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पुष्पा स्टाइल में गो-तस्करी... ऑयल टैंकर में भरे थे गाय, बैल

हिमाचल के बिलासपुर जिले से पुष्पा स्टाइल में गो-तस्करी का मामला सामने आया है. यहां ऑयल टैंकर में गाय, बैल भरा मिला है. जिसका वीडियो भी सामने आया है. हिमाचल से पुष्पा स्टाइल में गो-तस्करी का मामला सामने आया है. यहां ऑयल टैंकर में गाय-बैल को भरकर चोरी-छिपे भेजा जाता था. पंजाब से सटे हिमाचल के बिलासपुर जिले से पुलिस ने ऑयल टैंकर से गो-तस्करी के मामले का खुलासा किया है. इसका वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में ऑयल टैंकर में गाय-बैल भरे नजर आ रहे. मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर के स्वारघाट में एक्साइज विभाग के साथ स्थानीय पुलिस की टीम गाड़ियों की जांच कर रही थी. इसी दौरान यह टैंकर भी पहुंचा. गाड़ियों की जांच के दौरान ही वहां मौजूद कर्मियों को टैंकर से गाय-बैल की आवाज सुनाई पड़ी. जिसके बाद उन्होंने टैंकर की जांच शुरू की. टैंकर की जांच होता देख तस्कर और चालक मौके से फरार हो गए. इसके बाद जब जवानों ने टैंकर की छत पर चढ़कर उसके ढक्कन से देखा तो टैंकर में कई मवेशी नजर आए. इसका वीडियो भी सामने आया है. पंजाब की ओर से आ रहा था टैंकर टैंकर में एक बैल मृत पाया गया, जबकि तीन गाय और पांच बैल जिंदा मिले हैं. टैंकर का चालक और उसमें सवार एक अन्य व्यक्ति मौके से भागने में कामयाब हो गए. जानकारी के अनुसार गुरुवार को आरटीओ बैरियर पर वाहनों की जांच की जा रही थी. इसी बीच पंजाब की ओर से आ रहे इंडियन ऑयल टैंकर को रोका गया. RTO बैरियर पर तैनात कर्मचारियों को हुआ था शक RTO बैरियर पर तैनात कर्मचारियों को कुछ शक हुआ. उन्होंने स्वारघाट थाना पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब टैंकर की जांच की तो उसमें गोवंश भरा हुआ था. इसी बीच चालक और एक अन्य व्यक्ति चकमा देकर फरार हो गए. जिंदा मिले गोवंश को स्वास्थ्य जांच करा कर गोशाला भेजा गया है. आरोपियों की तलाश जारी है. टैंकर हरियाणा का, मालिक की हुई पहचान प्रारंभिक जांच में पता चला है कि टैंकर हरियाणा का है. पुलिस ने उसके मालिक की पहचान कर ली है. उधर, स्वारघाट थाना प्रभारी रूप लाल कथानिया ने बताया कि मामले की जांच जारी है. स्थानीय विधायक रणधीर शर्मा ने गो-तस्करी की इस मामले की पुष्टि की. उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने यह भी कहा कि टैंकर से मिली गायों को स्थानीय गोशाला में रखा गया है.
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हिमाचल प्रदेश के मंडी में बस का बड़ा हादसा, 5 की मौत, 20 घायल

बस हादसे के कारण का अभी पता नहीं चल पाया है. इस हादसे से जुड़ी एक वीडियो सामने आई है. जिसमें बस एक खाई में गिरी नजर आ रही है. स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर बचाव-राहत कार्य किया और घायल यात्रियों को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सरकाघाट में एक दर्दनाक बस हादसा हुआ है. इस हादसे में  5 लोगों की मौत की खबर है. जबिक 20 लोग घायल बताए जा रहे हैं. सामने आई जानकारी के अनुसार सरकाघाट के मसरेन में एचआरटीसी बस हादसे का शिकार हो गई. हादसे में 3 महिलाएं और 2 पुरुषों की मौत की पुष्टि हुई है. ये पुष्टि डीएसपी सरकाघाट संजीव गौतम ने की है. उन्होंने बताया कि इस हादसे में करीब 20 लोग घायल हुए हैं. जिनका इलाज सरकाघाट अस्पताल में जारी है. वहीं, कुछ लोगों को हायर अस्पताल में रेफर किया गया है. हादसे का कारण का अभी पता नहीं चल पाया है. हादसे से जुड़ी  जो वीडियो सामने आई है. उसमें बस एक खाई में गिरी नजर आ रही है. सड़क हादसे के बाद तुरंत स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए औ बचाव-राहत कार्य शुरू कर दी. लोगों ने बिना देरी किए बस में सवार लोगों को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया.
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हिमाचल में तबाही मचा रहा मानसून, 250 सड़कें बंद, 21 से 23 जुलाई तक होगी भारी बारिश

हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने 21 और 23 जुलाई को हिमाचल के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है। हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश के कारण 250 सड़कें बंद हो गई हैं और स्थानीय मौसम विभाग ने राज्य के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) ने बताया कि आपदा प्रभावित मंडी में कुल 181 सड़कें, सिरमौर में 26 और कुल्लू जिले में 23 सड़कें बंद हैं जबकि शुक्रवार सुबह तक 61 जलापूर्ति योजनाएं और बिजली के 81 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं। 3 दिन भारी बारिश का 'ऑरेंज' अलर्ट  मौसम विभाग ने 21 और 23 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है और रविवार तक राज्य के कुछ स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी देते हुए 'येलो' अलर्ट जारी किया है। कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को इस दौरान सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग देश में मौसम संबंधी अलर्ट जारी करने के लिए चार रंगों का उपयोग करता है। ये रंग और इनके संदेश- ग्रीन (किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं), येलो (नजर रखें और निगरानी करते रहें), ऑरेंज (तैयार रहें) और रेड (कार्रवाई/सहायता की जरूरत) हैं। अब तक 112 मौतें, राज्य को 1200 करोड़ का नुकसान गुरुवार शाम को राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। जोगिंदरनगर में 40 मिमी, सराहन में 38 मिमी, जट्टन बैराज में 28.6 मिमी, कोठी में 28.4 मिमी, शिलारू में 26.4 मिमी, मुरारी देवी में 26 मिमी, और नारकंडा तथा जोत में 23-23 मिमी बारिश हुई। एसईओसी ने बताया कि 20 जून को मानसून आने के बाद से 17 जुलाई तक लगभग 112 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें 67 लोग बारिश से संबंधित घटनाओं में और 45 सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए हैं। एसईओसी ने बताया कि लगभग 199 लोग घायल हुए हैं जबकि 35 लापता हैं। बादल फटने की 22 और भूस्खलन की 19 घटनाएं विभाग ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में इस मानसून में 31 बार अचानक बाढ़ आई, बादल फटने की 22 और भूस्खलन की 19 घटनाएं हुईं और राज्य को 1,220 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
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हिमाचल के आफत की बारिश... 3 जिलों में ऑरेंज अलर्ट...

हिमाचल के आफत की बारिश... 3 जिलों में ऑरेंज अलर्ट... हिमाचल में आफत की बारिश जारी हे. सोमवार को भी शिमला सहित कई इलाकों में झमाझम बारिश का दौर जारी रहा. सिरमौर के राजगढ़ में 72 मिमी, खदराला में 42 मिमी, पच्छाद में 36 मिमी और मंडी शहर में 26 मिमी बारिश दर्ज की गई. हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष का मानसून तबाही लेकर आया है. अब तक बारिश, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं में 105 लोगों की जान जा चुकी है, 35 लोग लापता हैं और 184 लोग घायल हुए हैं. राज्य सरकार के अनुसार, अब तक 786 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हो चुका है. मौसम विभाग ने राहत की संभावनाएं भी लगभग खारिज कर दी हैं. 20 जुलाई 2025 तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. इसके तहत अलग-अलग जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट घोषित किया गया है. 15 जुलाई को शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में ऑरेंज अलर्ट, जबकि बिलासपुर, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में येलो अलर्ट रहेगा. 16 से 18 जुलाई तक भी कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी है, जिससे जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है. गिरि जटोंन डैम का गेट खोलना पड़ा सोमवार को भी शिमला सहित कई इलाकों में झमाझम बारिश का दौर जारी रहा. सिरमौर के राजगढ़ में 72 मिमी, खदराला में 42 मिमी, पच्छाद में 36 मिमी और मंडी शहर में 26 मिमी बारिश दर्ज की गई. गिरि जटोंन डैम का जलस्तर बढ़ने के कारण डैम का गेट खोलना पड़ा, जिससे गिरि और यमुना नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है. सिरमौर प्रशासन ने मैदानी इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है. मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित भूस्खलन और बारिश से सड़कों और सेवाओं पर व्यापक असर पड़ा है. राज्य आपातकालीन केंद्र के अनुसार, 192 सड़कें बंद, 65 ट्रांसफार्मर ठप और 745 पेयजल योजनाएं बाधित हैं. मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है जहां अकेले 146 सड़कें बंद, 59 ट्रांसफार्मर ठप और 133 जल योजनाएं प्रभावित हुई हैं. कांगड़ा में 612 जल योजनाएं ठप हैं. मानसून जनित मौतों में मंडी में सबसे अधिक 21 मौतें, कांगड़ा में 17, कुल्लू में 11, चंबा में 9, और हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना में 8-8 मौतें दर्ज हुई हैं. अब तक 1046 मकान, 188 दुकानें और 798 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. अकेले मंडी में 856 घर, 166 दुकानें और 644 गौशालाएं प्रभावित हुई हैं. अब तक 22 बादल फटे... आपदा का असर कृषि और पशुपालन पर भी गहरा पड़ा है. 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 954 अन्य पशु मारे गए हैं. अब तक 22 बादल फटने, 31 फ्लैश फ्लड और 18 भूस्खलन की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. 30 जून की रात मंडी में एक ही रात 12 जगह बादल फटने की घटना ने आपदा की भयावहता को और बढ़ा दिया. विभागीय नुकसान की बात करें, तो सबसे ज्यादा क्षति जल शक्ति विभाग को हुई है, जिसे 414 करोड़ रुपये की चपत लगी है. वहीं लोक निर्माण विभाग को 345 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
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सुक्कू सरकार ने मंडी में हुई तबाही के लिए मुआवजे का किया ऐलान

सुक्कू सरकार ने मंडी में हुई तबाही के लिए मुआवजे का किया ऐलान अगले सप्ताह हिमाचल प्रदेश सरकार राहत पैकेज का ऐलान करेगी. दुकान में नुकसान का अंदाजा लगाकर उनको भी उचित पैसा दिया जाएगा. गांव के लोगों को पांच हजार किराए के लिए और दस हजार शहर के लोगों का किराए के लिए दिए जाएगें. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु ने मंडी में आई बाढ़ और लैंडस्लाइड से मची तबाही में जिन लोगों का घर टूट गया या फिर बह गया उसके लिए 7 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि आंशिक नुकसान के लिए एक लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. मवेशियों का जो नुकसान हुआ है उसके लिए 50,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.  अगले सप्ताह हिमाचल प्रदेश सरकार राहत पैकेज का ऐलान करेगी. दुकान में नुकसान का अंदाजा लगाकर उनको भी उचित पैसा दिया जाएगा. गांव के लोगों को पांच हजार किराए के लिए और दस हजार शहर के लोगों का किराए के लिए दिए जाएगें. हिमाचल प्रदेश की 68 फ़ीसदी ज़मीन वन भूमि पर है.  केंद्र सरकार हमें इजाजत दे कि हम वन विभाग की जमीन पर घर बनाकर दे सकें. बता दें कि इस तबाही में 78 लोगों की मौत हुई है और 800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा, मैं सबसे पहले थुनांग पहुंचा था लेकिन बीजेपी का कहना है कि मैं थुनांग में नहीं रुका. हालांकि, मैं इस इलाके का दौरा करने वाला सबसे पहला इंसान हूं.  उन्होंने कहा, सेना का हेलीकॉप्टर हम लाए और सेना को हम लेकर आए. 10 हजार करोड़ केवल दिया था लेकिन हमें उसमें से कुछ नहीं मिला है. बीजेपी के सात सांसद हैं वो केंद्र सरकार से अपील करें कि वन विभाग की जमीन पर घर बनवाने की इजाज़त दिलवाएं.
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हिमाचल में बादल फटने के बाद चट्टान पर टिके इस मकान का क्या हुआ जाने

हिमाचल में बादल फटने के बाद चट्टान पर टिके इस मकान का क्या हुआ जाने हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने से भारी तबाही मची है. जिले के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा, "प्रदेश में बरसात से भारी नुकसान हो रहा है. लगातार हो रही बरसात से खासकर मंडी जिले में भारी नुकसान हुआ है." हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से करीब 60 किलोमीटर दूर सियाठी गांव के एक मकान की फोटो खूब वायरल हुई थी. फोटो में एक टूटी पहाड़ी पर एक मकान टिका हुआ नजर आ रहा था. गांव में पता चला कि अब भी भूस्खलन हो रहे हैं. सारे रास्ते कट गए हैं और ये मकान जिस पहाड़ के एक हिस्से पर टिका था वो पहाड़ भी टूटकर नीचे गिर गया है. अब पूरा सियाठी गांव मलबे में बदल चुका है. सिर्फ चार घर का ढांचा बचा है. लेकिन पीछे की मिट्टी पहाड़ के साथ दरक रही है.  पहाड़ पर टिका ये मकान किसका था?  पहाड़ के एक हिस्से में टिका मकान पूर्व सैनिक जय सिंह का था. वो अपनी विकलांग पत्नी के साथ यहां रहते थे. उनके बच्चे दूसरी जगह पर बने मकान पर थे. रात 12 बजे जब सियाठी गांव के लोग एक कुत्ते के रोने और तेज भौंकने से उठे तब जयसिंह भी उठ गए थे. उनकी विकलांग पत्नी को उनके बेटे ने कंधे पर उठाकर सियाठी गांव से ऊपर दो किमी दूर त्रियंबला गांव में पहुंचाया. त्रियंबला गांव के उप प्रधान प्रिथी वर्मा बताते हैं कि जय सिंह और उनकी पत्नी बाल-बाल बचे. लेकिन 5 जुलाई को हुई बारिश में जयसिंह का पहाड़ी के हिस्से पर बचा मकान भी पहाड़ के मलबे में दब गया. अब जय सिंह अपने एक रिश्तेदार के यहां रहने चले गए हैं. बता दें कि इस गांव में कुल 20 परिवार रहते थे. सही समय पर इन लोगों ने अपना गांव खाली कर दिया. कुल 67 लोगों ने पास के ही एक गांव के नैना देवी मंदिर में शरण ली है. 
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हिमाचल में बारिश का कहर, गोहर स्यांज में 9 लोग बहे, बाड़ा में 6 दबे

ग्राम पंचायत अनाह में जल स्तर बढ़ने से उप स्वास्थ्य केंद्र, दो गौशालाएं समेत कई मवेशियों के बहने की सूचना है.पटिकरी में स्थित हाइड्रो प्रोजेक्ट के बांध टूटने का भी समाचार है. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में रात भर हुई भारी बारिश के कारण दो अलग-अलग स्थानों पर दिल दहलाने वाली घटनाएं हुई हैं. उप मंडल गोहर की ग्राम पंचायत स्यांज के पंगलियुर गांव में दो मकान बह गए, जिसमें कम से कम 9 लोगों के बहनें की खबर है. वहीं, ग्राम पंचायत बाड़ा में एक मकान ढहने से 6 लोग दब गए हैं. ग्राम पंचायत अनाह में जल स्तर बढ़ने से उप स्वास्थ्य केंद्र, दो गौशालाएं समेत कई मवेशियों के बहने की सूचना है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटिकरी में स्थित हाइड्रो प्रोजेक्ट के बांध टूटने का भी समाचार है. हालांकि, अभी इसकी अधिकारीकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है. जिससे बाखली खड्ड के जल स्तर में वृद्धि होने से बड़े नुकसान की आशंका जताई जा रही है. बिजली रात से गुल पड़ी है तथा सराज में संचार व्यवस्था पूरी तरह से चरमाई है. कार्यकारी एसडीएम गोहर कृष्ण कुमार ने बताया कि पंगलियुर गांव में रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई है और बचाव कार्य जारी है. जबकि ग्राम पंचायत बाड़ा में एक मकान ढहने से 6 लोग दब गए हैं. इनमें से 4 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. मलबे में दबे अन्य एक बुजुर्ग महिला और एक लड़के का रेस्क्यू जारी है. प्रशासन ने बताया कि बचाव कार्य में तेजी लाई जा रही है और जल्द ही सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा. दोनों घटनाओं में बचाव कार्य के लिए टीमें तैनात की गई हैं. गोहर प्रशासन द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर पदम सिंह (75) पुत्र देवी सिंह गांव बागा स्यांज त0 चच्योट जिला मंडी व उसकी पत्नी देवकु देवी (72) व इसके साथ ही दूसरे परिवार में झाबे राम (50) पुत्र गोकल गांव पंगलियुर स्यांज जिला मंडी व उसकी पत्नी पार्वती देवी (42), सुरमी देवी (70) पत्नी गोकल, इंद्र देव (29) पुत्र झाबे राम, उमावती (28) पत्नी इंद्र देव, कुमारी कनिका (9) पुत्री इंद्र देव, गौतम (7) पुत्र इंद्र देव इस दर्दनाक घटना में बह गए है. जानकारी के अनुसार दोनों परिवारों में झाबे राम और पदम सिंह के परिवारों के मकान भूस्खलन की चपेट में आ गए. झाबे राम के परिवार के सात सदस्य, जबकि पदम सिंह और उनकी पत्नी देवकु देवी भी अपने मकान सहित लापता बताए जा रहे हैं. घटनास्थल पर तबाही का मंजर बना हुआ है घर का लेंटर ज्युनी खड़ में दिख रहा है और प्रभावित घरों का कोई नामोनिशान शेष नहीं बचा है. प्रशासन की ओर से राहत व बचाव कार्य जारी है और एनडीआरएफ टीम को भी मौके पर बुलाया गया है. क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण हालात और भी गंभीर बने हुए हैं, जिससे राहत कार्यों में बाधा आ रही है. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां भू-संवेदनशीलता अधिक है.
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हिमाचल के मंडी में बादल फटने से हाहाकार.... गाड़ियां बह गईं, घरों को नुकसान

हिमाचल के मंडी में बादल फटने से हाहाकार.... गाड़ियां बह गईं, घरों को नुकसान मौसम विभाग ने सोमवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी. वहीं चार जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया था. अब मंडी जिले में बादल फटने (Himachal Cloud Busted) से हड़कंप मच गया है. कुदरत इन दिनों जमकर कहर बरपा रही है. सबसे ज्यादा परेशानी पहाड़ी राज्यों को झेलनी पड़ रही है. कहीं तेज बारिश को रही है तो कहीं बादल फट रहा है, ताजा मामला हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का है. मंडी के करसोग में बादल फट गया, जिसके बाद वहां तबाही का मंजर है. बादल फटने (Himachal Pradesh Cloud Busted) की वजह से करसोग के पंजराट गांव और मेगली गांव में घरों और गाड़ियों के बह गईं है. करसोग बाईपास सड़क भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है.  बादल फटने से गांव में तबाही, प्रशासन मदद में जुटा गांव में हुई तबाही से वहां से लोग सहमे हुए हैं और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. हालांकि प्रशासन अपने काम में लगा हुआ है. जिला प्रशासन मौके पर मौजूद है. हिमाचल प्रदेश में मॉनसून इन दिनों अपना खतरनाक रूप दिखा रहा है. पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. तेज बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. मौसम विभाग ने सोमवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी. वहीं चार जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया था. अब मंडी जिले में बादल फटने से हड़कंप मच गया है. कांगड़ा और कुल्लू में भी फटा था बादल हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की ये कोई पहली घटना नहीं है. 26 जून को कांगड़ा और कुल्लू जिलों में बादल फटने से अचानक पानी का सैलाब आ गया था. बाढ़ की वजह से 10 लोग लापता हो गए थे. वहीं एक दिन पहले भारी बारिश की वजह से दो लोगों की मौत हो गई थी. बाढ़ में करीब 20 लोगों के बह जाने की आशंका जताई गई थी, जिनमें से कुछ को बचा लिया गया था. कांगड़ा जिले के मनुनी खड्ड में इंदिरा प्रियदर्शिनी जलविद्युत परियोजना स्थल के पास एक श्रमिक कॉलोनी में रह रहे करीब 15-20 श्रमिकों के खनियारा मनुनी खड्ड में जल स्तर बढ़ने की वजह से बह जाने की जानकारी सामने आई थी.
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हिमाचल से लेकर उत्तराखंड तक बारिश का तांडव, कहीं बाढ़ तो कहीं टूटे पहाड़

हिमाचल से लेकर उत्तराखंड तक बारिश का तांडव, कहीं बाढ़ तो कहीं टूटे पहाड़ पहाड़ों में हो रही बारिश आफत बनकर लोगों पर कहर बरपा रही है. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बारिश ने तबाही का रूप ले लिया है. केदारघाटी में बारिश के कारण भूस्खलन हो रहे हैं, जिससे कई रास्ते बंद हो गए हैं. वहीं हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर बाढ़ के हालात हैं. मौसम विभाग ने लोगों को संवेदनशील इलाकों से दूर रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी है. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के घोलतीर इलाके में अलकनंदा नदी के तेज बहाव में एक बस चपेट में आ गई. इस बस में करीब 18 लोग सवार थे. एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है. इस हादसे में एक शख्स के मारे जाने की खबर है. 18 में से 7 लोंगो का रेस्क्यू कर लिया गया गया है जबकि 11 लोग लापता है. जिनकी तलाश की जा रही है.  मौसम विभाग ने उत्तराखंड के लिए 23 जून से 26 जून तक भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. उत्तराखंड मौसम विभाग ने 25 जून से 26 जून के दौरान देहरादून टिहरी चंपावत और नैनीताल में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है और इसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने 26 जून के लिए पौड़ी, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग, उधम सिंह नगर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. भूस्खलन से बद्रीनाथ और केदारनाथ हाइवे पर कई जगहों पर यात्रियों के फंसे होने की भी खबर है.  सोनप्रयाग के पास भूस्खलन हुआ है, बद्रीनाथ हाइवे तोताघाटी के पास 3 घंटे बंद रहा. दूसरी और हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, मनाली के सैंज, मणिकर्ण, बंजार,  सोलंगनाला के अंजनी महादेव नाले, मणिकर्ण के ब्रह्मगंगा में बादल फटने व भारी बारिश के चलते व्यास नदी का जलस्तर बढ़ा गया है. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बुधवार को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में तीन लोग बह गए तथा कई घर, एक स्कूल भवन, संपर्क सड़कें और छोटे पुल क्षतिग्रस्त हो गए. कुल्लू जिले के सैंज में जीवा नाला और रेहला बिहाल तथा गड़सा क्षेत्र के शिलागढ़ में बादल फटने की तीन घटनाएं हुईं. अधिकारियों ने बताया कि रेहला बिहाल में अपने घरों से सामान निकालने की कोशिश कर रहे तीन लोग बाढ़ में बह गए और लापता हैं. कुल्लू में कई जगहों पर भारी बाढ़ के कई वीडियो में तबाही के निशान दिखे हैं. एक वीडियो में एक वाहन कीचड़ भरे पानी में बहता हुआ दिखाई दे रहा है. तेज बारिश से ब्यास और सतलुज नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. मनाली के पास ब्यास नदी के उफान पर आने से मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया. हालांकि, वाहनों का आवागमन जारी है. लाहौल और स्पीति पुलिस ने कहा कि काजा से समदोह तक सड़क भूस्खलन, मलबा गिरने और नालों के उफान पर होने के कारण कई रास्तों बंद हो गए हैं. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में बुधवार को बादल फटने से आई अचानक बाढ़ से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 20 लोगों के बह जाने की आशंका है. कांगड़ा जिले में मनुनी खड्ड से दो शव बरामद किए गए, जबकि इंदिरा प्रियदर्शिनी जलविद्युत परियोजना स्थल के पास एक श्रमिक कॉलोनी में रह रहे लगभग 15-20 श्रमिकों के खनियारा मनुनी खड्ड में जल स्तर बढ़ने के कारण बह जाने की आशंका है. अधिकारियों के अनुसार, बारिश के कारण परियोजना का काम रोक दिया गया था और श्रमिक निर्माण स्थल के पास अस्थायी आश्रयों में आराम कर रहे थे, तभी मनुनी खड्ड और आसपास के नालों से बाढ़ का पानी श्रमिक कॉलोनी की ओर आ गया और श्रमिकों को बहा ले गया. मौसम विभाग ने पांच जिलों- चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ हिस्सों में बृहस्पतिवार शाम तक बाढ़ के खतरे की चेतावनी दी है. जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में हुई बारिश के कारण जलस्तर अचानक बढ़ जाने के बाद तवी नदी में फंसे नौ लोगों को बुधवार को पुलिस और एसडीआरएफ की टीमों के संयुक्त अभियान में बचा लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण बुधवार सुबह जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर तीन घंटे से अधिक समय तक यातायात बाधित रहा, जबकि राजौरी जिले में एक नदी के उफान पर होने से कुछ वाहन भी बह गए.  मौसम विभाग ने 27 जून तक जम्मू संभाग के कुछ स्थानों पर भारी जबकि कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान जताया है.
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हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में फटा बादल, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में फटा बादल, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बादल फटने की घटना सामने आई है। बादल फटने के बाद जीवा नाले में उफान आ गया है। इस कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इसे लेकर प्रशासन ने अलर्ट भी जारी किया है। देश में मॉनसून की एंट्री के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश देखने को मिल रही है। इस बीच हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की सैंज घाटी में बादल फटने की घटना सामने आई है। बादल फटने के कारण इलाके के जीवा नाले में सैलाब आ गया, इस कारण प्रशासन द्वारा आसपास के इलाकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, इलाके में पार्वती नदी भी अपने उफान पर है। हालांकि अब तक किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है। लेकिन लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है। बता दें कि इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम, हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। प्रशासन ने लोगों के लिए जारी की चेतावनी प्रशासन द्वारा स्थानीय लोगों को एहतियाती रूप से सावधान रहने को लेकर चेतावनी जारी की गई है, साथ ही लोगों से अपील की गई है कि वो नदी-नालों के किनारे न जाएं और प्रशासन द्वारा जारी की जाने वाली चेतावनी पर ध्यान दें। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों तक हल्की से मध्यम बारिश और कुछ ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बारिश की भी संभावना जताई है। बता दें कि मॉनसून का कहर इन दिनों हिमाचल प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है। इसके अलावा मॉनसून का भीषण कहर गुजरात में भी देखने को मिल रहा है। यहां गुजरात के 26 जिले भारी बारिश के कारण प्रभावित है। गुजरात और राजस्थान में भी मॉनसून का कहर भारी बारिश के कारण गुजरात के तीन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। राज्य में पिछले कुछ दिनों से लगातार भीषण बारिश हो रही है। इस कारण कई रिहायशी इलाकों में जलभराव देखने को मिल रहा है। वहीं आए दिन जलभराव के कारण कई घटनाएं भी हो रही हैं। इस कारण प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम लगातार मुस्तैद है और हालात पर नजर बनाए हुए है। इसके अलावा राजस्थान में भी मॉनसून का कहर देखने को मिल रहा है। राजस्थान के कई जिलों में मंगलवार के तेज बारिश देखने को मिली। इसके अलावा राजधानी जयपुर में भी जोरदार बारिश हुई।
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हिमाचल में झमाझम बारिश के बीच जगह-जगह लैंडस्लाइड, शिमला में गाड़ी दबी

हिमाचल में झमाझम बारिश के बीच जगह-जगह लैंडस्लाइड, शिमला में गाड़ी दबी मॉनसून की पहली ही बारिश ने हिमाचल प्रदेश को शुक्रवार सुबह सुबह जमकर भिगोया। प्रदेश के कई हिस्सों में हुई बारिश के कारण शुक्रवार को कई स्थानों पर लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आईं। शिमला सहित हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बीते साल के मुकाबले सात दिन पहले ही मॉनसून ने दस्तक दी है। प्रदेश के कई हिस्सों में हुई बारिश के कारण शुक्रवार को कई स्थानों पर लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आईं। शिमला के जतोड़ में पिकअप गाड़ी पर मलबा गिरा जिससे वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। अपर शिमला क्षेत्र में ताउणी-हाटकोटी मार्ग का एक हिस्सा भी भूस्खलन की वजह से क्षतिग्रस्त हो गया है। पंडोह के शहीद इंदर सिंह मिडिल स्कूल में जलभराव की खबरें भी सामने आई हैं, जिससे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा।  अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के कारण धर्मशाला-चतरो-गगल मार्ग पर यातायात बाधित हो गया है और सड़क को दोबारा चालू करने का काम जारी है। भारी बारिश का ऑरेंज-येलो अलर्ट स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने राज्य के कुछ इलाकों में 22, 23, 25 और 26 जून को अत्याधिक भारी बारिश के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है।  मौसम विभाग ने रविवार, सोमवार, बुधवार और गुरुवार के लिए कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' और मंगलवार के लिए 'येलो अलर्ट' जारी किया है।  कहां-कितनी हुई बारिश? राज्य में सबसे अधिक बारिश नाहन में 84.7 मिमी दर्ज की गई, इसके बाद पंडोह में 35 मिमी, स्लैपर में 26.3 मिमी, सराहन में 20.5 मिमी, पांवटा साहिब में 19.8 मिमी, जोगिंदरनगर में 19 मिमी, पच्छाद में 17.2 मिमी, रामपुर में 15.6 मिमी और गोहर में 15 मिमी बारिश हुई। सुंदरनगर, शिमला और कांगड़ा में गरज के साथ बारिश हुई, जबकि बजौरा में 37 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं।  मौसम विभाग ने दी चेतावनी मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि मध्य और निचले पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश से भूस्खलन, कीचड़ धंसने, निचले क्षेत्रों में जलभराव, कमजोर संरचनाओं को आंशिक नुकसान, फिसलन भरी सड़कों पर वाहन फिसलने और दृश्यता बाधित होने की समस्या हो सकती है। पूर्वानुमान के अनुसार, अगले दो से तीन दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
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हिमाचल के सीएम से नाराज कृषि मंत्री ने इस्तीफे पर चुप्पी तोड़ी, बोले- मसला सुलझ गया

हिमाचल के सीएम से नाराज कृषि मंत्री ने इस्तीफे पर चुप्पी तोड़ी, बोले- मसला सुलझ गया हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु से नाराज चल रहे कृषि मंत्री व प्रदेश कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता चंद्र कुमार का कहना है कि कुछ लोगों ने ट्रांसफर और एडजस्टमेंट को पेशा बना लिया है. सरकार को इस पर लगाम लगानी चाहिए. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु से नाराज चल रहे प्रदेश कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता और हिमाचल सरकार में कृषि मंत्री चंद्र कुमार का विवाद सुलझ गया है. अपने क्षेत्र में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर नाराजगी चंद्र कुमार नाराज थे. उनके इस्तीफा देने तक की चर्चा थी, लेकिन अब सीएम से बातचीत के बाद उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि मामला सुलझ गया है.  सीएम से बात के बाद दूर हुई नाराजगी हिमाचल प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने अपने इस्तीफे की चर्चाओं के बाद अब कहा है कि इस्तीफा देने की नौबत नहीं आई. मुख्यमंत्री से बातचीत करके मसला हल हो गया. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने ट्रांसफर और एडजस्टमेंट को पेशा बना लिया है. मेरे विधानसभा क्षेत्र में भी कार्यकर्ताओं ने ट्रांसफर को पेशा बना लिया है. उसी को लेकर नाराजगी थी. सरकार को इस पर लगाम लगानी चाहिए. कृषि मंत्री ने क्या आरोप लगाए? मंत्री चन्द्र कुमार ने आरोप लगाया कि प्रदेश में बड़े स्तर पर ट्रांसफर माफिया काम कर रहा है. वैसे तो सभी विभागों में हैं, लेकिन शिक्षा विभाग में ट्रांसफर एडजस्टमेंट का पेंडौरा बॉक्स बन गया है. इस पर मुख्यमंत्री को लगाम लगानी चाहिए. मेरे विधानसभा क्षेत्र में भी कुछ लोगों और कार्यकर्ताओं ने ट्रांसफर-एडजस्टमेंट को पेशा बना लिया है. उस पर मेरे बेटे और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) नीरज भारती ने नाराजगी जताई और इस्तीफे की बात कही. हालांकि इस्तीफा देने की जरूरत नहीं पड़ी और मुख्यमंत्री से बातचीत करके मामला सुलझा लिया गया है. 'सरकार को ट्रांसफर पॉलिसी बनाने की जरूरत' चंद्र कुमार ने कहा कि हर विभाग में ट्रांसफर और एडजस्टमेंट का खेल चल रहा है, लेकिन शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा है. कुछ लोग और कार्यकर्ता ट्रांसफर के इस खेल में शामिल होकर सरकार की छवि खराब कर रहे हैं, जिस पर लगाम लगाने की जरूरत है. इसी को लेकर नीरज भारती ने नाराजगी जाहिर करते हुए अपनी बात कही थी.  उन्होंने आगे कहा कि कार्यकर्ता काम की बात न करके एक दूसरे की कॉन्स्टिट्यूंसी में ट्रांसफर व एडजस्टमेंट के मामले लेकर आते हैं, जैसे उन्होंने विधायक बनना हो. उन्होंने कहा कि ट्रांसफर पॉलिसी बनाने की बात तो कई बार हुई लेकिन सिरे नहीं चढ़ी.  प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं चंद्र कुमार बता दें कि चंद्र कुमार हिमाचल कांग्रेस के वयोवृद्ध  नेताओं में से हैं. 81 वर्षीय चन्द्र कुमार 7 बार विधायक और 3 बार मंत्री व सांसद रहे हैं. उनके बेटे नीरज भारती सीपीएस रहे चुके हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर मंत्री के इस्तीफे की पोस्ट डालकर खलबली मचा दी थी.  उसी पर अब मंत्री चन्द्र कुमार ने सफाई दी है कि नाराजगी थी लेकिन मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद मामला अब सुलझ गया है. इस्तीफे की नौबत नही आई है. उन्होंने कहा कि नौजवान हैं, आवेश में कुछ बोल देते हैं. बहरहाल इस प्रकरण से इतना तो साफ है कि हिमाचल सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.
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