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हिमाचल में तबाही मचा रहा मानसून, 250 सड़कें बंद, 21 से 23 जुलाई तक होगी भारी बारिश
हिमाचल में तबाही मचा रहा मानसून, 250 सड़कें बंद, 21 से 23 जुलाई तक होगी भारी बारिश

हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने 21 और 23 जुलाई को हिमाचल के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश के कारण 250 सड़कें बंद हो गई हैं और स्थानीय मौसम विभाग ने राज्य के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) ने बताया कि आपदा प्रभावित मंडी में कुल 181 सड़कें, सिरमौर में 26 और कुल्लू जिले में 23 सड़कें बंद हैं जबकि शुक्रवार सुबह तक 61 जलापूर्ति योजनाएं और बिजली के 81 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं।
3 दिन भारी बारिश का 'ऑरेंज' अलर्ट
मौसम विभाग ने 21 और 23 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है और रविवार तक राज्य के कुछ स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी देते हुए 'येलो' अलर्ट जारी किया है। कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को इस दौरान सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग देश में मौसम संबंधी अलर्ट जारी करने के लिए चार रंगों का उपयोग करता है। ये रंग और इनके संदेश- ग्रीन (किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं), येलो (नजर रखें और निगरानी करते रहें), ऑरेंज (तैयार रहें) और रेड (कार्रवाई/सहायता की जरूरत) हैं।
अब तक 112 मौतें, राज्य को 1200 करोड़ का नुकसान
गुरुवार शाम को राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। जोगिंदरनगर में 40 मिमी, सराहन में 38 मिमी, जट्टन बैराज में 28.6 मिमी, कोठी में 28.4 मिमी, शिलारू में 26.4 मिमी, मुरारी देवी में 26 मिमी, और नारकंडा तथा जोत में 23-23 मिमी बारिश हुई। एसईओसी ने बताया कि 20 जून को मानसून आने के बाद से 17 जुलाई तक लगभग 112 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें 67 लोग बारिश से संबंधित घटनाओं में और 45 सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए हैं। एसईओसी ने बताया कि लगभग 199 लोग घायल हुए हैं जबकि 35 लापता हैं।
बादल फटने की 22 और भूस्खलन की 19 घटनाएं
विभाग ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में इस मानसून में 31 बार अचानक बाढ़ आई, बादल फटने की 22 और भूस्खलन की 19 घटनाएं हुईं और राज्य को 1,220 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने 21 और 23 जुलाई को हिमाचल के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश के कारण 250 सड़कें बंद हो गई हैं और स्थानीय मौसम विभाग ने राज्य के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) ने बताया कि आपदा प्रभावित मंडी में कुल 181 सड़कें, सिरमौर में 26 और कुल्लू जिले में 23 सड़कें बंद हैं जबकि शुक्रवार सुबह तक 61 जलापूर्ति योजनाएं और बिजली के 81 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं।
3 दिन भारी बारिश का 'ऑरेंज' अलर्ट
मौसम विभाग ने 21 और 23 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है और रविवार तक राज्य के कुछ स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी देते हुए 'येलो' अलर्ट जारी किया है। कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को इस दौरान सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग देश में मौसम संबंधी अलर्ट जारी करने के लिए चार रंगों का उपयोग करता है। ये रंग और इनके संदेश- ग्रीन (किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं), येलो (नजर रखें और निगरानी करते रहें), ऑरेंज (तैयार रहें) और रेड (कार्रवाई/सहायता की जरूरत) हैं।
अब तक 112 मौतें, राज्य को 1200 करोड़ का नुकसान
गुरुवार शाम को राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। जोगिंदरनगर में 40 मिमी, सराहन में 38 मिमी, जट्टन बैराज में 28.6 मिमी, कोठी में 28.4 मिमी, शिलारू में 26.4 मिमी, मुरारी देवी में 26 मिमी, और नारकंडा तथा जोत में 23-23 मिमी बारिश हुई। एसईओसी ने बताया कि 20 जून को मानसून आने के बाद से 17 जुलाई तक लगभग 112 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें 67 लोग बारिश से संबंधित घटनाओं में और 45 सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए हैं। एसईओसी ने बताया कि लगभग 199 लोग घायल हुए हैं जबकि 35 लापता हैं।
बादल फटने की 22 और भूस्खलन की 19 घटनाएं
विभाग ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में इस मानसून में 31 बार अचानक बाढ़ आई, बादल फटने की 22 और भूस्खलन की 19 घटनाएं हुईं और राज्य को 1,220 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
