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हरिद्वार में कावड़िए छोड़ गए हजारों मेट्रिक टन कूड़ा, सफाई में लगे 1 हजार से अधिक कर्मचारी

हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि कांवड़ यात्रा में रोजाना लाखों की संख्या में पैदल और वाहनों से कांवड़िए हरिद्वार पहुंच रहे थे और ऐसे में सफाईकर्मियों के लिए क्षेत्र में कूड़ा वाहन लेकर जाना संभव नहीं हो पा रहा था. कावड़ मेला 2025 सकुशल संपन्न हो गया हो. लेकिन हरिद्वार नगर निगम के लिए असली चुनौती तो कावड़ मेले के बाद सामने आती है. दरअसल कांवड मेला खत्म होने के बाद  हरिद्वार में गंगा घाटों से लेकर हाइवे तक गंदगी ही गंदगी नजर आ रही हैं. 4.5 करोड़ से अधिक की संख्या में पहुंचे शिव भक्त कांवड़िए कई हजार मैट्रिक टन कूड़ा छोड़ गए हैं. जिसके बाद नगर निगम के लिए शहर को साफ करना बड़ी चुनौती बनी हुई है. नगर निगम की कई टीमें दिन-रात अभियान के तहत गंगा घाटों और रास्तों को साफ करने में लगी हुई है. 10 जुलाई से 23 जुलाई को हरिद्वार में कांवड मेला समाप्त होने के बाद अब गंदगी का अंबार लग गया है. प्रशासन के मुताबिक कांवड मेले में साढ़े चार करोड़ से ज्यादा शिव भक्त कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे थे. हरकी पौड़ी सहित अन्य घाट और हाईवे पर गंदगी ही गंदगी नजर आ रही है. नगर निगम द्वारा सफाई अभियान के लिए निगम के कर्मचारियों के साथ एक हजार अधिक कर्मचारीयो को लगाया गया है, जो कांवड मेले के दौरान भी और मेला समाप्त होने के बाद दिन रात कूड़ा उठाने का काम कर रहे है. सफाई का काम निरंतर चलता रहा हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि कांवड़ यात्रा में रोजाना लाखों की संख्या में पैदल और वाहनों से कांवड़िए हरिद्वार पहुंच रहे थे और ऐसे में सफाईकर्मियों के लिए क्षेत्र में कूड़ा वाहन लेकर जाना संभव नहीं हो पा रहा था . उन्होंने कहा कि इसलिए ऐसे क्षेत्रों में नियमित सफाई नहीं हो पा रही थी लेकिन जिन क्षेत्रों में सफाईकर्मी जा पा रहे थे, वहां सफाई का काम निरंतर चलता रहा. हरिद्वार नगर निगम के मुख्य नगर आयुक्त नन्दन कुमार ने बताया, “ हरिद्वार में लगातार 15 दिन तक बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की वजह से सफाई व्यवस्था एक बड़ी चुनौती थी.  उन्होंने बताया कि अभी तक निगम क्षेत्र में करीब 10 हजार मीट्रिक टन कूड़ा एकत्र होने का अनुमान है.
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उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों की प्रार्थना सभा में गूंजने लगे हैं श्रीमद् भागवत गीता के श्लोक

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों की प्रार्थना सभा में गूंजने लगे हैं श्रीमद् भागवत गीता के श्लोक माध्यमिक शिक्षा के निदेशक डॉ मुकुल सती ने इसके पीछे का कारण और दृष्टिकोण बताया है कि न सिर्फ इससे बच्चे अपनी प्राचीन परंपराओं इतिहास के बारे में रूबरू हो सकेंगे बल्कि उनके जीवन में भी उनके पर्सनालिटी डेवलपमेंट यानी बौद्धिक क्षमता को भी यह श्लोक बढ़ाने में मदद करेंगे. उत्तराखंड के सभी सरकारी स्कूलों में श्रीमद् भागवत गीता के श्लोक सुबह की प्रार्थना सभा में बोले जाएंगे. इसके लिए आदेश भी जारी कर दिया गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने नई व्यवस्था लागू करने का आदेश जारी किया है. उत्तराखंड के करीब 17 हजार सरकारी स्कूलों में अब सुबह की प्रार्थना सभा में प्रत्येक दिन गीता के श्लोक न सिर्फ उनका उच्चारण होता बल्कि उसे श्लोक का अर्थ क्या है, यह भी बच्चों को बताया जाएगा. इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा की तरफ से एक आदेश जारी कर दिया गया है और मंगलवार से यह सभी स्कूलों में लागू की कर दिया गया है. इसका मकसद बच्चों को अपनी प्राचीन परंपराओं से अवगत कराना है. आदेश में लिखा गया है कि हर हफ्ते एक मूल्य आधारित श्लोक को प्रार्थना सभा में बोला जाएगा और उसे श्लोक को सूचना पथ पर भी अर्थ सहित लिखा जाएगा. माध्यमिक शिक्षा के निदेशक डॉ मुकुल सती ने इसके पीछे का कारण और दृष्टिकोण बताया है कि न सिर्फ इससे बच्चे अपनी प्राचीन परंपराओं इतिहास के बारे में रूबरू हो सकेंगे बल्कि उनके जीवन में भी उनके पर्सनालिटी डेवलपमेंट यानी बौद्धिक क्षमता को भी यह श्लोक बढ़ाने में मदद करेंगे. इसके अलावा हफ्ते भर में विद्यालय के छात्र-छात्रा उसका अभ्यास करेंगे और हफ्ते के अंतिम दिन इस पर चर्चा कर फीडबैक लिया जाए. डॉ. सती ने बताया कि शिक्षक समय-समय पर श्लोकों की व्याख्या करते हुए छात्र-छात्राओं को सैद्धांतिक जानकारी देंगे. श्रीमद् भागवत गीता को सुबह प्रार्थना सभा में शामिल करने को लेकर आदेश में कहा गया है कि 1. प्रार्थना सभा में प्रतिदिन श्रीमद्भगवद्गीता के कम से कम एक उपयुक्त श्लोक अर्थ सहित छात्र-छात्राओं को सुनाया जाए तथा इसके वैज्ञानिक दृष्टिकोण की जानकारी भी उन्हें दी जाए. 2. इसी प्रकार प्रत्येक सप्ताह एक मूल्य आधारित श्लोक को 'सप्ताह का श्लोक' घोषित कर उसे सूचना पट्ट पर अर्थ सहित लिखा जाय तथा छात्र-छात्रा उसका अभ्यास करें तथा सप्ताह के अन्तिम दिवस को इस पर चर्चा कर फीडबैक लिया जाए. 3. शिक्षक समय-समय पर श्लोकों की व्याख्या करें तथा छात्र-छात्राओं को जानकारी दें कि श्रीमद्भगवद्गीता के सिद्धांत किस प्रकार मानवीय मूल्य, व्यवहार, नेतृत्व कौशल, निर्णय क्षमता, भावनात्मक संतुलन और वैज्ञानिक सोच विकसित करते हैं. उदाहरणार्थ, गीता का श्लोक 'कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन' छात्र-छात्राओं को परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है तथा समझाता है कि किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति हेतु निरंतर कार्य और सुधार ही वैज्ञानिक सफलता का आधार है. 4. छात्र-छात्राओं को यह भी जानकारी दी जाय कि श्रीमद्भगवद्गीता में दिए गए उपदेश सांख्य, मनोविज्ञान, तर्कशास्त्र, व्यवहार विज्ञान एवं नैतिक दर्शन पर आधारित हैं जो कि धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण से सम्पूर्ण मानवता के लिए उपयोगी हैं. 5. विद्यालय स्तर पर यह भी सुनिश्चित किया जाए कि छात्र-छात्राओं को श्रीमद्भगवद्‌गीता के श्लोक केवल विषय या पठन सामग्री के रूप में न पढ़ाए जाएं, अपितु यह भी सुनिश्चित किया जाय कि यह प्रयास उनके जीवन एवं व्यवहार में भी परिलक्षित होना चाहिए. दरअसल नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पाठ्यक्रम में प्राचीन विषयों को शामिल करने की बात कही गई है जिसमें 70 फ़ीसदी विषय या फिर पाठ्यक्रम केंद्र द्वारा तय किया जाएगा तो वही 30% राज्य अपने सरकारी स्कूलों में अपने हिसाब से प्राचीन विषयों को शामिल कर सकता है इसके तहत उत्तराखंड में सभी सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में रामायण और श्रीमद् भागवत गीता के पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है.
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हरिद्वार में कांवड़ियों के लिए देवदूत बनी SDRF की टीम, 3 दिन में 15 की बचाई जान

हरिद्वार में कांवड़ियों के लिए देवदूत बनी SDRF की टीम, 3 दिन में 15 की बचाई जान हरिद्वार में कांवड़ मेला 2025 के दौरान SDRF ने 3 दिन में 15 कांवड़ियों की जान बचाई। प्रेमनगर और कांगड़ा घाट पर SDRF की सतर्कता और तेज रेस्क्यू ऑपरेशनों से कई लोगों को डूबने से बचाया गया। कांवड़ मेला 2025 के दौरान उत्तराखंड की स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) ने अपनी सतर्कता और बहादुरी से 3 दिनों में 15 कांवड़ियों की जान बचाई है। ये सारी घटनाएं हरिद्वार के प्रेम नगर घाट और कांगड़ा घाट पर हुई हैं, जहां SDRF की टीमें गंगा के तेज बहाव में फंसे कांवड़ियों को सुरक्षित निकालने में कामयाब रहीं। ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें नजर आ रहा है कि SDRF के जवानों की मुस्तैदी से नदी में डूब रहे कांवड़ियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। प्रेमनगर घाट पर डूबने से बचा लड़का ऐसी ही एक घटना में हरिद्वार के प्रेमनगर घाट पर 16 साल का आदर्श, जो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और अपने पिता प्रमोद के साथ कांवड़ लेने आया था, गंगा के तेज बहाव में बहने लगा। वहां तैनात SDRF की टीम ने बिना वक्त गंवाए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और आदर्श को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस ऑपरेशन में SI आशीष त्यागी, ASI दीपक मेहता, हेड कांस्टेबल कपिल कुमार, कांस्टेबल सागर कुमार, कांस्टेबल नवीन बिष्ट, कांस्टेबल सुभाष और होमगार्ड अंकित ने अहम भूमिका अदा की। कांगड़ा घाट पर 2 कांवड़ियों को नया जीवन हरिद्वार के ही कांगड़ा घाट पर SDRF ने 2 और कांवड़ियों को डूबने से बचाया। SDRF के जवानों ने हरियाणा के करनाल के रहने वाले 32 साल के कांवड़िए रिंकू को डूबने से बचाया। इसके बाद जवानों ने उत्तर प्रदेश के अमरोहा के रहने वाले 23 साल के लोकेंद्र को भी नया जीवन दिया। ये दोनों ही कांवड़िए गंगा के गहरे पानी और तेज बहाव में फंस गए थे। SDRF के जांबाज हेड कांस्टेबल आशिक अली, कांस्टेबल प्रकाश मेहता और नितेश खेतवाल ने फौरन एक्शन लिया और दोनों को सलामत बाहर निकाला। SDRF की मुस्तैदी की हो रही तारीफ कांवड़ मेला 2025 में गंगा घाटों पर SDRF की टीमें दिन-रात ड्यूटी पर तैनात हैं। उनकी सतर्कता और तुरंत एक्शन लेने की काबिलियत ने कई कांवड़ियों को नया जीवन दिया है। स्थानीय लोग और कांवड़ी SDRF की इस बहादुरी की खूब तारीफ कर रहे हैं। SDRF ने अपील की है कि कांवड़ी गंगा में स्नान करते वक्त सावधानी बरतें और घाटों पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों के निर्देशों का पालन करें।
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भारी बारिश ने उत्तराखंड में ढाया कहर, भूस्खलन के कारण रुद्रप्रयाग-बद्रीनाथ मार्ग हुआ बाधित

भारी बारिश ने उत्तराखंड में ढाया कहर, भूस्खलन के कारण रुद्रप्रयाग-बद्रीनाथ मार्ग हुआ बाधित उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण आए दिन भूस्खलन देखने को मिल रहा है। इस बीच रुद्रप्रयाग-बद्रीनाथ मार्ग पर भूस्खलन होने के कारण यातायात मार्ग बाधित हो गया है। मॉनसून के आने के साथ ही देश के अलग-अलग राज्यों में जोरदार बारिश देखने को मिल रही है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश ने कहर ढाया हुआ है। इस बीच उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण एक बड़े भूस्खलन ने रुद्रप्रयाग-बद्रीनाथ मार्ग को अवरुद्ध कर दिया है। इस कारण कई यात्री वहां फंसे हुए हैं। ऋषिकेश जा रहे एक यात्री दिलप्रीत ने बताया कि वह चार घंटे से ज्यादा समय तक सड़क पर फंसे रहे। उन्होंने मीडिया को बताया, "हम ऋषिकेश जा रहे थे, उसी दौरान भूस्खलन हुआ। मलबे और पत्थरों ने रास्ता रोक दिया है। क्रेनें रास्ता साफ करने का काम कर रही हैं।" बता दें कि अधिकारियों ने मलबा हटाने और सामान्य यातायात बहाल करने के लिए भारी मशीनरी तैनात की है। सड़क को फिर से खोलने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं। तीर्थयात्रियों को अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह गौरतलब है कि 8 जुलाई को चमोली जिले के नंदप्रयाग घाट के मुख गांव के पास बादल फटने की सूचना मिली थी। राज्य आपदा रेस्क्यू बल (एसडीआरएफ) के अनुसार, अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए एसडीआरएफ की एक टीम मौके पर भेजी गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले चार दिनों तक उत्तराखंड में भारी बारिश का अनुमान जताया है। निवासियों और तीर्थयात्रियों को सतर्क रहने और संवेदनशील क्षेत्रों की अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। वहीं इससे पहले गौरीकुंड से लगभग एक किलोमीटर दूर छोड़ी गधेरे के पास भूस्खलन से पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने के बाद रुद्रप्रयाग में केदारनाथ धाम यात्रा कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई थी। सुरक्षा उपाय लागू करने और मरम्मत कार्य शुरू होने के बाद तीर्थयात्रियों की आवाजाही रोक दी गई थी। उत्तराखंड में भूस्खलन जारी इससे पहले 22 जून को उत्तराखंड में यमुनोत्री मंदिर के पैदल रास्ते पर भूस्खलन हुआ था। इस दौरान दो श्रद्धालु लापता हो गए थे, जिसके बाद प्रशासन द्वारा अभियान चलाया गया था। बता दें कि नौ कैंची भैरव मंदिर के पास सोमवार शाम पहाड़ी से हुए भूस्खलन से प्रभावित पांच श्रद्धालुओं में से दो नई दिल्ली के कृष्णा विहार की रहने वाली भाविका शर्मा (11) और मुंबई के कमलेश जेठवा अब भी लापता हैं। दो मृतकों के क्षत विक्षत शव मलबे से उसी रात बरामद हो गए थे, जबकि मुंबई के रहने वाले एक अन्य श्रद्धालु 60 वर्षीय रसिक भाई को घायल अवस्था में बाहर निकाला गया था। पहाड़ी से हुए भूस्खलन के मलबे और बोल्डरों की चपेट में आकर श्रद्धालु खाई में गिर गए थे। 
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CM पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में की धान की रोपाई, किसानों के श्रम को किया नमन

CM पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में की धान की रोपाई, किसानों के श्रम को किया नमन उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी आज खटीमा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने किसानों के साथ अपने खेत में धान रोपाई की। सीएम धामी ने किसानों के परिश्रम, उनके त्याग और समर्पण को नमन किया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा के नगरा तराई क्षेत्र का शनिवार को दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अपने खेत में धान की रोपाई की। पुष्कर सिंह धामी ने इस दौरान किसानों के परिश्रम, त्याग और समर्पण को नमन किया। उन्होंने कहा कि खेतों में उतरकर पुराने दिनों की यादें ताजा हो गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता न केवल हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, बल्कि वे हमारी संस्कृति और परंपराओं के संवाहक भी हैं। इस मौके पर सीएम धामी ने उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत 'हुड़किया बौल' के माध्यम से भूमि के देवता भूमियां, जल के देवता इंद्र और छाया के देवता मेघ की भी वंदना की।  सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शेयर किया पोस्ट सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है। आधिकारिक एक्स हैंडल पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किसानों के साथ खेती करते हुए तस्वीरों को शेयर किया है। बता दें कि सीएम धामी की यह पहल उत्तराखंड की ग्रामीण संस्कृति, कृषकों की अहमियत और पारंपरिक लोककलाओं के संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है। गौरतलब है कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और रीति रिवाजों का अपना अलग ही महत्व है। धीरे-धीरे युवा इन रीतियों से दूर होते जा रहे हैं। ऐसे में सीएम धामी की यह पहल प्रेरणादायक है। क्या है 'हुड़किया बौल'? बता दें कि उत्तराखंड अपनी लोक संस्कृति के लिए दुनियाभर में मशहूर है। इसी संस्कृति का एक हिस्सा रोपाई से जुड़ा हुआ है, जिसे 'हुड़किया बौल' कहा जाता है। हुड़किया बौल की परंपरा खेती और सामूहिक श्रम से जुड़ी है। बता दें कि उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में धान की रोपाई के समय गाया जाने वाला यह एक पारंपरिक लोकगीत है। यह एक सामूहिक गायन और वादन की विधा है, जिसमें हुड़का नामक वाद्य यंत्र का प्रयोग किया जाता है। महिलाएं धान रोपते समय इस गीत को गाती हैं और पुरुष हुड़का बजाते हैं। 
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पुष्कर सिंह धामी सरकार के चार साल पूरे, हरिद्वार में विकास संकल्प पर्व पर लोगों को दी 550 करोड़ की सौगात

पुष्कर सिंह धामी सरकार के चार साल पूरे, हरिद्वार में विकास संकल्प पर्व पर लोगों को दी 550 करोड़ की सौगात पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में चार साल पूरे करने के बाद हरिद्वार में 550 करोड़ की 107 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने 281 करोड़ रुपये की लागत वाली 100 परियोजनाओं का लोकार्पण किया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में चार साल पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर उन्होंने राज्य के लोगों को 550 करोड़ की सौगात दी। इसके साथ ही विकास संकल्प पर्व पर राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प भी लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि विकास उनके लिए कोई विकल्प नहीं बल्कि उनका संकल्प है। इसी वजह से उनकी सरकार के चार साल पूरे होने पर विकास संकल्प पर्व मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साल 2021 में आज के दिन ही उन्हें उत्तराखंड की जिम्मेदारी मिली थी और तब से वह राज्य को आगे ले जाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मौके पर हरिद्वार में नदी महोत्सव का उद्घाटन भी किया। इस दौरान उन्‍होंने पूजा-अर्चना भी की। नदी महोत्सव के जरिए राज्य की विभिन्न नदियों की सफाई की जाएगी। हरिद्वार के ऋषिकुल मैदान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार की 550 करोड़ लागत की 107 विकास योजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास किया। उन्होंने 281 करोड़ रुपये की 100 योजनाओं का लोकार्पण और 269 करोड़ रुपये की 7 योजनाओं का शिलान्यास किया। पीएम मोदी का आभार जताया सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड सीएम के रूप में चार साल पूरे करने के बाद एक्स पर पीएम मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि ये चार साल राज्य के विकास के लिए समर्पित रहे हैं। उन्होंने लिखा "प्रिय प्रदेशवासियों, आप सभी के स्नेह, प्रेम और आशीर्वाद से आज मुख्यसेवक के रूप में 4 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण किया है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा और मार्गदर्शन से ये 4 वर्ष देवभूमि उत्तराखंड को देश के श्रेष्ठ राज्यों में शामिल करने के हमारे प्रयासों को समर्पित रहे हैं। इन 4 वर्षों में हर मोर्चे पर आपसे मिला अपार समर्थन मेरे लिए न केवल हर्ष का विषय रहा है बल्कि यह एक जिम्मेदारी का एहसास भी था जो दिन-रात देवतुल्य जनता की आशाओं और आकांक्षाओं की पूर्ति हेतु पूर्ण समर्पण के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करता रहा है।" चार साल में पूरे किए ये संकल्प सीएम धामी ने लिखा "भाइयों-बहनों, जहां इन 4 वर्षों में समान नागरिक संहिता, सख्त नकल विरोधी कानून, सख्त धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून लागू कर सुशासन के संकल्प को पूरा किया है वहीं लैंड जिहाद, लव जिहाद, अवैध मदरसों व अतिक्रमण पर निरंतर कार्रवाई और सख्त भू-कानून लागू कर देवभूमि के मूल स्वरूप की रक्षा हेतु अपनी प्रतिबद्धता को साबित किया है। इन 4 वर्षों में एक ओर जहां प्रदेश सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति में देश का अग्रणी राज्य बना है वहीं दूसरी ओर कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के लिए इकोलॉजी, इकॉनमी और टेक्नोलॉजी के बेहतर समन्वय से रोड, रेल और रोपवे निर्माण के क्षेत्र में भी नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है।" भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पुष्कर सिंह धामी ने लिखा "सीएम हेल्पलाइन 1905 और 1064 विजिलेंस ऐप से सदैव आम जनमानस के विश्वास को जीतने का प्रयास किया है और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत मगरमच्छ जैसे भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे भेजकर एक सख्त संदेश भी दिया। युवा साथियों को इन 4 वर्षों में पूर्ण पारदर्शिता के साथ 23000 से भी अधिक सरकारी नौकरी दी है और महिलाओं को 30% क्षैतिज आरक्षण देकर उनकी सशक्त भागीदारी भी सुनिश्चित की है। यही कारण है कि आज प्रदेश में बेरोजगारी दर तेजी से घटी है जो कि राष्ट्रीय औसत से भी कम है।" धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मुख्यमंत्री धामी ने बताया "धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों के फलस्वरुप प्रत्येक वर्ष रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा एवं कांवड़ यात्रा में देवभूमि उत्तराखंड पधार रहे हैं। धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के पुनर्विकास, साहसिक पर्यटन को बढ़ावा, स्थानीय उत्पादों का बढ़ चढ़कर प्रचार-प्रसार, होम स्टे योजना के माध्यम से स्वरोजगार, छात्रवृत्ति योजनाएं, खेल और खिलाड़ियों के लिये बेहतर सुविधाएं, किसान कल्याण, सैनिक कल्याण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व कार्य आज देवभूमि उत्तराखंड के विकास का नया अध्याय लिख रहे हैं। प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देते हुए रिकॉर्ड ₹ 3.5 लाख करोड़ के MOU साइन किए और अभी तक ₹ 1 लाख करोड़ के निवेश की ग्राउंडिंग कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। विकसित भारत-2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगामी वर्षों में देवभूमि उन्नति और प्रगति के क्षेत्र में नये सोपान गढ़ने को तैयार है। देवभूमि उत्तराखंड की सेवा का अवसर प्रदान करने के लिए देवतुल्य जनता और केंद्रीय नेतृत्व का हार्दिक आभार।"
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केदारनाथ मार्ग पर हुए भूस्खलन में फंसे 40 श्रद्धालु, SDRF ने किया रेस्क्यू

केदारनाथ मार्ग पर हुए भूस्खलन में फंसे 40 श्रद्धालु, SDRF ने किया रेस्क्यू उत्तराखंड में इन दिनों जोरदार बारिश देखने को मिल रही है। इस कारण सोनप्रयाग क्षेत्र में हुए भूस्खलन में 40 श्रद्धालु फंस गए थे। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि उन श्रद्धालुओं के एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर लिया है। उत्तराखंड में इन दिनों भीषण बारिश देखने को मिल रही है। इस कारण अलग-अलग इलाकों में भूस्खलन जैसी घटनाएं हो रही हैं। इसी बीच सोनप्रयाग में लगातार हो रही बारिश के कारण हुए भूस्खलन में केदारनाथ से लौट रहे 40 से अधिक श्रद्धालु फंस गए। सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र के पास फंसे 40 श्रद्धालुओं को राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया है। अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश के कारण सोमवार की देर रात 10 बजे भूस्खलन हुआ, जिस कारण रास्ता बाधित हो गया और अचानक मलबा गिरने से कई श्रद्धालु वहां फंस गए। बता दें कि इस घटना के बाद एसडीआरएफ की टीमों को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया और तीर्थयात्रियों को रेस्क्यू करने के लिए रात में बचाव अभियान चलाया गया। उत्तराखंड में भीषण बारिश का कहर बता दें कि उत्तराखंड में भीषण बारिश ने कहर ढा रखा है। इस कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चमोली पुलिस ने कहा, 'बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बद्रीश होटल के पास भूस्खलन देखने को मिला है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लगातार हो रही बारिश में सिलाई बैंड और ओजरी के बीच राजमार्ग के कुछ हिस्से बह गए हैं।' उत्तरकाशी पुलिस ने बताया, 'यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग दो स्थानों पर बंद है। मार्ग को बहाल करने में समय लग सकता है। स्थिति को संभालने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं, जो श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की अस्थायी रास्तों से गुजरने में मदद कर रहे हैं।' बिजली और पानी सेवाएं बाधित इसके अलावा उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण कई इलाकों में आवश्यक सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। आगराखाल, चंबा, जाखिंधर और दुगमंदर जैसे इलाकों में बिजली की आपूर्ति बाधित हुई है, जबकि चंबा ब्लॉक के कुछ हिस्सों में पानी की आपूर्ति प्रभावित रही। बता दें कि बरकोट के पास बादल फटने के बाद रविवार को 24 घंटे के लिए चार धाम यात्रा को स्थगित कर दिया गया था। हालांकि सोमवार से दोबारा इस यात्रा को शुरू कर दिया गया। बता दें कि इस घटना में दो श्रमिकों की मौत हो गई थी और 7 अन्य लोग लापता हो गए थे। 
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उत्तराखंड में लैंड जिहाद पर एक्शन जारी, कुंडेश्वरी में 5 अवैध मजार ध्वस्त

उत्तराखंड में लैंड जिहाद पर एक्शन जारी, कुंडेश्वरी में 5 अवैध मजार ध्वस्त उत्तराखंड में लैंड जिहाद पर सीएम धामी की सरकार का एक्शन लगातार जारी है। अब राज्य के कुंडेश्वरी में 5 अवैध मजारों को ध्वस्त कर दिया गया है। राज्य में ऐसे अब तक 500 से ज्यादा मजारों पर बुलडोजर चला है। उत्तराखंड में लैंड जिहाद पर सीएम पुष्कर सिंह धामी का कड़ा प्रहार लगातार जारी है। प्रदेश में सरकारी भूमि पर बनी अवैध मजारों को लगातार ध्वस्त किया जा रहा है। अब कुंडेश्वरी में अवैध मजारों पर बुलडोजर चला है। पांच अवैध मजारों को ध्वस्त कर दिया गया है। उत्तराखंड के काशीपुर स्थित कुंडेश्वरी क्षेत्र में जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकारी सीलिंग भूमि पर बनीं पांच अवैध मजारों को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों के तहत की गई, जिनमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी भूमि पर धर्म की आड़ में किया गया कोई भी अतिक्रमण अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। क्यों चला मजारों पर बुलडोजर? कुंडेश्वरी में जिन अवैध मजारों पर बुलडोजर चला है, वह जमीन सरकारी आमबाग की थी, जिस पर कुछ लोगों ने धार्मिक गतिविधियों की आड़ में ढांचे खड़े कर कब्जा कर लिया था। प्रशासन की नोटिस प्रक्रिया के बाद जब निर्धारित समयसीमा में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए, तो एसडीएम अभय प्रताप सिंह के नेतृत्व में गुरुवार सुबह इन सभी ढांचों को गिरा दिया गया। अब तक कितने मजार ध्वस्त हुए? यह कोई पहली कार्रवाई नहीं है। मुख्यमंत्री धामी की अगुवाई में पूरे प्रदेश में अब तक 537 अवैध मजारों को हटाया जा चुका है। धामी सरकार का संदेश स्पष्ट है कि उत्तराखंड में आस्था का सम्मान होगा, लेकिन उसका दुरुपयोग किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। जो भी सरकारी जमीन पर नीली और पीली चादर चढ़ाकर धर्म की आड़ में कब्जे की कोशिश करेगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। क्या है धामी सरकार का संदेश? धामी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि उत्तराखंड की प्राकृतिक संपदा और सांस्कृतिक धरोहर पर कोई भी कुटिल मंशा अब पैर न जमा सके। कुंडेश्वरी की कार्रवाई से धामी सरकार ये संदेश देने ताह रही है कि राज्य में शासन सिर्फ कागज़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि सशक्त इच्छाशक्ति के साथ ज़मीन पर भी कार्रवाई हो रही है। देवभूमि की गरिमा, कानून की सर्वोपरिता और सांस्कृतिक मर्यादा के लिए मुख्यमंत्री धामी लगातार एक्शन ले रहे हैं।
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खराब मौसम के कारण चार धाम यात्रा को अस्थायी रूप से रोका गया

खराब मौसम के कारण चार धाम यात्रा को अस्थायी रूप से रोका गया  उत्तराखंड में जारी भीषण बारिश के बीच उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चार धाम यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। खराब मौसम के कारण यह फैसला लिया गया है। उत्तराखंड में भीषण बारिश का प्रकोप जारी है। लगातार हो रही बारिश के कारण कहीं नदियां उफान पर हैं तो कहीं भूस्खलन देखने को मिल रहा है। इस कारण चार धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा फैसला लिया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जानकारी देते हुए कहा, "मौसम को देखते हुए चार धाम यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। भविष्य में हम मौसम के अनुसार यात्रा को आगे बढ़ाएंगे। जब यात्रा सुरक्षित होगी, तब इसे जारी रखा जाएगा। यात्रा के दौरान हमारी प्राथमिकता सभी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा है। हमारे सभी जिला अधिकारी, आपदा प्रबंधन दल, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ पूरी तरह से तैयार हैं।" सोनप्रयाग में फंसे यात्रियों को किया गया रेस्क्यू बता दें कि सोनप्रयाग में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन देखने को मिला है। इस कारण कारण केदारनाथ से लौट रहे 40 से अधिक श्रद्धालु फंस गए। सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र के पास फंसे 40 श्रद्धालुओं को राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया है। एक अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश के कारण सोमवार की देर रात 10 बजे भूस्खलन हुआ, जिस कारण रास्ता बाधित हो गया और अचानक मलबा गिरने से कई श्रद्धालु वहां फंस गए। बता दें कि इस घटना के बाद एसडीआरएफ की टीमों को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया और तीर्थयात्रियों को रेस्क्यू करने के लिए रात में बचाव अभियान चलाया गया। उत्तराखंड में भीषण बारिश का कहर बता दें कि उत्तराखंड में भीषण बारिश ने कहर ढा रखा है। इस कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चमोली पुलिस ने एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा, 'बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बद्रीश होटल के पास भूस्खलन देखने को मिला है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लगातार हो रही बारिश में सिलाई बैंड और ओजरी के बीच राजमार्ग के कुछ हिस्से बह गए हैं।' वहीं उत्तरकाशी पुलिस ने बताया, 'यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग दो स्थानों पर बंद है। मार्ग को बहाल करने में समय लग सकता है। स्थिति को संभालने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं, जो श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की अस्थायी रास्तों से गुजरने में मदद कर रहे हैं।'
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रुद्रप्रयाग में दिखा रौद्र रूप! चारधाम यात्रा पर बड़ा अपडेट

रुद्रप्रयाग में दिखा रौद्र रूप! चारधाम यात्रा पर बड़ा अपडेट उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है और तीर्थयात्रियों से 'जहां हैं, वहीं सुरक्षित ठहरने' की सलाह दी गई है.  पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कुदरत अपना रौद्र रूप दिखा रहा है. उत्तराखंड में चारधाम रूट पर मौसम की मार कुछ ज्यादा ही दिख रही है. देहरादून से बद्रीनाथ और केदारनाथ तक कई जगहों पर लगातार भूस्खलन हो रहा है. लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं. गांवों को जोड़ने वाली कई सड़कें कट गई हैं. केदारनाथ के पास से निकलने वाली मंदाकिनी और बद्रीनाथ के पीछे से आने वाली अलकनंदा का वेग कुछ ऐसा है कि कंपकंपी छूट रही है. रुद्रप्रयाग में दोनों नदियों के संगम पर अफनती हुई आगे बढ़ रही है. संगम पर 12 फीट की शिव मूर्ति का अद्भुत नजारा दिख रहा है. ऐसे लग रहा है मानों अलकनंदा शिव की जटाओं को छू रही हो. उससे निकल रही हो. घाट पर नारद शिला भी पूरी तरह से पानी में समाई हुई है.  चारधाम यात्रा फिर हुई शुरू राहत की बात ये है कि चारधाम यात्रा बहाल कर दी गई है. गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने सोमवार सुबह यह जानकारी दी. भारी बारिश को देखते हुए एक दिन के लिए चारधाम यात्रा रोक दी गई थी. दूसरी ओर उत्तराखंड के कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे सावधानी बरतें और मौसम पूरी तरह साफ होने तक अनावश्यक यात्रा से बचें.  कुछ जगहों पर बादल फटने की घटना भी हुई है और मौसम विज्ञान विभाग ने भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में शिक्षण संस्थानों में सोमवार को छुट्टी का आदेश जारी किया गया है. आइए जानते हैं, दोनों ही राज्यों के मौसम का हाल.   उत्तराखंड में रेड अलर्ट  उत्तराखंड में मौसम का कहर लगातार तीसरे दिन भी जारी है. मौसम विभाग ने देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और उधम सिंह नगर सहित कुल 9 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है. तेज बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए चारधाम यात्रा को फिलहाल एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था, जिसे बहाल कर दिया गया  सड़कें बंद, हाईवे बाधित, नदियां उफान पर गंगोत्री और यमुनोत्री नेशनल हाईवे के कई हिस्सों में भारी भूस्खलन और मलबा गिरने से रास्ते पूरी तरह बंद हैं. गंगोत्री हाईवे नेताला, लालडांग और नलूणा में बंद है. यमुनोत्री मार्ग सिलाई बैंड के पास दूसरे दिन भी अवरुद्ध है. बद्रीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में देर रात से बंद है और दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं. राज्य की प्रमुख नदियां गंगा और यमुना भी उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. केदारनाथ और आदि कैलाश यात्रा पर भी असर रुद्रप्रयाग जिले में भी तेज बारिश ने तबाही मचाई है. केदारनाथ धाम जा रहे श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग में ही रोक दिया गया है. केदारनाथ हाईवे के विजयनगर इलाके में पहाड़ से बोल्डर और मलबा गिरने से कई वाहनों को नुकसान पहुंचा है. आदि कैलाश यात्रा मार्ग भी दोबात में चट्टानें गिरने की वजह से फिर से बंद कर दिया गया है. धारचूला में रातभर मूसलाधार बारिश के कारण सड़क खोलने का काम धीमा पड़ गया है. 9 मजदूर लापता, राहत कार्य जारी उत्तरकाशी जिले के सिलाई बैंड क्षेत्र में भूस्खलन के कारण 9 मजदूरों के लापता होने की खबर है. जिला प्रशासन के अनुसार, SDRF, NDRF, राजस्व विभाग, NH बड़कोटा, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीमें राहत और खोजबीन के कार्य में जुटी हुई हैं. पुरोला कस्बे में मूसलाधार बारिश से कुमोला रोड की दुकानों में पानी घुस गया है. नालियों की सफाई न होने के कारण बारिश का पानी सड़कों पर बहता हुआ दुकानों के भीतर घुस गया. कुछ दुकानों की फर्श पानी से लबालब हो गईं और लोग बाल्टी, जग से पानी निकालते नजर आए. हिमाचल में भी बिगड़े हालात: स्कूल बंद, मौतें बढ़ीं हिमाचल प्रदेश के 4 जिलोंकांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर में रेड अलर्ट जारी किया गया है. इन सभी जिलों में शिक्षण संस्थानों में अवकाश की घोषणा कर दी गई है. इसके अलावा, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन और सिरमौर में ऑरेंज अलर्ट और चंबा, कुल्लू, मंडी व शिमला में येलो अलर्ट जारी है. अब तक राज्य में 31 लोगों की मौत, 66 घायल और 4 लोग लापता हैं. कांगड़ा और कुल्लू में हाल ही में बादल फटने से बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. शिमला के रामपुर में फटा बादल शिमला के रामपुर में सुबह करीब 3 बजे बादल फटने से भारी नुकसान हुआ. रामपुर के सरपारा ग्राम पंचायत के गांव सिक्कासरी नाला में बादल फटा. सिक्कासेरी निवासी राजेंद्र कुमार के मकान का एक हिस्‍सा भरभरा कर ढह गया और बादल फटने से आई बाढ़ में बह गया. इसमें मकान का एक कमरा और किचन वाला हिस्‍सा तबाह हो गया है. उनके गौशाला में एक गाय और 2 बछिया भी इस बाढ़ में बह गई. राजेंद्र के दो भाइयों गोपाल और विनोद की गौशाला, अनाज के गोदाम और खेतों में भारी नुकसान हुआ. बता दें कि पिछले वर्ष इसी इलाके के समेज में बादल फटने की घटना हुई थी, जिसमे 36 लोगों की जानें चली गई थीं.   मुख्यमंत्री की अपील- सावधानी बरतें हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सरकार स्थिति पर लगातार नजर रख रही है और सभी नागरिकों से स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों और आम नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल बंद करने का फैसला लिया गया है. क्या करें, क्या न करें? मौसम विभाग और स्‍थानीय प्रशासन की सलाह मानें.  नदियों या भू-स्‍खलन वाले इलाकों में न जाएं.   बहुत जरूरी हो तभी यात्रा करें.  किसी भी तरह की अफवाहों पर भरोसा न करें.  आपात स्थितियों में स्‍थानीय प्रशासन से संपर्क में रहें. 
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हिमाचल से लेकर उत्तराखंड तक बारिश का तांडव, कहीं बाढ़ तो कहीं टूटे पहाड़

हिमाचल से लेकर उत्तराखंड तक बारिश का तांडव, कहीं बाढ़ तो कहीं टूटे पहाड़ पहाड़ों में हो रही बारिश आफत बनकर लोगों पर कहर बरपा रही है. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बारिश ने तबाही का रूप ले लिया है. केदारघाटी में बारिश के कारण भूस्खलन हो रहे हैं, जिससे कई रास्ते बंद हो गए हैं. वहीं हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर बाढ़ के हालात हैं. मौसम विभाग ने लोगों को संवेदनशील इलाकों से दूर रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी है. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के घोलतीर इलाके में अलकनंदा नदी के तेज बहाव में एक बस चपेट में आ गई. इस बस में करीब 18 लोग सवार थे. एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है. इस हादसे में एक शख्स के मारे जाने की खबर है. 18 में से 7 लोंगो का रेस्क्यू कर लिया गया गया है जबकि 11 लोग लापता है. जिनकी तलाश की जा रही है.  मौसम विभाग ने उत्तराखंड के लिए 23 जून से 26 जून तक भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. उत्तराखंड मौसम विभाग ने 25 जून से 26 जून के दौरान देहरादून टिहरी चंपावत और नैनीताल में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है और इसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने 26 जून के लिए पौड़ी, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग, उधम सिंह नगर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. भूस्खलन से बद्रीनाथ और केदारनाथ हाइवे पर कई जगहों पर यात्रियों के फंसे होने की भी खबर है.  सोनप्रयाग के पास भूस्खलन हुआ है, बद्रीनाथ हाइवे तोताघाटी के पास 3 घंटे बंद रहा. दूसरी और हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, मनाली के सैंज, मणिकर्ण, बंजार,  सोलंगनाला के अंजनी महादेव नाले, मणिकर्ण के ब्रह्मगंगा में बादल फटने व भारी बारिश के चलते व्यास नदी का जलस्तर बढ़ा गया है. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बुधवार को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में तीन लोग बह गए तथा कई घर, एक स्कूल भवन, संपर्क सड़कें और छोटे पुल क्षतिग्रस्त हो गए. कुल्लू जिले के सैंज में जीवा नाला और रेहला बिहाल तथा गड़सा क्षेत्र के शिलागढ़ में बादल फटने की तीन घटनाएं हुईं. अधिकारियों ने बताया कि रेहला बिहाल में अपने घरों से सामान निकालने की कोशिश कर रहे तीन लोग बाढ़ में बह गए और लापता हैं. कुल्लू में कई जगहों पर भारी बाढ़ के कई वीडियो में तबाही के निशान दिखे हैं. एक वीडियो में एक वाहन कीचड़ भरे पानी में बहता हुआ दिखाई दे रहा है. तेज बारिश से ब्यास और सतलुज नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. मनाली के पास ब्यास नदी के उफान पर आने से मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया. हालांकि, वाहनों का आवागमन जारी है. लाहौल और स्पीति पुलिस ने कहा कि काजा से समदोह तक सड़क भूस्खलन, मलबा गिरने और नालों के उफान पर होने के कारण कई रास्तों बंद हो गए हैं. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में बुधवार को बादल फटने से आई अचानक बाढ़ से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 20 लोगों के बह जाने की आशंका है. कांगड़ा जिले में मनुनी खड्ड से दो शव बरामद किए गए, जबकि इंदिरा प्रियदर्शिनी जलविद्युत परियोजना स्थल के पास एक श्रमिक कॉलोनी में रह रहे लगभग 15-20 श्रमिकों के खनियारा मनुनी खड्ड में जल स्तर बढ़ने के कारण बह जाने की आशंका है. अधिकारियों के अनुसार, बारिश के कारण परियोजना का काम रोक दिया गया था और श्रमिक निर्माण स्थल के पास अस्थायी आश्रयों में आराम कर रहे थे, तभी मनुनी खड्ड और आसपास के नालों से बाढ़ का पानी श्रमिक कॉलोनी की ओर आ गया और श्रमिकों को बहा ले गया. मौसम विभाग ने पांच जिलों- चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ हिस्सों में बृहस्पतिवार शाम तक बाढ़ के खतरे की चेतावनी दी है. जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में हुई बारिश के कारण जलस्तर अचानक बढ़ जाने के बाद तवी नदी में फंसे नौ लोगों को बुधवार को पुलिस और एसडीआरएफ की टीमों के संयुक्त अभियान में बचा लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण बुधवार सुबह जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर तीन घंटे से अधिक समय तक यातायात बाधित रहा, जबकि राजौरी जिले में एक नदी के उफान पर होने से कुछ वाहन भी बह गए.  मौसम विभाग ने 27 जून तक जम्मू संभाग के कुछ स्थानों पर भारी जबकि कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान जताया है.
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रुद्रप्रयाग में बड़ा हादसा, अलकनंदा नदी में गिरी यात्रियों से भरी बस

रुद्रप्रयाग में बड़ा हादसा, अलकनंदा नदी में गिरी यात्रियों से भरी बस एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन के प्रयासों से अभी तक 18 में से 7 लोंगो का रेस्क्यू कर लिया गया गया है जबकि अभी भी 11 लोग लापता है. जिनकी तलाश के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है.  रुद्रप्रयाग के घोलतीर इलाके में एक बस अलकनंदा नदी में गिर गई. बताया जा रहा है कि जिस समय ये घटना हुई उस दौरान उस बस 18 लोग सवार थे. घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है. इस हादसे में अभी तक एक शख्स के मारे जाने की भी खबर है.  एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन के प्रयासों से अभी तक 18 में से 7 लोंगो का रेस्क्यू कर लिया गया गया है जबकि अभी भी 11 लोग लापता है. जिनकी तलाश के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है.  बारिश के कारण तेज था अलकनंदा नदी का बहाव  आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों से केदरानाथ और रुद्रप्रयाग के अलग-अलग इलाकों में हो रही तेज बारिश के कारण अलकनंदा नंदी में भी पानी का बहाव तेज है. ऐसे में कहा जा रहा है कि बस के इसमें गिरने से कई यात्री इसके तेज बहाव में बह गए हैं. प्रशासन फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा है. अभी तक इस हादसे में एक शख्स की मौत की खबर है. 
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