CM योगी का मिशन फुल स्टॉप... उत्तर प्रदेश में अफसरों और नेताओं के बीच जारी जंग में उठाया बड़ा कदम

CM योगी का मिशन फुल स्टॉप... उत्तर प्रदेश में अफसरों और नेताओं के बीच जारी जंग में उठाया बड़ा कदम

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में नौकरशाही और नेताओं के बीच जारी शीत युद्ध पर फुलस्टॉप लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है.

यूपी के नेताऔं और अफसरों में इन दिनों तनातनी चरम पर है. सांसदों और विधायकों का आरोप है कि अफसर उनकी नहीं सुनते है. अफसर कहते हैं कि उन पर नाजायज दवाब बनाया जाता है. आए दिन जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों के झगड़े की खबरें आती रहती हैं. अभी हाल में ही यूपी की एक मंत्री पुलिस थाने के सामने धरने पर बैठ गई थीं. राज्य के बिजली मंत्री ए के शर्मा भी अपने अफसरों से परेशान हैं. उनका दावा है कि कुछ नेता और अफसर मिल कर उन्हें फेल करना चाहते हैं. कहानी हर जिले और हर विभाग की है. अधिकारियों और नेताओं में जारी शीत युद्ध के बीच अब माहौल ठीक करने की पहल खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने की है. 

अफ़सरों और नेताओं के झगड़े से सरकार की छवि खराब होती है. अखिलेश यादव को बार बार मौका मिल जाता है. आज संसद की बैठक से पहले दिल्ली से ही उन्होंने लखनऊ पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री तो सुरंग खोद रहे हैं. जब भी मौका मिलता है कि अखिलेश यादव ब्यूरोक्रेसी और बीजेपी के नेताओं के झगड़े में कूद पड़ते हैं. ऐसे में अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठकों का दौर शुरू कर दिया है. शुरूआत उन्होंने अपने ही इलाके यानी गोरखपुर से की है. गोरखपुर दौरे में योगी ने उस मंडल के जन प्रतिनिधियों की मीटिंग बुलाई. इलाके के सांसद, विेधायक, जिला पंचायत अध्यक्षों और मेयर के साथ उन्होंने लंबी चर्चा की. सड़क निर्माण से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर खुल कर बात हुई. किसी विधायक को क्या दिक्कत हो रही है. किस सांसद को किस अधिकारी से शिकायत है. सारी बातें नोट की गईं. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ लौटे तो बैठकों का दूसरा दौर शुरू हुआ. बीते दिनों उन्होंने कानपुर, चित्रकूट, अयोध्या, झाँसी, देवीपाटन मंडलों की बैठक की. उन जगहों से जुड़े सभी जन प्रतिनिधियों को बुलाया . पहले सामूहिक रूप से उनकी समस्याओं पर बातचीत की. उनके दो काम रूके हैं, उनसे जुड़ी फाइलों पर अफ़सरों को काम करने के आदेश दिए. आज फिर वे दो ऐसी बैठकें करने वाले हैं. आज सीएम योगी वाराणसी में हैं. जहां पहले वे वाराणसी और फिर आज़मगढ़ मंडल की मीटिंग कर रहे हैं. इसी बहाने उनकी कोशिश बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के नेताओं से संवाद की है. 

यूपी में डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव है. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा. इस हार की कई वजहें बताई गईं. एक वजह ये बताई गई कि यूपी में अफसरशाही बेलगाम हो गई है. कुछ दिनों पहले यूपी सरकार के एक मंत्री और चीफ सेक्रेटरी में जबरदसत कहा सुनी हो गई. खबर दिल्ली तक पहुंच गई हैं. ऐसी घटनाओं से सांगा सरकार को लेकर नैरेटिव बदलने लगता है. यूपी के मुख्यमंत्री चुनावी समय में इन पर फुल स्टॉप लगाने में जुटे हैं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में नौकरशाही और नेताओं के बीच जारी शीत युद्ध पर फुलस्टॉप लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है.

यूपी के नेताऔं और अफसरों में इन दिनों तनातनी चरम पर है. सांसदों और विधायकों का आरोप है कि अफसर उनकी नहीं सुनते है. अफसर कहते हैं कि उन पर नाजायज दवाब बनाया जाता है. आए दिन जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों के झगड़े की खबरें आती रहती हैं. अभी हाल में ही यूपी की एक मंत्री पुलिस थाने के सामने धरने पर बैठ गई थीं. राज्य के बिजली मंत्री ए के शर्मा भी अपने अफसरों से परेशान हैं. उनका दावा है कि कुछ नेता और अफसर मिल कर उन्हें फेल करना चाहते हैं. कहानी हर जिले और हर विभाग की है. अधिकारियों और नेताओं में जारी शीत युद्ध के बीच अब माहौल ठीक करने की पहल खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने की है. 

अफ़सरों और नेताओं के झगड़े से सरकार की छवि खराब होती है. अखिलेश यादव को बार बार मौका मिल जाता है. आज संसद की बैठक से पहले दिल्ली से ही उन्होंने लखनऊ पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री तो सुरंग खोद रहे हैं. जब भी मौका मिलता है कि अखिलेश यादव ब्यूरोक्रेसी और बीजेपी के नेताओं के झगड़े में कूद पड़ते हैं. ऐसे में अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठकों का दौर शुरू कर दिया है. शुरूआत उन्होंने अपने ही इलाके यानी गोरखपुर से की है. गोरखपुर दौरे में योगी ने उस मंडल के जन प्रतिनिधियों की मीटिंग बुलाई. इलाके के सांसद, विेधायक, जिला पंचायत अध्यक्षों और मेयर के साथ उन्होंने लंबी चर्चा की. सड़क निर्माण से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर खुल कर बात हुई. किसी विधायक को क्या दिक्कत हो रही है. किस सांसद को किस अधिकारी से शिकायत है. सारी बातें नोट की गईं. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ लौटे तो बैठकों का दूसरा दौर शुरू हुआ. बीते दिनों उन्होंने कानपुर, चित्रकूट, अयोध्या, झाँसी, देवीपाटन मंडलों की बैठक की. उन जगहों से जुड़े सभी जन प्रतिनिधियों को बुलाया . पहले सामूहिक रूप से उनकी समस्याओं पर बातचीत की. उनके दो काम रूके हैं, उनसे जुड़ी फाइलों पर अफ़सरों को काम करने के आदेश दिए. आज फिर वे दो ऐसी बैठकें करने वाले हैं. आज सीएम योगी वाराणसी में हैं. जहां पहले वे वाराणसी और फिर आज़मगढ़ मंडल की मीटिंग कर रहे हैं. इसी बहाने उनकी कोशिश बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के नेताओं से संवाद की है. 

यूपी में डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव है. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा. इस हार की कई वजहें बताई गईं. एक वजह ये बताई गई कि यूपी में अफसरशाही बेलगाम हो गई है. कुछ दिनों पहले यूपी सरकार के एक मंत्री और चीफ सेक्रेटरी में जबरदसत कहा सुनी हो गई. खबर दिल्ली तक पहुंच गई हैं. ऐसी घटनाओं से सांगा सरकार को लेकर नैरेटिव बदलने लगता है. यूपी के मुख्यमंत्री चुनावी समय में इन पर फुल स्टॉप लगाने में जुटे हैं.

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