Category
दिल्ली

लोगों के सर पर बंदूक नहीं तानी जा सकती: फिल्म ‘ठग लाइफ’ की रिलीज पर सुप्रीम कोर्ट

लोगों के सर पर बंदूक नहीं तानी जा सकती: फिल्म ‘ठग लाइफ’ की रिलीज पर सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी चिंता जताई कि फिल्म प्रोड्यूसर पर दबाव डालकर या धमकी देकर समझौते के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. अगर किसी फिल्म को सेंसर बोर्ड से प्रमाणन मिला है, तो वह फिल्म कानूनी रूप से रिलीज की पात्र है. सुप्रीम कोर्ट ने कमल हासन की फिल्म 'ठग लाइफ' की कर्नाटक में रिलीज को लेकर हो रहे विरोध और याचिकाओं पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कोर्ट ने साफ कहा कि किसी भी भीड़ को यह अधिकार नहीं दिया जा सकता कि वह कानून को अपने हाथ में लेकर फिल्म रिलीजिंग प्रक्रिया को प्रभावित करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कानून का शासन बनाए रखे. कोर्ट ने यह भी कहा कि फिल्म रिलीज होनी ही चाहिए, और थियेटर मालिकों को इस बात का डर नहीं होना चाहिए कि उनके थियेटर में कोई हिंसा या आगजनी की जाएगी. कर्नाटक सरकार से मांगा जवाब कोर्ट ने जोर देकर कहा कि यह लोगों की इच्छा पर निर्भर करता है कि वे फिल्म देखें या न देखें, लेकिन सेंसर बोर्ड से प्रमाणित फिल्म को रिलीज जरूर किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट में दाखिल याचिका को भी अपने पास ट्रांसफर कर लिया है और कर्नाटक सरकार को 18 जून तक जवाब देने का निर्देश दिया है. 19 जून को अगली सुनवाई निर्धारित है. वहीं, कोर्ट ने 'कर्नाटक के लोगों की भावना आहत करने के लिए' कमल हासन को माफी मांगने का निर्देश देने पर हाईकोर्ट को फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा, "ये हाईकोर्ट का काम नहीं है कि वो किसी व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का आदेश दे." फिल्म कानूनी रूप से रिलीज की पात्र फिल्म निर्माता की ओर से कोर्ट में बताया गया कि वह फिल्म चैंबर्स ऑफ एसोसिएशन के साथ मीटिंग कर समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे फिल्म को रिलीज किया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी चिंता जताई कि फिल्म प्रोड्यूसर पर दबाव डालकर या धमकी देकर समझौते के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. अगर किसी फिल्म को सेंसर बोर्ड से प्रमाणन मिला है, तो वह फिल्म कानूनी रूप से रिलीज की पात्र है. मामले में वकील नवप्रीत कौर ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार को कल तक अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. साथ ही, जो हाईकोर्ट में निर्माता द्वारा रिपीटेशन याचिका दायर की गई थी, उसे भी सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया गया है. अब इस मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि नियम और कानून के तहत, जब कोई फिल्म सेंसर बोर्ड से प्रमाणित हो चुकी है, तो उसे ऐसी धमकियों या दबाव के चलते प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता. अदालत ने नियम और कानून की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि इस मामले में त्वरित सुनवाई आवश्यक है, इसलिए इसे एक दिन बाद ही सूचीबद्ध किया गया है.'' बता दें कि कमल हासन ने 'ठग लाइफ' के प्रमोशन के दौरान भाषा को लेकर टिप्पणी की थी. 28 मई को चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि कन्नड़ का जन्म तमिल से हुआ है.
दिल्ली 

सिविल जजों की भर्ती के लिए तीन साल की प्रैक्टिस के नियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर

सिविल जजों की भर्ती के लिए तीन साल की प्रैक्टिस के नियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर वकील चंद्र सेन यादव द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि यह जरूरत संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है. सिविल जजों की भर्ती के लिए तीन साल की प्रैक्टिस के नियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में  पुनर्विचार याचिका दायर हुई है. 20 मई के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर हुई है. वकील चंद्र सेन यादव द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि यह जरूरत संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है. इससे पहले 20 मई को जजों की भर्ती को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला सुनाया था. सिविल जजों की भर्ती के लिए तीन साल की प्रैक्टिस का नियम  बहाल कर किया था. -लॉ ग्रेजुएट को सीधी भर्ती का नियम रद्द कर दिया गया था. - सुप्रीम कोर्ट ने यह शर्त बहाल कर दी  कि न्यायिक सेवा में प्रवेश स्तर के पदों के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवार के लिए वकील के रूप में न्यूनतम तीन साल का अभ्यास आवश्यक है.- अभ्यास की अवधि प्रोविजनल नामांकन की तारीख से मानी जा सकती है.- हालांकि, उक्त शर्त आज से पहले उच्च न्यायालयों द्वारा शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया पर लागू नहीं होगी.- दूसरे शब्दों में यह शर्त केवल भविष्य की भर्तियों पर लागू होगी.- CJI बीआर गवई, जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस के विनोद के चंद्रन की बेंच का फैसला फैसला सुनाते हुए CJI गवई ने कहा - नए लॉ स्नातकों की नियुक्ति से कई समस्याएं पैदा हुई हैं जैसा कि हाईकोर्ट के हलफनामों से पता चलता है- यह तभी संभव है जब प्रत्याशी को न्यायालय के साथ काम करने का अनुभव हो- हम हाईकोर्ट के साथ इस बात पर सहमत हैं कि न्यूनतम प्रैक्टिस की आवश्यकता है - सिविल जज की नियुक्ति के लिए 3 साल की कानूनी प्रैक्टिस अनिवार्य है या नहीं, इस पर सुनाया फैसला-  देश भर में हजारों लॉ ग्रेजुएट्स के लिए फैसला  सुप्रीम कोर्ट ने कहा  - न्यायिक सेवाओं की परीक्षा में बैठने से पहले कुछ सेवाओं को फिर से शुरू करना जरूरी है- नए लॉ ग्रेजुएट की नियुक्ति से कई समस्याएं पैदा हुई है  - ⁠सुप्रीम कोर्ट ने 25% प्रतिशत कोटा बहाल किया जो उच्च न्यायिक सेवाओं में पदोन्नति के लिए सीमित विभागीय प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आरक्षित था   ⁠CJI  बीआर गवई ने कहा  - शुरुआती वर्षों में युवा स्नातकों के लिए अवसर सीमित होंगे- ⁠जजों के लिए सेवा ग्रहण करने के दिन से ही जीने, स्वतंत्रता, संपत्ति आदि से संबंधित चीजें शुरू हो जाती हैं - ⁠और इसका उत्तर केवल किताबों के ज्ञान से नहीं बल्कि वरिष्ठों की सहायता करके, न्यायालय को समझकर दिया जा सकता है.  - इस प्रकार हम इस बात से सहमत हैं कि परीक्षा से पहले कुछ सेवाओं को फिर से शुरू करना आवश्यक है  - इस प्रकार हम मानते हैं कि प्रोविजनल पंजीकरण होने के समय से अनुभव की गणना की जाएगी - ऐसा इसलिए है क्योंकि AIBE अलग-अलग समय पर आयोजित किया जाता है - 10 साल का अनुभव रखने वाले वकील को यह प्रमाणित करना होगा कि उम्मीदवार ने न्यूनतम आवश्यक अवधि के लिए अभ्यास किया है- सभी उच्च न्यायालय और राज्य नियमों में संशोधन करेंगे ताकि सिविल जज सीनियर डिवीजन के लिए 10 प्रतिशत त्वरित पदोन्नति के लिए आरक्षित हो -  सिविल जज जूनियर डिवीजन परीक्षा में बैठने के लिए 3 साल की न्यूनतम अभ्यास आवश्यकता को बहाल किया जाता है - राज्य सरकारें एलडीसी, सिविल जज सीनियर डिवीजन के लिए सेवा नियमों में संशोधन करके इसे बढ़ाकर 25 प्रतिशत करेंगी - सभी राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करने के लिए नियमों में संशोधन करेंगी कि सिविल जज जूनियर डिवीजन के लिए उपस्थित होने वाले किसी भी उम्मीदवार के पास न्यूनतम 3 साल का अभ्यास होना चाहिए - इसे बार में 10 वर्ष का अनुभव वाले  वकील द्वारा प्रमाणित और समर्थित किया जाना चाहिए - जजों के विधि लिपिक के रूप में अनुभव को भी इस संबंध में गिना जाएगा- अदालत में अगुवाई करने से पहले उन्हें एक वर्ष का प्रशिक्षण लेना होगा - ऐसी सभी भर्ती प्रक्रियाएं जो इस मामले के लंबित रहने के कारण स्थगित रखी गई थीं, अब अधिसूचित संशोधित नियमों के अनुसार आगे बढ़ेंगी.
दिल्ली 

रात में उमस और दिन में बरस रही आग, जाने दिल्ली में बारिश पर गुड न्यूज क्या है

रात में उमस और दिन में बरस रही आग, जाने  दिल्ली में बारिश पर गुड न्यूज क्या है दिल्ली-एनसीआर में अधिकतम तापमान शुक्रवार को कुछ नीचे गिरा. अब IMD ने राजस्थान और पंजाब के लिए शनिवार को रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और चंडीगढ़ मौसम केंद्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. Weather Update: उत्‍तर भारत में इस समय आसमान से 'आग बरस' रही है. चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़ों ने लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल कर दिया है. राजस्‍थान के श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान 49.4°C पहुंच गया है. 13 जून देश में 2025 का सबसे गर्म दिन माना जा रहा है. ऐसे में सभी आसमान की ओर टकटकी लगाकर देख रहे हैं कि राहत की बारिश कब होगी? मौसम विभाग की मानें तो दिल्‍ली समेत उत्‍तर भारत के राज्‍यों को आने वाले कुछ दिनों में गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है. आईएमडी के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक, दिल्‍ली में आंशिक रूप से बादल छाए रहने, हल्की बारिश तथा 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अनुमान है. अगले दो दिन भी ऐसी स्थितियां बनी रहने का अनुमान है और 16 से 18 जून के बीच बारिश की उम्मीद है.  दिल्‍ली में कब राहत की बारिश?  दिल्‍ली में लगातार चार दिनों तक भीषण गर्मी रहने के बाद शुक्रवार को तापमान में कुछ गिरावट दर्ज की गयी. इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने ‘ऑरेंज अलर्ट' जारी करते हुए शुक्रवार देर शाम को आंधी और बारिश का अनुमान जताया है. दिल्ली की आधिकारिक वेधशाला सफदरजंग में अधिकतम तापमान गिरकर 41.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.3 डिग्री सेल्सियस अधिक है, लेकिन बृहस्पतिवार के 43.9 डिग्री सेल्सियस से कम है. शहर के अन्य मौसम केंद्रों ने भी महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की. रिज क्षेत्र में दिन के तापमान में 4.9 डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गयी जबकि आयानगर, लोधी रोड और पालम में क्रमशः 3.6 डिग्री सेल्सियस, 3.7 डिग्री सेल्सियस और 3.3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गयी. शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो मौसम के औसत से चार डिग्री अधिक है. दिल्‍ली में ताजा पूर्वानुमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहने, हल्की बारिश तथा 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अनुमान है. अगले दो दिन भी ऐसी स्थितियां बनी रहने का अनुमान है और 16 से 18 जून के बीच बारिश की उम्मीद है. आईएमडी के अनुमान के अनुसार शनिवार को अधिकतम तापमान 39 से41 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. 14 जून के बाद से भीषण गर्मी की उम्मीद नहीं है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 187 रहा जो ‘मध्यम' श्रेणी में आता है.  हरियाणा और पंजाब में भी भीषण गर्मी  हरियाणा और पंजाब के विभिन्न हिस्से भीषण गर्मी की चपेट में हैं और शुक्रवार को सिरसा दोनों राज्यों में सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम कार्यालय ने यह जानकारी दी. मौसम विभाग के अनुसार, हरियाणा के हिसार में 44.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया.  गुरुग्राम में अधिकतम तापमान 44 डिग्री, रोहतक में 43.1 डिग्री, नारनौल में 44.3 डिग्री और भिवानी में 43.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. अंबाला और करनाल में लोगों को कुछ राहत मिली, जहां अधिकतम तापमान क्रमश: 38.2 और 37.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में अधिकतम तापमान 39.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पंजाब में बठिंडा सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस रहा. वहीं फरीदकोट में अधिकतम तापमान 44 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि अमृतसर में यह 43.6 डिग्री, लुधियाना में 43 डिग्री, पटियाला में 39.2 डिग्री, पठानकोट में 42.5 और गुरदासपुर में 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान 49.4°C पहुंचा राजस्थान के श्रीगंगानगर में शुक्रवार को देश में सबसे अधिक 49.4°C तापमान दर्ज किया गया है. भारत मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, यह देश में इस सीजन के दौरान किसी भी स्टेशन में दर्ज किया गया सबसे अधिकतम तापमान है. IMD के मुताबिक शुक्रवार को देश के 22 शहरों/मौसम केंद्रों में 44 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तापमान दर्ज किया गया. सबसे ज़्यादा हीट वेव का संकट राजस्थान में रिकॉर्ड किया गया. IMD की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य के 10 शहरों/मौसम केंद्र में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर पहुंच गया. शुक्रवार को राजस्थान के अलावा जम्मू संभाग, हरियाणा और मध्य प्रदेश में भी अलग-अलग स्थानों पर भीषण गर्मी की स्थिति बनी रही.  बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में अधिकतम तापमान शुक्रवार को कुछ नीचे गिरा. अब IMD ने राजस्थान और पंजाब के लिए शनिवार को रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और चंडीगढ़ मौसम केंद्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
दिल्ली 

दिल्ली समेत देश के बाकी हिस्सों में कब पहुंचेगा मानसून? मौसम विभाग ने बता दी तारीख

दिल्ली समेत देश के बाकी हिस्सों में कब पहुंचेगा मानसून? मौसम विभाग ने बता दी तारीख दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में मानसून समय से पहले पहुंचने वाला है। मामसून 22-23 जून तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है। बिहार समेत कई राज्यों में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है। दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में चेहरा झुलसा देने वाली भीषण गर्मी पड़ रहा है। इस बीच मौसम विभाग ने मानसून को लेकर ताजा अपडेट दिया है। इस सप्ताह से एक बार फिर दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय हो रहा है। मानसून सामान्य तिथियों से काफी पहले 25 जून तक दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों को कवर कर लेगा। एक बार फिर से एक्टिव हुआ मानसून मौसम विभाग ने बताया कि मानसून भारत में सबसे पहले 24 मई को केरल पहुंचा। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में निम्न-दबाव के कारण मानसून अगले कुछ दिन में तेजी से बढ़ा और 29 मई तक मुंबई समेत मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और पूरे पूर्वोत्तर तक जा पहुंच गया। हालांकि यह 28-29 मई से 10-11 जून तक रुका रहा। हालांकि मानसून अब एक बार फिर से सक्रिय हो गया है।  मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अब मानसून के मध्य और पूर्वी भारत के शेष भागों और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों को 18 जून तक कवर करने की संभावना है। इसके 19 जून से 25 जून के बीच उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश भागों में आगे बढ़ने की उम्मीद है।  दिल्ली में सबसे पहले पहुंचेगा मानसून आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि 27 जून की सामान्य शुरुआत तिथि से पहले मानसून 22-23 जून तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है। भारत में जून-सितंबर मानसून के मौसम के दौरान 87 सेमी की लंबी अवधि की औसत वर्षा का 106 प्रतिशत प्राप्त होने की संभावना है। इन राज्यों में सामान्य से अधिक होगी बारिश लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के आस-पास के इलाकों, पूर्वोत्तर और बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है। पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ अलग-अलग इलाकों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की जा सकती है।  मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि केरल या मुंबई में मानसून का जल्दी या देरी से आना जरूरी नहीं कि देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की प्रगति का संकेत हो। उनका कहना है कि मानसून जटिल वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय कारकों से प्रभावित होता है, जिसमें महत्वपूर्ण परिवर्तनशीलता होती है।  
दिल्ली 

न्यायपालिका Vs कार्यपालिका: दो जज,दो देश और दो संदेश जाने किसने क्या कहा

न्यायपालिका Vs कार्यपालिका: दो जज,दो देश और दो संदेश जाने किसने क्या कहा CJI  गवई ने कहा कि अनुसूचित जातियों के लिए कोटा के भीतर उप-वर्गीकरण के सिद्धांत को बरकरार रखने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला आरक्षण की प्रासंगिकता या सफलता पर सवाल उठाने के लिए नहीं था. देश की न्यायपालिका के मुखिया CJI बी आर गवई और दूसरे नंबर के वरिष्ठ जज जस्टिस सूर्य कांत दो अलग-अलग देशों के दौरे पर हैं . लेकिन दोनों ने  वहीं से ही संदेश दे दिए हैं गौरतलब है कि CJI गवई इस समय यूके के दौरे पर हैं जबकि जस्टिस सूर्य कांत अमेरिका के.जस्टिस सूर्य कांत देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने वाले हैं . CJI बी आर गवई के अनुसार न्यायिक सक्रियता बनी रहेगी और भारत में अपनी भूमिका निभाएगी, लेकिन इसे "न्यायिक आतंकवाद" में नहीं बदलना चाहिए. जब यह पाया जाता है कि विधायिका या कार्यपालिका नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के अपने कर्तव्यों में विफल रही है, तो न्यायपालिका को हस्तक्षेप करना चाहिए. साथ ही, न्यायिक सक्रियता को न्यायिक आतंकवाद में नहीं बदलना चाहिए. इसलिए, कभी-कभी आप सीमाओं को पार करने की कोशिश करते हैं और ऐसे क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश करते हैं, जहां आमतौर पर न्यायपालिका को प्रवेश नहीं करना चाहिए.उन्होंने आगे कहा कि न्यायिक समीक्षा की शक्ति का इस्तेमाल दुर्लभ मामलों में ही किया जाना चाहिए. उस शक्ति  का प्रयोग बहुत सीमित क्षेत्र में बहुत अपवाद स्वरूप मामलों में किया जाना चाहिए. जैसे कि कोई क़ानून संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता हो, या संविधान के किसी मौलिक अधिकार के साथ सीधे टकराव में हो, या क़ानून बहुत ही मनमाना या भेदभावपूर्ण हो.तो अदालतें इसका प्रयोग कर सकती हैं, और अदालतों ने ऐसा किया भी है.    सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जजों के महाभियोग  के लिए तय किए गए उच्च मानदंडों का बचाव  उन्होंने आगे कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए यह प्रक्रिया आवश्यक है. अगर हम न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखना चाहते हैं.॥ एक तरफ, हम जजों की नियुक्ति में राजनीतिक हस्तक्षेप का विरोध कर रहे हैं और दूसरी तरफ, अगर हम किसी जज को हटाने का आसान तरीका प्रदान करते हैं. यह एक सुरक्षा उपाय है जो जजों को स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति देता है.अगर इसे हटा दिया जाता है, तो कानून के शासन की नींव, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, खतरे में पड़ सकती है. दरअसल, एक छात्र ने जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर कथित रूप से कैश मिलने की घटना का उल्लेख किया और पूछा था कि क्या वह जांच के संचालन में अपने पूर्ववर्ती CJI संजीव खन्ना से अलग तरीके से काम करते छात्र ने उनसे यह भी पूछा कि क्या वह मानते हैं कि जजों को हटाने के लिए उच्च मानदंड उचित हैं.   आरक्षण के मुद्दे पर बोले भारत के दूसरे दलित CJIबी आर गवई एससी कोटे के उप-वर्गीकरण के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट की 7-जे बेंच के बहुमत के विचार को लिखने के लगभग एक साल बाद CJI गवई ने कहा कि इस फैसले ने सुनिश्चित किया है कि दलितों में सबसे पिछड़े लोगों को सार्वजनिक रोजगार और सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में उचित हिस्सा मिले.दरअसल गवई द्वारा लिखे गए सात जजों के संविधान पीठ के फैसले ने पिछले साल 1 अगस्त को राज्यों को सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन और सरकारी नौकरियों में कम प्रतिनिधित्व की डिग्री के आधार पर SC समुदायों के भीतर जातियों को उप-वर्गीकृत करने की अनुमति दी थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 15% कोटे का बड़ा हिस्सा सबसे पिछड़े लोगों को मिले. सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों से SC के बीच ‘क्रीमी लेयर' को आरक्षण का लाभ उठाने से रोकने के लिए उपयुक्त मानदंड तैयार करने को कहा था.'क्रीमी लेयर' को बाहर रखने के न्यायालय के सुझाव के पीछे तर्क यह था कि सिविल सेवकों और अनुसूचित जातियों के अन्य लोगों के बच्चे, जो सामाजिक-आर्थिक सीढ़ी पर आगे बढ़ चुके हैं और अच्छी शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं, कोटा के हकदार नहीं हैं.  अब अपने भाषण में, CJI  गवई ने कहा कि अनुसूचित जातियों के लिए कोटा के भीतर उप-वर्गीकरण के सिद्धांत को बरकरार रखने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला आरक्षण की प्रासंगिकता या सफलता पर सवाल उठाने के लिए नहीं था, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए था कि हाशिए के समूहों के भीतर सबसे अधिक हाशिए पर रहने वाले लोगों को उनका उचित हिस्सा मिले .कई दशक पहले, भारत के लाखों नागरिकों को अछूत कहा जाता था, लेकिन देश आगे बढ़ गया है और आज हम यहां हैं, जहां उन्हीं (अछूत) लोगों से संबंधित एक व्यक्ति देश की न्यायपालिका में सर्वोच्च पद के धारक के रूप में खुलकर बोल रहा है. भारत के संविधान ने यही किया.इसने भारत के लोगों को बताया कि वे भी इसी श्रेणी में आते हैं, वे अपनी बात कह सकते हैं और समाज और सत्ता के हर क्षेत्र में उनका समान स्थान है.उन्होंने आगे कहा कि यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि संविधान के प्रमुख निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर ने समावेशिता और समानता को संवैधानिक मूल्यों और गारंटियों का आधार बनाया. समय के साथ, प्रतिनिधित्व के विचार को प्रभावी बनाने के लिए कई तरह के तंत्र अपनाए गए हैं: पदोन्नति में आरक्षण, नियुक्तियों में तरजीही व्यवहार, आयु और पात्रता में छूट और छात्रवृत्ति, ये सभी बहिष्कार के चक्र को तोड़ने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं.  न्यायिक सक्रियता Vs न्यायिक अतिक्रमण : जस्टिस सूर्यकांत  ऐसे समय में जब न्यायिक सक्रियता को अक्सर विधायी क्षेत्र में घुसपैठ के रूप में देखा जाता है, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश  जस्टिस सूर्यकांत  ने  अदालतों द्वारा विधायिका की भूमिका को दबाने या संसद और विधानसभाओं के कार्यों के माध्यम से परिलक्षित लोगों की इच्छा को दरकिनार करने के खिलाफ चेतावनी दी.उन्होंने कहा अदालतों को विधायिका की भूमिका को दबाना नहीं चाहिए या लोगों की इच्छा को दरकिनार नहीं करना चाहिए.इसके बजाय, उन्हें लोकतांत्रिक संवाद के सूत्रधार के रूप में कार्य करना चाहिए. सहभागी शासन को मजबूत करना, कमजोर लोगों की रक्षा करना और यह सुनिश्चित करना कि राजनीतिक अनिश्चितता के क्षणों में भी कानून का शासन कायम रहे. सैन फ्रांसिस्को में ‘एनविज़न इंडिया कॉन्क्लेव' में अपने मुख्य भाषण में, जस्टिस कांत ने कहा, - न्यायिक अतिक्रमण, चाहे कितने भी अच्छे इरादे से किया गया हो, शक्तियों के नाजुक संतुलन को अस्थिर करने का जोखिम उठाता है.सच्ची संवैधानिक संरक्षकता प्रभुत्व में नहीं बल्कि संयम में निहित है - एक ऐसा लोकाचार जो एक जीवंत लोकतंत्र में न्यायपालिका की वैधता की पुष्टि करता है. सोशल मीडिया के विस्फोट के युग में न्यायपालिका के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करते हुए, जहां हर व्यक्ति के पास हर बात पर कहने के लिए कुछ न कुछ होता है, उन्होंने कहा, "आज की हाइपर-कनेक्टेड दुनिया में, हम एक विशाल डिजिटल समुदाय का उदय देख रहे हैं - मुखर, अधीर और अक्सर अनभिज्ञ - जिसका कानून से जुड़ाव समझ से कम और भावनाओं से अधिक होता है.  न्याय वितरण प्रणाली में AI  की भूमिका न्याय वितरण प्रणाली में AI  की भूमिका को स्वीकार करते हुए, जस्टिस कांत ने कहा कि हम AI से यह उम्मीद नहीं करते हैं और न ही करनी चाहिए कि वह उन गहरे मानवीय संकटों को हल कर सके, जिनका सामना अदालतें हर दिन करती हैं. कोई भी एल्गोरिदम किसी अपराधी की परिस्थितियों, विचाराधीन कैदी की उम्र और बीमारियों या किशोर की नाजुक पारिवारिक पृष्ठभूमि का सही-सही हिसाब नहीं लगा सकता.न्यायपालिका हमेशा लिखित कानून और कानून के बीच की कड़ी पर चलती रही है, क्योंकि उसे हाशिए पर पड़े, खामोश, भुला दिए गए और अदृश्य लोगों की आवाज़ सुनकर समाज की सेवा करनी चाहिए.लेकिन आज के नाटकीय रूप से बदले हुए परिदृश्य में - तेजी से शहरीकरण, बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था, मूल्यों में सामान्य बदलाव और डेटा-संचालित सार्वजनिक प्रवचनों का उदय, न्यायिक संस्थानों पर अभूतपूर्व मांगें रखी जा रही हैं. आज लोग ऐसी अदालतें चाहते हैं जो न केवल विद्वान हों बल्कि सहानुभूतिपूर्ण भी हों, न केवल कुशल हों बल्कि मानवीय भी हो.वे उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका उनकी समझ में आने वाली भाषा में बात करे, तत्परता के साथ काम करे और समकालीन जीवन की लय के अनुकूल हों. 
दिल्ली 

MP के कांग्रेस विधायक की राहत रहेगी बरकरार, SC में नहीं हुई सुनवाई

MP के कांग्रेस विधायक की राहत रहेगी बरकरार, SC में नहीं हुई सुनवाई कांग्रेस विधायक भारती ने अपने हलफनामों गवाहों का हवाला देते हुए दावा किया है कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी थी. मध्यप्रदेश के दतिया से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भारती की राहत बरकरार रहेगी. ऐसा इसलिए भी क्योंकि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई टल गई है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मनमोहन ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग किया है. मामले को दूसरी बेंच के गठन के लिए CJI के पास भेजा गया .जब मामले की सुनवाई जस्टिस पीके मिश्रा और जस्टिस मनोमहन की पीठ में शुरू हुई तो जस्टिस मनमोहन ने सुनवाई से खुद को अलग किया है. जस्टिस मिश्रा ने कहा कि मामले को CJI को पास भेजा जाता है. मध्यप्रदेश के दतिया से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भारती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट  सुनवाई कर रहा था. कथित धोखाधड़ी मामले में दर्ज मुकदमे को विधायक राजेंद्र भारती ने प्रदेश के बाहर ट्रांसफर किए जाने की मांग की है. कांग्रेस विधायक भारती ने अपने हलफनामों गवाहों का हवाला देते हुए दावा किया है कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी थी.सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान  जांच पर नराजगी जताई थी. कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों और गवाहों को धमकाने के आरोप गंभीर हैं.सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश के अधिकारियों को आरोपियों औऱ गवाहों को धमकी की शिकायतों की फिर से जांच करने के निर्देश भी दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में भारती के खिलाफ ट्रायल पर रोक लगा दी थी.कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र भारती साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के नरोत्तम मिश्रा को 8800 वोटों से हराकर विधायक बने थे. 
दिल्ली 

दिल्ली में हीटवेव का अलर्ट, 48 डिग्री तक पहुंच सकता है, IMD ने गर्म हवाओं को लेकर चेतावनी जारी की

दिल्ली में हीटवेव का अलर्ट, 48 डिग्री तक पहुंच सकता है, IMD ने गर्म हवाओं को लेकर चेतावनी जारी की दिल्ली में बुधवार के दिन भी पारा 45 डिग्री के करीब था। हालांकि, लोगों को तापमान 50 डिग्री से भी ज्यादा महसूस हो रहा था। गुरुवार को हालात और मुश्किल होने के आसार हैं। भारतीय मौसम विभाग ने दिल्ली में हीटवेव को लेकर चेतावनी जारी की है। गुरुवार (12 जून) को दिल्ली में पारा 48 डिग्री तक पहुंच सकता है। इसके साथ ही गर्म हवाओं से लोगों को भारी परेशानी हो सकती है। बुधवार के दिन भी दिल्ली में जमकर गर्मी थी। दिल्ली के विभिन्न मौसम केंद्रों में तापमान 40.9 से 45.0 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। मौसम विभाग ने बताया कि शाम 5.30 बजे दिल्ली का आयानगर 45 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे गर्म इलाका रहा। हालांकि, इस दौरान लोगों को महसूस होने वाली गर्मी इससे भी ज्यादा थी। बुधवार को दिल्ली में लोगों को पारा 50 डिग्री के पार महसूस हुआ। बुधवार को दिल्ली में उष्मा सूचकांक खतरनाक 51.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। उष्मा सूचकांक वह तापमान है, जो गर्म हवा में मौजूद नमी के चलते मानव शरीर को महसूस होता है।  बुधवार को दिल्ली के किस इलाके में कितनी गर्मी आयानगर: 45 डिग्री सेल्सियस पालम: 44.5 डिग्री सेल्सियस रिज: 43.6 डिग्री सेल्सियस पीतमपुरा: 43.5 डिग्री सेल्सियस लोधी रोड: 43.4 डिग्री सेल्सियस मयूर विहार: 40.9 डिग्री सेल्सियस सफदरजंग: 43.3 डिग्री सेल्सियस कब मिलेगी राहत ? भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, 13 जून तक भीषण गर्मी जारी रहने का अनुमान है, हालांकि उसके बाद, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश से कुछ राहत मिल सकती है। दिल्ली में भी अगले सप्ताह से आसमान में बादल छाने और हल्की बारिश से तापमान में गिरावट आ सकती है। मानसून 26-27 मई से महाराष्ट्र में समुद्र किनारे रुका हुआ है। आने वाले 2-3 दिनों में यह फिर से सक्रिय हो सकता है। ऐसा होने पर महाराष्ट्र और मध्य भारत में भी बारिश के आसार बनेंगे।  आईएमडी ने क्या कहा? आईएमडी ने बताया, “अगले दो से तीन दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव होने का अनुमान नहीं है। हालांकि, इसके बाद तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है।” भीषण गर्मी के कारण बिजली ग्रिड पर दबाव बढ़ रहा है और उत्तर प्रदेश, पंजाब व आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में बिजली की मांग में वृद्धि दर्ज की गई है। अन्य राज्यों का हाल आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्यप्रदेश में कम से कम 22 स्थानों पर बुधवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक दर्ज किया गया। आंकड़ों के मुताबिक, राजस्थान के श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस अधिक 48 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो देश में सबसे अधिक था। राजस्थान के अन्य हिस्सों जैसे चित्तौड़गढ़ (45.7 डिग्री सेल्सियस), चूरू और फलौदी (45.8 डिग्री सेल्सियस प्रत्येक) और जयपुर (44.4 डिग्री सेल्सियस) में भी भीषण गर्मी दर्ज की गई। यूपी में भी पारा 45 डिग्री के पार उत्तर प्रदेश के आगरा में अधिकतम तापमान 45.4 डिग्री और औराई में 45.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हरियाणा के रोहतक में अधिकतम तापमान 46.2 डिग्री और हिसार में 44.3 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, पंजाब के अमृतसर (45.8 डिग्री सेल्सियस) और जम्मू (44.4 डिग्री सेल्सियस) में भी अधिक तापमान दर्ज किया गया। यहां तक ​​कि पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में भी पिछले कुछ दिनों से सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान ऊना में 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों के लिए 12 और 13 जून को ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है।
दिल्ली 

दिल्ली-NCR में अगले दो दिन भीषण गर्मी को लेकर ऑरेंज अलर्ट, इस दिन तेज हवाओं के साथ होगी बारिश

दिल्ली-NCR में अगले दो दिन भीषण गर्मी को लेकर ऑरेंज अलर्ट, इस दिन तेज हवाओं के साथ होगी बारिश सोमवार को राजधानी दिल्ली में लगातार धूप खिली रही। शहर के बेस स्टेशन सफदरजंग में 43.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक है, जबकि आयानगर में तापमान 45.3 डिग्री सेल्सियस रहा। देश की राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। घर से बाहर निकलने पर ऐसा लग रहा है कि मानो आसमान से 'आग' की लपटें उठ रही हो। मौसम विभाग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के आयानगर में टेम्परेचर तीन डिग्री बढ़कर सीजन का सबसे ज्यादा 45.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में सोमवार को अधिकतम तापमान 43-45 के बीच दर्ज किया गया लेकिन रीयल फील 49 डिग्री वाला लग रहा था। दिल्ली-एनसीआर के लोगों को आज भी गर्मी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।  दिल्ली के कई इलाकों में तापमान 43 डिग्री से ऊपर मौसम विभाग ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में सोमवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया। सफदरजंग में तापमान 43.3 डिग्री सेल्सियस, पालम में 44.3 डिग्री सेल्सियस, लोदी रोड में 43.3 डिग्री सेल्सियस, रिज में 44.9 डिग्री सेल्सियस और आयानगर में 45.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  भीषण गर्मी का ऑरेंज अलर्ट जारी मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार को लू चलने की चेतावनी दी है। तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो सकता है। आईएमडी के डिजिटल पोर्टल के अनुसार, दिल्ली में 10 और 11 जून के लिए भीषण गर्मी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 12 और 13 जून के लिए येलो अलर्ट जारी है। इससे पहले रविवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 42.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।  आईएमडी के वैज्ञानिक अखिल श्रीवास्तव ने बताया दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार और बुधवार को लू जैसी स्थिति रहेगी। आज और कल तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहने की उम्मीद है। दिन और रात में काफी ज्यादा गर्मी पड़ रही है। इससे पूरे शहर में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।    दिल्ली में गुरुवार को बारिश के आसार मौसम विभाग के मुताबिक, सप्ताह के मध्य तक दिल्ली में बारिश हो सकती है। आईएमडी ने कहा कि गुरुवार रात को हल्की बारिश हो सकती है। 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं पूरे शहर में चल सकती हैं, जिससे शुक्रवार तक दिन के अधिकतम तापमान में 4-5 डिग्री सेल्सियस की कमी आ सकती है। दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश बारिश भीषण गर्मी से लोगों को निजात मिल सकती है।   
दिल्ली 

लपटों के साथ उठता धुआं, जान बचाने कूदे 3 लोग... दिल्‍ली के द्वारका में एक अपार्टमेंट में लगी भीषण आग

लपटों के साथ उठता धुआं, जान बचाने कूदे 3 लोग... दिल्‍ली के द्वारका में एक अपार्टमेंट में लगी भीषण आग Dwarka Fire: द्वारका इलाके के सेक्टर 13 के सबद अपार्टमेंट की छठी फ्लोर पर यह आग लगी है और इसमें ही कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका है. दिल्‍ली के द्वारका से इस समय बड़ी खबर सामने आई है. द्वारका के एक अपार्टमेंट में भीषण आग लग गई है जिसके अंदर कुछ लोगों के फंसे होने की भी आशंका है. दिल्ली फायर सर्विसेज के अनुसार द्वारका इलाके के सेक्टर 13 के सबद अपार्टमेंट की छठी और सांतवीं फ्लोर पर यह आग लगी है और इसमें ही 2-3 लोगों के फंसे होने की आशंका है. घटना के चश्मदीदों की माने तो आग लगने के बाद जान बचाने के लिए तीन लोग अपार्टमेंट से कूद भी गए. हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि होनी अभी बाकी है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार सुबह करीब 10 बजे एक कॉलर ने दिल्ली फायर सर्विस को फोन कर एमआरवी स्कूल के पास आवासीय अपार्टमेंट में आग लगने की सूचना दी. मौके पर दमकल विभाग ने दमकल की 8 गाड़ियों को भी रेसक्यू के काम पर लगा दिया गया है. दमकल विभाग ने जलती अमार्टमेंट के पास स्काई लिफ्ट को भी लगाया है ताकि अगर लोग फंसे हो तो उन्हें निकाल लिया जाए.
दिल्ली 

दिल्ली में उड़ने वाली बस, नागपुर में फ्लैश चार्जिंग इलेक्ट्रिक बस...नितिन गडकरी ने बताया कैसे खत्म होगा ट्रैफिक जाम

दिल्ली में उड़ने वाली बस, नागपुर में फ्लैश चार्जिंग इलेक्ट्रिक बस...नितिन गडकरी ने बताया कैसे खत्म होगा ट्रैफिक जाम गडकरी का यह विजन भारत में ट्रैफिक से जूझते लाखों लोगों के लिए एक बड़ी राहत बन सकता है. उड़न बस, स्मार्ट चार्जिंग और किफायती किराया से लोगों को बेहद राहत होगी. देश में उड़ने वाली बसों का सपना अब हकीकत बनने के बेहद करीब है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में बताया कि भारत सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट को पूरी तरह से बदलने की दिशा में कई क्रांतिकारी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है. जिसमें हवा में चलने वाली बसें, फ्लैश चार्जिंग इलेक्ट्रिक बसें और पहाड़ी राज्यों के लिए डबल-डेकर उड़न बसें शामिल हैं. हवा में दौड़ेगी बस: दिल्ली-एनसीआर में होगा ट्रायल गडकरी ने बताया कि दिल्ली के धोला कुआं से मानेसर तक पोंड-वे सिस्टम पर आधारित हवा में चलने वाली बस सेवा की योजना लगभग अंतिम चरण में है. इस खास रूट पर लगातार ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा, “हम पब्लिक ट्रांसपोर्ट को आसान और ट्रैफिक-फ्री बनाना चाहते हैं.” उत्तराखंड-कश्मीर के लिए डबल डेकर 'एयर बस' योजना उत्तराखंड और कश्मीर जैसे पहाड़ी क्षेत्रों के लिए भी एक डबल-डेकर बस सिस्टम पर काम चल रहा है, जो एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ को हवा में जोड़ेगी. यह परियोजना खासकर उन इलाकों में बेहद कारगर साबित होगी जहां पारंपरिक सड़क निर्माण बेहद मुश्किल और खर्चीला है. नागपुर में शुरू होगी पहली फ्लैश चार्जिंग इलेक्ट्रिक बस गडकरी ने बताया कि भारत में पहली बार एक ऐसी फ्लैश चार्जिंग इलेक्ट्रिक बस लॉन्च की जा रही है जिसमें 135 सीटें, एग्जीक्यूटिव क्लास, फ्रंट टीवी स्क्रीन और एयर होस्टेस की तर्ज पर बस होस्टेस होंगी. इस बस की अधिकतम स्पीड 120 किमी/घंटा होगी और यह हर 40 किमी के बाद रुकेगी, जहां केवल 30 सेकंड में फुल चार्ज होकर फिर चल पड़ेगी. यह फ्लैश चार्जिंग तकनीक टाटा और इकाई कंपनियों द्वारा विकसित की जा रही है और पहला प्रोजेक्ट नागपुर में शुरू किया जाएगा. इस बस की खास बात ये है कि इसमें लिथियम आयन बैटरी कम लगेगी, जिससे लागत भी घटेगी. किराया डीजल बस से 30% सस्ता गडकरी के अनुसार इस नई बस सेवा का किराया परंपरागत डीजल बसों से 30% तक सस्ता होगा. शुरुआत में नागपुर में ट्रायल के बाद यह सेवा दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-देहरादून, दिल्ली-चंडीगढ़, बेंगलुरु-चेन्नई, मुंबई-नासिक और मुंबई-पुणे जैसे बड़े रूट्स पर लागू की जाएगी.  
दिल्ली 

मौसम दिल्ली में धूल भरी आंधी की चेतावनी, 10 जून से इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना, पढ़ें IMD ने क्या कहा?

मौसम: दिल्ली में धूल भरी आंधी की चेतावनी, 10 जून से इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना, पढ़ें IMD ने क्या कहा? मौसम विभाग की तरफ से बताया गया है कि 10 जून से दक्षिण-पश्चिमी और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश की संभावना है। मानसून पहले ही दस्तक दे चुका है। ऐसे में मध्य और उत्तर भारत को छोड़कर देश के सभी हिस्सों में बारिश की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 10 जून से देश के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग की तरफ से कहा गया है कि देश के दक्षिणी राज्यों और पश्चिम में तटीय इलाकों में 10 जून से भारी बारिश शुरू हो सकती है। इसके साथ ही पूर्वोत्तर के राज्यों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। दिल्ली के लिए मौसम विभाग ने धूल भरी आंधी का अलर्ट जारी किया है। मानसून समय से पहले ही दस्तक दे चुका है और देश के सभी हिस्सों में फैल रहा है। 10 जून से देश के अधिकतर हिस्सों में बारिश शुरू होने की संभावना है। आईएमडी ने रविवार को कहा कि दिल्ली में सोमवार को आसमान साफ ​​रहने के साथ धूल भरी हवाएं चलने की संभावना है। रविवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 42.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो मौसमी औसत से 2.1 डिग्री अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान 27.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आईएमडी के अनुसार, सोमवार को शहर में तेज हवाएं चलने की संभावना है और अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है।  दिल्ली का हाल मौसम विभाग ने कहा कि रविवार को दिल्ली-एनसीआर में अधिकतम तापमान 42 से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। सफदरजंग निगरानी स्टेशन ने अधिकतम तापमान 42.1 डिग्री सेल्सियस, पालम में 43.6, लोदी रोड में 42.3, रिज में 42.9 दर्ज किया, जबकि आयानगर में रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 44.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 26 से 29. 2 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, जिसमें आयानगर में सबसे अधिक न्यूनतम तापमान 29. 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि, इस क्षेत्र में लू की स्थिति नहीं बनी है, तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस के आसपास गिरावट दर्ज की गई है। आईएमडी ने कहा कि 12 जून तक गर्मी और उमस की स्थिति जारी रहने की संभावना है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार रविवार शाम 6 बजे दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में दर्ज की गई, जिसमें वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 198 रहा।  राजस्थान का श्रीगंगानगर सबसे गर्म आठ जून को राजस्थान का श्रीगंगानगर सबसे गर्म शहर रहा। यहां तापमान 47.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बीकानेर और बारमेर जैसे शहरों में का तापमान भी 45 डिग्री से ज्यादा रहा। हरियाणा में रोहतक, उत्तर प्रदेश में झांसी, मध्य प्रदेश में नौगांव और दिल्ली में आयानगर सबसे गर्म इलाके रहे। राजस्थान के छह शहरों में पारा 45 डिग्री के पार दर्ज किया गया।  
दिल्ली 

'गरीब कल्‍याण पर हमारा फोकस', मोदी सरकार के 11 साल में कितने कमाल, BJP अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने बताए

'गरीब कल्‍याण पर हमारा फोकस', मोदी सरकार के 11 साल में कितने कमाल, BJP अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने बताए नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को अपने 11 साल पूरे कर लिए. इस अवसर पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मोदी सरकार इन 11 सालों में 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के मंत्र को लेकर आगे बढ़ी है. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अपने 11 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया.इस अवस पर नड्डा ने कहा कि पिछले 11 सालों में हम 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के मंत्र को लेकर आगे बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि इन 11 सालों में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने भारत की राजनीति की संस्कृति को बदल दिया है.  सरकार का रिपोर्ट कार्ड पत्रकारों को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि देश में 11 साल पहले, तुष्टिकरण व समाज को खंडित करके अपनी कुर्सी को सुरक्षित रखना राजनी​तिक संस्कृति का तरीका बन गया था. लेकिन 2014 के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली जिम्मेदार व जवाबदेह सरकार आई है, उसने रिपोर्ट कार्ड की राजनीति शुरू की. हम जो काम कर रहे हैं, उसे जनता के सामने रखें. इस तरह से पिछले 11 सालों में मोदी जी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने भारत की राजनीति की संस्कृति को बदला ​है.उन्होंने कहा कि इन 11 सालों में हम 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के मंत्र को लेकर आगे बढ़े हैं. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 का हटना उन्होंने कहा कि देश मान चुका था कि ये संभव नहीं है, लेकिन मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया. इसका परिणाम यह हुआ कि लोकसभा चुनाव में वहां वोट टर्नआउट 58.46 फीसदी रहा तो जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में टर्नआउट 63 फीसदी रहा.उन्होंने कहा कि ये बदलाव, मोदी सरकार की बोल्ड फैसले लेने की वजह से आया है. उन्होंने कहा कि पिछले दशक में हमने एससी-एसटी और ओबीसी समेत समाज के सभी वर्गों की चिंता की है. उसी तरीके से हमने महिलाओं पर आधारित विकास की योजनाओं को आगे बढ़ाया है.इस दौरान महिलाओं को पायलट बनाने से लेकर आर्मी में कमीशन देने तक, सैनिक स्कूलों में दाखिले से लेकर एनडीए में भर्ती तक, लखपति दीदी से लेकर स्वयं सहायता समूहों को प्रमोट करने तक...मोदी सरकार में महिलाओं और एससी-एसटी और ओबीसी सभी को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा गया है. पीएम मोदी की सरकार में कितने लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं बीजेपी अध्यक्ष ने कहा,''हम गरीबी हटाओ का नारा लेकर नहीं चले हैं, हमने गरीब कल्याण करके दिखाया है.उन्होंने कहा कि आंकड़े इस बात का सबूत हैं.देश में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं.  इसी तरीके से अति गरीबी में 80 प्रतिशत की कमी आई है. इस दौरान नड्डा ने स्वच्छ भारत अभियान की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि 'स्वच्छ भारत अभियान' सिर्फ शौचालय बनाने तक सीमित नहीं है, स्वास्थ्य के नजरिए से देखें तो भी हमें स्वच्छ भारत अभियान का सीधा फायदा मिला है.उन्होंने कहा कि लाभार्थियों के खाते में सीधे पैसे भेजने (डीबीटी ट्रांजैक्शन) में करीब 130 गुना की बढ़ोतरी हुई है.इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनधन बैंक खातों, आधार कार्ड और मोबाइल के गठजोड़ ने 3.9 लाख करोड़ रुपये की लीकेज को रोका है.  
दिल्ली 
Copyright (c) Undekhi Khabar All Rights Reserved.
Powered By Vedanta Software