव पहले अपने सोशल मीडिया पर 14 लोगों को फॉलो करते थे लेकिन अब केवल 6 लोगों को ही फॉलो कर रहे हैं। तेज प्रताप के फॉलोइंग लिस्ट में टीम तेज प्रताप यादव, अखिलेश यादव, राबड़ी देवी, रितेश देशमुख, तेजस्वी यादव और लालू यादव हैं।
ऑनलाइन डिलीवरी ब्वॉय बनकर आए लुटेरे, 6 मिनट में ज्वेलर्स की दुकान से लूट लिए सोने-चांदी
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By khabarundekhi@gmail.com
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में दिन दहाड़े लूट की एक बड़ी घटना देखने को मिली है। दरअसल यहां ऑनलाइन डिलीवरी ब्वॉय के कपड़े में 2 बदमाश एक ज्वैलर्स की दुकान में घुस गए और बंदूक की नोक पर लूट पाट की।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में दिनदहाड़े एक चौंकाने वाली लूट की वारदात हुई। ऑनलाइन डिलीवरी बॉय के वेश में दो बदमाश एक ज्वैलरी स्टोर में घुस गए और महज छह मिनट में 20 लाख रुपये से ज़्यादा का कीमती सामान लूटकर फरार हो गए। जानकारी के अनुसार, यह घटना लिंक रोड थाना क्षेत्र के बृज विहार इलाके में हुई। यह घटना मानसी ज्वैलर्स में हुई, जहां पिस्तौल से लैस लुटेरों ने लगभग 20 किलोग्राम चांदी और 125 ग्राम सोना लूट लिया। यह वारदात दुकान मालिक के घर न होने पर अंजाम दी गई। दुकान में मौजूद कर्मचारी तब अचंभित रह गए जब लुटेरे अंदर घुसे, हथियार लहराए और उन्हें चुप रहने की धमकी दी। इसके बाद वे ज्वैलरी से भरे बैग छीनकर मौके से फरार हो गए।
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस ने बताया कि लुटेरों ने ऑनलाइन डिलीवरी करने वालों जैसे कपड़े पहने थे, जिससे शुरुआत में उन पर शक नहीं हुआ। घटना के बाद, पुलिस ने आसपास के इलाके को सील कर दिया है और दुकान व आसपास के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आगे बताया कि अधिकारियों को उम्मीद है कि फुटेज से अपराधियों की पहचान और उन्हें पकड़ने में अहम सुराग मिलेंगे। गाजियाबाद डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने कहा कि गाजियाबाद थाना लिंक रोड क्षेत्र के बृज विहार मानसी ज्वैलर्स की दुकान में दो बाइक सवार बदमाश ज्वेलर्स की शॉप में घुसकर लूटपाट की घटना को देते हैं। इस मामले में पीड़ित की तहरीर के अनुसार 20 किलो चांदी 125 ग्राम सोना लूट कर बदमाश हुए हैं। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करके जांच की शुरू कर दी है। इस मामले में 06 टीमों का गठन किया गया है। जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
गाजियाबाद में डकैती के मामले में छह गिरफ्तार
इससे पहले 16 जुलाई को, गाजियाबाद पुलिस ने एक डकैती के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया कि उन्हें एक किराना दुकानदार से 23 लाख रुपये लूटने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से दो बुधवार रात पुलिस के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, किराना दुकानदार प्रवेश विश्नोई प्रताप विहार स्थित अपने घर स्कूटर से लौट रहे थे, तभी कनावरी के पास मोटरसाइकिल सवार तीन लुटेरों ने उन्हें रोक लिया और नकदी से भरा उनका बैग छीन लिया।
मेरठ के शिव मंदिर में पुजारी बनकर रह रहा था, 6 महीने बाद सामने आया सच
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By khabarundekhi@gmail.com
मेरठ के दौराला इलाके में सावन की शिवरात्रि के दिन उस वक्त हड़कंप मच गया, जब 6 महीने से मंदिर में रहकर पूजा-पाठ कर रहा एक युवक कृष्ण नहीं बल्कि बिहार के मौलवी का बेटा कासिम निकला।
यूपी के मेरठ जिले में कृष्ण नाम के एक शिव पुजारी का भंड़ाफोड़ हुआ है। लेकिन ये पुजारी कोई हिंदू नहीं है बल्कि अपनी पहचान छुपाकर रहने वाला एक मुस्लिम शख्स है जिसका असली नाम कासिम है। कासिम मेरठ के दौराला थाना क्षेत्र के दादरी गांव में स्थित शिव मंदिर में पिछले 6 महीनों से कृष्ण बनके रह रहा था। लोगों को गुमराह करने के अलावा कासिम मंदिर में भक्तों के चढ़ाए गए दान की चोरी भी कर रहा था।
आधार कार्ड से खुली पोल
कुछ दिनों पहले से ही लोकल लोगों को कासिम पर शक था और जब गहराई से पूछताछ हुई तो कासिम की असलियत सामने आ गई। उससे पहचान के लिए आधार कार्ड मांगा गया, तो वह पहले तो बहानेबाजी करता रहा। फिर कुछ समय के लिए गांव से गायब हो गया। बाद में अचानक मंदिर में दोबारा आकर रहने लगा। इसी दौरान एक बार फिर उसके व्यवहार पर लोगों को शक हुआ और अंततः उसकी असलियत सामने आ गई।
बिहार में मौलवी है पिता
कृष्ण बन कर सबकी आस्था के साथ खिलवाड़ करने वाली ये पोल पट्टी खुल गई। लोगों में आक्रोश है कि साधु के भेष में अपनी पहचान छुपाकर कासिम ने हिन्दू धर्म को ठेस पहुंचाने का काम किया है। कासिम की उम्र 35 वर्ष है और वह बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला है।
पूछताछ में उसने यह भी स्वीकारा कि उसके पिता का नाम अब्बास है जो कि बिहार में मौलवी हैं। वह दादरी के शिव मंदिर में कृष्ण नाम रखकर पूजा-पाठ करवा रहा था। गुस्साए ग्रामीणों ने उसे पकड़कर दादरी गांव में ही स्थित पुलिस चौकी पर पुलिस को सौंप दिया।
CM योगी ने क्या कहा था?
हर रोज अपनी पहचान छिपा कर लोगों को गुमराह करने की घटनाएं सामने आ रही हैं। होटल के मालिक अपने होटल और ढ़ाबों का नाम बदल कर लोगों को छल रहे हैं। सावन में कावड़ियों का भेष लेकर कुछ लोग कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं तो कोई गेरूआ वस्त्र पहनकर लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहा है। लेकिन इन सब वाकयों से लोग अब जागरूक हो रहे हैं।
सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कावड़ यात्रा के दौरान मेरठ में पुष्प वर्षा करते हुए यह स्पष्ट किया था कि किसी को भी अपनी पहचान नहीं छुपानी है और कुछ लोग कावड़ियों के भेष में यात्रा को बदनाम करना चाहते हैं। आसपास के लोगों को खुद ऐसे लोगों की निगरानी करनी होगी। पुलिस को कासिम के पास से कुछ सामान बरामद हुआ है जिसकी जांच की जा रही है।
CM योगी आदित्यनाथ के खिलाफ की आपत्तिजनक टिप्पणी, पुलिस ने युवक को किया गिरफ्तार
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बलिया के रहने वाले एक युवक ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस मामले में एक्शन लेते हुए पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ ‘फेसबुक’ पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चितबड़ागांव मंडल के अध्यक्ष मोती चंद्र गुप्त की तहरीर पर चितबड़ागांव थाना क्षेत्र के पलिगरा गांव निवासी संजय भारती के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। शिकायत में आरोप लगाया गया कि संजय भारती ने ‘फेसबुक’ पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया था और धमकी दी थी। अपर पुलिस अधीक्षक कृपा शंकर ने बताया कि पुलिस ने आरोपी संजय भारती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
सीएम योगी को धमकी देने वाला गिरफ्तार
बता दें कि बीते दिनों भी ऐसा ही एक मामला देखने को मिला था। दरअसल सीएम योगी को एक शख्स ने जान से मारने की धमकी दी थी। साथ ही उसने फेसबुक पर महाकुंभ को भी नहीं होने देने को लेकर भड़काऊ पोस्ट लिखा था। इसके बाद यूपी पुलिस ने एक्शन लेते हुए धमकी देने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दरअसल आरोपी युवक ने फेसबुक पर लिखा था कि “हिंदुओं यह जो तुम्हारा महाकुंभ आ रहा है, हम मुसलमान चैलेंज करते हैं कि नहीं होने देंगे। चाहे कितने भी सिर कलम करने पड़ जाएं। मुसलमानों जिहाद करो। ये 2025 राम मंदिर का आखिरी साल होगा।”
फेसबुक पर की थी विवादित टिप्पणी
इस मामले के सामने आने के बाद बरेली के विश्व हिंदू परिषद के नेता केके शंखधार ने फेसबुक पर आरोपी के पोस्ट को एडीजी बरेली और यूपी पुलिस को टैग करते हुए आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। इस जानकारी के सामने आने के बाद यूपी पुलिस और खुफिया विभाग की टीम अलर्ट हो गई। इसके बाद बरेली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि आरोपी ने महाकुंभ और राम मंदिर को तहस-नहस करने की धमकी दी थी। साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हत्या की भी धमकी दी थी। इसके अलावा आरोपी ने लव जिहाद में लड़कियों को उठा ले जाने की भी धमकी दी थी।
CM योगी से मुलाकात, आज बृजभूषण ने कही ये बात
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कैसरगंज से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मेरे और मुख्यमंत्री जी के बीच काफी पुराना संबंध है. इस मुलाकात में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई. यह मुलाकात पूरी तरह व्यक्तिगत थी, जैसे परिवार के दो लोग लंबे समय बाद मिलकर अपनी शिकायतें और दुख-सुख साझा करते हैं.
सावन का दूसरा सोमवार उत्तर प्रदेश की राजनीति में किसी चमत्कार से कम नहीं था. इस दिन, एक-दूसरे के विरोधी माने जाने वाले 2 बड़े नेताओं की मुलाकात ने सबको चौंका दिया. करीब एक घंटे की बातचीत के बाद, भविष्य में फिर से मिलने का वादा हुआ. मुलाकात के बाद पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह मुस्कुराते हुए बाहर निकले. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर मुलाकात की, जिसके बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई.
बृजभूषण सिंह ने नंदिनी महाविद्यालय में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया. इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं 31 महीने बाद मुख्यमंत्री से मिला. आप सभी जानते हैं कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. जनवरी 2023 में मेरे जीवन में ऐसा ही एक उतार-चढ़ाव आया, जिसके बाद से मेरी मुख्यमंत्री जी के साथ बातचीत बंद हो गई थी.
कैसरगंज से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने आगे कहा, "इन 31 महीनों में मैंने न तो मुख्यमंत्री से मुलाकात की और न ही मिलने का प्रयास किया. मैंने तय किया था कि जब वे बुलाएंगे, तभी उनसे मिलूंगा. मुख्यमंत्री जी ने स्वयं मिलने की इच्छा जताई. मुझे यह संदेश मेरे बच्चों और आधिकारिक रूप से भी प्राप्त हुआ. इसके बाद मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से मुलाकात की."
उन्होंने स्पष्ट किया, "मेरे और गोरखनाथ मठ के बीच 56 सालों का पुराना संबंध है. इस मुलाकात में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई. यह मुलाकात पूरी तरह व्यक्तिगत थी, जैसे परिवार के दो लोग लंबे समय बाद मिलकर अपनी शिकायतें और दुख-सुख साझा करते हैं. हमारी मुलाकात बहुत अच्छी रही, और मुझे यह मुलाकात बेहद सुखद लगी."
राम मंदिर के बाद अब सीता मंदिर के निर्माण की बारी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार में करेंगे शिलान्यास
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बिहार के सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में सीता मंदिर का निर्माण होने जा रहा है. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पुनौरा धाम में आठ अगस्त को भूमि पूजन और शिलान्यास करेंगे.
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के बाद अब बिहार के सीतामढ़ी में सीता मंदिर (Sita Mandir) का निर्माण होने जा रहा है. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में आठ अगस्त को भूमि पूजन और शिलान्यास करेंगे. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीता मंदिर के निर्माण कार्य शुरू होने को भाजपा का बड़ा कदम माना जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सात और आठ अगस्त को बिहार का दौरा करेंगे.
अहमदाबाद में 13 मार्च 2025 को आयोजित “शाश्वत मिथिला महोत्सव 2025” में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि राम मंदिर बन चुका है और अब समय सीतामढ़ी में भव्य सीता मंदिर का निर्माण का है. इसके बाद बिहार सरकार ने पुनौरा धाम के विकास के लिए 882 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी थी.
माता सीता का माना जाता है जन्मस्थान
माना जाता है कि पुनौरा धाम माता सीता का जन्मस्थान है. बिहार सरकार और रामायण सर्किट पहल के अंतर्गत पुनौरा धाम को अयोध्या की तर्ज पर विकसित करने की योजना है. इसमें ये होगा शामिल -
भव्य मंदिर परिसर
परिक्रमा पथ
सीता कुण्ड (तालाब)
सीता वाटिका
लव-कुश वाटिका
मेडीटेशन हॉल
पार्किंग स्थल आदि.
सीतामढ़ी के विकास की दिशा में बड़ा कदम
वर्तमान में यहां पर जानकी स्थान और प्राचीन जानकी जन्मस्थली मंदिर है, जो इसके धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं. यह परियोजना अयोध्या की तर्ज पर धार्मिक पर्यटन की दिशा में सीतामढ़ी को विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है.
साथ ही इसे बिहार में सांस्कृतिक गौरव को बढ़ाने के साथ चुनावी रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है.