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देश में मोदी सरकार आने के बाद BJP के पास कैसे बढ़ा पिछड़ा-OBC वोट बैंक

साल 2014 में जब से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, तब से लगातार बीजेपी के पास ओबीसी समुदाय का समर्थन और वोट दोनों ही बढ़ रहा है. आंकड़ों के जरिए इसे डिटेल में समझिए. एक वक्त था जब बीजेपी का कोर वोट बैंक (BJP Vote Bank) सिर्फ सवर्ण माने जाते थे. बीजेपी का नाम आते ही सबके जहन में पहला ख्याल हाई कास्ट का ही आता था. ऐसा माना जाता था कि बीजेपी को मुख्य वोटर सिर्फ हाई कास्ट ही हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. बीजेपी को पिछड़ा-ओबीसी समुदाय से भी खूब समर्थन मिल रहा है. बीजेपी के खाते में पिछड़ा-ओबीसी वोट बैंक (BJP OBC Vote Bank) लगातार बढ़ता जा रहा है. साल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) बनने के बाद बीजेपी के पिछड़ा-ओबीसी वोट बैंक में अच्छा खासा इजाफा हुआ है. इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि पीएम मोदी ने सत्ता में आने के बाद  इस वर्ग के लिए उन्होंने खूब काम किया है. उनके हर छोटे-छोटे मुद्दे पर उन्होंने बखूबी ध्यान दिया है. विकास योजनाओं से लेकर उनके हितों तक, हर चीज पर पीएम मोदी का फोकस रहा है. ताकि ये वर्ग खुद को अलग-थलग महसूस न करे. साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि वह खुद भी पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखते हैं. बीजेपी के इस वोट बैंक में इजाफा होने का ये भी बड़ा कारण माना जा सकता है.  बीजेपी का ओबीसी वोट बैंक बढ़ने का दूसरा बड़ा कारण ये भी है कि उन्होंने लोकसभा चुनावों में ज्यादा से ज्यादा ओबीसी उम्मीदवारों पर दाव लगाया था. इस भरोसे को कायम रखते हुए वह जीतकर लोकसभा भी पहुंचे. ओबीसी वोटर्स बढ़ने की ये भी एक बड़ी वजह रही है. देश में कितना है OBC वोट ? मंडल आयोग ने देश में ओबीसी की संख्या 52 प्रतिशत बताई थी. जबकि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय ने 41 प्रतिशत ओबीसी होने की बात कही थी. हालांकि दोनों के आंकड़ों में विरोधाभास है. अगर बात बिहार जाति जनगणना की करें तो इसके मुताबिक, राज्य में ओबीसी की संख्या 63 प्रतिशत है.  कैसे बढ़ा BJP का OBC वोट बैंक? बीजेपी को ओबीसी का सबसे ज्यादा समर्थन मिला है. साल 1971 (भारतीय जनसंघ के दिनों में) 7 प्रतिशत से तेजी से बढ़कर 1996 में यह 19 प्रतिशत हुआ. साल 2019 में दोगुने से ज्यादा बढ़कर यह 44 प्रतिशत पर पहुंच गया.  बीजेपी के पास कितना OBC समर्थन? बात अगर बीजेपी के ओबीसी समर्थन की करें तो यह साल दर साल बढ़ा है. साल 1999 में बीजेपी के 100 वोटर्स में से 48 ओबीसी थे. 2019 के चुनाव में यह आंकड़ा बढ़कर 59 हो गया. वहीं अगर कांग्रेस की बात करें तो साल 1999 में हर 100 वोटर में उनके पास 42 ओबीसी वोटर थे. मतलब बीजेपी से उनके पास 6 वोटर कम थे. कांग्रेस के साथ उल्टा हुआ साल 2019 में उनका यह वोट बैंक घट गया. हर 100 वोटरों में से ओबीसी वोटर्स घट कर सिर्फ 38 रह गए. वहीं अन्य दलों के ओबीसी वोटर्स साल 1999 में 100 में से 55 थे जो 2019 के चुनाव में घटकर सिर्फ 48 रह गए.  लोकसभा में बीजेपी में कितने OBC सांसद?  बीजेपी के पास 2025 लोकसभा में ओबीसी सांसदों का प्रत‍िशत भी 2019 की तुलना में बढ़ा है.  2019 में उसके पास लोकसभा में 22.8 प्रत‍िशत ओबीसी सांसद थे. इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 25.4 फीसदी हो गया है. जब कि साल 2024 में NDA के पास 26.2 प्रतिशत ओबीसी सांसद जबकि इंडिया गठबंधन के पास ओबीसी सांसदों का आंकड़ा 30.7 प्रतिशत था.   
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मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, जाति जनगणना करवाएगी केंद्र सरकार

केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में मोदी सरकार ने देश में जाति जनगणना करवाने का फैसला लिया है. विपक्षी दलों की तरफ से लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार सरकार पर इसे लेकर हमलावर थे. बताते चलें कि भारत में जाति जनगणना की मांग काफी पुरानी रही है. बिहार चुनाव से पहले इसे केंद्र सरकार की तरफ से खेले गए मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है.  कांग्रेस की सरकारों ने आज तक जाति जनगणना का विरोध किया था 1947 से आज तक जातियों की जनगणना नहीं की गई थी.  2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जाति जनगणना का आश्वासन दिया था.   
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1 मई से बदल जाएंगे LPG से लेकर बैंकिंग-रेलवे से जुड़े ये 5 बड़े नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर

 1 मई से लागू हो रहे ये नियम आम लोगों की वित्तीय स्थिति और रोजमर्रा की जिंदगी पर खास असर डाल सकते हैं. बेहतर होगा कि आप इन बदलावों से पहले अपने बजट और प्लानिंग पर ध्यान दें. Rule Change 2025: मई का महीना शुरू होने वाला है.हर महीने की पहली तारीख आमतौर पर कई बड़े बदलाव लेकर आती है, और इस बार 1 मई 2025 को भी कुछ अहम नियमों में बदलाव देखने को मिलेंगे. ये नए नियम खास तौर पर आपकी जेब और रोजमर्रा की जिंदगी पर सीधा असर डाल सकते हैं. 1 मई को एलपीजी सिलेंडर की कीमतों से लेकर  रेलवे टिकट की बुकिंग से जुड़े नए नियम लागू हो रहे हैं. ऐसे में आपको बताते हैं कि एक मई को क्या -क्या बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे और इसका आम आदमी पर क्या असर होगा... गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव संभव हमेशा की तरह मई की पहली तारीख को भी घरेलू और कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतें में बदलेंगी.अप्रैल में सब्सिडी और गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम 50 रुपए में बढ़े थे.दिल्ली जैसी मेट्रो सिट़ीज में 14.2 किलो के सिलेंडर की कीमत 853 रुपए हो गए. वहीं उज्वला योजना के तहत आने वाले सिलेंडर के दाम 553 रुपए रहे.अगर इस महीने भी सिलेंडर के दाम बढ़ते हैं तो गैस पर खाना पकाना महंगा हो सकता है.  इससे  आपके घरेलू बजट पर सीधा असर पड़ सकता है 1 मई से एटीएम से पैसे निकालना होगा महंगा अगर आप भी अक्सर ATM से पैसे निकालते हैं, तो यह जान लें कि 1 मई 2025 से ATM से फ्री लिमिट के बाद कैश निकालना महंगा होने वाला है.भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)  के अनुसार, अब हर बार फ्री लिमिट खत्म होने के बाद पैसे निकालने पर आपकी जेब पर थोड़ा ज्यादा बोझ पड़ेगा. अब तक फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट खत्म होने के बाद ATM से कैश निकालने पर 21 रुपये चार्ज लगता था. लेकिन 1 मई 2025 से हर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर 23 रुपये देना होगा. यानी अगर आपने फ्री लिमिट के बाद ATM से पैसे निकाले, तो हर बार 2 रुपये ज्यादा देने होंगे. जो लोग पैसे निकालने के लिए एटीएम का इस्तेमाल करते है तो उन लोगों की जेब पर इसका खासा फर्क पड़ने वाला है. ट्रेन टिकट बुकिंग के नए नियम होंगे लागू ट्रेन से यात्रा करने वालों के लिए भी बड़ा बदलाव आ रहा है.रेलवे भी टिकट बुकिंग की प्रक्रिया में एक मई से बड़े बदलाव करने जा रहा है.नए नियमों के अनुसार वेटिंग टिकट वाले यात्री स्लीपर और एसी कोच में सफर नहीं कर सकते.यानी अगर आपके पास ट्रेन की वेटिंग टिकट है तो आप केवल जनरल डिब्बे में ही सफर कर सकते हैं. इसके अलावा रेलवे ने एडवांस टिकट बुकिंग का समय भी 120 दिन से घटाकर 60 दिन करने का फैसला लिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार , रेलवे किराए और रिफंड चार्ज बढ़ाने पर विचार कर रहा है.अगर ऐसा होता है तो ट्रेन में सफर करना महंगा हो सकता है. FD इंटरेस्ट रेट में हो सकती है कटौती हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक नें लगातार दो बार रेपो रेट घटाया है. RBI द्वारा लगातार रेपो रेट में कटौती के बाद कई बैंको ने अपनी एफडी और सेविंग अकाउंट की ब्याज दरें घटानी शुरू कर दी हैं. कई सरकारी और निजी बैंक पहले ही नई दरें लागू कर चुके हैं. ऐसा माना जा रहा है कई बैंक अपने इंटरेस्ट रेट को घटा सकते हैं. इसका सीधा असर आपकी बचत और निवेश पर पड़ेगा. मई में 12 दिन बंद रहेंगे बैंक मई 2025 में देशभर में बैंकों की कुल 12 दिन छुट्टियां रहेंगी..इनमें बुद्ध पूर्णिमा और महाराणा प्रताप जयंती जैसे पर्व शामिल हैं, जो अलग-अलग राज्यों में मनाए जाएंगे. बता दें कि कि देश भर में बैंक हॉलिडे एक जैसे नहीं होते. हर राज्य में वहां के रीजनल और लोकल त्योहारों के हिसाब से छुट्टियां तय होती हैं. इसके अलावा महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को और हर रविवार को बैंक पूरे देश में बंद रहते हैं.अगर आपको किसी दिन बैंक से जुड़ा कोई काम है, तो बैंक जाने से पहले छुट्टियों की लिस्ट जरूर चेक कर लें.  
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अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान अथॉरिटी की शरारत, 2 घंटे तक नहीं खोला इमीग्रेशन गेट

भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा को रद्द कर दिया गया है। इस बीच पाकिस्तानी भारत से पाकिस्तान जा रहे हैं। लेकिन पाकिस्तानी अथॉरिटीज द्वारा इमीग्रेशन गेट खोलने में शरारत की जा रही है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 भारतीयों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद भारत सरकार ने एक्शन लेते हुए पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा को रद्द कर दिया था। इस बीच 29 अप्रैल तक सभी पाकिस्तानियों को भारत छोड़कर पाकिस्तान लौट जाने को कहा गया था। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तानी अथॉरिटीज द्वारा शरारत करने का मामला सामने आया है। दरअसल भारत की ओर से लौट रहे पाकिस्तानी नागरिकों के लिए पाकिस्तान ने देरी से इमीग्रेशन गेट खोले। करीब 2 घंटे तक पाकिस्तान की तरफ इमीग्रेशन गेट नहीं खोल गए। अटारी बॉर्डर गाड़ियों की लगी लंबी लाइन इस कारण अटारी बॉर्डर पर भारत की तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग गईं। जम्मू कश्मीर पुलिस जिन पाकिस्तानियों को लेकर आई थी, उनकी बस बैरीकेट के अंदर तो घुस गई, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा इमीग्रेशन गेट को देरी से खोला गया। इस कारण अटारी बॉर्ड पर लंबी कतारें लग गईं। जानकारी के मुताबिक, आज पाकिस्तान की तरफ से इमीग्रेशन गेट को करीब 12 बजे खोला गया, जिस कारण लोगों को धूप में घंटों तक इंतजार करना पड़ा। बता दें कि भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा को रद्द कर दिया था।  एक्शन मोड में पीएम मोदी बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद से पीएम मोदी एक्शन मोड में दिख रहे हैं। वहीं भारतीय सेना को भी फ्री हैंड कर दिया गया है। इस बीच पाकिस्तान के तमाम नेता दावा कर रहे हैं कि भारत कभी भी पाकिस्तान के खिलाफ जंग छेड़ सकता है। खौफ के माहौल के बीच अब पाकिस्तान की सरकार ने अपनी रक्षा करने के लिए बड़ा फैसला किया है। पाकिस्तान ने अपने दो अहम शहरों इस्लामाबाद और लाहौर को नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया है। पाकिस्तान से सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान ने 2 मई की तारीख तक अब इस्लामाबाद और लाहौर पर नो टू एयरमैन यानी नौटेम इश्यू कर दिया है। इसके मुताबिक अब ये नो फ़्लाई जोन होगा और यहां पर कोई भी एयरक्राफ्ट फ्लाई नहीं करेगा। बता दें कि इस्लामाबाद और लाहौर पाकिस्तान के सबसे ज्यादा जरूरी शहरों में से एक हैं।  
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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का किया गया पुनर्गठन, पूर्व R&AW प्रमुख अलोक जोशी बने अध्यक्ष

भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन किया है, जिसके अध्यक्ष आलोक जोशी होंगे। बता दें कि आलोक जोशी पूर्व में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के प्रमुख भी रह चुके हैं। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन किया गया है। पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह और रियर एडमिरल मोंटी खन्ना सैन्य सेवाओं से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त दो सदस्य हैं। सात सदस्यीय बोर्ड में बी वेंकटेश वर्मा सेवानिवृत्त आईएफएस हैं। पीएम मोदी के आवास पर बुलाई गई बैठक पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद यह फैसला लिया गया है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हुए थे। बता दें कि आज प्रधानमंत्री के आवास पर सीसीएस की बैठक के साथ-साथ दो अतिरिक्त बैठकें बुलाई गईं, जिसमें राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति और आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक शामिल है। आज शाम 4 बजे इसे लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जाएगा। बता दें कि दूसरी सीसीएस की बैठक में पहलगाम घटना के मद्देनजर सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा की गई। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की पिछली बैठक 23 अप्रैल को हुई थी और उसमें पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई थी। एक्शन मोड में सरकार और सेना पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद से भारत सरकार और सुरक्षाबल एक्शन मोड में हैं। इस हमले के तुरंत बाद भारत सरकार की तरफ से सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया गया। वहीं पाकिस्तानी नागरिकों को दिए गए वीजा को भी रद्द कर दिया गया और पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़कर पाकिस्तान जाने को कह दिया गया। वहीं दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों द्वारा आतंकवादियों के खिलाफ लगातार एक्शन लिया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार भी लगातार एक्शन मोड में दिखाई दे रही है।   
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अब क्या करेगा पाकिस्तान, भारतीय सेना को मिला फ्री हैंड

सेना को खुली छूट देने से ये साफ है भारत जल्द ही पहलगाम हमले (Pahalgam Attack) के गुनाहगारों को सज़ा देगा. उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा. ये तो साफ है कि ये हमला उरी या बालकोट की तरह नहीं होगा. क्यों कि  पाकिस्तान इसके लिये पहले से तैयार है. दुश्मन अब क्या करेगा, डिटेल में जाने. पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) के तार पाकिस्तान से जुड़ने के बाद भारत की तरफ से ताबड़तोड़ कार्रवाई और फाइनल ऐक्शन प्लान बनाने का सिलसिला जारी है. मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंक के खिलाफ फाइनल प्रहार के लिए तीनों सेनाओं को फ्री हैंड दे दिया. पीएम चार अलग-अलग मंचों पर गुनहगारों को कड़ी से कड़ी सजा देने की बात कह चुके हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस अनिल चौहान, एनएसए अजित डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों से वे लगातार अपडेट ले रहे हैं. बैठकें कर रहे हैं. आतंकी हमले के बाद बुधवार को दूसरी बार कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी (CCS) की बैठक हुई.  माना जा रहा है कि इसमें भारत के ऐक्शन का ब्लूप्रिंट फाइनल हो गया है. आतंकियों के आकाओं पर भारत का फाइनल प्रहार अब तय माना जा रहा है. सरकार से खुली छूट मिलने के बाद सेना भी जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है. तरीका क्या होगा, इसके टारगेट क्या क्या रहेंगे और इसकी टाइमिंग क्या रहेगी, यह वक्त ही बताएगा.  सेना को खुली छूट, एक्शन पर सबकी नजर सेना को खुली छूट देने से ये साफ है कि भारत जल्द ही पहलगाम हमले के गुनाहगारों को सजा देगा. उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा. यह ऐक्शन दिखने लायक होगा. ये तो साफ है कि ये हमला उरी या बालकोट की तरह नहीं होगा. क्योंकि  पाकिस्तान इसके लिए पहले से तैयार है. यह कार्रवाई कुछ अलग तरह की होगी. जब भी एक्शन होगा सभी को इसके बारे में पता चलेगा. कुछ भी लोगों की नजर से नहीं छिपेगा. ऐसे में सवाल ये है कि बौखलाया पाकिस्तान इससे निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठा रहा है और उसकी रणनीति क्या होगी.   क्या करेगा भारत से खौफजदा पाकिस्तान? अफगनिस्तान बॉर्डर में पाक सेना के करीब दो कोर तैनात हैं. अब इन सैनिकों को पीओके में तैनात किया जा रहा है. भारत की ओर से पीओके को लेकर इतनी बातें कही गई हैं इससे पाक काफी डरा हुआ है. वह पीओके को अभेद किला बनाने में जुटा हैं. पाक के वायुसेना के विमान लगातार पीओके में फ्लाई कर रहे हैं. पाक के एफ़ 16 कॉम्बैट पेट्रोलिंग कर रहे हैं ताकि वायुसेना के किसी भी हमले का पाकिस्तान जवाब दे सकें . पाकिस्तान चाहकर भी बलूचिस्तान से अपने सैनिकों को नहीं हटा पा रहा है, क्योंकि उसे डर है कि बलूच लिबरेशन आर्मी इसका फायदा उठा लेगी. वह तय नहीं कर पा रहा है कि वह क्या करे और क्या न करे.  सिंधु जल संधि समझौता स्थगित होने से पाक बहुत परेशान है. अब उसे पता ही नहीं है कि भारत कब पानी छोड़ेगा या कब रोक देगा. अब भारत पानी को लेकर कोई डेटा शेयर नहीं करेगा. इससे उसके सामने कई मुसीबत आ गई हैं.  लड़ाई होने के हालात में पहले उनके टैंक नदी के किनारे से होकर आते थे. लेकिन अब वह इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. कब बाढ़ आ जाए और कब सूखा पड़ जाए, पाकिस्तान को ये पता ही नहीं लग पाएगा.   पिछले दो साल से पाकिस्तान लगातार यूक्रेन को 155 मिलीमीटर तोप के लिए गोला बारूद की सप्लाई कर रहा है. अब हालत ये है कि उसके पास तोप का गोला बारूद हफ्ते भर का भी नहीं बचा है. इतना न तो स्टॉक है और ना ही ऐसी फैक्ट्री हैं, जो पाक सेना की तोपों के लिये फटाफट गोला बारूद तैयार कर सकें. पहलगाम आतंकी हमला होने से पहले पाकिस्तान ने सोचा था कि उसे कश्मीरियों का समर्थन मिलेगा लेकिन हुआ इसका ठीक उल्टा. हर जगह कश्मीरियों ने जमकर खिलाफत की. उमर और फारूक अब्दुल्ला ने भी पाक को जबरदस्त लताड़ा. यही वजह है कि अब पाकिस्तान में सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर दवाब पड़ रहा है कि वह सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से अनुरोध करे कि वह भारत को कार्रवाई करने से रोके. अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह पाक के बचाव में नहीं आएगा.  
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दिल्ली में आज बैठकों का बुधवार, पाकिस्तान के 'भाग्य' पर फैसला लेगी नरेंद्र मोदी सरकार

नई दिल्ली में आज होने वाली पहली बैठक सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट की कमेटी की और अंतिम बैठक कैबिनेट की होगी. इन दोनों के बीच सुपर कैबिनेट मानी जाने वाली सीसीपीए और सीसीई की बैठक होगी. इन बैठकों में सरकार पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रतिक्रियाओं पर फैसला लेगी. पहलगाम आतंकी हमले के बाद से देश का माहौल गर्म है.लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा सातवें आसमान पर है. दिल्ली में लगातार हाई लेबल बैठकें हो रही हैं. बुधवार को भी चार उच्च स्तरीय बैठकें होंगी. इन्हें काफी अहम माना जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की थी. इसमें पीएम ने आतंक के खिलाफ कार्रवाई के लिए सेनाओं को अपने फैसले लेने की छूट दी थी. इसके बाद आज सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस), राजनीतिक मामलों को कैबिनेट केमेटी (सीसीपीए), कैबिनेट की आर्थिक मामलों की कमेटी (सीसीईए) और कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है. इन बैठकों में पहलगाम हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया पर अहम फैसले हो सकते हैं.  कितनी महत्वपूर्ण है सीसीएस की बैठक सीसीएस की बैठक 11 बजे से होगी. इस बैठक के एजेंडे में सबसे ऊपर पहलगाम आतंकी हमले के बाद होनी वाली सैन्य प्रतिक्रिया होगी. इससे पहले सीसीएस की एक बैठक 23 अप्रैल को हुई थी. इसी में सरकार ने सिंधु जल समझौते को निलंबित रखने, शार्ट टर्म वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने, पाकिस्तानी उच्चायोग ने राजनयिकों की संख्या कम करने जैसे फैसले लिए गए थे.  सीसीएस के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं.उनके अलावा रक्षा मंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री और विदेश मंत्री भी इसमें शामिल होते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए), कैबिनेट सचिव और रक्षा सचिव भी सीसीएस की बैठकों में शामिल होते हैं, लेकिन वे इसके स्थायी सदस्य नहीं हैं.  सीसीए की बैठक के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राजनीतिक मामलों को कैबिनेट केमेटी (सीसीपीए) की बैठक होगी. इस कमेटी को सुपर कैबिनेट भी कहा जाता है. साल 2019 में पुलवामा हमले के बाद भी सीसीपीए की बैठक हुई थी. इसमें पाकिस्तान से 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का दर्जा वापस ले लिया गया था. वहीं वायुसेना ने 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था.  सीसीपीए राजनीतिक और आर्थिक हालात की समीक्षा कर फैसले लेती है.यह समिति उन आर्थिक नीतियों और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मसलों पर भी विचार करती है जिनका राजनीतिक असर होता है. सीसीपीए के अध्यक्ष पीएम नरेंद्र मोदी हैं. इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, नागरिक उड्डयन मंत्री के राम मोहन नायडू, एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी, शिपिंग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी शामिल हैं.  मोदी कैबिनेट लगाएगी सरकार के फैसलों पर मुहरइसके बाद दिन की तीसरी बड़ी मीटिंग कैबिनेट की आर्थिक मामलों की कमेटी (सीसीईए) की होगी. बुधवार को अंतिम बैठक कैबिनेट की होगी. पहलगाम हमले के बाद पहली बार कैबिनेट की बैठक होगी. सरकार की ओर से अब तक लिए गए फैसलों और पाकिस्तान के खिलाफ की जाने वाली प्रतिक्रिया पर कैबिनेट की बैठक में मुहर लगेगी.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शीर्ष रक्षा अधिकारियों से कहा कि सशस्त्र बलों को पहलगाम आतंकवादी हमले के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय निर्धारित करने की पूरी अभियानगत छूट है. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित शीर्ष रक्षा अधिकारी शामिल हुए.  इसमें पीएम मोदी ने कहा था कि  सेनाओं को पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय निर्धारित करने की पूरी अभियानगत छूट है.उन्होंने शस्त्र बलों की क्षमता में पूर्ण विश्वास जताते हुए कहा कि आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है. 
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आज CCS के बाद CCPA की भी बैठक लेंगे PM मोदी, एक्शन की फुल तैयारी

पीएम मोदी की अध्यक्षता में तीनों सेना प्रमुख और रक्षा मंत्री के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने आतंकियों पर कार्रवाई के लिए सेना को खुली छूट देने की बात कही. पहलगाम हमले के बाद भारत आतंकवाद पर बड़े एक्शन की तैयारी में है. 22 अप्रैल को हुई इस आतंकी घटना में 26 लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. दोनों देशों ने एक-दूसरे पर कई सख्त फैसले लिए हैं. इधर राजधानी दिल्ली में हाईलेवल बैठकों का दौर जारी है. मंगलवार को एक के बाद एक तीन बड़ी बैठकें हुईं. पहली बैठक गृह मंत्रालय में देश की पैरा मिलिट्री चीफ्स की थी.  सेना प्रमुखों की बैठक में आर्मी को कार्रवाई का फ्री हैंड  इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री आवास पीएम मोदी की अध्यक्षता में तीनों सेना प्रमुख और रक्षा मंत्री की बैठक हुई. इस बैठक में पीएम मोदी ने आतंकियों पर कार्रवाई के लिए सेना को खुली छूट देने की बात कही. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आतंकियों के खिलाफ एक्शन कब, कहां, कैसे होगा इसकी पूरी प्लानिंग सुरक्षाबल ही तय करेंगे.  संघ प्रमुख से भी डेढ़ घंटे तक पीएम मोदी की मंत्रणा इसके बाद पीएम मोदी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ डेढ़ घंटे तक मंत्रणा की. बैठकों का यह दौर बुधवार को भी जारी रहेगा. बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में  कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक होगी.  पाकिस्तान की धड़कन तेज, क्या होगा आगे? इसके बाद CCPA (Cabinet Committee on Political Affairs) की भी बैठक होगी. भारत में जारी इन हाईलेवल बैठकों और सेना को कार्रवाई की खुली छूट दिए जाने के ऐलान से पाकिस्तान की धड़कन तेज हो गई है. पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है.  पीओके में आतंकियों के लॉन्च पैड खाली करवा दिए गए हैं. आतंकियों को सेना के बंकर में छिपने की सूचना भी सामने आई है. सीमाई इलाकों के ग्रामीण अपने बंकरों की सफाई शुरू कर चुके हैं. पुलवामा हमले के बाद भी हुई थी सीसीपीए की बैठक सीसीपीए देश के महत्वपूर्ण राजनीतिक और आर्थिक मामलों की समीक्षा करती है और उन पर निर्णय करती है. इससे पहले भी कई महत्वपूर्ण मौकों पर सीसीपीए की बैठक हो चुकी है, इनमें पुलवामा हमला शामिल है. सीसीपीए का मुख्य काम क्या है सीसीपीए मुख्यतः केंद्र और राज्यों के संबंधों पर विचार करती है. ख़ासतौर से तब जबकि आम राय बनानी ज़रूरी हो. ऐसी आर्थिक नीतियों और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा और फ़ैसले होते हैं जिनके राजनीतिक असर होते हैं.  विदेश नीति से जुड़े मुद्दों पर फैसला लेती है सीसीपीए विभिन्न मंत्रालयों के बीच ऐसे मुद्दों पर समन्वय जिनके दूरगामी राजनीतिक परिणाम होते हैं. इनके अलावा सीसीपीए विदेश नीति से जुड़े ऐसे मुद्दों पर भी चर्चा और फैसले करती है, जिनका असर देश की राजनीति पर पड़ने की संभावना होती है.  कौन कौन हैं सीसीपीए के सदस्य मोदी सरकार की सीसीपीए में सहयोगी दलों के कैबिनेट मंत्रियों को भी जगह दी गई है.सीसीपीए की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं. इस समिति में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन और यातायात मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू, एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी, शिपिंग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव, महिला और बाल कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजुजु और कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी शामिल हैं CCPA की बैठक में पाकिस्तान से लिया गया था मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा इससे पहले पुलवामा हमले के बाद सीसीपीए की बैठक हुई थी. फरवरी 2019 में हुई सीसीपीए की बैठक में सुरक्षा हालात की समीक्षा की गई थी और आतंकवाद का मुक़ाबला करने के लिए रणनीति पर चर्चा की गई थी. इस बैठक में पाकिस्तान को दिया गया मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया गया था. बाद में 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी.  
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कोलकाता के होटल में लगी भीषण आग, कई लोग झुलसे

पुलिस फिलहाल इस बात की जांच कर रही है कि आखिर होटल में आग लगी कैसे. अभी तक की शुरुआती जांच में आग लगने की एक वजह शॉर्ट सर्किट को माना जा रहा है. लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही ये तय हो पाएगा कि आखिर इसकी असल वजह क्या थी. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक होटल में मंगलवार रात भीषण आग लग गई. इस आग की चपेट में आने से 14 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य लोगों के झुलसने की भी खबर आ रही है. होटल में राहत औऱ बचाव कार्य जारी है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ये घटना मध्य कोलकाता के फलपट्टी मछुआ के पास हुई है. पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया. होटल फिलहाल राहत और बचाव कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है.  14 लोगों के शव निकाले गए  पुलिस के अनुसार ये आग मंगलवार रात करीब सवा आठ बजे रितुराज होटल में लगी थी. पुलिस टीम को राहत और बचाव कार्य के दौरान होटल से 14 लोगों के शव बरामद हुए हैं. रेस्क्यू में जुटी टीम ने कई लोगों को सुरक्षित भी बाहर निकाला है. आग कैसे लगी इसकी हो रही है जांच  पुलिस फिलहाल इस बात का पता लगाने में जुटी है कि आखिर इस होटल में आग लगी कैसे. शुरुआती जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही आग लगने के सही कारणों का पता चला पाएगा.  बीजेपी ने की कार्रवाई की मांग  इस हादसे को लेकर पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राज्य सरकार से तुरंत कार्रवाई करने की बात कही है. उन्होंने प्रभावित लोगों को बचाने और उन्हें जरूरी मदद देने की बात कही है. उन्होंने ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोकने के लिए फायर सेफ्टी के नियमों का सख्ती से पालन करने की बात भी कही है.  
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद गृह मंत्रालय में बड़ी सुरक्षा बैठक, सभी CAPF प्रमुख हुए शामिल

गृह मंत्रालय में उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक चल रही है। इस बैठक में सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक शामिल हुए हैं। गृह मंत्रालय में मंगलवार को एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक चल रही है, जिसमें देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर गहन चर्चा की गई। यह बैठक जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद बुलाई गई है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। जान गंवाने वाले लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे। इस उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता गृह सचिव गोविंद मोहन रह रहे हैं। इस बैठक में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF), असम राइफल्स और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के महानिदेशक के अलावा सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) और सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर आतंकवाद-रोधी अभियान चलाया जा रहा है। फिलहाल, ऑपरेशन की संवेदनशीलता को देखते हुए कोई विशेष जानकारी शेयर नहीं की जा रही है। आतंकवाद से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई सोमवार को डोडा जिले में आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करने और आतंकवाद से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 13 जगहों पर छापेमारी की। वहीं, श्रीनगर पुलिस ने भी प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) और सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की। श्रीनगर में 63 लोगों के घरों की ली गई तलाशी पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, श्रीनगर में कुल 63 लोगों के घरों की तलाशी ली गई। ये तलाशी अभियान विधिसम्मत तरीके से कार्यकारी मजिस्ट्रेटों और स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों की निगरानी में किया गया। इस कार्रवाई का उद्देश्य हथियार, दस्तावेज, डिजिटल डिवाइसेज आदि की बरामदगी के जरिए सबूत और खुफिया जानकारी एकत्र करना है, ताकि किसी भी षड्यंत्रकारी या आतंकी गतिविधि को समय रहते रोका जा सके।  
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PM मोदी ने मार्क कार्नी को कनाडा का प्रधानमंत्री चुने जाने पर दी बधाई, जानें क्या कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्क जे. कार्नी को कनाडा का पीएम चुने जाने पर बधाई दी है। उन्होंने भारत-कनाडा साझेदारी मजबूत करने की बात कही है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कनाडा के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री मार्क जे. कार्नी और उनकी लिबरल पार्टी को चुनावी जीत पर बधाई दी है। मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक ट्वीट में दोनों देशों के बीच साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के प्रति अटूट प्रतिबद्धता और जीवंत जन-जन संपर्क पर जोर दिया। ‘कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन’ ने मतगणना के शुरुआती रुझान आने के बाद कार्नी की जीत का दावा किया है। हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि लिबरल पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा या नहीं। 'लिबरल पार्टी की जीत पर बधाई' पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मार्क जे. कार्नी को कनाडा का प्रधानमंत्री चुने जाने और लिबरल पार्टी की जीत पर बधाई। भारत और कनाडा साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता और जीवंत जन-जन संपर्क से जुड़े हैं। मैं आपके साथ मिलकर हमारी साझेदारी को मजबूत करने और हमारे लोगों के लिए अधिक अवसरों को खोलने के लिए तत्पर हूं।' यह बधाई संदेश भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच पहले से ही व्यापार, शिक्षा, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्र में मजबूत सहयोग रहा है। ट्रंप के बयानों ने पलट दी बाजी! एक्सपर्ट्स का मानना है कि मार्क कार्नी के नेतृत्व में कनाडा के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकता है। भारत और कनाडा के बीच पहले से ही इंडो-कैनेडियन बिजनेस चैंबर और विभिन्न सांस्कृतिक मंचों के माध्यम से सक्रिय सहयोग मौजूद है, जिसे और मजबूत करने की संभावना है। माना जा रहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कनाडा के अमेरिका में विलय की धमकियों और व्यापार युद्ध ने लिबरल पार्टी की इस जीत में अहम भूमिका निभाई। चुनावी विश्लेषकों के अनुसार, शुरुआत में कनाडा में माहौल लिबरल पार्टी के समर्थन में नहीं दिख रहा था लेकिन ट्रंप के बयानों के बाद कार्नी ने बढ़त बना ली।  
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पीएम मोदी की गायब वाली फोटो पर बढ़ा सियासी संग्राम, बीजेपी बोली - सबकुछ राहुल के इशारों पर

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, "सिर तन से जुदा की जो सोच है, इसे आज कांग्रेस पार्टी अपना बनाकर प्रतिबिंबित कर रही है. इसी तरह की सोच पाकिस्तान की है. ऐसे में अगर कांग्रेस पार्टी भारत के प्रधानमंत्री के लिए इस तरह की तस्वीर पोस्ट करती है तो क्या यह पूछा नहीं जाएगा कि कांग्रेस का यह कैसा शौक है?" कांग्रेस के पीएम मोदी की गायब वाली फोटो पर प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर बीजेपी प्रवक्‍ता गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस पहलगाम के मुद्दे पर इस समय पाकिस्‍तान के साथ खड़ी नजर आ रही है. कांग्रेस देश को कमजोर करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस इस समय मीर जाफर वाली भूमिका निभा रही है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के ग्रीन सिग्‍नल पर पीएम मोदी के खिलाफ इस तरह का पोस्टर जारी किया गया है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, "सिर तन से जुदा की जो सोच है, इसे आज कांग्रेस पार्टी अपना बनाकर प्रतिबिंबित कर रही है. इसी तरह की सोच पाकिस्तान की है. ऐसे में अगर कांग्रेस पार्टी भारत के प्रधानमंत्री के लिए इस तरह की तस्वीर पोस्ट करती है तो क्या यह पूछा नहीं जाएगा कि कांग्रेस का यह कैसा शौक है? राहुल गांधी का पाकिस्तान की वाहवाही लूटने के लिए देश से गद्दारी करेंगे... आप देश के खिलाफ पोस्ट करेंगे. हम समझ सकते हैं कि आप उनको पसंद नहीं करते हैं लेकिन जब हमारा सारा ध्यान आतंकी मुल्क को सबक सिखाने पर केंद्रित है तो इस तरह का पोस्ट कांग्रेस के वेरीफाइड एक्स हैंडल से कैसे आता है?"  गौरव भाटिया ने कहा, "सब जानते हैं कि राहुल गांधी, पीएम मोदी से नफरत करते-करते इतने अंधे हो गए हैं कि उनको दिखाई नहीं दे रहा कि कांग्रेस के एक्स हैंडल से किस तरह का पोस्ट किया जा रहा है." उन्होंने कहा, "22 अप्रैल को यह हमला हुआ और गृहमंत्री अमित शाह तुरंह जहां हमला हुआ था वहां गए और पीड़ितों के परिजनों से मिलें. उन्होंने संदेश दिया कि हर भारतीय, हमारी सेना कंधे से कंधा मिलाकर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है, जिन्होंने अपना परिजन खोया है. उसी दिन से कांग्रेस पार्टी को यह रास नहीं आया और देखिए किस तरह से रॉबर्ट वाड्रा ने शुरुआत की और उन्होंने कहा क्योंकि यह सरकार हिंदुत्व को बढ़ावा देती है और इसलिए यह आतंकी हमला हुआ और देश के मुसलमान अपने आप को कमजोर समझ रहे हैं. और इस बयान का खंडन न सोनिया गांधी ने ना राहुल गांधी ने किया. बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, "हमारी एक स्पष्ट नीति है कि अगर हमारे देश की तरफ कोई बुरी नजर से देखेगा तो हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे. आप देखिए इस तस्वीर में क्या प्रतिबिंबित है. यह शरीर है और सिर नहीं है. सिर... तन से जुदा है. आज लश्कर ए पाकिस्तान... कांग्रेस की विचारधारा, आधारशिला और उनका चरित्र बन गई है. दूसरी बात देश के प्रधानमंत्री जो चट्टान हैं, यह चट्टान सुरक्षा की है. उस चट्टान को कांग्रेस तोड़ने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस में राहुल गांधी की सहमति के बिना पत्ता भी नहीं हिलता है. राहुल गांधी के कहने पर ही ऐसे पोस्ट किए जाते हैं, जो पूरे देश को शर्मसार तो करते ही हैं लेकिन पीड़ा भी देते हैं."  
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