पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में हाई-टेक सुरक्षा, AI और टॉर्च कैमरे इस तरह कर रहे मदद

पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में हाई-टेक सुरक्षा, AI और टॉर्च कैमरे इस तरह कर रहे मदद

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कश्मीर और कटरा के बीच आइसोमैट्रिक वाले सीसीटीवी लगाए गए हैं. जिसके तहत यदि कोई मास्क अथवा चेहरा ढ़ककर भी स्टेशन परिसर में प्रवेश करता है तो लगभग 85 प्रतिशत तक उसकी आंखों और चेहरे के मापदंड को भांपकर यह पता लगया जा सकेगा कि वह असामाजिक तत्व तो नहीं है.

पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर ला दिया है. इस हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने कटरा से कश्मीर तक रेलवे ट्रैक, हवाई अड्डों और अन्य संवेदनशील स्थानों पर अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरों की तैनाती तेज कर दी है. ये हाई-टेक कैमरे न केवल संदिग्धों की पहचान करेंगे, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नया अध्याय शुरू करेंगे.

कैमरे कैसे खोजेगा संदिग्ध 

भारत की अलग अलग कंपनियों सुरक्षा के नए तरीक़े खोजने में जुटी है. सीटीवी लगाने वाली स्पर्श कम्पनी की वाइस प्रेसिडेंट मालविका पाठक ने कहा कि हमने ऐसे कैमरे लगाए हैं, जिनमें आतंकियों से संबंधित कई तरह के डेटा को फीड किया गया है. इस तरह के कैमरे टार्च को यदि सुरक्षा एजेंसियां हाथ में लेकर रात को घुमती है और कोई इसकी जद में आता है तो तुरंत टार्च कैमरा वाइब्रेट करने लगेगा. जिससे यह पता चल पाएगा कि ये संदिग्ध है. टॉर्च दिखने में सामान्य लगती है, लेकिन इसमें डेटाबेस कनेक्शन, नाइट विजन और वाइब्रेशन अलर्ट सिस्टम जैसी खूबियां हैं.

स्टेशन पर आइसोमैट्रिक सिस्टम

कश्मीर और कटरा के बीच आइसोमैट्रिक वाले सीसीटीवी लगाए गए हैं.  जिसके तहत यदि कोई मास्क अथवा चेहरा ढ़ककर भी स्टेशन परिसर में प्रवेश करता है तो लगभग 85 प्रतिशत तक उसकी आंखों और चेहरे के मापदंड को भांपकर यह पता लगया जा सकेगा कि वह असामाजिक तत्व तो नहीं है. इसके अलावा सभी मौसम के लिए भी कैमरा लगाया गया है. जिसको स्टील बॉडी में कैमरे को फिट किया गया है. इसके साथ ही उसमें इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे कि जैसे ही बर्फबारी होगी. उसके बाद ऑटोमेटिक वार्म सिस्टम ऑन होगा. जिससे कि बर्फबारी का असर कैमरे पर नहीं होगा और कैमरा सही से काम कर पाएगा. वहीं बम धमाकों से भी सुरक्षित रहेगा.

ब्लास्ट प्रूफ नाइट विजन कैमरा

AI और हाईटेक निगरानी से आतंकवाद पर शिंकजा कसने की पुरजोर तैयारी है. इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सुरक्षा तंत्र रेलवे,पुलों, जंगलों और सार्वजनिक परिवहन को कवर करेगा. नाइट विजन युक्त CCTV  लगाए गए हैं. ये कैमरे 100 मीटर तक रात में भी स्पष्ट तस्वीर दे सकते हैं और AI के जरिए संदिग्ध हरकतें रिकॉर्ड कर सकते हैं. विश्व के सबसे ऊंचे चेनाब ब्रिज की निगरानी भी इसी सिस्टम से की जा रही है.

 

कश्मीर और कटरा के बीच आइसोमैट्रिक वाले सीसीटीवी लगाए गए हैं. जिसके तहत यदि कोई मास्क अथवा चेहरा ढ़ककर भी स्टेशन परिसर में प्रवेश करता है तो लगभग 85 प्रतिशत तक उसकी आंखों और चेहरे के मापदंड को भांपकर यह पता लगया जा सकेगा कि वह असामाजिक तत्व तो नहीं है.

पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर ला दिया है. इस हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने कटरा से कश्मीर तक रेलवे ट्रैक, हवाई अड्डों और अन्य संवेदनशील स्थानों पर अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरों की तैनाती तेज कर दी है. ये हाई-टेक कैमरे न केवल संदिग्धों की पहचान करेंगे, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नया अध्याय शुरू करेंगे.

कैमरे कैसे खोजेगा संदिग्ध 

भारत की अलग अलग कंपनियों सुरक्षा के नए तरीक़े खोजने में जुटी है. सीटीवी लगाने वाली स्पर्श कम्पनी की वाइस प्रेसिडेंट मालविका पाठक ने कहा कि हमने ऐसे कैमरे लगाए हैं, जिनमें आतंकियों से संबंधित कई तरह के डेटा को फीड किया गया है. इस तरह के कैमरे टार्च को यदि सुरक्षा एजेंसियां हाथ में लेकर रात को घुमती है और कोई इसकी जद में आता है तो तुरंत टार्च कैमरा वाइब्रेट करने लगेगा. जिससे यह पता चल पाएगा कि ये संदिग्ध है. टॉर्च दिखने में सामान्य लगती है, लेकिन इसमें डेटाबेस कनेक्शन, नाइट विजन और वाइब्रेशन अलर्ट सिस्टम जैसी खूबियां हैं.

स्टेशन पर आइसोमैट्रिक सिस्टम

कश्मीर और कटरा के बीच आइसोमैट्रिक वाले सीसीटीवी लगाए गए हैं.  जिसके तहत यदि कोई मास्क अथवा चेहरा ढ़ककर भी स्टेशन परिसर में प्रवेश करता है तो लगभग 85 प्रतिशत तक उसकी आंखों और चेहरे के मापदंड को भांपकर यह पता लगया जा सकेगा कि वह असामाजिक तत्व तो नहीं है. इसके अलावा सभी मौसम के लिए भी कैमरा लगाया गया है. जिसको स्टील बॉडी में कैमरे को फिट किया गया है. इसके साथ ही उसमें इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे कि जैसे ही बर्फबारी होगी. उसके बाद ऑटोमेटिक वार्म सिस्टम ऑन होगा. जिससे कि बर्फबारी का असर कैमरे पर नहीं होगा और कैमरा सही से काम कर पाएगा. वहीं बम धमाकों से भी सुरक्षित रहेगा.

ब्लास्ट प्रूफ नाइट विजन कैमरा

AI और हाईटेक निगरानी से आतंकवाद पर शिंकजा कसने की पुरजोर तैयारी है. इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सुरक्षा तंत्र रेलवे,पुलों, जंगलों और सार्वजनिक परिवहन को कवर करेगा. नाइट विजन युक्त CCTV  लगाए गए हैं. ये कैमरे 100 मीटर तक रात में भी स्पष्ट तस्वीर दे सकते हैं और AI के जरिए संदिग्ध हरकतें रिकॉर्ड कर सकते हैं. विश्व के सबसे ऊंचे चेनाब ब्रिज की निगरानी भी इसी सिस्टम से की जा रही है.

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