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हिमाचल के मंडी में बड़ा हादसा, 200 फीट गहरी खाई में गिरी टेंपो ट्रैवलर, 2 लोग की मौत और 20 घायल
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हिमाचल के मंडी में बड़ा हादसा, 200 फीट गहरी खाई में गिरी टेंपो ट्रैवलर, 2 लोग की मौत और 20 घायल
टेंपो ट्रैवलर 200 फीट गहरी खाई में गिर गया. इस दुर्घटना में 2 की लोगों की मौत और 20 लोग घायल हो गए हैं. अभी तक दुर्घटना में कारणों का पता नहीं चल पाया है.
हिमाचल के मंडी जिले के सरकाघाट उपमंडल (Himachal Bus Accident) में एक दर्दनाक सड़क हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 लोग घायल हो गए. यह हादसा मंगलवार सुबह सरकाघाट के पटड़ीघाट क्षेत्र में कलखर के समीप उस समय हुआ, जब ठाकुर कोच की एक निजी बस अनियंत्रित होकर 200 फीट गहरी खाई में जा गिरी. बताया जा रहा है कि बस बलद्वाड़ा से मंडी की ओर जा रही थी. हादसे के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए। उन्होंने कई घायलों को बस से बाहर निकालकर उपचार के लिए रवाना किया.
गंभीर रूप से घायल यात्रियों को नेरचौक मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है, जबकि अन्य को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रिवालसर में भर्ती कराया गया है. हादसे के वक्त बस में लगभग 25 से अधिक यात्री सवार थे. जानकारी के अनुसार, बस के नीचे एक व्यक्ति दब गया है और चालक भी बुरी तरह बस के अंदर फंसा हुआ है. दोनों को बाहर निकालने के लिए क्रेन मंगवाई गई है.
सरकाघाट पुलिस की टीम मौके पर पहुंच चुकी है और राहत कार्य जारी है. प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण सड़क की खराब स्थिति और चालक की लापरवाही को बताया जा रहा है. सरकाघाट पुलिस की टीम मौके पर पहुंच चुकी है और राहत कार्य जारी है. प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण सड़क की खराब स्थिति और चालक की लापरवाही को बताया जा रहा है.
प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और मृतकों के परिजनों को सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है. डीएसपी सरकाघाट संजीव गौतम ने निजी बस के खाई में गिरने की पुष्टि की है.
हिमाचल हाई कोर्ट को मिली बस से उड़ाने की धमकी, पुलिस जांच में नहीं मिला IED
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हिमाचल हाई कोर्ट को मिली बस से उड़ाने की धमकी, पुलिस जांच में नहीं मिला IED
आम लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पूरे शिमला हाई कोर्ट परिसर को तत्काल खाली कराया गया, जिससे न्यायाधीशों, कर्मचारियों, अधिवक्ताओं और अन्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. हाई कोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्रों में एक व्यापक सैनेटाइजेशन और सर्च अभियान चलाया गया.
शिमला:
हिमाचल को ई-मेल के माध्यम से लगातार धमकियां मिलने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में सोमवार को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट को मानव आत्मघाती हमलावरों द्वारा इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) से ब्लास्ट करने की धमकी मिल. ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते शिमला पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए क्विक रिस्पॉन्स टीम को हाई कोर्ट भेजा. अलर्ट मिलते ही डीआईजी साउथ रेंज अंजुम आरा सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बम निरोधक दस्ते, त्वरित प्रतिक्रिया दल और डॉग स्क्वायड के जवान मौके पर पहुंचे.
आम लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पूरे हाई कोर्ट परिसर को तत्काल खाली कराया गया, जिससे न्यायाधीशों, कर्मचारियों, अधिवक्ताओं और अन्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. हाई कोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्रों में एक व्यापक सैनेटाइजेशन और सर्च अभियान चलाया गया. सभी कमरे, गलियारे तथा प्रवेश और निकासी बिंदुओं की सुनियोजित ढंग से जांच की गई, ताकि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु का पता लगाया जा सके.
4 घंटे तक चले इस गहन तलाशी अभियान में कोई विस्फोटक सामग्री या वास्तविक खतरा नहीं मिला. ऐसे में इस अलर्ट को झूठी चेतावनी घोषित किया गया. गौर हो कि हाल ही में सचिवालय स्थित मुख्य सचिव कार्यालय, मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओकओवर सहित कुछ जिला उपायुक्त कार्यालय को भी उड़ाने की धमकी मिली चुकी है. ऐसे में जांच एजेंसियां पूरे मामले की छानबीन में जुटी हुई हैं. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट में सुरक्षा पहरा कड़ा कर दिया गया है. साथ ही संदिग्धों पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
हिमाचल प्रदेश में कोविड को लेकर अलर्ट जारी, अस्पतालों में मास्क अनिवार्य
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हिमाचल प्रदेश में कोविड को लेकर अलर्ट जारी, अस्पतालों में मास्क अनिवार्य
स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे एहतियात बरतें, भीड़भाड़ से बचें, मास्क पहनें और कोविड से जुड़ी किसी भी समस्या के लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें.
शिमला:
देशभर में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है और इसका असर अब हिमाचल प्रदेश में भी नजर आने लगा है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण का नया मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल सतर्कता बरतते हुए एडवाइजरी जारी कर दी है. इसके तहत प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल परिसरों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मरीजों के साथ अस्पताल आनेवाले तीमारदारों को भी मास्क पहनना होगा. खासतौर पर बुजुर्गों, बच्चों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने और अनिवार्य रूप से मास्क पहनने की सलाह दी गई है.
एडवाइजरी में सार्वजनिक स्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की भी सख्त हिदायत दी गई है, ताकि संक्रमण]\श्रृंखला को तोड़ा जा सके.प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC), शिमला में कोविड से निपटने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं. अस्पताल में 150 ऑक्सीजन युक्त बेड वाले मेकशिफ्ट कोविड वार्ड को तैयार किया गया है. IGMC के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रवीण एस. भाटिया ने जानकारी देते हुए बताया कि, “स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर अस्पताल में कोविड की स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मरीजों को खांसी, बुखार और जुकाम जैसे लक्षण महसूस होने पर तुरंत अस्पताल आने की सलाह दी जा रही है, ताकि समय रहते इलाज किया जा सके और संक्रमण न फैले.
चिकित्सकों की टीम 24 घंटे मौजूद
उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में कोविड टेस्टिंग किट, आवश्यक दवाएं और चिकित्सकों की टीम 24 घंटे मौजूद है. स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO), मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों और सरकारी अस्पतालों के अधीक्षकों को अलर्ट पर रहने और स्थिति की लगातार निगरानी करने के निर्देश दिए हैं. बीते सप्ताह ही विभाग ने सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन प्लांट की कार्यशीलता जांचने, टेस्टिंग किट की उपलब्धता सुनिश्चित करने और ICU सुविधाएं सुदृढ़ करने को लेकर आदेश जारी किए थे.
विमल नेगी मौत मामले की जांच अब CBI के हाथ, हिमाचल का कोई अफसर नहीं होगा शामिल
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विमल नेगी मौत मामले की जांच अब CBI के हाथ, हिमाचल का कोई अफसर नहीं होगा शामिल
विमल नेगी के परिवार वालों ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा की सच्चाई की जीत हुई है. सीबीआई मामले की निष्पक्ष जांच करेगी और परिवार को न्याय मिलेगा.
हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित विमल नेगी मौत मामले (Vimal Negi Death Case) की जांच को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दिया है. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस अजय मोहन गोयल की अदालत ने ये फैसला सुनाया. स्वर्गीय विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने पुलिस जांच पर प्रश्न उठाए थे. उन्होंने हाई कोर्ट से निष्पक्ष जांच के लिए मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करने की गुहार लगाई थी. कोर्ट ने ACS होम ओंकार शर्मा, डीजीपी हिमाचल और शिमला पुलिस की SIT की जांच रिपोर्ट को आधार बनाते हुए मामला सीबीआई को ट्रांसफर किया है.
CBI करेगी विमल नेगी मौत मामले की जांच
अदालत ने आदेश दिए हैं कि सीबीआई जांच टीम में हिमाचल कैडर का कोई भी अधिकारी शामिल नहीं होगा. मामले में एसीएस और डीजीपी की स्टेटस रिपोर्ट को आधार बनाते हुए जांच को सीबीआई को सौंपने के आदेश जारी किए हैं. अदालत ने मामले में शिमला पुलिस को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि महीने बीत जाने पर भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची. एसीएस और डीजीपी की रिपोर्ट में पावर कॉर्पोरेशन के तत्कालीन प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा, निलंबित निदेशक देशराज पर गंभीर आरोप लगे हैं.
मामले को दबाने की कोशिश का आरोप
विमल नेगी के परिवार वालों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा की सच्चाई की जीत हुई है. सीबीआई मामले की निष्पक्ष जांच करेगी और परिवार को न्याय मिलेगा. परिवार का आरोप है कि सरकार ने मामले को दबाने की कोशिश की और शिमला पुलिस ने भी जांच को अलग दिशा देने का काम किया. विमल नेगी के भाई का आरोप है कि ये आत्महत्या नहीं हत्या का मामला हैं, जिसकी निष्पक्ष जांच अब सीबीआई करेगी.
क्या है विमल नेगी केस?
बता दें कि हिमाचल पॉवर पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च को अचानक लापता हो गए थे. 8 दिन बाद 18 मार्च को उनका शव गोविंद सागर झील से बरामद हुआ था. शव मिलने के बाद परिजनों ने इसे आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या करार देते हुए पॉवर पावर कॉर्पोरेशन मुख्यालय, शिमला में वरोध-प्रदर्शन किया था. इस दौरान सरकार के 4 मंत्री मौके पर पहुंचे थे और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया था.
विमल नेगी केस में अब तक क्या हुआ?
विमल नेगी की मौत के बाद सरकार ने पावर कॉर्पोरेशन के निदेशक देशराज को सस्पेंड कर दिया था और एमडी हरिकेश मीणा को पद से हटा दिया था. इन दोनों के खिलाफ शिमला पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. देशराज को सुप्रीम कोर्ट से और हरिकेश मीणा को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है.इस बीच, राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ओंकार शर्मा कमेटी और शिमला पुलिस की एसआईटी गठित की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी. लेकिन परिजनों ने आरोप लगाया कि जांच में बड़े अधिकारियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी. अब सीबीआई विमल नेगी की मौत और हिमाचल पॉवर कॉरपोरेशन में गड़बड़ी से पर्दा उठाएगी.
हिमाचल के CM सुक्खू के घर के करीब दिखे संदिग्ध ड्रोन, मचा हड़कंप, लोगों ने की लाइटें घरों की लाइटें बंद
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स्थानीय लोगों ने घरों की लाइटें आदि तुरंत बंद कर दीं. करौर पंचायत के पूर्व उप प्रधान संजीव कुमार और मुख्यमंत्री की गृह पंचायत अमलेहड़ की प्रधान सोनिया ठाकुर ने बताया कि पहले यह ड्रोन सेरा गांव के ऊपर उड़ते हुए देखे गए.
हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के पैतृक निवास के बेहद करीब अति संवेदनशील स्थल पर भी काफी देर तक एक ड्रोन उड़ता हुआ देखा गया जहां उनकी वयोवृद्ध माता समेत अन्य परिजन भी घर में रह रहे हैं.
हमीरपुर के पुलिस थाना नादौन के तहत गौना, सेरा, माझियार से साथ लगते क्षेत्रों में ड्रोन देखे जाने की सूचना से देर शाम हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों और पंचायत प्रतिनिधियों से सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर जांच के लिए रवाना हुई. क्षेत्र में आसमान में चार ड्रोन उड़ते हुए देखे गए.
स्थानीय लोगों ने घरों की लाइटें आदि तुरंत बंद कर दीं. करौर पंचायत के पूर्व उप प्रधान संजीव कुमार और मुख्यमंत्री की गृह पंचायत अमलेहड़ की प्रधान सोनिया ठाकुर ने बताया कि पहले यह ड्रोन सेरा गांव के ऊपर उड़ते हुए देखे गए. जिनमें से एक गौना की ओर, एक माझयार की ओर और एक कोहला गांव की ओर बहुत तेज गति से जाता हुआ देखा गया. स्थानीय लोगों के मुताबिक एक ड्रोन क्रैश हो गया है.
हालांकि, पुलिस की तरफ से अभी तक इसकी पुष्टि नही हुई है. थाना प्रभारी नादौन निर्मल सिंह ने बताया कि पुलिस टीम को तुरंत मौका पर भेजा गया है तथा मामले की जांच शुरू कर दी गई है. एसपी हमीरपुर भगत सिंह ठाकुर ने कहा कि डीएसपी और स्थानीय थाना प्रभारी टीम के साथ मौके पर भेजे गए हैं. मामले में जांच की जा रही है.
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल बैठक में CM का बड़ा फैसला, खाली पदों पर जल्द शुरू होगी भर्ती
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हिमाचल प्रदेश में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान खाली पड़ी सीटों पर भर्ती से लेकर कई महत्वपूर्ण विषयों पर फैसला लिया गया है.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में अलग-अलग विभागों में कार्यरत उन चतुर्थ श्रेणी के पार्ट-टाइम कर्मचारियों को दैनिक भोगी कर्मचारी में परिवर्तित करने का निर्णय लिया, जिन्होंने 31 मार्च, 2025 तक 7 साल का निरन्तर कार्यकाल पूरा कर लिया है. बैठक में वन विभाग के वन्यजीव विंग को शिमला से जिला कांगड़ा के धर्मशाला स्थित सीपीडी केएफडब्ल्यू परियोजना कार्यालय भवन में स्थानातंरित करने को स्वीकृति प्रदान की गई. साथ ही सीपीडी केएफडब्ल्यू परियोजना कार्यालय को वन अरण्यपाल (वन्यजीव) धर्मशाला के खाली भवन में स्थानातंरित करने का निर्णय लिया गया.
जेल में खाली पदों पर भर्ती की स्वीकृति
मंत्रिमंडल की बैठक में जिला कारागार को मंडी से नेरचौक के नवनिर्मित भवन में स्थानातंरित करने की स्वीकृति दी गई. मंडी के वर्तमान जेल परिसर को महिलाओं की ओपन जेल में परिवर्तित किया जाएगा. इस जेल के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के आवश्यक पदों को सृजित कर भरने की स्वीकृति भी प्रदान की गई.
बैठक में राजस्व विभाग के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश ऑनलाइन फाइलिंग एंड प्रोसेसिंग ऑफ कोर्ट केस नियम-2025 को मंजूरी प्रदान की गई. इन नियमों के अन्तर्गत राजस्व न्यायालय आवेदन, अपील, पुनरीक्षण, समीक्षा आदि अन्य याचिकाएं ऑनलाइन प्राप्त और प्रसंस्कृत कर सकेंगे.
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग को परीक्षाओं की फीस तय करने का अधिकार प्रदान करने को स्वीकृति प्रदान की.
बैठक में ऊना जिले के चिंतपूर्णी, जिला शिमला के सराहन विशेष क्षेत्र और जिला हमीरपुर के भोटा योजना क्षेत्र के लिए विकास योजनाएं तैयार करने का निर्णय लिया गया ताकि राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ लगते क्षेत्रों में अनियंत्रित निर्माण और अव्यवस्थित व्यावसायिक विकास पर अंकुश लगाया जा सके.
मंत्रिमंडल ने विभिन्न सरकारी विभागों में (जहां मांग प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है) रिक्त पदों की मांग, चयन प्रक्रिया और नियुक्ति प्रस्तावों से संबंधित नए दिशा-निर्देशों को स्वीकृति प्रदान की. भविष्य में होने वाली नियुक्तियों के पहलुओं पर विचार के लिए एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति गठित करने का निर्णय लिया गया.
बैठक में परिवहन सेवाओं के सुधार के दृष्टिगत स्थानीय मांग के अनुरूप प्रदेश में 350 नए स्टेज कैरेज रूट और अन्य अतिरिक्त मार्गों को 18 सीटर निजी टैम्पों ऑपरेटरों द्वारा संचालित करने की स्वीकृति दी गई.
मंत्रिमंडल ने कैजुअल्टी चिकित्सा अधिकारी के 68 पदों तथा विभिन्न श्रेणियों के 13 पदों सहित चिकित्सा अधिकारियों के कुल 81 पद भरने को मंजूरी दी. यह निर्णय राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों और चिकित्सा संस्थानों में आपातकालीन सेवाओं, ट्रॉमा सेंटर, कैजुअल्टी यूनिट्स, ब्लड बैंक तथा तृतीयक कैंसर केयर सुविधाओं को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत लिया गया है.
मंत्रिमंडल ने फॉरेंसिक सेवाएं विभाग में फॉरेंसिक क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए एफएसीटी और एफएसीटी प्लस के 18 क्वालीफाइड प्रोफेशनल्स की भर्ती करने को स्वीकृति प्रदान की.
इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने कृषि विस्तार सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों में विषयवाद विशेषज्ञों के 11 पदों को भरने को मंजूरी दी.
मंत्रिमंडल ने मोहाल छोटा शिमला, देहात शिमला में 14 और 17 मंजिला दो भवनों के वाणिज्यिक परिसर के निर्माण को मंजूरी दी. इस परियोजना का उद्देश्य शहर की बढ़ती प्रशासनिक और वाणिज्यिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आधुनिक सुविधाओं, पर्याप्त पार्किंग और एक बेहतर डिजाइन लेआउट से युक्त विश्व-स्तरीय बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है.
मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग के तहत पेयजल आपूर्ति योजनाओं के निष्पादन और रख-रखाव के लिए पंचायतों की ओर से सेवा प्रदाता के रूप में जल शक्ति विभाग को नामित किया.
मंत्रिमंडल ने चरण-2 और चरण-3 के तहत एम्स बिलासपुर के विस्तार के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के पक्ष में मौजा चंगर पलासियां में 21-09 बीघा भूमि के हस्तांतरण को स्वीकृति प्रदान की.
मंत्रिमण्डल ने चंबा जिले के रेवेन्यू एस्टेट सरोल में 52-17-00 बीघा भूमि को जवाहर नवोदय विद्यालय के संचालन के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग को हस्तांतरित करने को भी मंजूरी दी.
मंत्रिमण्डल ने शिमला जिले में नगर पंचायत सुन्नी को नगर परिषद में स्तरोन्नत करने के संबंध में पूर्व में जारी अधिसूचना को वापस लेने को भी स्वीकृति प्रदान की.
शिमला की संजौली मस्जिद को कोर्ट ने पूरी तरह अवैध माना, पूरे ढांचे को गिराने का दिया आदेश
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शिमला के संजौली में बनी मस्जिद को लेकर आज एक बड़ा फैसला आया है। एमसी कोर्ट ने इस मस्जिद के पूरे ढांचे को अवैध घोषित करते हुए उसे गिराने का आदेश दे दिया है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में बनी मस्जिद पूरी तरह अवैध है और मस्जिद की सभी चार इमारतें तोड़ी जाएंगी। शिमला नगर निगम की कमिश्नर कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाते हुए पूरी मस्जिद को अवैध माना और सभी मंजिलों को तोड़ने का निर्देश दिया है। संजौली की मस्जिद को कोर्ट ने ‘गैरकानूनी ढांचा’ बताया। 15 साल से चले आ रहे विवाद पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड का ज़मीन पर कोई हक नहीं है। माना जा रहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम जल्द ही मस्जिद पर बुलडोजर की कार्रवाई कर सकता है।
पूरी मस्जिद को गिराने का आदेश
नगर निगम (एमसी) कोर्ट ने इस मस्जिद के पूरे ढांचे को अवैध घोषित करते हुए उसे गिराने का आदेश दे दिया है। एमसी कोर्ट ने साफ कहा है कि मस्जिद का निर्माण बिना किसी वैध अनुमति, एनओसी और सैंक्शन मैप के किया गया था।
निगम कोर्ट ने सुनाया अंतिम फैसला
कोर्ट के आदेश के अनुसार, मस्जिद के ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर को भी अब अवैध माना गया है, जबकि इससे पहले 5 अक्टूबर 2024 को सेकंड, थर्ड और फोर्थ फ्लोर को गिराने का आदेश पहले ही जारी किया जा चुका था। स्थानीय लोगों की ओर से पैरवी कर रहे वकील जगत पाल ने बताया कि हाई कोर्ट के निर्देश के तहत नगर निगम आयुक्त को छह हफ्तों के भीतर इस मामले का निपटारा करना था और आज का फैसला उसी प्रक्रिया का हिस्सा है।
हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड के वकील नहीं पेश कर पाए कागजात
कोर्ट ने यह भी माना है कि हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड पिछले 15 वर्षों में यह साबित नहीं कर पाया कि विवादित जमीन पर उसका कोई मालिकाना हक है। इतना ही नहीं, बोर्ड द्वारा टैक्स की एनओसी तक नगर निगम से नहीं ली गई और न ही कोई वैध दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पुराने ढांचे को भी बिना अनुमति के गिराया गया था। इसके बाद इस जमीन पर नया निर्माण अवैध रूप से किया गया, जो नगर निगम अधिनियम की धाराओं का खुला उल्लंघन था।
बता दें कि शिमला के ढली इलाके में हिंदू संगठनों के सदस्यों ने इकट्ठा होकर संजौली इलाके में बनी मस्जिद के अवैध निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस मामले को लेकर काफी प्रदर्शन हुआ था।
हिमाचल प्रदेश में बारिश के साथ ओले, 2 से 7 मई तक अलर्ट जारी
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हिमाचल के अधिकांश क्षेत्रों में 7 मई तक बारिश, अंधड़ और ओलावृष्टि का पूर्वानुमान है. ऊंची चोटियों पर हिमपात की संभावना है.
2 मई को हिमाचल में बारिश-ओलावृष्टि के साथ कई इलाकों में अंधड़ चला. रोहतांग समेत लाहौल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात भी हुआ. शिमला, धर्मशाला, मंडी, सोलन, बिलासपुर और कुल्लू समेत कई क्षेत्रों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई. उधर, लाहौल-स्पीति में उदयपुर-किलाड़ सड़क पर दरेड़ नाला के पास बुधवार रात हिमखंड गिर गया. इससे सड़क करीब तीन घंटे तक बाधित रही, जिससे दर्जनों वाहन फंसे रहे. हिमखंड गिरने से सड़क पर बर्फ के ढेर लग गए हैं. ओला से सेब फ्लावरिंग, गुठलीदार फलों, मटर समेत अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा है. कटाई के बीच बारिश से गेहूं को भी क्षति हुई है.
शिमला समेत प्रदेश के विभिन्न इलाकों में शुक्रवार को बारिश हुई हैं. कई जगह पेड़ गिरे. शाम सुबह 7 बजे के बाद शुरू हुई बारिश देर रात तक जारी रही. ये मौसम दौर हिमाचल में 7 मई तक रहने का अनुमान है. शिमला, धर्मशाला सहित अन्य क्षेत्रों में बारिश के साथ अंधड़ भी चला. रामपुर उपमंडल के दुर्गम क्षेत्र 15/20 की जघोरी और फांचा पंचायत में बुधवार रात ओलावृष्टि हुई. इससे सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है. प्रदेश के अधिकतम तापमान में मौसम बदलने से गिरावट दर्ज हुई है. हरी सब्जियों व अगेती मक्की के लिए बारिश को लाभदायक मना जा रहा है, जबकि आलू के लिए बारिश नुकसानदायक मानी जा रही हैय
हिमाचल के अधिकांश क्षेत्रों में 7 मई तक बारिश, अंधड़ और ओलावृष्टि का पूर्वानुमान है. ऊंची चोटियों पर हिमपात की संभावना है. कई भागों में अंधड़ चलने का भी येलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 2 से 4 मई के दौरान राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है. 5 व 6 मई को मध्य, निचले पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं. 7 मई को भी कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना है. उधर, अगले 4-5 दिनों के दौरान राज्य के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे 2-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने के आसार हैं. राज्य के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी.
हिमाचल शिमला समझौते पर पाकिस्तानी झंडा हटाया गया
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शिमला समझौते पर हस्ताक्षर को कवर करने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार ने शुक्रवार को 'पीटीआई भाषा' को बताया कि करीब 53 साल पुराने इस समझौते में सभी विवादास्पद मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से सुलझाने और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति बनाए रखने पर जोर दिया गया था.
हिमाचल प्रदेश राजभवन में उस ऐतिहासिक मेज पर से शुक्रवार सुबह पाकिस्तानी झंडा गायब (Pakistani flag) पाया गया, जिस पर बैठकर शिमला समझौते (Shimla Agreement) पर हस्ताक्षर किए गए थे. यह बात पाकिस्तान द्वारा 1972 में हस्ताक्षरित समझौते को निलंबित करने के एक दिन बाद सामने आई है. जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को एक आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान द्वारा शिमला समझौते को स्थगित किया गया है.
लकड़ी की टेबल पर हुए थे शिमला समझौते पर हस्ताक्षर
इस समझौते पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को हस्ताक्षर किए थे. समझौते पर हस्ताक्षर जिस चमकदार लकड़ी की मेज पर किए गए थे उसे हिमाचल प्रदेश राजभवन के कीर्ति हॉल में एक ऊंचे लाल रंग के मंच पर रखा गया है.
मेज पर भुट्टो द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर करने और उनके बगल में बैठीं इंदिरा गांधी की तस्वीर रखी हुई है, जबकि पृष्ठभूमि में दीवार पर 1972 के भारत-पाकिस्तान शिखर सम्मेलन की कई अन्य तस्वीरें लगी हुई हैं. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तानी झंडा कब हटाया गया, लेकिन राजभवन के अधिकारियों ने पुष्टि की कि पड़ोसी देश का झंडा 'मेज पर नहीं है.'
शिमला समझौते में विवादास्पद मुद्दे सुलझाए गए
समझौते पर हस्ताक्षर को कवर करने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार ने शुक्रवार को 'पीटीआई भाषा' को बताया कि करीब 53 साल पुराने इस समझौते में सभी विवादास्पद मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से सुलझाने और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति बनाए रखने पर जोर दिया गया था. उन्होंने कहा, 'हालांकि, पाकिस्तान द्वारा इसका बार-बार उल्लंघन किया गया और इसके निलंबन का कोई औचित्य नहीं है. यहां तक कि अगर झंडा हटा भी दिया जाता है तो भी कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि अतीत में पाकिस्तान द्वारा कई बार समझौते का उल्लंघन किया गया है.
शिमला समझौते में क्या है?
वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि समझौते पर उस समय हस्ताक्षर किया गए थे जब स्थिति पूरी तरह से भारत के नियत्रंण में थी और उसने 90 हजार युद्ध बंदियों को लौटाने और भारतीय सेना द्वारा कब्जा की गई 13 हजार वर्ग किमी जमीन वापस करने का निर्णय किया था, जो एक भारी भूल थी. उन्होंने पहलगाम, पुलवामा और उरी में हुए आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि उस भूल की हम यह कीमत चुका रहे हैं.
सिक्किम में भारी बारिश और लैंडस्लाइड, 1000 से ज्यादा पर्यटक फंसे, सभी ट्रैवल परमिट रद्द
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लगातार बारिश की वजह से उत्तरी सिक्किम (Sikkim Rain Landslide) के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. जिससे सड़क संपर्क और यात्रा सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ा है. इस सब को देखते हुए आज उत्तरी सिक्किम की यात्रा के लिए परमिट जारी नहीं किए जाएंगे.
उत्तरी सिक्किम में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन (Sikkim Rain Landslide) की वजह से एक हजार से ज़्यादा पर्यटक अलग-अलग जगहों पर फंस गए हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, चुंगथांग गुरुद्वारा और ITBP कैंप में अभी करीब 200 पर्यटक वाहन फंसे हुए हैं, जबकि लाचुंग में करीब 1,000 पर्यटक फंसे (Sikkim Tourist Stuck) हैं. खराब मौसम और सड़क यातायात में आ रही परेशानी की वजह से अधिकारियों ने आज उत्तरी सिक्किम के लिए पहले से निर्धारित सभी ट्रैवल परमिट रद्द कर दिए हैं. पहले जारी किए गए अग्रिम परमिट भी अमान्य घोषित कर दिए गए हैं.
सिक्किम में ट्रैवल एडवाइजरी जारी
अधिकारियों ने टूर ऑपरेटरों को सख्त निर्देश दिए है कि सुरक्षा कारणों से आज किसी भी पर्यटक को उत्तरी सिक्किम नहीं भेजा जाए. वहां हो रही लगातार भारी बारिश और भूस्खलन को देखते हुए उत्तरी सिक्किम के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की गई है. मंगन जिले के पुलिस अधीक्षक सोनम देचू भूटिया से मिली जानकारी के मुताबिक, लाचेन-चुंगथांग मार्ग पर मुंशीथांग और लाचुंग-चुंगथांग मार्ग पर लेमा/बॉब में बड़े भूस्खलन की सूचना मिली है.
कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात
लगातार बारिश की वजह से उत्तरी सिक्किम के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. जिससे सड़क संपर्क और यात्रा सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ा है. इस सब को देखते हुए आज उत्तरी सिक्किम की यात्रा के लिए परमिट जारी नहीं किए जाएंगे. और पहले जारी किए गए सभी परमिट भी आधिकारिक तौर पर रद्द कर दिए गए हैं. सभी टूर ऑपरेटरों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे सार्वजनिक सुरक्षा के हित में आज किसी भी पर्यटक को उत्तरी सिक्किम न भेजें.
दिल्ली से राजस्थान तक इस हफ्ते चलने वाली है लू की लहर, जानें क्या बता रहा मौसम विभाग
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हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, मंडी और कांगड़ा जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है. कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश के साथ गरज, बिजली, ओलावृष्टि और 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार वाली तेज हवाएं चलने की संभावना है.
दिल्ली-एनसीआर समेत लगभग पूरे उत्तर भारत में गर्मी का सितम जारी है. सूरज की तपिश लगातार बढ़ती जा रही है. हालांकि पिछले कुछ दिनों से शाम में चली हवाओं ने लोगों को हल्की राहत जरूर दी थी. लेकिन रविवार की रात पिछले तीन सालों की सबसे गर्म रात रही. लोगों के घरों के फैन और कूलर पूरा दम लगाकर घूम रहे हैं, क्योंकि गर्मी का टॉर्चर अब बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच मौसम विभाग ने आज के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है. आईएमडी के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत में भीषण गर्मी और लू का प्रकोप जारी रहेगा, वहीं पूर्वोत्तर और दक्षिणी राज्यों में बारिश और आंधी की संभावना बनी हुई है. वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के अस से कुछ क्षेत्रों में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है. जानिए आज के दिन कहां कैसा मौसम रहेगा.
दिल्ली में आज कैसा रहेगा मौसम
मौसम विभाग ने आज दिल्ली में आंशिक रूप से बादल छाए रहने और अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया है. दिल्ली में रविवार को सबसे अधिक न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4.4 डिग्री अधिक है. पिछली बार शहर में इतना अधिक न्यूनतम तापमान 2022 में रिकॉर्ड किया गया था, जब पारा 26.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. रविवार को अधिकतम तापमान 39.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक है.
दिल्ली में 3 साल में सबसे गर्म अप्रैल की रात
दिल्ली में न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से चार डिग्री अधिक है. यह पिछले 3 सालों में अप्रैल की सबसे गर्म रात थी. इससे पहले 2022 में 14 अप्रैल को सफदरजंग में 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. अगले दो दिनों में दिन का तापमान 39-41 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है, लेकिन इसके बाद इसमें अभी और बढ़ोतरी हो सकती है.
दिल्ली के मौसम का लेटेस्ट अपडेट
20 अप्रैल को अधिकतम तापमान 39.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
IMD ने 7 दिनों का पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया कि 21 अप्रैल को अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचेगा.
23 से 25 अप्रैल तक 41 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा. न्यूनतम तापमान 25 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है.
21 अप्रैल को आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे. 22 से 24 अप्रैल तक मौसम मुख्य रूप से साफ रहेगा, जबकि 25 अप्रैल को फिर से आंशिक बादल छाने की संभावना है.
कब किस राज्य में चलेगी लू
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार को अगले पांच दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस बढ़ोतरी की संभावना है. देश के कई हिस्सों में लू चलने की भविष्यवाणी की है. IMD के अनुसार, दक्षिणी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 22-24 अप्रैल, राजस्थान और हरियाणा में 23-24 अप्रैल, और विदर्भ में 21-23 अप्रैल को अलग-अलग इलाकों में लू चलने की संभावना है. जिसके लिए 'येलो' अलर्ट जारी करते हुए, IMD ने बुजुर्गों और बच्चों को गर्मी से बचने की सलाह दी है.
हालांकि, पूर्वोत्तर भारत में मंगलवार से भारी बारिश का नया दौर शुरू हो सकता है, जबकि पूर्वी भारत में अगले चार दिनों में तापमान में 4-6 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है. इससे पहले, 8 अप्रैल के आसपास गर्मी अपने चरम पर थी, जब पश्चिमी राजस्थान में पारा 46 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया था. इसके बाद 9 से 12 अप्रैल और पिछले सप्ताह बारिश की पारा नीचे आ गया. रविवार को महाराष्ट्र के चंद्रपुर में 44.6 डिग्री सेल्सियस के साथ देश का सबसे गर्म स्थान दर्ज किया गया.
उत्तर प्रदेश के मौसम का हाल
उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा. पूर्वी उत्तर प्रदेश, जैसे गाजीपुर, प्रयागराज, और कुशीनगर में गरज-चमक के साथ हल्की बूंदाबांदी और 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है. वहीं दिल्ली से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इलाके मेरठ और मुरादाबाद में धूल भरी आंधी (50-70 किमी प्रति घंटे) का अनुमान है. इस दौरान अधिकतम तापमान 38-40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22-24 डिग्री सेल्सियस रहेगा.
राजस्थान में भीषण गर्मी और लू का सितम
राजस्थान में भीषण गर्मी का कहर देखने को मिल रहा है. जैसलमेर, बाड़मेर, और बीकानेर जैसे पश्चिमी राजस्थान के जिलों में अधिकतम तापमान 43-46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. पूर्वी राजस्थान में लू की स्थिति बनी रहेगी, और इसके साथ ही छिटपुट धूल भरी आंधी की संभावना है. इस दौरान न्यूनतम तापमान 28-30 डिग्री सेल्सियस रहेगा. यहां भी मौसम विभाग ने लोगों से गर्मी से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी है.
हिमाचल: चीफ सेक्रेटरी ने अफसरों को दी होली पार्टी, सरकार को भेज दिया बिल, इससे पहले सीएम के समोसों पर हुआ था बवाल
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हिमाचल सरकार कुछ महीने पहले सीएम सुक्खू के समोसे खाने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की बात के चलते चर्चा में आई थी। अब चीफ सेक्रेटरी ने होली पार्टी का बिल सरकार को भेज दिया है।
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार अपने अधिकारियों को काबू नहीं कर पा रही है। कभी मुख्यमंत्री के लिए लाए गए समोसे सुरक्षाकर्मियों के बीच बांट दिए जाते हैं तो कभी चीफ सेक्रेटरी अफसरों को पार्टी देकर बिल सरकार को थमा देते हैं। ताजा मामला हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना का है, जिन्होंने अपनी पार्टी का 1.22 लाख रुपये का बिल सरकार को थमा दिया है। प्रबोध सक्सेना को 31 मार्च के दिन रिटायर होना था। ऐसे में उन्होंने सभी अफसरों को 14 मार्च के दिन पार्टी दी थी।
हिमाचल सरकार ने प्रबोध को छह महीने का सेवा विस्तार देते हुए उनके रिटायरमेंट की तारीख आगे बढ़ा दी। ऐसे में प्रबोध ने सरकार को पार्टी का बिल भी थमा दिया। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार प्रबोध ने शिमला में राज्य सरकार के जरिए संचालित होटल हॉलिडे होम में होली (14 मार्च) पर आईएएस अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए एक लंच पार्टी का आयोजन किया था। अब भुगतान के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव को 1.22 लाख रुपये का बिल भेज दिया है।
क्या बोले अधिकारी?
बिल में आईएएस अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से 77 भोजन, 22 ड्राइवरों के लिए 585 रुपये प्रति भोजन, 11,800 रुपये टैक्सी किराया तथा 22,350 रुपये कर और अन्य शुल्क शामिल थे। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि अंतिम प्राधिकरण के निर्देशों के अनुसार ही बिल को भरा जाना चाहिए। इस मामले पर सार्वजनिक रूप से किसी सरकारी अधिकारी ने बयान नहीं दिया है।
पैसे का दुरुपयोग करते रहे हैं नौकरशाह
यह राज्य में पहला मामला नहीं है, जब नौकरशाहों पर पैसे की कमी से जूझ रही हिमाचल सरकार के खजाने का दुरुपयोग करने का आरोप लगा हो। इससे पहले, पूर्व मुख्य सचिव और रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के पूर्व अध्यक्ष श्रीकांत बाल्दी पर हिमाचल प्रदेश और राजस्थान और हरियाणा सहित अन्य राज्यों के विभिन्न सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों को सेब की पेटियां उपहार में देने के आरोप लगे थे। मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद, राजस्थान के मूल निवासी बाल्दी ने जनवरी 2020 से दिसंबर 2024 तक रेरा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। पूर्व उप महाधिवक्ता विनय शर्मा ने राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत दर्ज कर मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी।
44,100 रुपये में खरीदी थी सेब की पेटियां
विनय शर्मा ने कहा था कि आरटीआई अधिनियम के तहत मिली जानकारी के अनुसार, रेरा फंड का इस्तेमाल कर हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) से 44,100 रुपये में 49 सेब की पेटियां खरीदी गईं और अकेले 2022 में बाल्दी द्वारा विभिन्न अधिकारियों को उपहार में दी गईं। बाद में नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा था कि उनके विभाग ने रिकॉर्ड मंगवा लिया है और उचित जांच की जाएगी। लेकिन, आज तक, न तो राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और न ही नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग की ओर से जांच के नतीजे के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी दी गई है।
भाजपा ने जांच की मांग की
पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने गुरुवार को मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की होली पार्टी के लिए सरकारी धन के कथित दुरुपयोग पर गंभीर चिंता जताई और इस घटना को लोकतांत्रिक मूल्यों, नैतिक मानकों और प्रशासनिक शिष्टाचार का "घोर उल्लंघन" बताया। हिमाचल प्रदेश पर कथित तौर पर 1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, ठाकुर ने सरकार और नौकरशाही की आलोचना करते हुए कहा कि वे "आम लोगों की पीड़ा के प्रति उदासीन" हैं। उन्होंने निष्पक्ष जांच और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, "यह न केवल वित्तीय अनुशासन में चूक है बल्कि केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 का उल्लंघन है, जिसके तहत सरकारी अधिकारियों से वफादारी, ईमानदारी और निष्पक्षता की अपेक्षा की जाती है।
सीएम के समोसों पर हुआ था बवाल
पिछले साल 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू CID हेडक्वार्टर में साइबर विंग स्टेशन का उद्घाटन करने के लिए गए थे। यहां पर सीएम के लिए लाया गया केक और समोसे उनके स्टाफ को बांट दिए गए। इसकी जांच सीआईडी ने की। जांच में पता चला कि सिर्फ एसआई को ही पता था कि ये डिब्बे खास तौर पर सीएम सुक्खू के लिए थे। इसके बाद पांच पुलिसकर्मियों को नोटिस भी जारी किया गया था।