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अमेरिकी उप राष्‍ट्रपति 1 घंटे फोन करते रहे, उठा नहीं पाया.. PM मोदी ने खोला ऑपरेशन सिंदूर की रात का राज

PM Modi in Parliament: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने मुझे बताया कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है. मेरा जो जवाब था, जिनको समझ नहीं आता है, उनको नहीं आएगा. मेरा जवाब था- अगर पाकिस्तान का यह इरादा है, तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा. PM Modi in Parliament: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष के आरोपों का करारा जवाब दिया. पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के किसी भी नेता ने भारत के ऑपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा. अपने भाषण में कहा कि उन्‍होंने 9 मई की रात को अमेरिकी उप राष्‍ट्रपति जेडी वेंस ने मुझे फोन किया था, लेकिन मैं फोन नहीं उठा पाया था. उन्‍होंने कहा कि मैंने जब उन्‍हें वापस कॉल किया तो उन्‍होंने कहा कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है. इस पर मेरा जवाब था कि अगर पाकिस्तान का यह इरादा है, तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा. पाकिस्तान हमला करेगा, तो हम बड़ा हमला कर जवाब देंगे. पीएम मोदी ने कहा कि 9 मई की रात को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने मुझसे बात करने का प्रयास किया था. वह घंटे भर कोशिश कर रहे थे, लेकिन मैं अपनी सेना के साथ बैठक कर रहा था. मैं उनका फोन उठा नहीं पाया. बाद में मैंने उनको कॉल बैक किया तो अमेरिका के उपराष्ट्रपति जी ने मुझे बताया कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है. मेरा जो जवाब था, जिनको समझ नहीं आता है, उनको नहीं आएगा. मेरा जवाब था कि अगर पाकिस्तान का यह इरादा है, तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा. अगर पाकिस्तान हमला करेगा, तो हम बड़ा हमला कर जवाब देंगे. यह मेरा जवाब था. आगे मैंने एक वाक्य कहा था- हम गोली का जवाब गोले से देंगे. यह नौ तारीख रात की बात है. पाकिस्तान की नाभि पर हमला किया: पीएम मोदी उन्‍होंने कहा कि 10 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के ऐक्शन को रोकने की घोषणा. यहां भांति भांति की बातें कही गईं. यह वही प्रोपेगैंडा है, जो सीमा पार से फैलाया गया है. कुछ लोग सेना द्वारा दिए गए तथ्यों की जगह पाकिस्तान के झूठ प्रचार को आगे बढ़ाने में जुटे हुए हैं. जबकि भारत का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है. उन्‍होंने कहा कि हमने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की नाभि पर हमला किया. साथ ही कहा कि इस बार भी हमारी सेना ने शत प्रतिशत लक्ष्यों को हासिल करके देश के सामर्थ्य का परिचय दिया.  सालों याद रखने वाला वार किया: पीएम मोदी  उन्‍होंने कहा, कल राजनाथ जी जो कहा था, मैं डंके की चोट पर दोबारा दोहराता हूं. भारत की सेना ने पाकिस्तान की सेना को चंद मिनटों में बता दिया कि हमारा यह लक्ष्य था और हमने यह लक्ष्य पूरा कर लिया है. ताकि हमें भी पता चले कि उनके दिल दिमाग में क्या चलता है. पाकिस्तान में समझदारी होती तो आतंकियों के साथ खड़े होने का फैसला था. हम भी मौके की तलाश में थे. लेकिन हमने दुनिया को बताया था कि हमने आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है. जब पाकिस्तान ने आतंकियों के साथ उतरने का फैसला किया, तो भारत की सेना ने सालों तक याद रखने वाला वार किया. 10 मई की सुबह हमारी मिसाइलों ने पाकिस्तान के हर कोने में प्रचंड प्रहार किया. पाकिस्तान ने इसकी कल्पना नहीं की होगी.
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PM मोदी ने खोला ऑपरेशन सिंदूर की रात का राज, अमेरिकी उप राष्‍ट्रपति 1 घंटे फोन करते रहे, उठा नहीं पाया..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने मुझे बताया कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है. मेरा जो जवाब था, जिनको समझ नहीं आता है, उनको नहीं आएगा. मेरा जवाब था- अगर पाकिस्तान का यह इरादा है, तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा PM Modi in Parliament: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष के आरोपों का करारा जवाब दिया. पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के किसी भी नेता ने भारत के ऑपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा. अपने भाषण में कहा कि उन्‍होंने 9 मई की रात को अमेरिकी उप राष्‍ट्रपति जेडी वेंस ने मुझे फोन किया था, लेकिन मैं फोन नहीं उठा पाया था. उन्‍होंने कहा कि मैंने जब उन्‍हें वापस कॉल किया तो उन्‍होंने कहा कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है. इस पर मेरा जवाब था कि अगर पाकिस्तान का यह इरादा है, तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा. पाकिस्तान हमला करेगा, तो हम बड़ा हमला कर जवाब देंगे. पीएम मोदी ने कहा कि 9 मई की रात को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने मुझसे बात करने का प्रयास किया था. वह घंटे भर कोशिश कर रहे थे, लेकिन मैं अपनी सेना के साथ बैठक कर रहा था. मैं उनका फोन उठा नहीं पाया. बाद में मैंने उनको कॉल बैक किया तो अमेरिका के उपराष्ट्रपति जी ने मुझे बताया कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है. मेरा जो जवाब था, जिनको समझ नहीं आता है, उनको नहीं आएगा. मेरा जवाब था कि अगर पाकिस्तान का यह इरादा है, तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा. अगर पाकिस्तान हमला करेगा, तो हम बड़ा हमला कर जवाब देंगे. यह मेरा जवाब था. आगे मैंने एक वाक्य कहा था- हम गोली का जवाब गोले से देंगे. यह नौ तारीख रात की बात है. पाकिस्तान की नाभि पर हमला किया: पीएम मोदी उन्‍होंने कहा कि 10 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के ऐक्शन को रोकने की घोषणा. यहां भांति भांति की बातें कही गईं. यह वही प्रोपेगैंडा है, जो सीमा पार से फैलाया गया है. कुछ लोग सेना द्वारा दिए गए तथ्यों की जगह पाकिस्तान के झूठ प्रचार को आगे बढ़ाने में जुटे हुए हैं. जबकि भारत का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है. उन्‍होंने कहा कि हमने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की नाभि पर हमला किया. साथ ही कहा कि इस बार भी हमारी सेना ने शत प्रतिशत लक्ष्यों को हासिल करके देश के सामर्थ्य का परिचय दिया.  सालों याद रखने वाला वार किया: पीएम मोदी  उन्‍होंने कहा, कल राजनाथ जी जो कहा था, मैं डंके की चोट पर दोबारा दोहराता हूं. भारत की सेना ने पाकिस्तान की सेना को चंद मिनटों में बता दिया कि हमारा यह लक्ष्य था और हमने यह लक्ष्य पूरा कर लिया है. ताकि हमें भी पता चले कि उनके दिल दिमाग में क्या चलता है. पाकिस्तान में समझदारी होती तो आतंकियों के साथ खड़े होने का फैसला था. हम भी मौके की तलाश में थे. लेकिन हमने दुनिया को बताया था कि हमने आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है. जब पाकिस्तान ने आतंकियों के साथ उतरने का फैसला किया, तो भारत की सेना ने सालों तक याद रखने वाला वार किया. 10 मई की सुबह हमारी मिसाइलों ने पाकिस्तान के हर कोने में प्रचंड प्रहार किया. पाकिस्तान ने इसकी कल्पना नहीं की होगी.
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प्रियंका गांधी ने अमित शाह की सोनिया गांधी पर टिप्‍पणी का दिया जवाब

कांग्रेस महासचिव और वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने मंगलवार को सरकार को घेरा. पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर प्रियंका ने गृह मंत्री से कुछ कड़े सवाल भी किए. कांग्रेस महासचिव और वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने मंगलवार को सरकार को घेरा. पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार को घेरते हुए प्रियंका गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह से कुछ कड़े सवाल भी किए. उन्‍होंने कहा कि अमित शाह ने इतिहास का पाठ पढ़ाया और उनकी मां के आंसुओं तक की बात की, लेकिन यह नहीं बताया कि जब पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए थे तो ऑपरेशन सिंदूर को अचानक क्यों रोक दिया गया.   'मेरी मां के आंसू...' प्रियंका ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर खास चर्चा में हिस्‍सा लेते हुए यह भी कहा कि उनकी मां सोनिया गांधी के आंसू तब गिरे थे जब उनके पति (राजीव गांधी) को आतंकवादियों ने शहीद किया था. लोकसभा सांसद प्रियंका ने कहा, 'गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के पास शरण में आने के बजाए कोई चारा नहीं था. सवाल है कि आपने शरण दी क्यों? आतंकी हमारे देश में आकर लोगों को मार डालते हैं और आप उन्हें शरण दे रहे हैं. आपने इस बात का जवाब अपने एक भी भाषण में क्यों नहीं दिया?' 'गृह मंत्री इतिहास में चले गए'  प्रियंका गांधी ने आगे कहा, ‘जैसे ही शरण की बात उठी गृह मंत्री इतिहास में चले गए. वह नेहरू जी, इंदिरा जी से लेकर मेरी मां के आंसुओं तक पहुंच गए. लेकिन इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि जंग क्यों रुकी?' प्रियंका ने सवाल किया,'सदन में मेरी मां के आंसुओं की बात की गई और मैं इसका जवाब देना चाहती हूं. मेरी मां के आंसू तब गिरे, जब उनके पति को आतंकवादियों ने शहीद किया, जब वह सिर्फ 44 साल की थीं. आज मैं इस सदन में खड़ी होकर (पहलगाम हमले में मारे गए) उन 26 लोगों की बात इसलिए कर रही हूं, क्योंकि मैं उनका दर्द जानती हूं और उसे महसूस करती हूं.'   शाह ने दिया जवाब  प्रियंका यहीं नहीं रुकीं और उन्‍होंने कहा, 'सदन में गृह मंत्री ने कहा था, ‘एक सुबह मैंने टीवी पर देखा कि सलमान खुर्शीद रोते-रोते सोनिया गांधी के घर से बाहर आ रहे थे और उन्होंने कहा कि बटला हाउस की घटना देखकर सोनिया जी फूट फूटकर रो पड़ीं.'  शाह ने उस समय कहा था कि रोना था तो शहीद मोहनचंद्र शर्मा के लिए रोते, लेकिन इन्हें बटला हाउस के आतंकवादियों के लिए रोना आता है. कांग्रेस के कुछ सदस्यों के शोर मचाने पर शाह ने कहा कि मेरे पास खुर्शीद का वो इंटरव्यू सेव है और आप कहें तो उसे दिखाने के लिए तैयार हूं.  'लोगों को भगवान भरोसे छोड़ा'   प्रियंका गांधी ने सदन में गृह मंत्री के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी घेरा. उन्‍होंने कहा, 'रक्षा मंत्री का लंबा भाषण था. दूसरे भाषण भी सुने. मेरे मन में बार-बार यह बात आई कि सारी बातें कर लीं, इतिहास का पाठ पढ़ा दिया लेकिन यह नहीं बताया गया कि 22 अप्रैल, 2025 को हमला कैसे हुआ और क्यों हुआ.' उन्होंने सवाल किया, 'बैसरन घाटी में सुरक्षा क्यों नहीं थी? क्या सरकार को पता नहीं था कि वहां इतने लोग आते हैं.'  प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि लोग सरकार के भरोसे गए और इस सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया.  उन्होंने सवाल किया, ‘क्या लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की नहीं है?' उन्‍होंने आगे कहा, 'उप राज्यपाल (मनोज सिन्हा) एक इंटरव्‍यू में कहते हैं कि बैसरन घाटी में बहुत ज्यादती हुई है, उसकी जिम्मेदारी मैं लेता हूं.' उन्होंने दावा किया कि टीआरएफ आतंकी संगठन 2019 में बना और कश्मीर घाटी में पांच साल के दौरान 25 आतंकी हमले किए गए. उन्होंने आरोप लगाया कि यह एजेंसियों की बड़ी विफलता है.  प्रियंका ने यह भी कहा कि सरकार ने एजेंसियों की विफलता की जिम्मेदारी ली? आईबी गृह मंत्री जी के कार्यक्षेत्र में आता है, क्या उन्होंने इस्तीफा दिया? इस्तीफा तो छोड़िए, क्या उन्होंने जिम्मेदारी भी ली? प्रियंका गांधी ने सरकार पर पलटवार करते हुए कहा, ‘आप इतिहास की बात करिये. मैं वर्तमान की बात करना चाहती हूं. आप 11 साल से सत्ता में हैं और अपनी जिम्मेदारी खुद लीजिए.' उन्होंने कहा, ‘मुंबई हमले के बाद महाराष्‍ट्र के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया था और गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया. उनकी इस देश की जनता के प्रति जवाबदेही थी.  प्रियंका ने पढ़े 26 लोगों के नाम  प्रियंका ने सदन में गरजते हुए कहा कि उरी, पुलवामा और पठानकोट के समय राजनाथ गृह मंत्री थे. अमित शाह गृह मंत्री रहते पहलगाम हमला हुआ, दिल्ली में दंगे हुए, मणिपुर में हिंसा हुई, वह अपने पद पर बने हुए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला और कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय तो प्रधानमंत्री चाहते हैं. श्रेय लीजिए लेकिन सिर्फ श्रेय लेने से नेतृत्व नहीं होता, जिम्मेदारी भी लेनी पड़ती है.' प्रियंका गांधी ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार हुआ कि युद्ध रुक गया और इसका ऐलान अमेरिका के राष्‍ट्रपति करते हैं. यह हमारे प्रधानमंत्री की गैर-जिम्मेदारी का सबसे बड़ा प्रतीक है.  कांग्रेस नेता ने सवाल पूछा और कहा, 'इसका जवाब नहीं दिया कि जंग रुकी क्यों?' प्रियंका ने सरकार पर कूटनीतिक विफलता का भी आरोप लगाया. कांग्रेस सांसद ने अपने भाषण के आखिर में उन सभी लोगों के नाम पढ़े, जो 22 अप्रैल के पहलगाम हमले में मारे गए थे. 
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PM मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में रखा भारत का पक्ष, जाने क्‍या-क्‍या बताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पाकिस्तान की परमाणु धमकी को हमने झूठा साबित कर दिया. भारत ने सिद्ध कर दिया कि न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग अब नहीं चलेगा. अब ना ही न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग के आगे भारत झुकेगा.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर संबोधन के दौरान विपक्ष के सवालों का जवाब दिया, पाकिस्‍तान पर जमकर बरसे और भारत का पक्ष रखा. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सेना को कार्रवाई की खुली छूट दी गई थी. यह बता दिया गया था कि कैसे, कब और किस प्रकार से जवाब दिया जाना है. हमें गर्व है कि आतंकी को वह सजा दी गई. वह सजा ऐसी है कि आज भी आतंकी के आकाओं की नींद उड़ी हुई है. उन्‍होंने कहा कि मैं सेना की सफलता और उससे जुड़े भारत के पक्ष को देश के सामने रखना चाहता हूं. आइए जानते हैं पीएम मोदी ने भारत के पक्ष को लेकर क्‍या कहा-  पहला पक्ष: पहलगाम हमले के बाद से ही पाकिस्तान को लग गया था कि भारत कोई बड़ा वार करेगा. न्यूक्लियर की धमकियां दी जाने लगी थी. भारत ने जैसा तय किया था, वैसी कार्रवाई की. पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाया. 22 मिनट में 22 अप्रैल का बदला निर्धारित लक्ष्य के साथ हमारी सेना ने ले लिया.  दूसरा पक्ष: पाकिस्तान के साथ हमारी लड़ाई तो कई बार हुई है. लेकिन पहली ऐसी भारत की रणनीति बनी थी कि पहले जहां कभी नहीं गए थे, वहां पहुंचे. पाकिस्तान के कोने-कोने में आतंकी अड्डों को धुआं धुआं कर दिया गया.  तीसरा पक्ष: पाकिस्तान की परमाणु धमकी को हमने झूठा साबित कर दिया. भारत ने सिद्ध कर दिया कि न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग अब नहीं चलेगा. अब ना ही न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग के आगे भारत झुकेगा.  चौथा पक्ष: भारत ने अपनी तकनीकी सेना दिखाई. पाकिस्तान के सीने पर सटीक प्रहार किया. पाकिस्तान के एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचाया गया. आज तक उनके कई एयरबेस आईसीयू में पड़े हैं. पांचवां पक्ष: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार आत्मनिर्भर भारत की ताकत को दुनिया ने पहुंचाया. मेड इन इंडिया ड्रोन और मिसाइलों ने पाकिस्तानी हथियारों की पोल खोलकर रख दी  और भी एक अहम काम यह हुआ कि नेवी, आर्मी और एयरफोर्स के जॉइंट ऑपरेशन ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए. अब हमले के बाद मास्टरमाइंड को नींद नहीं आती है. उसे पता है भारत आएगा और मारकर जाएगा. यह न्यू नॉर्मल भारत ने सेट कर दिया है. दुनिया ने देख लिया कि हमारी कार्रवाई का दायरा कितना बड़ा है. सिंदूर से लेकर सिंधु तक, पाकिस्तान पर कार्रवाई की गई है. ऑपरेशन सिंदूर ने तय कर दिया कि भारत में आतंकी हमले की पाकिस्तान और उसके आकाओं को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.  ऑपरेशन सिंदूर में भारत के 3 सूत्र अगर आतंकी हमला हुआ, तो हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों और अपने समय पर जवाब देकर रहेंगे. कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल अब नहीं चलेगा.  हम आतंकी सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग अलग नहीं देखेंगे.  पाकिस्‍तान की नाभि पर हमला किया : पीएम मोदी  पीएम मोदी ने कहा कि 10 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के ऐक्शन को रोकने की घोषणा. यहां भांति भांति की बातें कही गईं. यह वही प्रोपेगैंडा है, जो सीमा पार से फैलाया गया है. कुछ लोग सेना द्वारा दिए गए तथ्यों की जगह पाकिस्तान के झूठ प्रचार को आगे बढ़ाने में जुटे हुए हैं. जबकि भारत का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है. उन्‍होंने कहा कि हमने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की नाभि पर हमला किया. साथ ही कहा कि इस बार भी हमारी सेना ने शत प्रतिशत लक्ष्यों को हासिल करके देश के सामर्थ्य का परिचय दिया.  उन्‍होंने कहा, कल राजनाथ जी जो कहा था, मैं डंके की चोट पर दोबारा दोहराता हूं. भारत की सेना ने पाकिस्तान की सेना को चंद मिनटों में बता दिया कि हमारा यह लक्ष्य था और हमने यह लक्ष्य पूरा कर लिया है. ताकि हमें भी पता चले कि उनके दिल दिमाग में क्या चलता है. पाकिस्तान में समझदारी होती तो आतंकियों के साथ खड़े होने का फैसला था. हम भी मौके की तलाश में थे. लेकिन हमने दुनिया को बताया था कि हमने आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है. जब पाकिस्तान ने आतंकियों के साथ उतरने का फैसला किया, तो भारत की सेना ने सालों तक याद रखने वाला वार किया. 10 मई की सुबह हमारी मिसाइलों ने पाकिस्तान के हर कोने में प्रचंड प्रहार किया. पाकिस्तान ने इसकी कल्पना नहीं की होगी.
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राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा, राजनाथ सिंह बोले- 'आतंकवाद के खिलाफ भारत किसी हद तक जाएगा'

राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत किसी हद तक जाएगा। राज्यसभा में मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 लोगों की हत्या करने वाले द रेजिस्टेंस फ्रंट के तीन आतंकवादियों को सफलतापूर्वक मार गिराया है। भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा सुनिश्चित करने में हमारी सेनाओं और अन्य सुरक्षा बलों की भूमिका की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत किसी हद तक जाएगा। राज्यसभा में बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "इस ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना और यह स्पष्ट संदेश देना था कि भारत आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करता। ऑपरेशन सिंदूर को केवल वर्तमान के संदर्भ में ही नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि भारत के भविष्य को आकार देने में भी इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।" "ऑपरेशन सिंदूर फिलहाल रुका है" उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर फिलहाल रुका है, समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन अगर पाकिस्तान फिर कोई दुस्साहस करता है तो इसे पुनः शुरू करने में हिचकिचाएंगे नहीं। भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा, सुरक्षा बलों को लक्ष्य चुनने की पूर्ण स्वतंत्रता दी गई। ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि भारत अपनी संप्रभुता और आत्म-सम्मान की रक्षा करना जानता है और आतंकवाद के खिलाफ वह किसी भी हद तक जा सकता है।" रक्षा मंत्री ने कहा कि एक दिन ऐसा आएगा जब पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के लोग भारत की शासन प्रणाली का हिस्सा होंगे। इससे पहले बैठक स्थगित हुई इससे पहले, बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुरू होने के पंद्रह मिनट बाद ही दोपहर 2.0 बजे तक स्थगित कर दी गई। उच्च सदन में हंगामे की वजह से आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया। बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने दिव्या देशमुख को फिडे महिला शतरंज विश्व कप 2025 जीतने के लिए बधाई दी और कहा कि उन्होंने देश को गौरवान्वित किया है। इसके बाद उन्होंने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। फिर उपसभापति ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत 24 नोटिस मिले हैं जिनमें नियत कामकाज स्थगित कर बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), अन्य राज्यों में बंगाली प्रवासी श्रमिकों के साथ कथित भेदभाव, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे और छत्तीसगढ़ में दो ननों की गिरफ्तारी जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई है।  उपसभापति ने कहा कि ये नोटिस पीठ द्वारा पूर्व में दी गई व्यवस्था के अनुरूप नहीं हैं, इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता। नोटिस स्वीकार नहीं किए जाने पर विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया और हंगामा करने लगे। उन्होंने ‘वोट की चोरी बंद करो’ जैसे नारे लगाए। हरिवंश ने सदस्यों से अपील की कि वे सदन को सुचारु रूप से चलने दें, ताकि शून्यकाल के दौरान सांसद अपने मुद्दे उठा सकें। लेकिन हंगामा जारी रहने के कारण उन्होंने 11 बजकर 14 मिनट पर बैठक को दोपहर 2.0 बजे तक स्थगित कर दिया।
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लोकसभा में राहुल गांधी ने दिया चैलेंज, सरेंडर पर ट्रंप झूठ बोल रहे हैं तो PM मोदी सदन में बताएं...

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर हो रही चर्चा में हिस्सा लिया. उन्होंने सेना को खुली छूट की मांग की. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने सेना को खुली छूट न मिलने और संघर्षविराम कराने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों को लेकर सरकार को घेरा. राहुल ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर ट्रंप का दावा गलत है तो पीएम मोदी ये बात सदन में बताएं. नेता विपक्ष ने कहा कि चीन और पाकिस्तान एक हो गए हैं और ये हमारी विदेश नीति के लिए बड़ा खतरा हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन पाकिस्तान को पूरी सूचना दे रहा था. राहुल गांधी ने कहा, पहलगाम में जो हुआ, गलत हुआ, हम सभी ने उसकी निंदा की है. हम हिन्दुस्तानी को दुख दर्द होता है. लेकिन आपके पास राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है. राहुल गांधी ने कहा कि सेना को खुली छूट देने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं होनी चाहिए.फौज के पास पूरी आजादी होनी चाहिए. राहुल गांधी ने कहा कि अगर संघर्षविराम का लगातार दावा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं तो पीएम मोदी सदन में ये बताएं.  राहुल गांधी ने कहा कि राजनाथ सिंह ने 1971 और ऑपरेशन सिंदूर के बीच तुलना की. इंदिरा गांधी ने सैम मानेकशॉ को पूरी छूट दी थी. लेकिन 7वीं फ्लीट आने के बावजूद ऑपरेशन जारी रखा गया.एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया.  राहुल गांधी ने कहा कि अगला आतंकी हमला हुआ तो क्या पाकिस्तान पर हमला होगा. पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान का सेनाध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर था, लेकिन वो ट्रंप के साथ लंच कर रहा था. भारत की विदेश नीति पाकिस्तान-चीन पर केंद्रित होनी चाहिए. पाक को चीन खुफिया सूचना पहुंचा रहा है. उसकी मदद कर रहा है. पाक को हमारे विमानों की पूरी जानकारी मिल रही थी. सरकार की विदेश नीति फेल हो गई. हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि पाकिस्तान और चीन को अलग किया जाए.  राहुल गांधी बोले कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा मकसद आतंकी ढांचों को नष्ट करना था. हमारा टारगेट सैन्य ठिकाने नहीं थे.रक्षा मंत्री ने कहा कि हम लड़ाई को आगे बढ़ाना नहीं चाहते.पाक को बताया गया कि हमने कहां हमला किया. ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ 22 मिनट चला. सरकार ने पाक के सामने सरेंडर कर दिया. डीजीएमओ को कहा गया कि वो पाकिस्तान के डीजीएमओ को युद्धविराम के लिए कहे. आपने पाक को बता दिया कि हम लड़ना नहीं चाहते. सरकार ने पायलटों के हाथ बांध दिए थे. पाक को सूचना देने के बाद लड़ाकू विमान भेजे गए.नतीजा सबको मालूम है, लेकिन सरकार बताना नहीं चाहती. सीडीएस ने कहा कि सवाल ये नहीं कि विमान गिरे. सवाल ये है कि जेट गिरे क्यों. उनका ये बयान बताया है कि सेना के हाथ बंधे हुए थे.  राहुल गांधी ने कहा कि विदेश मंत्री को युद्ध की मूलभूत जानकारी नहीं है. दुनिया में देशों ने आतंकवाद की निंदा की. किसी ने पाकिस्तान की निंदा नहीं की. आपने मुझे सुना होता तो 5 जेट नहीं गिरे होते. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 29 बार कहा कि उन्होंने संघर्षविराम कराया. अगर ये गलत है तो पीएम मोदी सदन में बयान दें. 
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शाह-अखिलेश से लेकर प्रियंका-खड़गे तक जमकर चले 'शब्दबाण'

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लगातार दूसरे दिन चर्चा हुई. गृह मंत्री अमित शाह, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने अपनी बात रखी. ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लोकसभा में चर्चा के दूसरे दिन भी सत्ता पक्ष और विपक्ष से तीखे वार हुए. बहस की कमान सबसे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली. उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों को 97 दिनों बाद ढेर करने का पूरा वाकया बताया. साथ ही आतंकियों के पाकिस्तानी होने का सबूत मांगने वाले चिदंबरम के बयान को लेकर कांग्रेस को निशाने पर लिया. साथ ही 1948, 1962 से 1971 तक 'ऐतिहासिक भूलों' की याद दिलाई. तो विपक्ष की ओर से अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी और राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार से गंभीर सवाल पूछे. मारे गए आतंकी पाकिस्तानी थे-शाहअमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों को मारने वाले तीन आतंकवादी ‘ऑपरेशन महादेव' में मारे जा चुके हैं. गृह मंत्री ने बताया, ‘मैं चिदंबरम जी और कांग्रेस को बताना चाहता हूं कि हमारे पास सबूत हैं कि वे तीनों पाकिस्तानी थे. दो की पाकिस्तानी वोटर आईडी हमारे पास है. तीनों की पाकिस्तान मेड रायफलें भी हैं. उन्होंने पाकिस्तान को क्लीनचिट देने की कोशिश की. एक हजार से ज्यादा लोगों से करीब तीन हजार घंटे पूछताछ की गई.आतंकियों के दो मददगार भी पकड़े गए. उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लिए प्रयास न करने और सीजफायर के सवाल पर 1948 से लेकर 1962 से 1971 की घटनाएं गिनाईं. शाह ने कहा, 1971 युद्ध में 93 हजार बंदी हमारे पास थे, लेकिन हम पीओके लेना भूल गए... प्रियंका ने याद दिलाई राजीव गांधी की शहादतकांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बाटला हाउस एनकाउंटर को लेकर गृह मंत्री के हमले जवाब दिया. प्रियंका ने कहा, उनकी मां सोनिया गांधी के आंसू तब गिरे थे जब उनके पति (राजीव गांधी) को आतंकवादियों ने शहीद किया था.पहलगाम में पर्यटक सरकार के भरोसे गए थे, लेकिन उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया गया. सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर का पूरा श्रेय लिया, लेकिन खुफिया विफलता और सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी कौन लेगा? बैसरन घाटी में सुरक्षा क्यों नहीं थी? प्रियंका ने कहा, उरी-पुलवामा और पठानकोट हमले के समय राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे. अमित शाह जी के गृह मंत्री रहते पहलगाम हमला हुआ, दिल्ली में दंगे हुए और मणिपुर में हिंसा हुई. प्रियंका गांधी पर निशिकांत दुबे का पलटवारबीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने प्रियंका गांधी के बयानों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी ने कहा कि इतिहास को भूल जाना चाहिए. मैं बताना चाहता हूं जो इतिहास को भूल जाता है वो मिट्टी में मिल जाता है. इतिहास को याद रखना चाहिए और वर्तमान में जीना चाहिए. हमारा जमीन और बाजार छीन रहा-अखिलेशसपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चीन को राक्षस बताया और कहा कि उससे उतना ही खतरा है जितना कि आतंकवाद से है. चीन हमारी जमीन और बाजार छीन लेगा. अखिलेश ने सवाल उठाया कि पहलगाम हमले में हुई सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी कौन लेगा? इसके लिए जिम्मेदार कौन है? पहलगाम से पहले पुलवामा में भी ऐसा ही हुआ था. अखिलेश ने ऑपरेशन महादेव की टाइमिंग पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि मुठभेड़ कल ही क्यों हुई? बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि सरकार को अपनी आर्थिक-राजनीतिक और सामाजिक नीतियों के लिए ‘एसआईआर' कराना चाहिए. उन्होंने सवाल किया कि जिन विमानों की नींबू और मिर्च लगाकर पूजा की गई, वो कितने उड़े थे?जब पीओके के लोगों की घर वापसी होगी: राजनाथ सिंहरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर को तीनों सेनाओं के समन्वय का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि पीओके के लोगों की एक दिन घर वापसी जरूर होगी. पाकिस्तान की ओर से आतंकी करतूत की गई तो ऑपरेशन सिंदूर को दोबारा शुरू करने में क्षण भी देर नहीं की जाएगी. राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) के स्तर पर संपर्क कर गुजारिश की गई थी कि अब कार्रवाई रोक दी जाए.रक्षा मंत्री ने कहा कि 10 मई को जब वायु सेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस पर करारा हमला किया तो पाकिस्तान ने हार मान ली और संघर्ष रोकने की पेशकश की.उन्होंने एक शेर पढ़ा,‘पीओके टूटने का सबब पूछो न सबके सामने, नाम आएगा तुम्हारा, यह कहानी फिर सही''खड़गे ने जवाबदेही का उठाया सवालराज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहलगाम हमले हमले को रोक पाने में सुरक्षा चूक और विफलता स्वीकार करने के साथ जवाबदेही तय किए जाने की बात कही.उन्होंने कहा, पहलगाम हमले के लिए कौन जिम्मेदार है; जो भी हो, उसे इस्तीफा देना चाहिए. प्रधानमंत्री को ऑपरेशन सिंदूर के बाद बिहार में चुनाव प्रचार के बजाय सर्वदलीय बैठक में होना चाहिए था. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार की नीयत पर उठाए सवाल. कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने मोदी सरकार पर अहंकारी होने और विपक्ष के पत्रों का जवाब न देने का आरोप लगाया. धर्मेंद्र यादव की टिप्पणी से लोकसभा में नोकझोंकसमाजवादी पार्टी के नेता धर्मेंद्र यादव ने दावा किया कि पहलगाम आतंकी हमले के पीछे खुफिया विफलता थी. यह शर्म की बात है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धविराम की घोषणा की. इसके बाद विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभापति से आग्रह किया कि यादव के दावों को रिकॉर्ड से हटाया जाए. सीतारमण ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर स्पष्ट कर चुके हैं.   कनिमोई का प्रधानमंत्री मोदी पर तंजद्रमुक सांसद कनिमोई ने पहलगाम हमले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ‘विश्वगुरु' ने अपने ही देश के लोगों को निराश किया है. द्रमुक सांसद ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देने के लिए विश्व के विभिन्न देशों में भेजे गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में विपक्षी दलों के सांसदों को शामिल करने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कुछ अवसरों का जश्न मनाने के बजाय शोक मनाने की जरूरत होती है. 
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मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों में शिक्षा नहीं, सन्नाटा भरा है? शिक्षकों के 100 में 74 पद खाली

छिंदवाड़ा की राजा शंकर शाह यूनिवर्सिटी, गुना की क्रांतिवीर टंट्या टोपे यूनिवर्सिटी, खरगोन की क्रांति सूर्य टंट्या भील यूनिवर्सिटी और सागर की रानी अवंतीबाई लोधी यूनिवर्सिटी में छात्रों के लिए कोई फुल-टाइम शिक्षक नहीं है. मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा की हालत, विश्वविद्यालय हैं लेकिन वहां पढ़ाने वाले नहीं हैं. सरकार ने विधानसभा में खुद कबूल किया है कि प्रदेश की 17 सरकारी यूनिवर्सिटियों में स्वीकृत असिस्टेंट प्रोफेसर पदों का 74 फीसदी हिस्सा खाली पड़ा है. कुल 1069 स्वीकृत पदों में से 793 पद अब तक नहीं भरे गए हैं. ये चौंकाने वाला खुलासा कांग्रेस विधायक संजय उइके के सवाल के जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने किया.  और भी हैरान करने वाली बात ये है कि पांच विश्वविद्यालयों में कुछ ऐसे भी हैं, जहां एक भी असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं है. छिंदवाड़ा की राजा शंकर शाह यूनिवर्सिटी, गुना की क्रांतिवीर टंट्या टोपे यूनिवर्सिटी, खरगोन की क्रांति सूर्य टंट्या भील यूनिवर्सिटी, छतरपुर की महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी और सागर की रानी अवंतीबाई लोधी यूनिवर्सिटी में छात्रों के लिए कोई फुल-टाइम शिक्षक नहीं है. इन सारे  सारे विश्वविद्यालयों का ऐलान लगभग चुनाव के पहले हुआ था छात्र हजारों में, शिक्षक नदारद  इसका मतलब है कि हजारों छात्र ऐसे विश्वविद्यालय में नामांकित हैं जहां पढ़ाने वाला एक भी प्रोफेसर मौजूद नहीं है. मंत्री ने यह भी बताया कि 93 विषय ऐसे हैं जिन्हें पढ़ाने के लिए कोई असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं है. पूरी प्रदेश की 17 यूनिवर्सिटियों में सिर्फ 276 असिस्टेंट प्रोफेसर काम कर रहे हैं यह आंकड़ा अपने आप में संकट की गहराई को उजागर करता है. लाइब्रेरियन की भी कमी  सिर्फ प्रोफेसर ही नहीं, लाइब्रेरियन के पदों की स्थिति भी दयनीय है. बीजेपी विधायक डॉ. चिंतामणि मालवीय के सवाल पर सरकार ने बताया कि 582 स्वीकृत लाइब्रेरियन पदों में से केवल 236 पर ही नियुक्ति हुई है, बाकी 346 पद खाली हैं. बीते वर्षों में सरकार ने धूमधाम से कई नए विश्वविद्यालय के उद्घाटन किए, फीते काटे, वादे किए. लेकिन आज वही विश्वविद्यालय बिना शिक्षक, बिना संसाधन और बिना दिशा के चल रही हैं.
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शाह का विपक्ष पर वार अखिलेश, चिदंबरम, गोगोई को सबूतों के साथ लताड़ा

पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि चिदंबरम आतंकियों के पाकिस्तानी कनेक्शन पर सवाल उठाकर पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं.  शाह ने तल्ख अंदाज में कहा कि चिदंबरम साहब क्या कहना चाहते हैं? संसद में आज गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी नेताओं अखिलेश यादव, पी. चिदंबरम और गोगोई पर तीखा हमला बोला. हाल ही में हुई आतंकी मुठभेड़ को लेकर विपक्ष के सवालों पर शाह ने पलटवार करते हुए ठोस सबूतों और तीखे तंज के साथ अपनी बात रखी. बहस के दौरान शाह ने आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि, उनके पाकिस्तानी कनेक्शन और सरकार की कार्रवाई पर विपक्ष के रुख को जमकर लताड़ा.  अखिलेश यादव पर शाह ने कसा तंज सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ तीखी नोकझोंक में शाह ने कहा कि मैं बताता हूं कि कैसे इनके आका मारे गए हैं. मैं नाम, जगह, घंटे, मिनट और सेकेंड के साथ बताता हूं. शाह ने दावा किया कि मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों की बैलिस्टिक रिपोर्ट उनके पास है, जिसे 6 वैज्ञानिकों ने क्रॉसचेक किया. उन्होंने कहा कि सुबह 4 बजकर 46 मिनट पर सभी 6 वैज्ञानिकों ने वीडियो कॉल पर पुष्टि की कि 100% वही गोलियां थीं, जो वहां चलाई गई थीं. शाह ने तंज कसते हुए कहा, "मैं उम्मीद करता था कि आतंकियों के मारे जाने की खबर पर पक्ष-विपक्ष में खुशी की लहर दौड़ेगी, लेकिन इनके चेहरे पर स्याही पड़ गई. क्या आतंकवादी मारे गए, इसका भी आनंद नहीं है? अखिलेश जी, बैठ जाइए यार!"  चिदंबरम को लताड़: पाकिस्तान को क्लीन चिट क्यों?  पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि चिदंबरम आतंकियों के पाकिस्तानी कनेक्शन पर सवाल उठाकर पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं.  शाह ने तल्ख अंदाज में कहा कि चिदंबरम साहब क्या कहना चाहते हैं? हमारे पास पुख्ता सबूत हैं. तीन में से दो आतंकियों के वोटर नंबर तक हमारे पास हैं. उनके पास मिली राइफलें और चॉकलेट भी पाकिस्तानी थीं. उन्होंने चिदंबरम पर पाकिस्तान को बचाने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा, "पूरी दुनिया के सामने देश का पूर्व गृह मंत्री पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहा है.  सवाल मांगना था, तो मुझसे मांगते.  गोगोई पर भी जमकर बोले गृहमंत्री असम के पूर्व मुख्यमंत्री गोगोई के उस बयान पर कि पहलगाम घटना के समय प्रधानमंत्री मोदी बिहार में थे, शाह ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, "जब पहलगाम की घटना हुई, मोदी जी विदेश में थे. लौटते ही उन्होंने सीसीएस की बैठक की. जिस दिन मोदी जी बिहार गए, उस दिन पहलगाम में कोई नहीं था, सिवाय राहुल गांधी के. सब लोग वहां से जा चुके थे. शाह ने गोगोई के दावों को खारिज करते हुए सरकार की त्वरित कार्रवाई का बचाव किया.  शाह ने विपक्ष के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि किसी को संशय रखने की जरूरत नहीं है. मेरे पास पुख्ता सबूत हैं, और सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है.  उन्होंने विपक्ष से राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राजनीति नहीं होनी चाहिए.  यह बहस संसद में तीखी राजनीतिक जंग का कारण बनी, जिसमें विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तल्ख बयानबाजी ने सदन का माहौल गर्म कर दिया. 
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संसद में जयशंकर दे रहे थे बयान, विपक्ष के हंगामे से नाराज शाह बोले- '20 साल वहीं बैठोगे'

विपक्ष के हंगामे पर शाह ने ये भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर झूठे तथ्य विपक्ष पेश कर रहा है. हमने तो असत्य का हलाहल भी पिया, लेकिन ये सत्य भी पचा नहीं पा रहे हैं. लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कुछ ऐसे लम्हे भी आए जब माहौल में गर्माहट बढ़ गई. ऐसा ही उस वक्त हुआ जब विदेश मंत्री जयशंकर अपना बयान दे रहे थे. वह बता रहे थे कि कैसे भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए पाकिस्तान को बेनकाब किया. इस दौरान विपक्षी सांसदों के जयशंकर को बार-बार टोके जाने से सदन में मौजूद गृह मंत्री अमित शाह काफी खफा हो गए. उन्होंने विपक्षी सांसदों से मुखातिब होते हुए कहा कि भारत में शपथ लिए हुए विदेश मंत्री पर उन्हें भरोसा नहीं है, जबकि विदेशी बयानों पर भरोसा है. उन्होंने विपक्षी सांसदों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे 20 साल तक वहीं बैठे रहेंगे. इस दौरान उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से जयशंकर को संरक्षण देने की अपील भी की. अमित शाह ने कहा कि मेरी एक बात की आपत्ति है कि भारत देश का शपथ लिया हुआ व्यक्ति बयान दे रहा है, उस पर विपक्षी सांसदों को भरोसा नहीं है. मैं समझ सकता हूं कि उनकी पार्टी में विदेश का महत्व क्या है. इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी की सारी चीजें यहां ठोपी जाएं. इसीलिए ये वहां बैठे हुए हैं और 20 साल तक वहां बैठे हुए हैं. असत्य को भी हम हलाहल समझकर पी गए: शाह  इसके बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने बयान देना जारी रखा, लेकिन विपक्षी सांसदों की टोकाटोकी खत्म नहीं हुई. अमित शाह ने एक बार फिर खड़े होकर इस पर आपत्ति जताई. उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कहा कि विदेश मंत्री जी को संरक्षण देना चाहिए. उनके स्पीकर जब बोल रहे थे, हमने धैर्य से सुना. मैं बताऊंगा कि कल कितनी असत्य बातें बोली गई हैं. फिर भी असत्य को भी हम हलाहल समझकर पी गए. अब ये सत्य भी नहीं सुन पाते हैं. माननीय अध्यक्ष जी मुझे लगता है कि आपको प्रोटेक्शन देना चाहिए. बैठे बैठे टोकाटाकी करना सबको आता है. उन्‍होंने कहा कि जब इतने गंभीर विषय पर जब चर्चा हो रही हो तो सरकार के प्रमुख विभाग के मंत्री को बैठे बैठे टोकना क्या शोभा देता है. माननीय आपको भी उनको आग्रह से कहना चाहिए, वरना हम भी अपने मेंबर को समझा नहीं पाएंगे. मजबूत और दृढ़ संकल्‍प देना जरूरी था: जयशंकर  वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद एक स्पष्ट, मजबूत और दृढ़ संदेश देना जरूरी था. हमारी सीमाएं लांघी गई थीं और हमें यह स्पष्ट करना था कि इसके गंभीर परिणाम होंगे. पहला कदम यह उठाया गया कि 23 अप्रैल को कैबिनेट सुरक्षा समिति की बैठक हुई. उस बैठक में निर्णय लिया गया कि 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाएगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह और विश्वसनीय रूप से बंद नहीं करता. इसके अलावा, अटारी एकीकृत जांच चौकी को तत्काल बंद किया जाएगा. सार्क वीजा छूट योजना के तहत यात्रा करने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को अब यह सुविधा नहीं मिलेगी. पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को पर्सन ऑफ नॉन ग्रेटा घोषित (अवांछित व्यक्ति) किया जाएगा. उच्चायोग की कुल कर्मचारी संख्या 55 से घटाकर 30 की जाएगी."
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घना जंगल था पहलगाम के आतंकियों का ठिकाना, ऐसे हुए ढेर...

जम्‍मू कश्‍मीर में सुरक्षाबलों ने तीन पाकिस्तानी आतंकियों को ढेर कर दिया है. ये वही आतंकी हैं जो इस साल अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले में शामिल थे. जम्‍मू कश्‍मीर में सुरक्षाबलों ने तीन पाकिस्तानी आतंकियों को ढेर कर दिया है. ये वही आतंकी हैं जो इस साल अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले में शामिल थे. जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को 'ऑपरेशन महादेव' के तहत बड़ी कामयाबी मिली है.  सेना ने बताया है कि पहलगाम हमले के मास्‍टरमाइंड और उसे अंजाम देने वाले लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शीर्ष कमांडर हाशिम मूसा को भी सोमवार को सशस्त्र बलों ने अभियान के दौरान मार गिराया है.  खाने-पीने का भी था इंतजाम  60 दिनों के बाद आखिरकार पहलगाम आतंकी हमले का बदला भारत ने ले लिया. जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले में शामिल एक आतंकवादी के साथ तीन और आतंकियों का अड्डा कैमरे में कैद हो गया है. जो तस्‍वीरें एनडीटीवी को मिली हैं उनमें जंगल के अंदर झाड़ियों में आतंकवादियों के शव पड़े दिखाई दे रहे हैं और उनके चारों ओर कई असॉल्ट राइफलें हैं.  पेड़ों के बीच एक बड़ी हरी चादर लटकी हुई दिखाई दे रही है. इसके नीचे, कपड़ों, कंबलों, प्लास्टिक की थैलियों, खाने-पीने की चीजों और प्लेटों का अव्यवस्थित ढेर भी दिखाई दे रहा है. सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि आतंकी किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे. इलाके में तलाशी अभियान जारी है. भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के साथ मिलकर 'ऑपरेशन महादेव' कोडनेम के तहत एक आतंकवाद-रोधी अभियान चलाया था. यह अभियान लिडवास क्षेत्र में चलाया गया था. अभी खत्‍म नहीं हुआ है ऑपरेशन  भारतीय सेना ने बताया कि सुरक्षा बलों द्वारा आज 'ऑपरेशन महादेव' शुरू करने के बाद श्रीनगर के पास लिडवास में दो आतंकवादी मारे गए. इनमें से एक, लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी सुलेमान उर्फ हासिम मूसा जो पहलगाम हमले का एक हत्यारा और मास्टरमाइंड बताया गया है, वह भी ढेर हो गया है. इसके अलावा दो और आतंकियों की पहचान अबू हमजा और यासिर के रूप में हुई है. सेना ने एक अपडेट में कहा, 'एक भीषण गोलीबारी में तीन आतंकवादी मारे गए हैं. ऑपरेशन जारी है.'  जंगल में चला सर्च ऑपरेशन  अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने सोमवार को यहां पास हरवान के जंगलों में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था. उन्होंने बताया कि इंटेलीजेंस के आधार पर, सुरक्षा बलों की एक टीम ने दाचीगाम नेशनल पार्क के पास हरवान के मुलनार इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया था.  उन्होंने बताया कि जब सुरक्षा बल इलाके की तलाशी ले रहे थे, तब दूर से दो राउंड गोलियों की आवाज सुनी गई. अधिकारियों ने बताया कि इलाके में अतिरिक्त बल भेजा गया है और अगर कोई आतंकवादी वहां मौजूद है तो उसे पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया. 
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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगेंगे 400 नए BSNL टावर, केंद्रीय राज्यमंत्री ने की समीक्षा

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को “मिशन मोड” में लागू किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में सेवाएं घर-घर तक पहुंचाने की रणनीति अपनाई जा रही है। इस कड़ी में केंद्र सरकार अब छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित और दूरस्थ इलाकों में डिजिटल संचार को सशक्त बनाने हेतु 400 नए बीएसएनएल टावर लगाने की योजना पर कार्य कर रही है। केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित और दूरस्थ इलाकों में डिजिटल संचार को सशक्त बनाने हेतु 400 नए बीएसएनएल टावर लगाने की योजना पर कार्य कर रही है। यह जानकारी ग्रामीण विकास और दूरसंचार राज्यमंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने आज रायपुर में दी। डॉ. शेखर ने कहा कि इन टावरों की स्थापना के लिए सुरक्षा बलों और वन विभाग से आवश्यक मंज़ूरी मिलने के बाद चरणबद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया, “बीएसएनएल आज देश में उच्च गुणवत्ता की 4जी सेवाएं दे रहा है, और इस विस्तार के साथ हम देश के अंतिम गांव तक डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंचाने के मिशन को साकार कर रहे हैं।” योजनाओं के क्रियान्वयन पर संतोष डॉ. चंद्र शेखर ने रायपुर में आयोजित एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें ग्रामीण विकास विभाग, डाक विभाग, दूरसंचार विभाग और भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक के दौरान मंत्री ने राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY), प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण (PMAY-G) और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) जैसी योजनाओं के तेज़ और प्रभावशाली क्रियान्वयन पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं ग्रामीण आधारभूत संरचना और आवास क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन ला रही हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए नवाचार राज्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ‘पिंक ऑटो’ जैसे नवोन्मेषी प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके तहत महिलाओं को स्वामित्व वाले पिंक ऑटो प्रदान किए जा रहे हैं। यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण बन सकती है। उन्होंने कहा की स्वसहायता समूहों को विभिन्न योजनाओं से जोड़कर उन्हें वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और विपणन अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने और स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है।  उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को “मिशन मोड” में लागू किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में सेवाएं घर-घर तक पहुंचाने की रणनीति अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि “इन क्षेत्रों में विद्यालयों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है, जिससे छात्रों को अब JEE, NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिल रही है। इसके साथ ही, दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं, जो एक संवेदनशील और समावेशी पहल है।” अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही हैं सरकारी योजनाएं अपने संबोधन के अंत में डॉ. शेखर ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं अब समाज के अंतिम पंक्ति के नागरिक तक पहुँच रही हैं। वंचित, आदिवासी और दुर्गम क्षेत्रों में भी अब तेज़ विकास और परिवर्तन देखा जा रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि डिजिटल, भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे को एकीकृत रूप से मजबूत कर ‘सबका साथ, सबका विकास’ को धरातल पर उतारा जाए।
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