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नॉर्थ कोरिया के किम जोंग को जहाज पर जल्दी चाहिए न्यूक्लियर मिसाइल, वॉरशिप ‘ड्रैगन’ का परीक्षण किया

नॉर्थ कोरिया 5,000 टन के डिस्ट्रॉयर श्रेणी के नए युद्धपोत- चोए ह्योन को सबके सामने लेकर आया है. इसके बारे में कुछ एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया है कि यह कम दूरी की सामरिक न्यूक्लियर मिसाइलों से लैस हो सकता है. नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को हथियारों से बहुत प्यार है. वो आए दिन अपनी सेना के साथ हथियारों के टेस्टिंग साइट पर पहुंच जाते हैं और अपने सामने नए-नए हथियारों की चलवाकर देखते हैं कि वो कितना कारगर है. अब उन्हें अपने नौसैनिक जहाजों पर भी न्यूक्लियर हथियार चाहिए. नॉर्थ कोरिया की सरकारी मीडिया ने बुधवार, 30 अप्रैल को बताया कि किम जोंग उन ने नौसेना के जहाजों को तेजी से न्यूक्लियर हथियारों से लैस करने का आदेश दिया. दरअसल किम जोंग एक नए युद्धपोत हथियार प्रणाली (वॉरशिप वेपन सिस्टम) का पहला परीक्षण देखने पहुंचे थे. वॉरशिप वेपन सिस्टम यानी एक ऐसा पानी का जहाज जिसपर तमाम हथियार होते हैं और वह दूसरे टारगेट पर हमला करने और दूसरे जहाजों को तबाह करने के लिए इस्तेमाल में आते हैं. इस विकेंड नॉर्थ कोरिया 5,000 टन के डिस्ट्रॉयर श्रेणी के नए युद्धपोत- चोए ह्योन को सबके सामने लेकर आया है. इसके बारे में कुछ एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया है कि यह कम दूरी की सामरिक न्यूक्लियर मिसाइलों से लैस हो सकता है. नॉर्थ कोरिया ने पहले कहा था कि यह जहाज "सबसे शक्तिशाली हथियारों" से लैस है, और यह "अगले साल की शुरुआत में परिचालन में आएगा". एक्सपर्ट्स ने कहा है कि इसके आकार को देखते हुए, ऐसा माना जाता है कि यह युद्धपोत जहाज से सतह और जहाज से हवा में मार करने वाली मिसाइलें ले जा सकता है. KCNA न्यूज एजेंसी ने कहा कि प्योंगयांग ने सोमवार को अपनी "सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, रणनीतिक क्रूज मिसाइल, विमान भेदी मिसाइल और 127 मिमी जहाज-आधारित ऑटोमेटिक बंदूक" का भी परीक्षण किया. वहीं नॉर्थ कोरिया के पड़ोसी देश और उसके सबसे बड़े विरोधी साउथ कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह अमेरिका के सहयोग से "नॉर्थ कोरिया की सेना के जहाज निर्माण और विकास के रुझानों पर बारीकी से नजर रख रहा है".  
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भारत की तालिबान वाली कूटनीति से पाकिस्तानी जनरलों के पसीने क्यों छूट रहे

2021 में जब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन हुआ तो पाकिस्तान को लगा कि उसे पड़ोस में फिर अच्छा दोस्त मिल गया. लेकिन आज स्थिति बिल्कुल अलग है और दोनों के रिश्ते तल्ख हो गए हैं. सांप को मारने जाओ तो एक हाथ में डंडा रखो और दूसरे हाथ में बीन. जब जरूरत पड़े तो सांप नाचे भी और जब हद से आगे बढ़े तो मार दिया जाए. कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को निशाने पर ले लिया है. इस्लाबाद को यह डर सता रहा है कि न जाने कब भारत बॉर्डर पर अपनी सैन्य कार्रवाई शुरू कर दे. ऐसी स्थिति में भारत डिप्लोमैसी की किताब से सबसे स्मार्ट सामरिक स्ट्रैटजी निकाल रहा है और उसे अमल में ला रहा है. भारत सरकार की नजर पाकिस्तान के दूसरे छोर पर मौजूद अफगानिस्तान पर है. नई दिल्ली ने पहलगाम हमले में इस्लामाबाद के कनेक्शन को उजागर करने के लिए खुद काबुल से संपर्क किया है.   विदेश मंत्रालय के पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान (PAI) डिवीजन में ज्वाइंट सेक्रेटरी आनंद प्रकाश ने 27 अप्रैल को काबुल में अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी अमीर खान मुत्ताकी से मुलाकात की और राजनीतिक संबंधों और क्षेत्रीय विकास पर चर्चा की. भारतीय दूत के काबूल पहुंचने से पहले ही तालिबान शासन ने 26 लोगों की जान लेने वाले इस जघन्य हमले की निंदा कर दी थी और भारत से कहा है कि वह इसके अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे. भारत के तालिबान तक पहुंचने के इस दांव से पाकिस्तानी सेना के जनरलों की पेशानी पर बल आ रहा होगा.  तालिबान की वापसी और पाकिस्तान से बढ़ी उसकी तकरार 2021 में अमेरिकी सेना के लौटने के साथ एक बार फिर अफगानिस्तान में तालिबान का शासन हो गया. इसके बाद पाकिस्तान को लगा था कि पड़ोसी अच्छा मिल गया. उस समय के पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने तो तालिबान की सत्ता में वापसी की तुलना अफगानों द्वारा "गुलामी की बेड़ियां तोड़ने" से की थी. लेकिन यह हनीमून पीरियड ज्यादा दिनों तक चला नहीं. रिश्ते तालिबान शासन के साथ तल्ख दिखने लगे. TTP और अफगान तालिबान ने सालों से सहजीवी संबंध बनाए हैं यानी एक दूसरे का साथ देते रहे हैं. इसकी संभावना नहीं है कि अफगानिस्तान के बॉर्डर इलाकों में मौजूद TTP के लड़ाकों के खिलाफ कार्रवाई की किसी पाकिस्तानी मांग को तालिबान स्वीकार करेगा. इसकी वजह है कि इस तरह की कार्रवाई से TTP के साथ तालिबान का संतुलन बिगड़ जाएगा और इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) जैसे अन्य चरम समूहों के लिए जगह खुल जाएगी. भारत ने नए तालिबान शासन से रिश्ते किए हैं मजबूत जनवरी में ही भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दुबई में तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से मुलाकात की थी. यह काबुल पर 2021 के कब्जे के बाद दोनों देशों के बीच सबसे टॉप स्तर की मुलाकात थी. उस मुलाकात में तालिबान सरकार ने भारत को "महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और आर्थिक शक्ति" बताते हुए उसके साथ राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की बात कही. पहलगाम हमले में भी पाकिस्तान का हाथ सामने आने के बाद भी भारत तालिबान के पास पहुंचा है. ऐसे में साफ दिख रहा है कि दिल्ली ने अब तालिबान नेतृत्व को वह वास्तविक वैधता दे दी है जो उसने सत्ता में वापसी के बाद से अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांगी थी. पाकिस्तान के दूसरे छोर पर बसे होने की वजह से अफगानिस्तान भारत के लिए अहम हो जाता है. तालिबान पुराना खिलाड़ी है, भारत को नजर बनाए रखनी होगी तालिबान के साथ रिश्ते मजबूत करने में अगर सबसे बड़ा खतरा है तो वह खुद तालिबान है. घुमा-फिरा कर सच्चाई यही है कि वह पाकिस्तान के पड़ोस में बैठा एक हिंसक और क्रूर शासक हैं, जिसके अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों (जिसमें से कई पाकिस्तान में हैं) से घनिष्ठ संबंध हैं. उसने 1990 के दशक की तुलना में आज भी खुद को सुधारने के लिए बहुत कम प्रयास किया है. भारत को तो यही उम्मीद है कि वह तालिबान को अपने पाले में रखे और बदले में तालिबान भारत या उसके हितों को कमजोर न करके उसके पक्ष में बात करे. और यह सच भी हो सकता है. लेकिन सवाल यही कि क्या हम सचमुच तालिबान पर भरोसा कर सकते हैं?  इसी स्थिति से निपटने के लिए डिप्लोमेसी में प्रैगमेटिक सोच की बात करते हैं, यानी भावनाओं से फैसले न लेकर समय की नजाकत को समझते हुए तार्किक कदम उठाना. पाकिस्तान को उसके गुनाहों की सजा देने के लिए अगर तालिबान काम आए, तो वह कदम ही सही. आखिरकार दुश्मन का दुश्मन दोस्त जो माना जाता है.  
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आतंकी हमले को लेकर भारत का कड़ा एक्शन, डॉन और जियो समेत 16 पाकिस्तानी यूट्यूब न्यूज चैनल्स पर लगाया प्रतिबंध

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पूरा देश गुस्से में है। एलओसी में सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है। सेना को अलर्ट मोड पर रखा गया है। इस बीच, भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कड़ा एक्शन लिया है। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है। गृह मंत्रालय की सिफारिशों पर भारत सरकार ने पाकिस्तानी यूट्यूब न्यूज चैनल्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये सभी पाकिस्तानी यूट्यूब न्यूज चैनल भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री, झूठे और भ्रामक बयान फैला रहे थे। भारत में नहीं देखे जा सकेंगे ये यूट्यूब पर ये न्यूज चैनल भारत सरकार ने अभी पाकिस्तान के 16 यूट्यूब न्यूज चैनल बंद किए हैं। इनमें डॉन, जियो न्यूज, समा टीवी और ARY यूट्यूब न्यूज चैनल शामिल हैं। इन सब न्यूज चैनलों के यूट्यूब प्लेटफॉर्म को अब भारत में नहीं देखा जा सकेगा।  पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है। गृह मंत्रालय की सिफारिशों पर भारत सरकार ने पाकिस्तानी यूट्यूब न्यूज चैनल्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये सभी पाकिस्तानी यूट्यूब न्यूज चैनल भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री, झूठे और भ्रामक बयान फैला रहे थे।
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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर बेफिक्र हैं ट्रंप?

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान इसे आपस में सुलझा लेंगे। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव हमेशा से रहा है,दोनों देश इसे आपस में ‘किसी ना किसी तरह’ सुलझा लेंगे। ट्रंप ने यह टिप्पणी पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बारे में सवाल किए जाने पर की। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।  क्या बोले ट्रंप यह पूछे जाने पर क्या वह दोनों देशों के नेताओं से बात करेंगे, ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं भारत के बहुत करीब हूं और मैं पाकिस्तान के बहुत करीब हूं, जैसा कि आप जानते हैं।’’ उन्होंने रोम के रास्ते में ‘एयर फोर्स वन’ में पत्रकारों से कहा कि कश्मीर में लड़ाई लंबे समय से जारी है और पहलगाम में जो हुआ, वह बहुत बुरा है। ट्रंप ने कहा कि सीमा पर तनाव लंबे समय में जारी है लेकिन ‘वे इसे किसी ना किसी तरह सुलझा लेंगे। मुझे यकीन है, मैं दोनों नेताओं को जानता हूं। पाकिस्तान और भारत के बीच बहुत तनाव है जो हमेशा से रहा है।’’  भारत ने उठाए हैं बड़े कदम बता दें कि, जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़े कदम उठाए हैं। भापत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े कदम भी उठाए हैं जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करना शामिल है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय विमानन कंपनियों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने का फैसला किया है। पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार को भी स्थगित कर दिया है।  
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UN पहुंची पहलगाम आतंकी हमले की गूंज, कड़े शब्दों में की गई निंदा

काउंसिल ने कहा कि आतंकवादी हमलों से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए पनपते खतरों से सभी देशों को निपटने की आवश्यकता है. साथ ही कहा कि यह कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानूनों, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों, अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी कानूनों, और मानवतावादी कानूनों के अनुरूप की जानी चाहिए. पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले को लेकर लोगों के बीच खासा आक्रोश है. इसी बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. परिषद के सदस्यों ने आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले आयोजकों, आरोपियों और वित्तपोषकों की जवाबदेही तय करने की बात कही है. 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों को गोलियों से भून दिया गया था. 15 सदस्य देशों वाली सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को जारी अपने एक प्रेस वक्तव्य में दोहराया कि आतंकवाद अपने सभी रूपों व अभिव्यक्तियों में, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है. सदस्य देशों ने इस हमले के पीड़ित परिजनों, भारत और नेपाल सरकार के साथ गहरी सहानुभूति और संवेदना प्रकट की है. उन्होंने घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना की है. कोई भी आतंकी कृत्य आपराधिक है सुरक्षा परिषद ने सभी सदस्य देशों से अंतरराष्ट्रीय कानूनों और सुरक्षा परिषद प्रस्तावों के अनुरूप तयशुदा दायित्वों को निभाने का आग्रह किया है. साथ ही, सभी प्रशासनिक एजेंसियों (प्रासंगिक) के साथ सक्रिय रूप से सहयोग किए जाने पर बल दिया है. परिषद ने ध्यान दिलाया कि कोई भी आतंकी कृत्य आपराधिक है और इसे न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता, चाहे उसे किसी ने कहीं भी, किसी भी मंशा से अंजाम दिया हो. काउंसिल ने कहा कि आतंकवादी हमलों से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए पनपते खतरों से सभी देशों को निपटने की आवश्यकता है. साथ ही कहा कि यह कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानूनों, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों, अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी कानूनों, और मानवतावादी कानूनों के अनुरूप की जानी चाहिए. इससे पहले, यूएन प्रवक्ता स्टीफन दुजैरिक ने गुरुवार को न्यूयॉर्क मुख्यालय में एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की निंदा की है, जिसमें बड़ी संख्या में आम नागरिक मारे गए. महासचिव गुटेरस ने ध्यान दिलाया कि आम नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए हमलों को किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यूएन प्रमुख का सीधे तौर पर दोनों देशों के साथ फिलहाल कोई संपर्क नहीं हुआ है, मगर वह मौजूदा हालात से चिंतित हैं और घटनाक्रम पर करीबी नजर रखे हुए हैं. यूएन प्रमुख के प्रवक्ता ने भारत और पाकिस्तान से अधिकतम संयम बरतने और यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि हालात और नहीं बिगड़ें.  
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लंदन में पहलगाम पर हो रहा था विरोध-प्रदर्शन, पाकिस्तानी दूतावास के बेशर्म अधिकारी की हरकत देखिए

लंदन पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) के विरोध में जब पूरे देश में उबाल है. ऐसे में लंदन में पाकिस्तानी दूतावास (London Pakistan High Commission) के अधिकारी ने बेशर्मी की हर हद को पार कर दिया. पहलगाम में 26 लोगों की हत्या के विरोध में लंदन में पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर भारतीय विरोध-प्रदर्शन (London Protest) कर रहे थे. इस बीच एक पाकिस्तानी अधिकारी उनको इशारों ही इशारों में गला काटने की गीदड़भभकी दे रहा था. इतना ही नहीं इस दौरान उसने अभिनंदन वर्धमान की चाय के साथ एक तस्वीर भी हाथ में ली हुई थी, जिसे वह बार-बार दिखा रहा था.  उसकी इस बेशर्म हरकत को वहां मौजूद किसी शख्स ने अपने कैमरे में कैद कर लिया.  बता दें कि लंदन में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर बड़ी संख्या में भारतीय हाथों में तख्तियां और झंडे लिए इकट्ठा हुए. ये लोग निर्दोषों की हत्या पर दुख जताते हुए नारेबाजी कर रहे थे. इसके साथ ही ये लोग पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे थे. लेकिन ये बात शायद पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी कर्नल तैमूर राहत को पसंद नहीं आई. उन्होंने ऐसी शर्मनाक हरकत की कि हर तरफ इसकी आलोचना हो रही है.  पाकिस्तानी अधिकारी  कर्नल तैमूर राहत की गीदड़भभकी लंदन में जब भारतीय जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों की गोलीबारी का शिकार हुए 26 लोगों की मौत पर दुख जता रहे थे तो उस दौरान पाकिस्तानी सेना के अताशे कर्नल तैमूर राहत ने प्रदर्शनकारियों को गला काटने की गीदड़भभकी दी. उनकी इस हरकत ने बता दिया है कि पाकिस्तान आतंकवाद का पुरजोर समर्थक है. वह उन आतंकियों के साथ है, जिन्होंने 26 लोगों की जान ली है. हालांकि आतंकियों को पालने-पोसने की बात को उनके रक्षा मंत्री भी ब्रिटिश मीडिया के सामने स्वीकार कर चुके हैं. 
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‘भारत अमेरिका से व्यापार समझौता करने वाला पहला देश हो सकता है,’ US के वित्त मंत्री ने बताई वजह...

अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने उम्मीद जताई है कि भारत वाशिंगटन के साथ व्यापार समझौता पर साइन करने वाला पहला देश बन सकता है क्योंकि जो मुद्दे हैं, वो सरल हैं, जिससे समझौता "बहुत आसान" हो जाएगा. जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीति से दुनिया की अर्थव्यवस्था को झकझोर रखा है, भारत के लिए शुभ संकेत दिख रहे हैं. बहुत जल्द ही भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर मुहर लग सकती है. अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी (वित्त मंत्री) स्कॉट बेसेंट ने उम्मीद जताई है कि भारत वाशिंगटन के साथ व्यापार समझौता पर साइन करने वाला पहला देश बन सकता है क्योंकि जो मुद्दे हैं, वो सरल हैं, जिससे समझौता "बहुत आसान" हो जाएगा. उन्होंने बुधवार, 23 अप्रैल को कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता किसी समझौते पर पहुंचने के "बहुत करीब" है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की समर मीटिंग्स के इतर वाशिंगटन में एक बैठक में उन्होंने पत्रकारों से कहा, "भारत में गैर-टैरिफ व्यापार बाधाएं कम हैं, जाहिर है, मुद्रा में कोई हेरफेर नहीं किया गया है, बहुत कम सरकारी सब्सिडी है, इसलिए भारतीयों के साथ समझौते तक पहुंचना बहुत आसान है." बैठक में भाग लेने वालों की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, भारत के साथ व्यापार के मुद्दे ज्यादातर हाई टैरिफ से ही जुड़े थे. इस बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस भारत दौरे पर आए थे और उन्होंने व्यापार मुद्दों पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की. जेडी वेंस ने ही पहले संकेत दिया था कि वार्ता में पर्याप्त प्रगति हुई है. मंगलवार को जयपुर में बोलते हुए, जेडी वेंस ने कहा, "हम औपचारिक रूप से यह घोषणा करते हुए खास तौर से उत्साहित हैं कि अमेरिका और भारत ने व्यापार वार्ता के लिए संदर्भ की शर्तों (टर्म्स ऑफ रेफरेंस) को आधिकारिक तौर पर अंतिम रूप दे दिया है." उन्होंने कहा, "यह राष्ट्रपति (डोनाल्ड) ट्रंप और प्रधान मंत्री मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह हमारे देशों के बीच अंतिम समझौते की दिशा में एक रोडमैप तैयार करता है. मेरा मानना ​​​​है कि अमेरिका और भारत मिलकर बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं." दोनों नेताओं ने कहा कि उन्होंने व्यापार वार्ता को आगे बढ़ाने और भारत को 26 प्रतिशत के टैरिफ से बचने में सक्षम बनाने के लिए एक रोडमैप बनाया है. दरअसल तमाम देशों के साथ भारत पर भी ट्रंप ने 26 प्रतिशत का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था. हालांकि चीन को छोड़कर सभी देशों के इन टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दिया गया (अभी सिर्फ 10 प्रतिशत का बेसिक टैरिफ लिया जा रहा). ट्रंप ने कहा है कि अगर कोई समझौता नहीं हुआ तो उन देशों देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ जुलाई में प्रभावी होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के महत्व के बारे में बात की है और बताया है कि नई दिल्ली की सरकार वाशिंगटन के साथ व्यापार वार्ता शुरू करने वाले पहले देशों में से एक थी. उन्होंने सोमवार को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूट में कहा, "भारत का सबसे बड़ा और शीर्ष व्यापारिक भागीदार अमेरिका है, और भारत में आज की सरकार में इसका महत्व कम नहीं हुआ है." भारतीय प्रवासियों के साथ एक बैठक में उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि व्यापार समझौते का पहला भाग शरद ऋतु (ठंड में) तक पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा, "अमेरिका हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है जिसके साथ हमें एक समझौता करने की जरूरत है." गौरतलब है कि पिछले साल दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 129 अरब डॉलर था, जिसमें भारत के पक्ष में 45.7 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष था. यानी अमेरिका से जितने मुल्य का आयात भारत में होता है, भारत उससे 45.7 अरब डॉलर अधिक का सामान अमेरिका भेजता है.  
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शेख हसीन ने की पहलगाम आतंकी हमले की निंदा, चरमपंथी ताकतों पर बताया स्टैंड

तख्तापलट के बाद बांग्लादेश से भागने को मजबूर पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की है जिसमें 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. तख्तापलट के बाद बांग्लादेश से भागने को मजबूर पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की है जिसमें 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. बांग्लादेश अवामी लीग की अध्यक्ष, शेख हसीना ने इस कायराना हमले के पीड़ितों के लिए गहरा दुख और शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. अपनी पार्टी की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक बयान में, शेख हसीना ने कहा कि आतंकवादी मानवता की प्रगति को रोकना चाहते हैं, उन्हें "मानव सभ्यता के घृणित दुश्मन" कहा है. उन्होंने कहा, "हम दुनिया भर में मानवीय राजनीतिक मूल्यों के लिए अटूट समर्थन देते हैं. कश्मीर में आतंकवादी हमला मानवीय दुनिया के निर्माण के लिए एक गंभीर खतरा है और मानव सभ्यता के दिल पर गहरा घाव है. बांग्लादेश अवामी लीग इन चरमपंथी ताकतों के खिलाफ वैश्विक संघर्ष में पूरा समर्थन देना जारी रखेगी. हम मांग करते हैं कि ऐसे बर्बर हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाए." शेख हसीना पिछले साल अगस्त में छात्रों के कई हफ्तों के विरोध प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश से भाग कर भारत आ गई थीं. उन्होंने अपने बयान में कहा कि बांग्लादेश अवामी लीग आतंकवाद और उग्रवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति पर कायम है. उन्होंने कहा, "हमारी प्रतिबद्धता लोगों के बीच एकजुटता को बढ़ावा देकर एक मानवीय समाज, राज्य और दुनिया का निर्माण करने में है. हम स्पष्ट रूप से और दृढ़ता से आतंकवाद के ऐसे कृत्यों की निंदा करते हैं." वहीं बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया, प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने हमले के बाद घंटों तक चुप्पी रखी. हालांकि जैसे-जैसे वक्त बिता, उनकी आलोचना हुई और आखिरकार बुधवार शाम को जाकर उन्होंने पहलगाम में आतंकवादी हमले की निंदा की. उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में लिखा, "प्लीज कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से हुई जानमाल की हानि पर मेरी गहरी संवेदना स्वीकार करें... हम इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं. मैं आतंकवाद के खिलाफ बांग्लादेश के दृढ़ रुख की पुष्टि करता हूं."  
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'कश्मीर ना जाएं अमेरिकी', पहलगाम आतंकी हमले के बाद US ने जारी की ट्रैवल एडवाइजरी

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एयवाइजरी जारी की है। एयवाइजरी में कहा गया है कि अमेरिकी कश्मीर की यात्रा ना करें। अमेरिका ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एयवाइजरी जारी की है। अमेरिका की ओर से जारी की गई ट्रैवल एयवाइजरी में नागरिकों से कहा गया है कि वो भारत-पाकिस्तान सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में यात्रा ना करें। अमेरिकी नागरिकों के लिए यह एयवाइजरी बुधवार को जारी की गई है।  अमेरिकी विदेश विभाग ने क्या कहा? अमेरिका के विदेश विभाग की ओर से जारी की गई एयवाइजरी में कहा गया है, ‘‘जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी हमले और हिंसक अशांति संभव है। इस राज्य की यात्रा ना करें (पूर्वी लद्दाख क्षेत्र और इसकी राजधानी लेह की यात्राओं को छोड़कर) इस क्षेत्र में छिटपुट रूप से हिंसा होती है। भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर यह आम बात है। हिंसा कश्मीर घाटी के पर्यटन स्थलों: श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम में भी होती है।’’  बढ़ गई है सशस्त्र संघर्ष की आशंका ट्रैवल एयवाइजरी में अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने नागरिकों से भारत-पाकिस्तान सीमा के 10 किलोमीटर के क्षेत्र में जाने से भी बचने को कहा है, क्योंकि यहां सशस्त्र संघर्ष की आशंका बढ़ गई है।”  यह भी जानें भारत ने पहलगाम आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में बुधवार को 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने की भी घोषणा की है। इससे पहले मंगलवार को आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में गोलीबारी की थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। यह 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला था।  
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अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस फैमिली संग आमेर का किला पहुंचे, कल करेंगे ताजमहल का दीदार...

वेंस जयपुर प्रवास के दौरान रामबाग पैलेस होटल में ठहरेंगे, जो इतिहास और विलासिता का अद्भुत मिश्रण है. संगमरमर की नक्काशीदार जाली, बलुआ पत्थर की रेलिंग और हरे-भरे मुगल उद्यानों से सुसज्जित रामबाग पैलेस कभी शाही ‘गेस्ट हाउस’ और शिकारगाह हुआ करता था. अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस आज जयपुर में फैमिली संग आमेर का किला घूमने पहुंचे. अमेरिकन उपराष्ट्रति बीती रात अपने परिवार के साथ जयपुर हवाई अड्डे पहुंचे और वहां से वे होटल रामबाग पैलेस के लिए रवाना हुए. वेंस रात साढ़े नौ बजे विशेष विमान से जयपुर पहुंचे. जिसके बाद वह मंगलवार को अपने परिवार के साथ जयपुर में आमेर किले गए. वह यहां राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में आयोजित एक कार्यक्रम में अमेरिका-भारत संबंधों पर भाषण भी देंगे. आज घूमेंगे जयपुर कल करेंगे ताजमहल के दीदार अमेरिकी उपराष्ट्रपति मंगलवार सुबह अपनी पत्नी उषा वेंस, तीनों बच्चों और अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आमेर किला देखने के लिए गए और 3  बजे आरआईसी में एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. वेंस बुधवार सुबह विशेष विमान से जयपुर से आगरा के लिए रवाना होंगे. वह दोपहर में जयपुर लौटने के बाद सिटी पैलेस जाएंगे और बृहस्पतिवार सुबह अमेरिका के लिए उड़ान भरेंगे. अमेरिकी उपराष्ट्रपति के जयपुर दौरे के लिए कड़ी सुरक्षा  अमेरिकी उपराष्ट्रपति के जयपुर दौरे के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. पुरातत्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ऐतिहासिक आमेर किले को आज 12 बजे से अगले 24 घंटे के लिए आगंतुकों के लिए बंद कर दिया गया है. यह किला यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है. अधिकारी के मुताबिक, वेंस का स्वागत पारंपरिक राजस्थानी शैली में किया जाएगा और इस बाबत आमेर के पास हाथी गांव में दो हाथियों को तैयार किया जा रहा है. CM ने वेंस की यात्रा से जुड़ी तैयारियों का जायजा लिया उन्होंने बताया कि किले की यात्रा के दौरान कई विशिष्ट व्यवस्थाओं पर विचार किया जा रहा है और अमेरिकी सुरक्षा टीम से मंजूरी मिलने के बाद इन्हें लागू किया जाएगा. राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि वेंस की जयपुर यात्रा से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को एक बैठक के दौरान वेंस की जयपुर यात्रा से जुड़ी तैयारियों का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को इस यात्रा को यादगार बनाने के लिए आपसी समन्वय के साथ काम करने का निर्देश दिया था. जयपुर पुलिस अधिकारी ने क्या कुछ बताया जयपुर के पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति की यात्रा के मद्देनजर शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. जयपुर के प्रमुख पर्यटन आकर्षणों में शामिल आमेर किला मुख्य शहर से लगभग 11 किलोमीटर दूर एक छोटी-सी पहाड़ी पर स्थित है. किला चार मुख्य खंडों में विभाजित है, जिनके अपने प्रांगण हैं. वेंस जयपुर प्रवास के दौरान रामबाग पैलेस होटल में ठहरेंगे, जो इतिहास और विलासिता का अद्भुत मिश्रण है. संगमरमर की नक्काशीदार जाली, बलुआ पत्थर की रेलिंग और हरे-भरे मुगल उद्यानों से सुसज्जित रामबाग पैलेस कभी शाही ‘गेस्ट हाउस' और शिकारगाह हुआ करता था. इसमें स्थित रेस्तरां ‘सुवर्ण महल' में शाही भारतीय व्यंजन परोसे जाते हैं.  रामबाग पैलेस में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियां ठहर चुकी हैं.  
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अमेरिका गए राहुल गांधी के बयान पर फिर बवंडर, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल

अमेरिका में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (Rahul Gandhi On Election Commission) पर निष्पक्षता से समझौता करने और सिस्टम में बहुत बड़ी गड़बड़ी होने का आरोप लगाया. अमेरिका दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (Rahul Gandhi On Election Commission)  पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं. बोस्टन की ब्राउन यूनिवर्सिटी में राहुल ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जितने युवा हैं, वहां उससे ज्यादा वोटिंग हुई है. उन्होंने चुनाव आयोग पर निष्पक्षता से समझौता करने का भी आरोप लगाया. कांग्रेस सांसद ने कहा कि देश की चुनाव प्रणाली में काफी समस्या है.  महाराष्ट्र चुनाव में जितने युवा उससे ज्यादा वोट पड़े. शाम 5.30 से 7.30 बजे के बीच 65 लोगों ने वोट डाले. ऐसा होना किसी तरह से संभव नहीं है. एक वोट देने में औसतन 3 मिनट का समय लगता है. 65 लाख वोटों में रात 2 बजे तक का समय लग जाता. जबकि वोट रात के 2 बजे तक नहीं डाले गए थे. 'चुनाव आयोग ने निष्पक्षता से किया समझौता' महाराष्ट्र में वोटिंग पर सवाल उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हमने पूछा था वीडियोग्राफी हो रही है या नहीं. चुनाव आयोग ने इनकार कर दिया और नियम भी बदल दिया. उन्होंने कहा कि अब आप वोटिंग की वीडियोग्राफी की मांग भी नहीं कर सकते. अमेरिका में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर निष्पक्षता से समझौता करने और सिस्टम में कुछ बहुत बड़ी गड़बड़ी होने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने ये बात सार्वजनिक तौर पर कई बार कही है. कॉमनवेल्थ के समय पर भी अमेरिका में जाकर ऐसा बयानबाजी की थी. उनके तमाम नेता भी भारत के खिलाफ बोल रहे थे. राहुल गांधी भारत और भारत के महान लोकतंत्र को अपमानित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब यूएस के उपराष्ट्रपति भारत आए हैं ऐसे में राहुल अमेरिका की धरती पर जाकर भारत के लोकतंत्र के खिलाफ बोल रहे हैं. कांग्रेस पार्टी की आदत ऐसी ही है. कॉमनवेल्थ के समय पर भी अमेरिका में जाकर बयानबाजी की थी. चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के सवाल  महाराष्ट्र चुनाव में जितने युवा उससे ज्यादा वोट पड़े शाम 5.30 से 7.30 बजे के बीच 65 लोगों ने डाले वोट ऐसा होना किसी तरह से संभव नहीं एक वोट देने में औसतन 3 मिनट का समय 65 लाख वोट में रात के 2 बज जाते 2 बजे तक नहीं डाले गए वोट  हमने पूछा था वीडियोग्राफी हो रही है या नहीं चुनाव आयोग ने इनकार किया, नियम भी बदल दिया अब आप वोटिंग की वीडियोग्राफी की मांग भी नहीं कर सकते चुनाव आयोग ने निष्पक्षता से समझौता किया सिस्टम में कुछ बहुत बड़ी गड़बड़ी है राहुल गांधी पर बीजेपी का हमला ऐसा पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने विदेश में जाकर इस तरह की बयानबाजी की है. इससे पहले भी वह इस तरह के बयान दे चुके हैं. वहीं बीजेपी राहुल गांधी के बयान पर हमलावर है. बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने राहुल गांधी के बयान को लेकर उन पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस नेता विदेश जाकर संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करते हैं. ये उनकी पहचान बन गई है. अब संबित पात्रा भी उन पर हमलावर हैं.  
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अमेरिकी उपराष्ट्रपति की भारत यात्रा और चीन के लिए 'जिया जले, जान जले' वाला सीन...

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के लिए भारत आ गए हैं. उनकी यह यात्रा 4 दिनों के लिए होगी.  चीन के साथ अमेरिकी टैरिफ युद्ध बढ़ने और अमेरिका के वैश्विक आर्थिक गठबंधन में खटास आने के बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के लिए भारत पहुंच चुके हैं. जेडी वेंस अपनी पत्नी उषा वेंस और तीन बच्चों के साथ चार दिवसीय यात्रा के लिए सोमवार को दिल्ली पहुंचे. व्हाइट हाउस ने इस यात्रा को "साझा आर्थिक और भूराजनीतिक प्राथमिकताओं" पर केंद्रित बताया, जबकि भारत ने कहा कि वेंस का दौरा "दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगा". अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन के साथ शुरू किए गए टैरिफ वॉर के बीच अमेरिका के नंबर टू (उपराष्ट्रपति) जेडी वेंस की भारत यात्रा अहम हो जाती है. चीन अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर यात्रा की टाइमिंग इसकी अहमियत को बढ़ा रही है. अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध जारी है, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर 145% तक टैरिफ लगा दिया है, जबकि कुछ वस्तुओं पर टैरिफ संभवतः 245% तक पहुंच गई है. वहीं चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 125% टैरिफ लगाकर पलटवार किया है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग बस दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का दौरा खत्म कर बीजिंग लौटे हैं. वाशिंगटन के साथ बढ़ते तनाव के बीच चीन को एक स्थिर और विश्वसनीय व्यापार भागीदार के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य के साथ उन्होंने वियतनाम, मलेशिया और कंबोडिया की यात्रा की है. वहीं अमेरिका चीन के खिलाफ भारत को एक साझेदार देश के रूप में देखता है. दिल्ली और वाशिंगटन, दोनों ही द्विपक्षीय व्यापार वार्ता को जल्द से जल्द अंजाम पर पहुंचाने की दिशा में काम कर रहे हैं. भारत पहले ही कई वस्तुओं पर टैरिफ में कटौती कर चुका है. क्वाड फैक्टर वेंस की यात्रा की टाइमिंग भारत के लिए इससे अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकती है. दोनों ही देश भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करना चाहते हैं. क्वाड में भारत की भागीदारी - अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ एक रणनीतिक गठबंधन - क्षेत्र में संतुलन बनाए रखने के लिए केंद्रीय बन गया है. वेंस की यात्रा के पहले अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड क्वाड को मजबूत करने के लिए दिल्ली में थीं.  चीन पर वेंस का तंज वेंस भी डोनाल्ड ट्रंप की तरह ही कई बार विवादित बयान देने के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में उन्होंने चीनी लोगों के खिलाफ भी ऐसा बयान दिया था जिसपर खूब सवाल उठे. वेंस कुछ हफ्ते पहले ही फॉक्स न्यूज पर आए थे और उन्होंने वैश्वीकरण के प्रभावों के बारे में बहुत कुछ कहा था. लेकिन उनकी एक बात ने सबसे अधिक ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने कहा था, "चीनी किसान (पीजेंट) जो चीजें बनाते हैं उन्हें खरीदने के लिए हम चीनी किसानों से पैसे उधार लेते हैं." चीन के लोगों को पीजेंट कहना एक तरह का स्टीरियोटाइप है और उनके शब्द के चुनाव की आलोचना हुई. इसपर चीन ने भी प्रतिक्रिया देने में देर नहीं लगाई. चीन के हांगकांग और मकाओ वर्क ऑफिस के डायरेक्टर जिया बाओलोंग ने शब्दों में कोई कमी नहीं की. एक उग्र भाषण में उन्होंने वेंस के शब्दों का ही इस्तेमाल उनपर पलटवार करने के लिए किया. उन्होंने कहा, "अमेरिका के उन किसानों (पीजेंट) को चीनी सभ्यता के 5,000 वर्षों के सामने विलाप करने दें." चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने भी आगे आकर यह स्पष्ट कर दिया कि उनका देश इस तरह के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि वेंस की टिप्पणियों में "ज्ञान और सम्मान की कमी" है.  
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