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अप्रैल माह के अंतिम दिन से शुरू हो रही चारधाम यात्रा, आज से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन स्टार्ट

चारधाम यात्रा की शुरुआत होने जा रही है, ऐसे में श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिए गए हैं। आज हरिद्वार में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत कर दी गई है। उत्तराखंड के चारधाम की यात्रा शुरू होने वाली है, इसके लिए आज से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। सुबह से ही रजिस्ट्रेशन के लिए हरिद्वार में श्रद्धालु लाइन में दिखाई दिए। देश के लाखों लोग चारधाम यात्रा करने जाते हैं। हिंदू धर्म में चारधाम का खासा महत्व हैं। इस साल भी चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन आज 28 अप्रैल से शुरू हो गया है। हरिद्वार में 20 फ्री रजिस्ट्रेशन काउंटर बनाए गए हैं। उत्तराखंड के चारधाम की यात्रा शुरू होने वाली है, इसके लिए आज से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। सुबह से ही रजिस्ट्रेशन के लिए हरिद्वार में श्रद्धालु लाइन में दिखाई दिए। देश के लाखों लोग चारधाम यात्रा करने जाते हैं। हिंदू धर्म में चारधाम का खासा महत्व हैं। इस साल भी चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन आज 28 अप्रैल से शुरू हो गया है। हरिद्वार में 20 फ्री रजिस्ट्रेशन काउंटर बनाए गए हैं। अधिकारी ने दी ये जानकारी हरिद्वार के जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल ने कहा, "चार धाम यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा आज से शुरू कर दी गई है। हमने पर्यटकों के लिए 20 काउंटर बनाए हैं, जिनमें दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों और विदेशी नागरिकों के लिए अलग-अलग काउंटर शामिल हैं। आज रजिस्ट्रेशन का पहला दिन है। आज रजिस्ट्रेशन की सीमा 1000 है। उच्च अधिकारियों से प्राप्त निर्देशों के आधार पर इसमें बदलाव किया जाएगा।" पिछले साल श्रद्धालुओं की कुल कितनी संख्या थी?  गौरतलब है कि पिछले साल यानी 2024 में 48 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारधाम की यात्रा की थी। जबकि 65 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था। जबकि केदारनाथ और बद्रीनाथ में ही सिर्फ 30,87,417 श्रद्धालुओं ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी।  
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कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू, विदेश मंत्रालय ने श्रद्धालुओं को दी ये जानकारी

कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए kmy.gov.in वेबसाइट आवेदन के लिए खोल दी गई है। जो यात्री कैलाश मानसरोवर यात्रा जाना चाहता है वह ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। कैलाश मानसरोवर यात्रा इस साल पांच साल के अंतराल के बाद 30 जून को शुरू होगी। यात्रा की देखरेख करने वाले विदेश मंत्रालय ने कहा कि तीर्थयात्रा अगस्त तक जारी रहेगी, जिसके लिए आवेदन विंडो खोल दी गई है। तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के तीर्थ स्थल पर 750 लोगों के कुल 15 जत्थे जाएंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि 50 तीर्थयात्रियों वाले पांच जत्थे उत्तराखंड से लिपुलेख दर्रे को पार करते हुए यात्रा करेंगे, जबकि 50 तीर्थयात्रियों वाले 10 जत्थे सिक्किम से नाथू ला दर्रे को पार करते हुए जाएंगे। इच्छुक तीर्थयात्री यात्रा के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस वेबसाइट पर जाकर कर सकते हैं आवेदन विदेश मंत्रालय ने बताया कि आवेदन स्वीकार करने के लिए https://kmy.gov.in वेबसाइट खोल दी गई है। आवेदकों में से यात्रियों का चयन निष्पक्ष, कंप्यूटर द्वारा तैयार, और लिंग-संतुलित चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।  सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऑनलाइन आवेदन से लेकर यात्रियों के चयन तक की पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत है। इसलिए, आवेदकों को जानकारी प्राप्त करने के लिए पत्र या फैक्स भेजने की आवश्यकता नहीं है। वेबसाइट पर फीडबैक विकल्पों का उपयोग जानकारी प्राप्त करने, टिप्पणियां दर्ज करने या सुधार के लिए सुझाव देने के लिए किया जा सकता है। बड़ी संख्या में लोग जाते हैं कैलाश मानसरोवर बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा साल 2020 के बाद से नहीं हुई है। सरकार हर साल जून से उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा (1981 से) और सिक्किम में नाथू ला (2015 से) के दो आधिकारिक मार्गों से कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन करती है। हालांकि पिछले कुछ साल से चीन से तनाव की वजह से यह यात्रा बंद थी। कैलाश मानसरोवर यात्रा का हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों के लिए धार्मिक महत्व है और हर साल हजारों तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते हैं।  
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देहरादून में अस्पताल में बनी अवैध मजार पर चला बुल्डोजर, CM पोर्टल पर दर्ज हुई शिकायत

उत्तराखंड में देहरादून स्थित दून अस्पताल में बनी अवैध मजार पर बुलडोजर चलाया गया है. मुख्यमंत्री पोर्टल पर इसकी शिकायत दर्ज की गई थी. जिसके बाद प्रशासनिक जांच हुई और देर रात कार्रवाई करते हुए इस अवैध मजार पर बुलडोजर चला दिया गया. बताया जा रहा है कि ये मजार काफी सालों से यहां बनी हुई थी. शिकायत मिलने के बाद सबसे पहले इसकी जांच की गई और पाया गया कि ये अवैध कब्जा करके बनाई गई है. उसके बाद देर रात प्रशासन ने एक्शन लेते हुए इस मजार को गिरा दिया है. प्रशासन ने देर रात मजार को गिराने का काम शुरू किया था. ताकि लोगों को आनेजाने में कोई परेशानी नहीं हो.  जानकारी के अनुसार मजार को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर बनाया गया था. ध्वस्त किए गए अवैध मजार के मलबे से कोई अवशेष नहीं मिले. हरिद्वार में भी चला था अवैध मजार पर बुलडोजर इसी साल मार्च महीने में हरिद्वार के सुमन नगर क्षेत्र में सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी अवैध मजार को ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई थी. बुलडोजर से अवैध मजार को ध्वस्त किया गया था. जिला प्रशासन ने अवैध मजार को हटाने के लिए नोटिस जारी किया था, जिसकी समय सीमा खत्म होने के बाद बड़ी कार्रवाई की गई थी. यह कार्रवाई उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश भर में अवैध मजारों के खिलाफ चल रहे व्यापक अभियान का हिस्सा थी. बता दें कि पुलिस-प्रशासन की टीम ने 25 मार्च को हरिद्वार में अलग-अलग जगहों पर आठ मदरासों को सील किया था. इस दौरान इलाके में किसी भी तरह का माहौल खराब न हो, इसके लिए भी पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे.  
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हरिद्वार-देहरादून हाईवे पर महिला का हंगामा, अचानक गाड़ियों के सामने आई, कुछ कार आपस में टकराईं

महिला पहले कई गाड़ियों के आगे खड़ी होकर ड्राइवर से बात करने की कोशिश करती है। इसके बाद मौका मिलते ही एक ऑटो में चढ़ जाती है। उत्तराखंड के हरिद्वार में एक महिला ने हाइवे पर जमकर हंगामा किया। गाड़ियों से भरे हाइवे के बीच महिला पहुंच गई और सभी गाड़ियों को रोककर उनके सामने खड़ी होने लगी। इस दौरान महिला फ्रंट ग्लास के सामने आकर कार के ड्राइवर से कुछ बात करने की भी कोशिश करती है। यह महिला कौन है और हाइवे में हंगामा क्यों कर रही थी। इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि महिला ने नशे की हालत में यह हरकत की है। महिला की अजीबोगरीब करतूत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में महिला बीच हाईवे पर खड़े होकर वहां से गुजर रही गाड़ियों को सामने से रोक रही है। लाल कलर का सूट पहने महिला एक के बाद एक गाड़ियों को रोकती दिखी। अचानक गाड़ियों के रुकने से कुछ गाड़ियां आपस में टकरा गईं।  काफी देर तक चला ड्रामा बताया जा रहा है कि महिला नशे की हालत में थी इसलिए अजीबोगरीब हरकतें कर रही थी। हरिद्वार-देहरादून हाईवे पर पंतदीप पार्किंग के पास ये ड्रामा काफी देर तक चलता रहा। महिला इतनी आक्रामक नजर आ रही थी कि किसी ने भी उसे रोकने की हिम्मत नहीं की। इसके थोड़ी देर बाद महिला एक स्कूटी पर बैठकर निकल गई। इस दौरान वहां लोगों की काफी भीड़ भी जमा हो गई। कुछ लोगों ने वीडियो भी बना लिया, लेकिन किसी ने महिला को रोकने की कोशिश नहीं की। महिला की वजह से दो कारें आपस में टकरा गईं। इससे एक कार का बोनट भी टूट गया।  इस घटना को लेकर अब तक पुलिस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। किसी ने इस घटना को लेकर शिकायत भी नहीं की है। हालांकि, वीडियो सामने आने के बाद महिला के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। महिला के कारण जिस कार का बोनट टूटा था, उसे मुआवजा भी मिल सकता है।
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केदारनाथ धाम पहुंची मंदिर समिति की टीम, 2 मई से भक्तों के लिए खुलेंगे कपाट, बद्रीनाथ धाम में दर्शन 4 मई से

केदारनाथ धाम 2 मई से श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। वहीं, बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई से आम लोगों के लिए खोले जाएंगे। मंदिर समिति की टीम केदारनाथ धाम पहुंच चुकी है। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की अग्रिम टीम श्री केदारनाथ धाम पहुंच गई है। श्री बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट आधिकारिक तौर पर 2 मई को फिर से खुलेंगे। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे। इस बीच, श्री मद्महेश्वर मंदिर (द्वितीय केदार) के कपाट 21 मई को खुलेंगे, और तीसरे केदार, श्री तुंगनाथ मंदिर भी 2 मई को फिर से खुलेंगे। इससे पहले, बीकेटीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने सोमवार को श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट खोलने की तिथि को अंतिम रूप देने के लिए एक बैठक में भाग लिया। मंगलवार को बीकेटीसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने मंदिर समिति के मां बाराही मंदिर, संसारी, मस्त नारायण कोटि, श्री त्रियुगीनारायण मंदिर, गौरीमाता मंदिर, गौरीकुंड, सोन प्रयाग में मंदिर समिति विश्राम गृह और शोणितपुर (गुप्तकाशी) में संस्कृत महाविद्यालय का स्थल निरीक्षण किया। यमुनोत्री से शुरू होती है चार धाम यात्रा चार धाम यात्रा सबसे महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थों में से एक है। इसमें चार पवित्र हिमालयी मंदिरों की यात्रा शामिल है। यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ। हिंदी में 'चार' का अर्थ चार और 'धाम' धार्मिक स्थलों को दर्शाता है। ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति को चार धाम यात्रा दक्षिणावर्त दिशा में पूरी करनी चाहिए। इसलिए, तीर्थयात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है, गंगोत्री, फिर केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ में समाप्त होती है। सीएम धामी बोले- तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे 10 अप्रैल को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार चार धाम यात्रा के तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि यह तीर्थयात्रा राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। सीएम धामी ने कहा "चार धाम यात्रा की तैयारियां चल रही हैं। मैंने यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता भी की। हम अपने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। चार धाम यात्रा हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए जीवन रेखा है।"  
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मानसरोवर यात्रा जल्द बहाल होगी, चीन के साथ विमान सेवा पर बनी ‘सैद्धांतिक’ सहमति

कैलाश मानसरोवर यात्रा और उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने का कदम भारत और चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चार साल से अधिक समय से चल रहे सैन्य गतिरोध की वजह से प्रभावित संबंधों को सुधारने के प्रयासों का हिस्सा है. भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के जल्द ही दोबारा बहाल होने की उम्मीद है और इसकी तैयारियां की जा रही हैं. भारत और चीन पिछले वर्ष अक्टूबर में हुए समझौते के तहत डेमचोक और देपसांग के दो शेष टकराव बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी पूरी करने के बाद संबंधों को सुधारने के प्रयासों के तहत कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर विचार कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत और चीन दोनों देशों के बीच उड़ान सेवाएं फिर से शुरू करने पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गए हैं और प्रासंगिक तौर-तरीकों पर काम किया जा रहा है. कैलाश मानसरोवर यात्रा और उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने का कदम भारत और चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चार साल से अधिक समय से चल रहे सैन्य गतिरोध की वजह से प्रभावित संबंधों को सुधारने के प्रयासों का हिस्सा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘हम शीघ्र ही कैलाश मानसरोवर यात्रा पर सार्वजनिक सूचना जारी करेंगे और यात्रा जल्द ही दोबारा शुरू होने की संभावना है.'' उन्होंने कहा, ‘‘यात्रा इस वर्ष होगी और हम इसकी तैयारियां कर रहे हैं. जल्द ही जनता के लिए अधिक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.'' कैलाश मानसरोवर यात्रा 2020 के बाद से नहीं हुई है. जायसवाल ने उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने के बारे में कहा, ‘‘सैद्धांतिक रूप से, दोनों देश इस बात पर सहमत हो गए हैं कि उड़ान सेवा फिर से शुरू होगा.'' उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्षों की तकनीकी टीम उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए तकनीकी व्यवस्थाओं पर विचार कर रही हैं. दोनों नागरिक विमानन प्राधिकरणों की बैठक हुई है और वे अद्यतन रूपरेखा सहित प्रासंगिक तौर-तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं.'' पिछले महीने, भारत और चीन ने संबंधों को फिर से बेहतर बनाने के तरीकों पर विचार किया और लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए प्रयास शुरू करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें इस वर्ष सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने के साथ-साथ कैलाश मानसरोवर यात्रा की व्यवस्था करना भी शामिल है.  
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पहाड़ से गिरा मलबा, सैलाब में धंसी गाड़ियां... उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से भयंकर तबाही...

एक ओर जहां देश के ज्यादातर राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है। वहीं उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने से प्रकृति के बड़े खतरनाक संकेत मिल रहे हैं। चमोली से बेहद डराने वाली तस्वीरें सामने आईं हैं। देवभूमि उत्तराखंड के उत्तरकाशी और चमोली समेत कई जगहों पर भारी बारिश हो रही है। चमोली जिले में तो बादल फटने से भयंकर तबाही मच गई है। चमोली में बादल फटने के बाद तेज बारिश हुई और कई जगह लैंडस्लाइड भी हुआ। पहाड़ दरके और पहाड़ों से पत्थर टूटकर सड़कों पर आ गए। रोड ब्लॉक हो गई, कई गाड़ियां मलबे में फंसी हैं। प्रशासन ग्राउंड पर उतरकर लोगों के रेस्क्यू ऑपरेशन में लगा है। मलबे में फंसी SUV चमोली से बेहद डराने वाली तस्वीरें सामने आईं हैं जिसमें आप देख सकते हैं कि एक सफेद रंग की SUV पहाड़ के मलबे में फंसी है। अचानक पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूटकर नीचे गिरा और जब तक SUV सवार लोग कुछ समझ पाते गाड़ी मलबे के बीच फंस गई। तुरंत आस-पास मौजूद लोगों ने किसी तरह SUV सवार लोगों को बाहर निकाला। बादल फटने से सबसे ज्यादा नुकसान पहाड़ों की लाइफलाइन सड़कों को होता है। इस वक्त सड़क पर सैलाब नजर आ रहा है और दूसरी तरफ गाड़ियां नजर आ रहीं हैं जो सड़क टूट जाने के चलते आगे नहीं जा सकती। ऐसे में कई लोग फंसे हैं जिनका प्रशासन रेस्क्यू कर रहा है।
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केदारनाथ यात्रा के लिए कैसे करें हेलीकॉप्टर बुक? जानें प्रक्रिया से लेकर किराए तक की जानकारी..

देश के कोने-कोने से हर साल लाखों लोग केदारनाथ भगवान के दर्शन करने जाते हैं, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो आसानी से पैदल चल सकते हैं और कुछ ऐसे जो पैदल नहीं चल सकते हैं उनके लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध है। उत्तराखंड के पवित्र केदारनाथ के दर्शन करने हर साल लाखों की संख्या में लोग जाते हैं। मान्यता है, भगवान शिव का यहां भैंसे के रूप में विराजमान है। वहीं, कहा जाता है कि केदारनाथ मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है, जो स्वयं प्रकट हुआ है। अगर आप भी  यहां जाने का प्लान बना रहे हैं और पैदल चलने में असमर्थ हैं तो आप हेलीकॉप्टर सेवा का लाभ ले सकते हैं। जानकारी दे दें कि केदारनाथ की यात्रा 2 मई से शुरू हो रही है, पर हेलीकॉप्टर सेवा के लिए बुंकिंग 8 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। ऐसे में आइए जानते हैं कैसे कर सकेंगे हेलीकॉप्टर बुकिंग... जानकारी दे दें कि उत्तराखंड सरकार ने यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए इस बार बुकिंग प्रोसेस को और भी अधिक आसान कर दिया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आप घर बैठे केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग कैसे करें और क्या है इसका किराया? हेलीकॉप्टर के लिए कितना लगेगा पैसा? जानकारी दे दें कि केदारनाथ जाने के लिए आप अलग-अलग हेलीपैड से हेलीकॉप्टर सेवा का लाभ उठा सकते हैं। इस साल 2025 में केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी जैसे 3 प्रमुख हेलीपैड से चलाई जाएंगी, ऐसे में हर हेलीपैड पर किराया अलग-अलग है। जैसे फाटा से केदारनाथ के लिए एकतरफा किराया 6,074 रुपये, सेरसी से केदारनाथ जाने का एक तरफ का किराया 6072 रुपये और गुप्तकाशी से केदारनाथ जाने के लिए एक तरफ का किराया 8,426 रुपये है। जानकारी दे दें कि अगर आपने हेलीकॉप्टर सेवा बुक कर ली है और आपका प्लान कैंसिल हो गया है तो आप यह सेवा कैंसिल करना चाहते हैं तो यह सुविधा भी आपको मिल रही है। किन डाक्यूमेंट की होती है जरूरत? हेलीकॉप्टर बुक करने के लिए आपको केदारनाथ के रजिस्ट्रेशन नंबर और अपने आधार कार्ड के नंबर की जरूरत होती है। ऐसे में यात्रा के समय कराया रजिस्ट्रेशन डाक्यूमेंट और आधार कार्ड जरूर रखें। कैसे करें हेलीकॉप्टर की बुकिंग? पहले आपको वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर जाना होगा। यहां आपको केदारनाथ के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। फिर हेलीकॉप्टर बुक करने के लिए आपको वेबसाइट www.heliyatra.irctc.co.in पर जाएं। यहां नाम, फोन नंबर और मेल आईडी डालें और साइनअप करें। अब अपना रजिस्ट्रेशन नंबर डालें और यात्रा की तारीख, हेलीपैड और हेलीकॉप्ट की कंपनी चुने। अब अपना डिटेल भरें। इसके बाद रजिस्टर्ड नंबर या ईमेल पर भेजे गए ओटीपी डालें और फीस जमा करें। अंत में अपना टिकट डाउनलोड कर लें और प्रिंट निकाल लें। केदारनाथ की क्या है कहानी? माना जाता है कि महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने अपने चचरे भाइयों (कौरवों) की हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव की शरण लेनी चाही, लेकिन शिव जी इससे बचने के लिए खुद भैंसे का रूप धारण कर लिया और पांडवों को पहचान से बचने की कोशिश की थी और केदार पर्वत चले गए, फिर भीम ने केदार पर्वत के दोनों चोटी को फैला दिया और फिर सभी पशु बाहर निकल गए और उसी भैंसे के रूप में शिव भी निकलने लगे तो भीम ने पकड़ने की कोशिश की तो वे धरती में समाने लगे फिर भीम ने भैंसे की पीठ पकड़ ली। इसके बाद शिव प्रसन्न हुए और दर्शन देकर पांडवों को पाप से मुक्ति दिलाई।  
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बेकाबू रफ्तार का कहर! हरिद्वार में डिवाइडर से टकराई कार, उड़े परखच्चे, एक की मौत...

पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना के समय कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि डिवाइडर से टकराते ही कार के परखच्चे उड़ गए. कार का दरवाजा इस टक्कर से कई मीटर दूर जा गिरा. उत्तराखंड के हरिद्वार में मंगलवार देर रात रफ्तार का कहर देखने को मिला है. हरिद्वार के रानीपुर झाल के पास डिवाइडर से कार की हुई टक्कर में एक शख्स की मौत हो जबकि कार में सवार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. पुलिस ने मृतक की पहचान शगुन अग्रवाल के रूप में की है. घटना में घायल हुए दो लोगों को पास के अस्तापताल में भर्ती कराया गया है. जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है.  पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि ये घटना तेज रफ्तार की वजह से हुई है. पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना के समय कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि डिवाइडर से टकराते ही कार के परखच्चे उड़ गए. कार का दरवाजा इस टक्कर से कई मीटर दूर जा गिरा. घटना में घायल हुए शख्स की पहचान यीशु के रूप में की गई है. बताया जा रहा है कि कार उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की है. इस घटना में घायल दूसरे शख्स की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. 
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हरिद्वार केमिकल फैक्ट्री में भीषण आग, कई मजदूर फंसे, दमकल विभाग की टीम मौके पर मौजूद

हरिद्वार केमिकल फैक्ट्री में भीषण आग, कई मजदूर फंसे, दमकल विभाग की टीम मौके पर मौजूद हरिद्वार के एसपी ने बताया की आग में झुलसने के कारण एक व्यक्ति घायल हुआ है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि कई मजदूर अभी भी फैक्ट्री के अंदर फंसे हुए हैं। उत्तराखंड में हरिद्वार जिले के इब्राहिमपुर गांव में रविवार (6 अप्रैल) को देर रात एक केमिकल फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। फिलहाल पुलिस और दमकल विभाग के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। आग बुझाने का काम जारी है। बताया जा रहा है कि जब आग लगी, उस समय कई मजदूर फैक्ट्री में काम कर रहे थे और ये लोग अभी भी फंसे हुए हैं। हरिद्वार एसपी पंकज गैरोला ने बताया, "केमिकल फैक्ट्री में आग लग गई और एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आग बुझाने के प्रयास जारी हैं।"
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केदारनाथ के रास्ते में इतनी बर्फ! हैरान रह जाएंगे आप, देखिए कैसे ग्लेशियर काट बन रहा रास्ता

केदारनाथ के रास्ते में इतनी बर्फ! हैरान रह जाएंगे आप, देखिए कैसे ग्लेशियर काट बन रहा रास्ता आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीमें पैदल मार्गों पर जमी मोटी बर्फ को हटाने में दिन-रात लगी हैं. पिछले साल आई आपदा से टूटे रास्तों की मरम्मत भी की जा रही है. विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम की यात्रा 2 मई से शुरू होने वाली है. इससे पहले जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित टीमें यात्रा की तैयारियों में जुट गई हैं. सबका मकसद बस एक ही है, कपाट खुलने से पहले सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जाएं. ताकि यात्रा सुगम और भव्य तरीके से चल सके. प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती पैदल मार्गों पर जमी मोटी बर्फ को हटाने की है. बर्फ को हटाने के लिए दिन-रात काम चल रहा है. धाम सहित पूरे पैदल मार्ग पर 270 मजदूर बर्फ हटाने के कार्य में जुटे हुए है. मजदूरों ने पैदल मार्ग से बड़े-बड़े ग्लेशियरों को काटकर रास्ता तैयार कर दिया है. मंदिर के निकट तक रास्ता तैयार हो गया है. एक-दो दिन के भीतर धाम तक रास्ता तैयार हो जाएगा. धाम तक रास्ता तैयार होने के बाद आगामी यात्रा तैयारियांं की धाम में भी तैयारियां शुरू की जाएंगी. जबकि दूसरे चरण के पुनर्निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएंगे. युद्ध स्तर पर चल रहा है काम मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती ने बताया कि सड़क मार्ग से लेकर केदारनाथ के पैदल रास्तों को तेजी से ठीक किया जा रहा है. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीमें पैदल मार्गों पर जमी मोटी बर्फ को हटाने में दिन-रात लगी हैं. पिछले साल आई आपदा से टूटे रास्तों की मरम्मत भी की जा रही है. डॉ. खाती ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि श्रद्धालुओं को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है." वहीं, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रामप्रसाद ने बताया कि इस बार केदारनाथ धाम में 17 बेड का अस्पताल तैयार हो रहा है. जैसे ही बर्फ हटाने का काम पूरा होगा, स्वास्थ्य विभाग की टीमें जरूरी सामान के साथ व्यवस्था जुटाने में लग जाएंगी. उन्होंने कहा, "गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग पर सभी मेडिकल रिलीफ पॉइंट्स को ठीक किया जा रहा है. फाटा में इस बार हड्डी विशेषज्ञ डॉक्टर और एक्स-रे मशीन की सुविधा भी उपलब्ध होगी." इसके अलावा, यात्रा के लिए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की मांग शासन से की गई है. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें यह सुनिश्चित करने में जुटी हैं कि श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत न हो. बर्फबारी और आपदा के बाद रास्तों को सुरक्षित बनाना बड़ी चुनौती है. लेकिन, तैयारियां तेजी से चल रही हैं.  
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उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव आनंद बर्धन कौन हैं?

उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव आनंद बर्धन कौन हैं? पदभार संभालने के बाद बर्धन ने कहा कि आजीविका, रोजगार, कौशल विकास और ‘रिवर्स’ पलायन समेत सरकार की नीतियों का राज्य के विकास में सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करना प्रशासन की प्राथमिकता है. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद बर्धन ने सोमवार को उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया.उनकी पूर्ववर्ती राधा रतूड़ी ने यहां राज्य सचिवालय में उन्हें पदभार सौंपा. रतूड़ी का विस्तारित कार्यकाल सोमवार को समाप्त हो गया. रतूड़ी उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सचिव थीं. 1992 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बर्धन ने अपने 33 साल के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं. पदभार संभालने के बाद बर्धन ने कहा कि आजीविका, रोजगार, कौशल विकास और ‘रिवर्स' पलायन समेत सरकार की नीतियों का राज्य के विकास में सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करना प्रशासन की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि आजीविका के नए-नए अवसरों पर काम करना तथा बुनियादी ढांचों का विकास करना राज्य की प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है . बर्धन ने कहा, ‘‘हमें शहरों को बेहतर बनाने तथा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए निरंतर कार्य करना होगा . इसके साथ ही जलसंरक्षण भी एक बड़ा मुददा है जिसका सामना पूरा विश्व कर रहा है. इन मुख्य मुददों पर आम नागरिक के हित में धरातल पर प्रभावी कार्य करने की जरूरत है.''  
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