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हिमाचल के लाहौल स्पीति में सड़ रहा गोभी, जयराम ठाकुर पहुंचे तो किसानों ने बताया अपना दर्द

जयराम ठाकुर लाहौल स्पीति पहुंचे तो किसानों ने उन्हें अपने खेतों में बर्बाद हो रही गोभी की फसल दिखाई. किसानों ने अपने नुकसान के बारे में भी उन्हें बताया.   हिमाचल प्रदेश में बरसात ने खूब कहर बरपाया है. लाहौल स्पीति में तो सब्ज़ियां खेतों में ही सड़ गई हैं और सड़क बंद होने की वजह से भारी नुक़सान किसानों को झेलना पड़ा है. आज पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लाहौल स्पीति की सिसु पंचायत का दौरा किया. वहां के हालत देख वो भी परेशान हो गए. गोभी की फसल इस बार बंपर हुई, लेकिन आपदा में सड़कें बंद होने की वजह से बाज़ार तक नहीं पहुंच पाई. अब खेतों में ही सड़ रही हैं. पूरे क्षेत्र में महामारी फैलने का ख़तरा अलग से मंडरा रहा है. फसलें सड़ जाने की वजह से किसानों का लाखों रुपये का नुकसान हुआ है.  वहीं दिल्ली में गोभी 100 से 120 रुपये किलो बिक रहा है. नोएडा में तो और भी ज्यादा कीमत लग रही है. नोएडा में कीमत 160 रुपये किलो तक है. अन्य सब्जियों के रेट भी काफी महंगे हो गए हैं. वहीं हिमाचल प्रदेश में गोभी खेतों में सड़ रहा है. बारिश के कारण कई सड़कें बंद हो गई हैं. इसके कारण किसान अपना माल बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं. इतनी ज्यादा मात्रा में गोभी घर में रखने की जगह नहीं है. लिहाजा खेत में ही पड़े-पड़े सड़ रही है. जयराम ठाकुर लाहौल स्पीति पहुंचे तो किसानों ने उन्हें अपने खेतों में बर्बाद हो रही गोभी की फसल दिखाई. किसानों ने अपने नुकसान के बारे में भी उन्हें बताया.  पूर्व मुख्यमंत्री ने भी किसानों की इस दुर्दशा पर दुख जताते हुए राज्य सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द सड़कों को ठीक किया जाए. साथ ही किसानों के नुकसान की भरपाई की जाए. उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से हिमाचल सरकार को दी गई मदद के बारे में भी किसानों को अवगत कराया. साथ ही भरोसा दिया कि उनकी पार्टी पूरी तरह से किसानों के साथ है और उनकी समस्याओं पर काम करेगी.
हिमाचल 

कुल्लू अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव में लोक कलाकारों की इस बार रहेगी धूम

दशहरा के दौरान लोगों की सुविधा के लिये पूर्व की भांति शटल बस सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी. हर पार्किंग के लिये नगर परिषद द्वारा रेट निर्धारित किये गये हैं और इसके लिये सभी पार्किंग संचालकों को तय रेट ही लेने के आदेश दिये गये हैं. पिछले दो वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव को बेहतर से बेहतरीन करने का प्रयास किया गया है. उत्सव को इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस के कैलेंडर में भी शामिल किया गया और विदेशी सांस्कृतिक दलों ने इसमें अपनी शानदार प्रस्तुतियां दी हैं,  लेकिन इस बार प्रदेश को भारी प्राकृतिक आपदा ने झकझोर कर रख दिया है और जिला कुल्लू भी गंभीर रूप से प्रभावित रहा है. ऐसे में जनता के फीडबैक और सुझावों को देखते हुए इस बार विदेशी सांस्कृतिक दलों को आमंत्रित नहीं किया गया है. सभी सांस्कृतिक संध्याओं में प्रदेश के लोक कलाकारों, सांस्कृतिक दलों और स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियां होंगी और सभी आयोजनों में खर्चों में की गई इस बचत को आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और राहत कार्यों के दिया जायेगा. उत्सव के इस बार केवल एक ही सांस्कृतिक मंच लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र रहेगा और सारी सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन होगा. कुल्लू दशहरा देवी-देवताओं का उत्सव अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव समिति कुल्लू की महत्वपूर्ण बैठक अटल सदन में समिति के अध्यक्ष एवं विधायक कुल्लू सुंदर सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा केवल एक सांस्कृतिक पर्व ही नहीं, बल्कि देवी-देवताओं का उत्सव है. इस दौरान ज़िला भर से देवी-देवता कुल्लू पधारते हैं, और उनकी अगवानी करना तथा उन्हें हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराना उत्सव समिति की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि देवताओं के ठहरने, बैठने, भोजन और अन्य आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा. समिति का उद्देश्य यह है कि देवताओं और उनके साथ आने वाले बजंतरियों, गुर व कारदारों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. यदि देवताओं और उनके लिए किसी भी प्रकार की नई सुविधा का सृजन अथवा व्यवस्था करने की आवश्यकता पड़ेगी, तो उत्सव समिति इसके लिए पूरी तरह सक्षम और तत्पर है. वहीं समिति इस बात को सुनिश्चित करेगी कि धार्मिक आस्था और परंपरा के अनुरूप इस भव्य उत्सव का आयोजन गरिमा के साथ संपन्न हो. उत्सव के दौरान देवताओं के आगमन मार्गों और समारोह स्थल से लावारिस पशुओं को हटाकर सुरक्षित स्थानों पर भेजने और उनके लिए अस्थाई बाड़े बनाने के लिए शीघ्र कमेटी गठित करने के निर्देश दिए.  कार्निवाल में दिखेगी कुल्लू सांस्कृतिक झलक इस बार कल्चरल परेड का आयोजन नहीं किया जा रहा है. पूर्व की भांति कुल्लू कार्निवाल आयोजित किया जा रहा है, जिसमें कुल्लू की संस्कृति की झलक के साथ-साथ सुरक्षित निर्माण और आपदा प्रबंधन पर एक टेबलो प्रस्तुत किए जाएगा. लोक कलाकार आपदा की पीड़ा से जुड़े  प्रदेश के लोक कलाकार भी आपदा की स्थिति को देखते हुए बेहद कम मेहनताना या कुछ बिना किसी शुल्क के उत्सव में शामिल होने के लिए आगे आ रहे हैं. यह आपसी सहयोग और समाज के प्रति समर्पण की भावना का अनुकरणीय उदाहरण है. उत्सव आपदा प्रभावितों को समर्पित अध्यक्ष ने कहा कि इस बार का अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव आपदा प्रभावितों के नाम समर्पित रहेगा. खर्चों में की गई कटौती से बचने वाली राशि सीधे तौर पर आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और सहायता कार्यों में लगाई जाएगी. यह उत्सव परंपरा, देव संस्कृति और सामाजिक उत्तरदायित्व का सामंजस्य प्रस्तुत करेगा. व्यवस्था और सुरक्षा के निर्देश बैठक में उत्सव के दौरान कानून व्यवस्था, सुरक्षा, ट्रैफिक और पार्किंग सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश दिए गए. उत्सव के दौरान पुलिस के लगभग 1500 जवान ट्रेफिक, कानून व्यवस्था का जिम्मा संभालेंगे. उन्होंने कहा कि भूत नाथ पुल को दशहरा उत्सव से पूर्व छोटे वाहनों के लिये खोल दिया जायेगा. इसके लिये प्रशासन दिन-रात कार्य कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि दशहरा के दौरान लोगों की सुविधा के लिये पूर्व की भांति शटल बस सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी. उन्होंने कहा कि हर पार्किंग के लिये नगर परिषद द्वारा रेट निर्धारित किये गये हैं और इसके लिये सभी पार्किंग संचालकों को तय रेट ही लेने के आदेश दिये गये हैं. उन्होंने सभी शहर वासियों से अपील की, कि उत्सव के दौरान वाहनों का प्रयोग कम करें.   दशहरा के दौरान लोगों की सुविधा के लिये पूर्व की भांति शटल बस सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी. हर पार्किंग के लिये नगर परिषद द्वारा रेट निर्धारित किये गये हैं और इसके लिये सभी पार्किंग संचालकों को तय रेट ही लेने के आदेश दिये गये हैं. पिछले दो वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव को बेहतर से बेहतरीन करने का प्रयास किया गया है. उत्सव को इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस के कैलेंडर में भी शामिल किया गया और विदेशी सांस्कृतिक दलों ने इसमें अपनी शानदार प्रस्तुतियां दी हैं,  लेकिन इस बार प्रदेश को भारी प्राकृतिक आपदा ने झकझोर कर रख दिया है और जिला कुल्लू भी गंभीर रूप से प्रभावित रहा है. ऐसे में जनता के फीडबैक और सुझावों को देखते हुए इस बार विदेशी सांस्कृतिक दलों को आमंत्रित नहीं किया गया है. सभी सांस्कृतिक संध्याओं में प्रदेश के लोक कलाकारों, सांस्कृतिक दलों और स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियां होंगी और सभी आयोजनों में खर्चों में की गई इस बचत को आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और राहत कार्यों के दिया जायेगा. उत्सव के इस बार केवल एक ही सांस्कृतिक मंच लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र रहेगा और सारी सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन होगा. कुल्लू दशहरा देवी-देवताओं का उत्सव अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव समिति कुल्लू की महत्वपूर्ण बैठक अटल सदन में समिति के अध्यक्ष एवं विधायक कुल्लू सुंदर सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा केवल एक सांस्कृतिक पर्व ही नहीं, बल्कि देवी-देवताओं का उत्सव है. इस दौरान ज़िला भर से देवी-देवता कुल्लू पधारते हैं, और उनकी अगवानी करना तथा उन्हें हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराना उत्सव समिति की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि देवताओं के ठहरने, बैठने, भोजन और अन्य आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा. समिति का उद्देश्य यह है कि देवताओं और उनके साथ आने वाले बजंतरियों, गुर व कारदारों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. यदि देवताओं और उनके लिए किसी भी प्रकार की नई सुविधा का सृजन अथवा व्यवस्था करने की आवश्यकता पड़ेगी, तो उत्सव समिति इसके लिए पूरी तरह सक्षम और तत्पर है. वहीं समिति इस बात को सुनिश्चित करेगी कि धार्मिक आस्था और परंपरा के अनुरूप इस भव्य उत्सव का आयोजन गरिमा के साथ संपन्न हो. उत्सव के दौरान देवताओं के आगमन मार्गों और समारोह स्थल से लावारिस पशुओं को हटाकर सुरक्षित स्थानों पर भेजने और उनके लिए अस्थाई बाड़े बनाने के लिए शीघ्र कमेटी गठित करने के निर्देश दिए.  कार्निवाल में दिखेगी कुल्लू सांस्कृतिक झलक इस बार कल्चरल परेड का आयोजन नहीं किया जा रहा है. पूर्व की भांति कुल्लू कार्निवाल आयोजित किया जा रहा है, जिसमें कुल्लू की संस्कृति की झलक के साथ-साथ सुरक्षित निर्माण और आपदा प्रबंधन पर एक टेबलो प्रस्तुत किए जाएगा. लोक कलाकार आपदा की पीड़ा से जुड़े  प्रदेश के लोक कलाकार भी आपदा की स्थिति को देखते हुए बेहद कम मेहनताना या कुछ बिना किसी शुल्क के उत्सव में शामिल होने के लिए आगे आ रहे हैं. यह आपसी सहयोग और समाज के प्रति समर्पण की भावना का अनुकरणीय उदाहरण है. उत्सव आपदा प्रभावितों को समर्पित अध्यक्ष ने कहा कि इस बार का अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव आपदा प्रभावितों के नाम समर्पित रहेगा. खर्चों में की गई कटौती से बचने वाली राशि सीधे तौर पर आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और सहायता कार्यों में लगाई जाएगी. यह उत्सव परंपरा, देव संस्कृति और सामाजिक उत्तरदायित्व का सामंजस्य प्रस्तुत करेगा. व्यवस्था और सुरक्षा के निर्देश बैठक में उत्सव के दौरान कानून व्यवस्था, सुरक्षा, ट्रैफिक और पार्किंग सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश दिए गए. उत्सव के दौरान पुलिस के लगभग 1500 जवान ट्रेफिक, कानून व्यवस्था का जिम्मा संभालेंगे. उन्होंने कहा कि भूत नाथ पुल को दशहरा उत्सव से पूर्व छोटे वाहनों के लिये खोल दिया जायेगा. इसके लिये प्रशासन दिन-रात कार्य कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि दशहरा के दौरान लोगों की सुविधा के लिये पूर्व की भांति शटल बस सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी. उन्होंने कहा कि हर पार्किंग के लिये नगर परिषद द्वारा रेट निर्धारित किये गये हैं और इसके लिये सभी पार्किंग संचालकों को तय रेट ही लेने के आदेश दिये गये हैं. उन्होंने सभी शहर वासियों से अपील की, कि उत्सव के दौरान वाहनों का प्रयोग कम करें.  
हिमाचल 

हिमाचल के पर्यावरण संकट पर हुई 'सुप्रीम' सुनवाई, SC ने राज्य सरकार से पूछे कई सवाल, 28 अक्टूबर तक मांगा जवाब

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी एक स्वतः संज्ञान जनहित याचिका में सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 23 सितंबर को हिमाचल प्रदेश में बिना लगाम हो रहे विकास कार्य और उससे पारिस्थितिक असंतुलन से संबंधित अपनी  स्वतः संज्ञान जनहित याचिका पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित किया जिसमें हिमाचल प्रदेश सरकार से राज्य में प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और पारिस्थितिक असंतुलन से संबंधित कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि उसने सवालों की एक लिस्ट जारी की है जिसका जवाब राज्य सरकार को देना है.  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सवालों को लेकर विस्तृत आदेश आज सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएंगे. इसपर राज्य सरकार को 28 सितंबर तक सवालों का जवाब देना है. सुप्रीम कोर्ट के सवाल पारिस्थितिक असंतुलन, प्राकृतिक आपदाओं, उनके कारणों और राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संबंधित हैं. सुप्रीम कोर्ट ने ये सवाल एमिकस क्यूरी की 65 पेज की रिपोर्ट के आधार पर पूछे हैं. हर साल हिमाचल झेल रहा प्रकृति की मार- लेकिन दोषी कौन? इस साल 2025 के मानसून की भारी बारिश में भी राज्य में मानवीय और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है. अपने पहले के जवाब में हिमाचल सरकार ने कहा था कि राज्य में आई तबाही जलवायु परिवर्तन की वजह से हुई है, जो कि एक वैश्विक सच्चाई है. राज्य सरकार ने कहा कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश, क्लाउड बर्स्ट, फ्लैश फ्लड, भूस्खलन, बर्फबारी के पैटर्न में बदलाव और ग्लेशियरों का पिघलना जलवायु परिवर्तन का नतीजा है. 25 अगस्त को, देश की सबसे बड़ी अदालत ने हिमाचल प्रदेश में पारिस्थितिक असंतुलन से संबंधित एक मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था. उसने पहले सख्त चेतावनी दी थी कि यदि तत्काल स्थिति को संभालने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो राज्य नक्शे से गायब हो जाएगा. बेंच ने राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) की दलीलें दर्ज की थीं, जिन्होंने बताया था कि हिमाचल प्रदेश ने 23 अगस्त को एक विस्तृत प्रतिक्रिया दायर की थी.
हिमाचल  दिल्ली 

अरुणाचल के पहाड़ों में नवरात्रि के पहले दिन PM मोदी को हुए शैलपुत्री के दर्शन

पीएम मोदी ने कहा कि जैसे तिरंगे का पहला रंग केसरिया है, वैसे ही अरुणाचल का पहला रंग भी केसरिया है. यहां का हर व्यक्ति शौर्य और शांति का प्रतीक है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश में हजारों करोड़ के विकास योजनाओं का उद्धाटन करते हुए कहा कि अरुणाचल की यह भूमि उगते सूर्य की धरती के साथ देशभक्ति के उफान की भी धरती है. जैसे तिरंगे का पहला रंग केसरिया है, वैसे ही अरुणाचल का पहला रंग भी केसरिया है. यहां का हर व्यक्ति शौर्य और शांति का प्रतीक है.  पहला यह कि नवरात्रि के पावन अवसर पर मुझे इन शानदार पहाड़ों के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. नवरात्रि के इस दिन हम हिमालय की पुत्री माँ शैलपुत्री की पूजा करते हैं. इन पहाड़ों के बीच रहकर अपनी भक्ति अर्पित करना सचमुच दिव्य अनुभूति है. आज देश में NextGenGST Reforms लागू हुए हैं. GST बचत उत्सव की शुरुआत हुई है. त्योहारों के इस मौसम में जनता जनार्दन को यह डबल बोनस मिला है.  कांग्रेस की सोच से देश को दिलाया मुक्ति: PM मोदी 2014 में जब आपने मुझे सेवा का मौका दिया, तब मैंने कांग्रेस की सोच से देश को मुक्ति दिलाने की ठान ली. हमारी प्रेरणा किसी राज्य में वोटों और सीटों की संख्या नहीं, Nation First की भावना है. हमारा एक ही मंत्र है, 'नागरिक देवो भव:' प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की एक पुरानी आदत है कि विकास का जो भी काम मुश्किल होता है, उस काम को वह कभी हाथ ही नहीं लगाती। कांग्रेस की इस आदत से नॉर्थ ईस्ट को बहुत नुकसान हुआ.  जहां विकास कार्य करना चुनौती होता था, उसे कांग्रेस पिछड़ा घोषित कर भूल जाती थी. जो सीमा से सटे गांव थे, उन्हें लास्ट विलेज कहकर पल्ला झाड़ लेती थी. यही कारण है कि सीमावर्ती क्षेत्रों से लोगों का पलायन होता गया.  अरुणाचल विकास में पीछे रह गया: PM मोदी पीएम मोदी ने कहा कि हमारे अरुणाचल प्रदेश में वैसे तो सूर्य की किरण सबसे पहले आती हैं, लेकिन दुर्भाग्य से यहां विकास की किरण आते-आते कई दशक लग गए.  मैं 2014 से पहले भी यहां कई बार आया हूं, आपके बीच रहा हूं. अरुणाचल को प्रकृति ने इतना कुछ दिया है, ये धरती, यहां के परिश्रमी लोग, यहां का सामर्थ्य, यहां इतना कुछ है. लेकिन जो लोग दिल्ली में बैठकर देश चला रहे थे, उन्होंने अरुणाचल को हमेशा नजरअंदाज किया. 
हिमाचल  उत्तर प्रदेश 

हिमाचल के शिमला में लैंडस्लाइड, पेड़ गिरने से 2 दर्जन के करीब गाड़ियां दबी

शिमला, मंडी, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, कुल्लू और बिलासपुर जिलों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. विभाग ने साफ कहा है कि अगले 24 घंटे संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन, सडक़ बंद होने और छोटे नालों-खड्डों में अचानक जलस्तर बढ़ने की स्थिति बन सकती है. उत्तराखंड के साथ ही हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश से तबाही का कहर जारी है. राजधानी शिमला में सोमवार देर रात हुई भारी बारिश की वजह से जगह-जगह लैंडस्लाइड (Himachal Landslide) की घटनाएं हुईं और पेड़ गिरे है. शिमला शहर के हिमलेंड, बीसीएस , महेली, ऒर अन्य जगहों पर भी भयानक लैंडस्लाइड हुआ है. बड़ी संख्या में पेड़ गिरने की वजह से 2 दर्जन के करीब गाड़िया दब गई हैं, जिनको निकालने का काम किया जा रहा हैं. हालांकि नेशनल हाईवे को खोलने का काम भी जारी हैं. भारी लैंडस्लाइड की वजह से ट्रैफिक ठप हो गया है. मंडी के सुंदरनगर के तहसील निहरी की ग्राम पंचायत हाड़ा बोई के ब्रागत गांव में बीती रात को हुई भयंकर बारिश से एक कच्चा मकान ढह गया. घर में रह रहे पांच इसक चपेट में आ गए. दो लोग अपनी जान बचाने में कामयाब रहे लेकिन तीन लोगों की मलबे की चपेट में आकर मौत हो गई. शिमला में लैंडस्लाइड की वजह से रास्ते जाम रास्ते जाम होने की वजह से मंगवार सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों और लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है. हिमाचल प्रदेश में मानसून की गति थम नहीं रही है. मंगलवार को भी 6 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है, इनमें बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में एक-दो स्थानों पर गर्जन के साथ भारी बारिश की संभावना जताई गई है. 6 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट मंगलवार को मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है. विभाग के अनुसार 16 सितंबर को प्रदेश के निचले और मध्यम पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है, जबकि ऊपरी हिमालयी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज हो सकती है. मौसम विभाग ने बताया कि इस दौरान गरज-चमक के साथ बिजली गिरने तथा तेज़ हवाएं चलने की भी आशंका है. इन जिलों में रहने वाले सावधान! शिमला, मंडी, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, कुल्लू और बिलासपुर जिलों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. विभाग ने साफ कहा है कि अगले 24 घंटे संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन, सडक़ बंद होने और छोटे नालों-खड्डों में अचानक जलस्तर बढने की स्थिति बन सकती है. विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून गंगानगर, नागपुर, जोधपुर और बरमेर में वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. कुल्लू में एडवेंचर गतिविधियां स्थगित कुल्लू में जिला पर्यटन विकास अधिकारी ने एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर 30 सितंबर तक सभी एडवेंचर गतिविधियों को स्थगित करने का आदेश दिया है. यह फैसला हाल ही में आई बाढ़ के कारण लिया गया है, जिसने व्यास नदी के राफ्टिंग स्टार्ट और फिनिशिंग पॉइंट्स को प्रभावित किया है, वहीं पैराग्लाइडिंग लैंडिंग साइट्स भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं. हिमाचल की तरह उत्तराखंड में भी बारिश की वजह से बुरा हाल है. सोमवार रात देहरादून में बादल फट गया, वहीं सौंग नदी उफान पर है. सड़क का कुछ हिस्सा पानी में बह गया है. दोनों ही पहाड़ी राज्य इन दिनों मौसम की मार झेल रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में 20 जून से आरंभ हुए मानसून सीजन में अब तक भूस्खलन की 140, फ्लैश फ्लड की 97 और बादल फटने की 46 घटनाएं सामने आ चुकी हैं. राज्य में 409 लोगों की मौत हुई है. 473 घायल और 41 लोग लापता चल रहे हैं. राज्य को 4500 करोड़ से अधिक का नुकसान अब तक हो चुका है.
हिमाचल 

चंबा-ऋषिकेश नेशनल हाईवे पर विश्वनाथ सेवा की बस पलटी

ये दर्दनाक हादसा उस वक्त हुआ, जब बस घनसाली से ऋषिकेश जा रही थी, इसी दौरान नागणी के पास अनियंत्रित होकर पलट गई. उत्तराखंड के टिहरी में चंबा-ऋषिकेश नेशनल हाईवे पर नागणी के नजदीक एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ. जहां विश्वनाथ बस सेवा की एक बस पलट गई, जिसमें दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि करीब 12 से 13 यात्री घायल हो गए हैं. हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. बस घनसाली से ऋषिकेश जा रही थी, जब नागणी के पास अनियंत्रित होकर पलट गई. कैसे हुआ बस हादसा इस हादसे की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है. फिलहाल प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल मौके पर मौजूद हैं और दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है. स्थानीय लोगों के अनुसार, सड़क की स्थिति और मोड़ पर नियंत्रण खोने के कारण यह हादसा हुआ. बस में सवार यात्री ने क्या बताया सोशल मीडिया पर घटनास्थल के जो वीडियो और फुटेज सामने आ रहे हैं, उसमें एक सफेद रंग की बस रास्ते के बीचोबीच पलटी हुई दिखाई दे रही है. घटनास्थल पर अफरा-तफरी मची हुई है और चारों तरफ एंबुलेंस के सायरन सुनाई दे रहे हैं. आसपास से लोग भी गुजर रहे हैं. बस में सवार एक यात्री ने बताया कि जिस वक्त बस हादसे का शिकार हुई, उस वक्त बस में तकरीबन 15 लोग मौजूद थे.
हिमाचल 

PM मोदी का हिमाचल दौरा, बाढ़ राहत के लिए 1500 करोड़ का ऐलान, मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख

PM ने तत्काल राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, राज्य प्रशासन के प्रयासों की सराहना की. हिमाचल प्रदेश में बादल फटने, बारिश और भूस्खलन की वजह से जान-माल का बहुत नुकसान हुआ है. पीएम मोदी ने 9 सितंबर 2025 को स्थिति और नुकसान की समीक्षा के लिए प्रदेश का दौरा किया. पीएम ने सबसे पहले बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. इसके बाद कांगड़ा में एक आधिकारिक बैठक की, जिसमें राहत कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में हुए नुकसान का आंकलन भी किया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने भयंकर नुकसान को देखते हुए प्रदेश के लिए 1500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की. इसके साथ ही, एसडीआरएफ और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की दूसरी किस्त भी एडवांस जारी करने के आदेश दिए. पीएम ने दिए निर्देष: बाढ़ और प्राकृतिक आपदा में मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद राशि दी जाएगी. घायलों को 50,000 रुपये की आर्थिक मदद केंद्र सरकार करेगी. जिन किसानों के पास बिजली कनेक्शन नहीं है, उन्हें अतिरिक्त सहायत दी जाएगी. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, क्षतिग्रस्त घरों की जियोटैगिंग की जाएगी.इससे नुकसान का सटीक आंकलन करने और प्रभावित लोगों तक तेजी से सहायता पहुंचाने में मदद मिलेगी. स्कूलों को हुए भारी नुकसान को देखते हुए, समग्र शिक्षा अभियान के तहत समय पर सहायता दी जाएगी.  बारिश के पानी को स्टोरेज के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे. ·        आपदा प्रभावित परिवारों से की मुलाकात ·        PM ने इस आपदा से प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात की. उन्होंने इस आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना और गहरा दुःख व्यक्त किया. उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार इस कठिन समय में राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेगी और हर संभव सहायता प्रदान करेगी. राज्यों को अग्रिम भुगतान सहित सभी प्रकार की सहायता प्रदान की जा रही है.". प्रधानमंत्री ने बैठक से पहले इस त्रासदी की शिकार कृष्णा देवी और त्रासदी से अनाथ हो चुकी निकिता से मिलकर पूरी मदद का आश्वासन दिया… ·        'हर समस्या से निपटेंगे' ·        PM ने तत्काल राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, राज्य प्रशासन के प्रयासों की सराहना की. प्रधानमंत्री ने प्रदेश में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार हर समस्या से निपटने के लिए सभी प्रयास करेगी.
हिमाचल 

दिल्ली-NCR में आंधी-तूफान का अलर्ट, हिमाचल में भी खूब बरसेंगे बादल

मौसम विभाग ने दिल्ली- NCR में सोमवार को गरज के साथ बारिश की संभावना जताई है. वहीं दिल्ली में यमुना का जलस्तर अब खतरे के निशाने से नीचे आ रहा है. रविवार को पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 205.56 मीटर दर्ज किया गया. पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान में बारिश का दौरा अभी भी जारी है. हिमाचल प्रदेश के स्थानीय मौसम केंद्र ने सोमवार को राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में आंधी-तूफान और बिजली गिरने का ‘येलो' अलर्ट जारी किया है. वहीं मौसम विभाग ने दिल्ली-NCR में सोमवार को गरज के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया है. रविवार को बाढ़ ग्रस्त पंजाब के कुछ हिस्सों में बारिश हुई, लेकिन पिछले दिनों की तुलना में बारिश की मात्रा कम रही. पंजाब इस साल मानसून से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में से एक रहा है, जहां सतलुज, व्यास और रावी नदियों तथा मौसमी नालों के उफान के कारण सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं. यहां तक की किसानों की फसले भी बर्बाद हो गई. रविवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक अमृतसर में 3.7 मिमी, लुधियाना में 2.4 मिमी और पटियाला में 9.2 मिमी बारिश हुई. फरीदकोट, पठानकोट और फिरोजपुर में भी बारिश हुई. पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा में सिरसा में 49.5 मिमी, पानीपत में 10.5 मिमी, मेवात में एक मिमी, अंबाला में 12.1 मिमी और हिसार में 14.6 मिमी बारिश हुई. पंजाब में भीषण बाढ़ के कारण दो और लोगों की मौत होने से मरने वालों की संख्या 48 तक पहुंच गई है, जबकि 1.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो गई हैं. शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि राज्य में सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय आठ सितंबर से खुलेंगे. बाढ़ की वजह से बीते दिनों शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए थे. हिमाचल में कैसे हैं हालात हिमाचल प्रदेश में 20 जून से सात सितंबर तक भारी बारिश के कारण बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की घटनाओं से लगभग 4,080 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून में बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क हादसों में अब तक 366 लोगों की मौत हो चुकी है. वर्तमान में राज्य में 826 सड़कें बंद हैं, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-3 (मंडी-धर्मपुर मार्ग) और एनएच-305 (औट-सैंज मार्ग) शामिल हैं. इसके अलावा, 1,480 बिजली ट्रांसफार्मर और 336 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं. कुल्लू क्षेत्र में सबसे अधिक 227 सड़कें बंद हैं. इसके बाद मंडी में 191, शिमला क्षेत्र में 146 और चंबा क्षेत्र में 88 सड़कें बंद हैं.  जम्मू-कश्मीर में मची तबाही हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश ने कई क्षेत्रों में तबाही मचाई है. सड़कें बंद हो गई हैं, बिजली और पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है और कई पंचायतें पूरी तरह कट चुकी हैं. स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं. वहीं, प्रधानमंत्री जल्द ही जम्मू-कश्मीर का दौरा करने वाले हैं. जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश के कारण नॉर्थ ब्लॉक खेड़ी पंचायत में तो भारी तबाही मचाई है. इस क्षेत्र में लगभग 200 घर खतरे की जद में हैं, जिनमें से 20 घरों की जमीन धंस रही है. खेड़ी पंचायत में बारिश के कारण भूस्खलन और जमीन धंसने की घटनाओं ने स्थानीय निवासियों को बेघर होने के कगार पर ला खड़ा किया है. प्रभावित परिवारों का कहना है कि उनकी जीवन भर की कमाई इन घरों में लगी थी, जो अब पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं. दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे भारी बारिश के कारण दिल्ली में बढ़ा यमुना नदी का जलस्तर अब कम हो रहा है. दिल्ली के पुराने रेलवे पुल के निकट यमुना का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान यानी 205.33 मीटर से नीचे आ गया. पांच दिन पहले जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था, रात नौ बजे जलस्तर 205.33 मीटर दर्ज किया गया. खतरे का निशान 205.33 मीटर है जबकि इसके 206 मीटर पर पहुंचने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू किया जाता है. दिल्ली में चेतावनी का निशान 204.50 मीटर है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अरुणाचल प्रदेश में सोमवार से पूरे सप्ताह के दौरान बारिश और आंधी-तूफान का दौर जारी रहने का अनुमान जताया है.
हिमाचल  दिल्ली 

पंजाब में लाखों हेक्टेयर फसल बर्बाद, हिमाचल में 4000 करोड़ का नुकसान... PM मोदी राज्‍यों में 'जल प्रलय' का लेंगे जायजा

हिमाचल प्रदेश में 20 जून से सात सितंबर तक भारी बारिश के कारण बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की घटनाओं से लगभग 4,080 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. मानसून की बारिश से पंजाब सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है. नदियां उफान पर हैं, जिससे हर जगह सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सिंतबर यानि कल बाढ़ प्रभावित पंजाब के गुरदासपुर और हिमाचल प्रदेश के कई जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे. पंजाब में नदियां उफान पर हैं, जिससे प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जल प्रलय की स्थिति है. उधर, हिमाचल में बादलों के फटने और भारी बारिश ने कहर बरपाया है. पंजाब और हिमाचल प्रदेश में प्राकृति का कहर टूटा है, जिसमें हजारों करोड़ रुपये के नुकसान के साथ 300 से ज्‍यादा लोगों की मौत भी हो गई है. हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया था और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया था.     पंजाब में ग्राउंड रियलिटी को समझेंगे PM मोदी पंजाब में बाढ़ की विकट स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने गहरी चिंता जताई है और हालात का जायजा लेने का निर्णय लिया है. पंजाब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 9 सितंबर को पंजाब का दौरा करेंगे. इस दौरान वे स्थानीय परिस्थितियों को नजदीक से समझेंगे और प्रभावित लोगों को अधिकतम सहायता पहुंचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे. उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'प्रधानमंत्री मोदी पंजाब में बाढ़ की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं और इस पर लगातार नजर रख रहे हैं. वे 9 सितंबर को पंजाब का दौरा कर रहे हैं, ताकि वे खुद स्थिति का जायजा ले सकें और ग्राउंड रियलिटी को समझ सकें, जिससे पंजाब के लोगों को ज्यादा से ज्यादा मदद पहुंचाई जा सके. पंजाब में बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए भेजी गई केंद्र सरकार की दो टीमें अपने दौरे के बाद केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी. भारत सरकार पंजाब के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है.' पंजाब सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है. नदियां उफान पर हैं, जिससे हर जगह सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है. स्थिति यह है कि पंजाब के सभी 23 जिले बाढ़ प्रभावित घोषित किए जा चुके हैं. सैकड़ों गांव जलमग्न हैं. कम से कम 43 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों हेक्टेयर जमीन पर लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं. हिमाचल में हालत का जायजा लेने के लिए PM मोदी का हवाई सर्वेक्षण प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को हिमाचल प्रदेश में चंबा, मंडी और कुल्लू जिलों का हवाई सर्वेक्षण भी कर सकते हैं. मुख्‍यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्‍खू ने बताया कि पीएम मोदी का कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में दौरा 9 तारीख को प्रस्‍तावित है. प्रधानमंत्री को हिमाचल में आपदा से हुए नुकसान पर विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी और उनसे रिलीफ फंड भेजने की भी मांग की जाएगी. इस दौरान अगर मौसम ठीक रहा, तो पीएम मोदी प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेझण भी कर सकते हैं.  4,080 करोड़ रुपये का नुकसान, 366 की गई जान  हिमाचल प्रदेश में 20 जून से सात सितंबर तक भारी बारिश के कारण बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की घटनाओं से लगभग 4,080 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून में बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क हादसों में अब तक 366 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, इन 366 लोगों में से 203 की मौत बारिश से जुड़ी घटनाओं में हुई, जिनमें 42 मौतें भूस्खलन के कारण, 17 बादल फटने और नौ अचानक आई बाढ़ से की वजह से हुई हैं. एसईओसी के मुताबिक, 41 लोग अब भी लापता हैं और 163 मौतें दुर्घटनाओं में हुईं. उसने बताया कि कुल 6,247 घर और 460 दुकानें/कारखाने पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. हिमाचल पर टूट रहा कुदरत का कहर  भूस्खलन की घटनाएं हर दिन बढ़ रही हैं और 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य के कई हिस्सों में 135 बड़े भूस्खलन, 95 अचानक बाढ़ आने और 45 बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है. वर्तमान में राज्य में 826 सड़कें बंद हैं, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-3 (मंडी-धर्मपुर मार्ग) और एनएच-305 (औट-सैंज मार्ग) शामिल हैं। इसके अलावा, 1,480 बिजली ट्रांसफार्मर और 336 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं. कुल्लू क्षेत्र में सबसे अधिक 227 सड़कें बंद हैं. इसके बाद मंडी में 191, शिमला क्षेत्र में 146 और चंबा क्षेत्र में 88 सड़कें बंद हैं. सेब परिवहन के लिए महत्वपूर्ण शिमला-थियोग मार्ग छैला के पास जारी भूस्खलन के कारण बंद हो गया है. इसके परिणामस्वरूप सेब से लदे ट्रक और टेंपो सहित कई वाहन फंसे हुए हैं. हिमाचल प्रदेश में एक जून से सात सितंबर तक औसतन 948.5 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य 652.1 मिमी वर्षा की तुलना में 45 प्रतिशत अधिक है.  
पंजाब  हिमाचल 

हिमाचल में कुदरत का कहर! किन्नौर में पत्थर गिरने से गाड़ियों को भारी नुकसान

घटना की जानकारी मिलते ही डीसी मंडी अपूर्व देवगन, एसडीएम सुंदरनगर अमर नेगी, तहसीलदार अंकित शर्मा मौके पर पहुंचे. चार से पांच जेसीबी मशीनरी समेत स्थानीय लोग भी राहत और बचाव कार्यों में सहयोग दे रहे हैं. हिमाचल प्रदेश के लोग इन दिनों प्राकृति की मार झेल रहे हैं. बारिश-बाढ़ और लैंडस्लाइड (Himcahal Landslide) से बुरा हाल है. इन घटनाओं में लोगों की जानें भी जा रही हैं. ताजा मामला सुंदरनगर के जंगमबाग में पहाड़ दरकने का है. यहां मलबे के नीचे दबकर 5 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में मां और बेटी समेत एक बुजुर्ग महिला शामिल है. मंगलवार शाम को पहाड़ दरकने से दो घर भी मलबे की चपेट में आ गए. सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी तुरंग मौके पर पहुंचे. टीम का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. वहीं किन्नौर जिले के वांगटू में नेशनल हाईवे-5 पर भी हादसा हो गया. वांगटू में ब्लॉक पॉइंट पर रुकी हुई गाड़ियों पर अचानक बड़े पत्थर गिर गए, जिसकी वजह से भारी नुकसान हुआ है. सभी गाड़ी मालिकों को सूचित किया गया है कि ऐसी स्थिति में सुरक्षित स्थान चिन्हित करके अपनी गाड़ियां वहीं खड़ी करें और किसी भी जोखिम से बचें. मलबे में दबे लोगों का रेस्क्यू जारी सुंदरनगर में पुलिस और NDR-SDRF के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. मंडी डीसी अपूर्व देवगन की देखरेख में यह ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सुंदरनगर के जंगमबाग में मंगलवार देर शाम को मलबे से 28 साल की भारती और तीन से चार साल की बच्ची कीरत को बाहर निकाला गया. दोनों को उपचार से लिए संदुरनगर अस्तपताल भेजा गया, जहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया.अस्पताल के एसएमओ चमन सिंह ने बताया कि महिला और बच्ची को जब अस्पताल पहुंचाया गया तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.  बुधवार सुबह तक 5 लोग की मौत बता दें कि घरों में कुल 6 लोग मलबे में फंसे हैं. इनमें मृतक महिला का पति सोनू सिंह और उसकी सास अभी तक मलबे में फंसे हैं. दोनों को मलबे से बाहर निकालने की कोशिश लगातार जारी है. इसी बीच मलबे की जद में आए दूसरे घर की एक महिला के भी फंसे होने की जानकारी सामने आई है. घटना की जानकारी मिलते ही डीसी मंडी अपूर्व देवगन, एसडीएम सुंदरनगर अमर नेगी, तहसीलदार अंकित शर्मा मौके पर पहुंचे. चार से पांच जेसीबी मशीनरी समेत स्थानीय लोग भी राहत और बचाव कार्यों में सहयोग दे रहे हैं. बुधवार सुबह तक 5 लोग की मौत की पुष्टि हो चुकी हैं.
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हिमाचल मूसलाधार बारिश से जनजीवन पर भारी असर, फॉरेस्ट सर्विस की परीक्षा स्थगित

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से कई इलाकों में ट्रेन सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं। साथ ही स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। प्रदेश में बुधवार को भी तेज बारिश होगी। हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को हुई भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश के कारण रेल सेवा स्थगित कर दी गई, छह राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 1,311 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गईं और स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। वहीं, हिमाचल फॉरेस्ट सर्विस की परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है।  5 अक्तूबर तक परीक्षा रद्द हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने बताया कि वन विभाग के एसीएफ पद के लिए 7-09-2025 को होने वाली परीक्षा को खराब मौसम के कारण 5 अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। विभाग ने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस समय भयावह आपदा से जूझ रहा है। इन परिस्थितियों में हिमाचल प्रदेश फॉरेस्ट सर्विस (प्रारंभिक) परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए परीक्षा देना बेहद चुनौतीपूर्ण होता।  सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से भी मुझे आपके संदेश प्राप्त हुए, जिनमें परीक्षा स्थगित करने की मांग की गई थी। आपकी भावनाओं और कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, परीक्षा को स्थगित करके आगे की तिथि में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। अनुरोध है कि आप अपनी तैयारी जारी रखें।" बारिश के कारण रेल सेवा स्थगित  रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को शिमला-कालका रेलमार्ग पर भूस्खलन के बाद रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। यह सेवा पांच सितंबर तक स्थगित रहेगी। राज्य के मंडी में 289, शिमला में 241, चंबा में 239, कुल्लू में 169 और सिरमौर जिले में 127 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 3 (मंडी-धरमपुर रोड), एनएच 305 (औट-सैंज), एनएच 5 (ओल्ड हिंदुस्तान-तिब्बत रोड), एनएच 21 (चंडीगढ़-मनाली रोड), एनएच 505 (खाब से ग्रामफू रोड) और एनएच 707 (हाटकोटी से पोंटा) अवरुद्ध हो गए हैं।   हिमाचल में भारी बारिश का अलर्ट स्थानीय मौसम विभाग ने मंगलवार के लिए राज्य के कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है और अगले दिन भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है।  सोमवार को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत नौ जिलों के स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया गया। मंगलवार को शिमला, कांगड़ा, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, लाहौल एवं स्पीति और सोलन जिलों के अलावा कुल्लू जिले के बंजार, कुल्लू और मनाली उपमंडल में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। अधिकारियों ने बताया कि चंबा जिले में फंसे लगभग 5,000 मणिमहेश तीर्थयात्रियों को वापस घर भेजने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 16 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।  
हिमाचल 

चट्टानों का सहारा तो कभी पानी में तैरता... मनाली के भयंकर बाढ़ में फंसा कुत्ता

चुनौतीपूर्ण स्थिति में भी कुत्ते ने हिम्मत नहीं खोई. वह कभी चट्टानों का सहारा लेता, तो कभी पानी में तैरता हुआ आगे बढ़ता. अपनी अथक कोशिशों और साहस के बल पर आखिरकार वह नदी के तेज बहाव से सुरक्षित बाहर निकल आया. हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मनाली में एक दिल को छू लेने वाली घटना सामने आई है. यहां एक कुत्ता तेज बहाव वाली नदी के बीच एक चट्टान पर फंस गया था. नदी का बहाव इतना तेज था कि कुत्ता स्वयं बाहर निकलने में असमर्थ था. फिर भी, इस बहादुर कुत्ते ने हार नहीं मानी और अपनी हिम्मत से सबको हैरान कर दिया. एक वायरल वीडियो में दिखाई देता है कि कुत्ता तेज धारा के बीच फंसा हुआ है और बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है. नदी में कई वाहन भी बहते हुए नजर आ रहे हैं, जो पानी की ताकत को दर्शाते हैं. पानी का वेग इतना प्रबल है कि यह अपने साथ कई चीजें बहा ले जा रहा है. इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में भी कुत्ते ने हिम्मत नहीं खोई. वह कभी चट्टानों का सहारा लेता, तो कभी पानी में तैरता हुआ आगे बढ़ता. अपनी अथक कोशिशों और साहस के बल पर आखिरकार वह नदी के तेज बहाव से सुरक्षित बाहर निकल आया. बाहर निकलते ही उसने राहत की सांस ली, और यह नजारा देखकर हर कोई उसकी हिम्मत की तारीफ कर रहा है.
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