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जाति जनगणना के मसले पर मल्लिकार्जुन खरगे का पीएम मोदी को खत, दिए ये तीन सुझाव
जाति जनगणना के मसले पर मल्लिकार्जुन खरगे का पीएम मोदी को खत, दिए ये तीन सुझाव

कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि जातिगत जनगणना से संबंधित प्रश्नावलि का डिजाइन बहुत ही महत्वपूर्ण है. जाति संबंधी जानकारी सिर्फ गिनती के लिए नहीं बल्कि व्यापक सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इकट्ठा किया जाना चाहिए.
केंद्र सरकार जातिगत जनगणना (Cast Census) को मंजूरी दे चुकी है. विपक्ष इसकी मांग लंबे समय से कर रही थी. इस मसले पर अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी (Kharge Letter To PM Modi) लिखी है. इस चिट्ठी में उन्होंने तीन सुझाव दिए है. इन सुझावों के साथ ही उन्होंने इस मुद्दे पर सभी पार्टियों के साथ बैठक की भी मांग अपने पत्र में पीएम मोदी के सामने रखी है.
खरगे ने अपनी चिट्ठी में ये भी कहा कि उन्होंने 16 अप्रैल 2023 को कांग्रेस की तरफ से जातिगत जनगणना की मांग को लेकर उनको चिट्ठी लिखी थी. जिसका उसको कोई जवाब नहीं मिला.इसके बाद बीजेपी नेताओं ने इस मांग को लेकर कांग्रेस पर खूब हमले किए. लेकिन अब वह स्वीकार कर रहे हैं कि यह मांग गहन सामाजिक न्याय और सामाजिक सशक्तिकरण के हित में है.
पीएम को मल्लिकार्जुन खरगे के तीन सुझाव
1. जनगणना से संबंधित प्रश्नावली का डिजाइन ऐसा रखा जाए कि केवल गिनती नहीं बल्कि व्यापक सामाजिक आर्थिक आंकड़े जुटाए जा सकें, तेलंगाना मॉडल का उपयोग करना चाहिए.
2. सभी राज्यों द्वारा पारित आरक्षण संबंधित कानूनों को 9वीं अनुसूची में रखा जाए और ओबीसी, एससी और एसटी के आरक्षण पर लगाई गई 50 फ़ीसदी की सीमा हटाने के लिए संविधान संशोधन किया जाए.
3. संविधान के अनुच्छेद 15 (5) के तहत निजी शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जाए.
कांग्रेस अध्यक्ष ने और क्या कहा?
कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि जातिगत जनगणना से संबंधित प्रश्नावलि का डिजाइन बहुत ही महत्वपूर्ण है. जाति संबंधी जानकारी सिर्फ गिनती के लिए नहीं बल्कि व्यापक सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इकट्ठा किया जाना चाहिए. पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में उन्होंने कहा कि हाल ही में तेलंगाना में हुए जातिगत सर्वेक्षणों में इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखकर प्रश्नों को डिजाइन और क्रियान्वयन किया गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि जातिगत जनगणना से संबंधित प्रश्नावलि का डिजाइन बहुत ही महत्वपूर्ण है. जाति संबंधी जानकारी सिर्फ गिनती के लिए नहीं बल्कि व्यापक सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इकट्ठा किया जाना चाहिए.
केंद्र सरकार जातिगत जनगणना (Cast Census) को मंजूरी दे चुकी है. विपक्ष इसकी मांग लंबे समय से कर रही थी. इस मसले पर अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी (Kharge Letter To PM Modi) लिखी है. इस चिट्ठी में उन्होंने तीन सुझाव दिए है. इन सुझावों के साथ ही उन्होंने इस मुद्दे पर सभी पार्टियों के साथ बैठक की भी मांग अपने पत्र में पीएम मोदी के सामने रखी है.
खरगे ने अपनी चिट्ठी में ये भी कहा कि उन्होंने 16 अप्रैल 2023 को कांग्रेस की तरफ से जातिगत जनगणना की मांग को लेकर उनको चिट्ठी लिखी थी. जिसका उसको कोई जवाब नहीं मिला.इसके बाद बीजेपी नेताओं ने इस मांग को लेकर कांग्रेस पर खूब हमले किए. लेकिन अब वह स्वीकार कर रहे हैं कि यह मांग गहन सामाजिक न्याय और सामाजिक सशक्तिकरण के हित में है.
पीएम को मल्लिकार्जुन खरगे के तीन सुझाव
1. जनगणना से संबंधित प्रश्नावली का डिजाइन ऐसा रखा जाए कि केवल गिनती नहीं बल्कि व्यापक सामाजिक आर्थिक आंकड़े जुटाए जा सकें, तेलंगाना मॉडल का उपयोग करना चाहिए.
2. सभी राज्यों द्वारा पारित आरक्षण संबंधित कानूनों को 9वीं अनुसूची में रखा जाए और ओबीसी, एससी और एसटी के आरक्षण पर लगाई गई 50 फ़ीसदी की सीमा हटाने के लिए संविधान संशोधन किया जाए.
3. संविधान के अनुच्छेद 15 (5) के तहत निजी शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जाए.
कांग्रेस अध्यक्ष ने और क्या कहा?
कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि जातिगत जनगणना से संबंधित प्रश्नावलि का डिजाइन बहुत ही महत्वपूर्ण है. जाति संबंधी जानकारी सिर्फ गिनती के लिए नहीं बल्कि व्यापक सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इकट्ठा किया जाना चाहिए. पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में उन्होंने कहा कि हाल ही में तेलंगाना में हुए जातिगत सर्वेक्षणों में इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखकर प्रश्नों को डिजाइन और क्रियान्वयन किया गया है.
