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18 महीने, ट्रकों में छिपे सैकड़ों ड्रोन और सोते रह गए पुतिन.. यूक्रेन ने रूस को घर में घुसकर कैसे मारा?
18 महीने, ट्रकों में छिपे सैकड़ों ड्रोन और सोते रह गए पुतिन.. यूक्रेन ने रूस को घर में घुसकर कैसे मारा?

18 महीने, ट्रकों में छिपे सैकड़ों ड्रोन और सोते रह गए पुतिन.. यूक्रेन ने रूस को घर में घुसकर कैसे मारा?
यूक्रेन ने रूस के खिलाफ ‘ऑपरेशन स्पाइडरवेब’ चलाया है. यूक्रेन के ड्रोन रूस के अंदर साइबेरिया तक घुस आए और उन्होंने रूस के 4 सैन्य हवाई अड्डों पर हमला किया.
साल 2022 की फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरु हुआ और तीन साल से अधिक वक्त के बाद यूक्रेन ने सबसे बड़ा पलटवार किया है. रविवार, 1 जून को यूक्रेन ने ड्रोन के जरिए रूस के भीतर सबसे बड़ा हमला किया. इसे ऑपरेशन स्पाइडरवेब का नाम दिया गया. इस हमले में रूस के चार एयरबेस को निशाना बनाया गया. इनमें मॉस्को के पास के दो क्षेत्रों इवानोवो और र्याजान के अलावा मुर्मास्क और इरकुत्स्क क्षेत्र तक के एयरबेस पर हमला किया गया जिसकी रूस सीमा से हवाई दूरी करीब साढ़े चार हजार किलोमीटर है. यानी रूस को रूस में घुसकर मारा है. यूक्रेन के इन हमलों को रूस के लिए पर्ल हार्बर मोमेंट भी कहा जा रहा है.
सवाल है कि इतने बड़े पैमाने पर और इतनी दूर तक यूक्रेन के ड्रोन्स ने कैसे मार किया. क्यों रूस का एयर डिफेंस सिस्टम इसे पकड़ पाने में नाकाम रहा. चलिए आपको बताते हैं.
18 महीने की प्लानिंग और रूस को संभलने का मौका नहीं मिला
यूक्रेन की तरफ से आ रही रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन की सेक्यूरिटी सर्विस ने रूस पर इतने बड़े ड्रोन हमले की योजना पर डेढ़ साल पहले काम करना शुरु किया. इसके लिए FPV ड्रोन्स के पैकेट्स को रूस के भीतर पहुंचाया. इसे किस तरह पहुंचाया गया ये खुलासा नहीं किया गया है. इसके बाद ड्रोन को कंटेनरनुमा बक्सों में कतार से सजाया गया. इन कंटेनरों का ढक्कन रिमोट कंट्रोल से खिसकाया जा सकता था. इन कंटेनरों को लकड़ी के बड़े केबिन के भीतर रखा गया. ट्रक पर रखे इन केबिनों के छत को भी रिमोट कंट्रोल से खुलने वाला बनाया गया.
उन बक्सों को ट्रक पर लकड़ी के बने कंटेनरनुमा घरों के अंदर रखा गया. सही समय पर ट्रकों की केबिन की छत को खोला गया और हमले के लिए ड्रोन उड़ाया गया. जो तस्वीर सामने आयी है उसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे ड्रोन ट्रक पर लदे केबिन की छत से निकल रहे हैं और रूस के ठिकानों पर हमले कर रहे हैं. ये भी जानकारी आयी है कि स्पाइडर वेब योजना को अंजाम देने वाले एजेंट पहले ही यूक्रेन लौट चुके हैं. इस हमले की प्लानिंग और एक्जेक्यूशन देखें तो ये कुछ कुछ लेबनान में इजरायल की तरफ से किए गए पेजर धमाकों जैसा लगता है.
बातचीत के दूसरे दौर से पहले ‘ऑपरेशन स्पाइडरवेब'
रूसी और यूक्रेनी अधिकारी इस्तांबुल में सोमवार को बैठक करेंगे और तीन साल के युद्ध को समाप्त करने की अपनी योजनाओं पर बात करेंगे. बातचीत से पहले माहौल सरगर्म है क्योंकि यूक्रेन ने रूस को रूस में घुसकर मारा है.
यूक्रेन ने रविवार को कहा कि उसने अपने खास ड्रोन अटैक से रूस के करीब 40 रणनीतिक बॉमबर्स को नुकसान पहुंचाया है, जिसकी कीमत 7 अरब डॉलर के आसपास है. कीव की सुरक्षा सेवा ने कहा कि इस योजना को बनाने में 18 महीने लगे थे, जिसमें रूस में ड्रोन की तस्करी शामिल थी, जिसे बाद में फ्रंट लाइंस से हजारों किलोमीटर दूर एयरबेस के पास से लॉन्च किया गया था.
इस बीच रूसी सैनिक जमीन पर आगे बढ़ रहे हैं, खासकर उत्तरपूर्वी सुमी क्षेत्र में, जहां पुतिन ने अपनी सेना को सीमा पर "बफर जोन" स्थापित करने का आदेश दिया था. खार्किव के गवर्नर ओलेग सिनेगुबोव ने सोमवार को कहा कि पूर्वोत्तर खार्किव क्षेत्र में बैलिस्टिक हमलों में सात साल के बच्चे सहित कम से कम छह लोग घायल हो गए और एक नागरिक व्यवसाय और एक गोदाम को नुकसान पहुंचा.
18 महीने, ट्रकों में छिपे सैकड़ों ड्रोन और सोते रह गए पुतिन.. यूक्रेन ने रूस को घर में घुसकर कैसे मारा?

यूक्रेन ने रूस के खिलाफ ‘ऑपरेशन स्पाइडरवेब’ चलाया है. यूक्रेन के ड्रोन रूस के अंदर साइबेरिया तक घुस आए और उन्होंने रूस के 4 सैन्य हवाई अड्डों पर हमला किया.
साल 2022 की फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरु हुआ और तीन साल से अधिक वक्त के बाद यूक्रेन ने सबसे बड़ा पलटवार किया है. रविवार, 1 जून को यूक्रेन ने ड्रोन के जरिए रूस के भीतर सबसे बड़ा हमला किया. इसे ऑपरेशन स्पाइडरवेब का नाम दिया गया. इस हमले में रूस के चार एयरबेस को निशाना बनाया गया. इनमें मॉस्को के पास के दो क्षेत्रों इवानोवो और र्याजान के अलावा मुर्मास्क और इरकुत्स्क क्षेत्र तक के एयरबेस पर हमला किया गया जिसकी रूस सीमा से हवाई दूरी करीब साढ़े चार हजार किलोमीटर है. यानी रूस को रूस में घुसकर मारा है. यूक्रेन के इन हमलों को रूस के लिए पर्ल हार्बर मोमेंट भी कहा जा रहा है.
सवाल है कि इतने बड़े पैमाने पर और इतनी दूर तक यूक्रेन के ड्रोन्स ने कैसे मार किया. क्यों रूस का एयर डिफेंस सिस्टम इसे पकड़ पाने में नाकाम रहा. चलिए आपको बताते हैं.
18 महीने की प्लानिंग और रूस को संभलने का मौका नहीं मिला
यूक्रेन की तरफ से आ रही रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन की सेक्यूरिटी सर्विस ने रूस पर इतने बड़े ड्रोन हमले की योजना पर डेढ़ साल पहले काम करना शुरु किया. इसके लिए FPV ड्रोन्स के पैकेट्स को रूस के भीतर पहुंचाया. इसे किस तरह पहुंचाया गया ये खुलासा नहीं किया गया है. इसके बाद ड्रोन को कंटेनरनुमा बक्सों में कतार से सजाया गया. इन कंटेनरों का ढक्कन रिमोट कंट्रोल से खिसकाया जा सकता था. इन कंटेनरों को लकड़ी के बड़े केबिन के भीतर रखा गया. ट्रक पर रखे इन केबिनों के छत को भी रिमोट कंट्रोल से खुलने वाला बनाया गया.
उन बक्सों को ट्रक पर लकड़ी के बने कंटेनरनुमा घरों के अंदर रखा गया. सही समय पर ट्रकों की केबिन की छत को खोला गया और हमले के लिए ड्रोन उड़ाया गया. जो तस्वीर सामने आयी है उसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे ड्रोन ट्रक पर लदे केबिन की छत से निकल रहे हैं और रूस के ठिकानों पर हमले कर रहे हैं. ये भी जानकारी आयी है कि स्पाइडर वेब योजना को अंजाम देने वाले एजेंट पहले ही यूक्रेन लौट चुके हैं. इस हमले की प्लानिंग और एक्जेक्यूशन देखें तो ये कुछ कुछ लेबनान में इजरायल की तरफ से किए गए पेजर धमाकों जैसा लगता है.
बातचीत के दूसरे दौर से पहले ‘ऑपरेशन स्पाइडरवेब'
रूसी और यूक्रेनी अधिकारी इस्तांबुल में सोमवार को बैठक करेंगे और तीन साल के युद्ध को समाप्त करने की अपनी योजनाओं पर बात करेंगे. बातचीत से पहले माहौल सरगर्म है क्योंकि यूक्रेन ने रूस को रूस में घुसकर मारा है.
यूक्रेन ने रविवार को कहा कि उसने अपने खास ड्रोन अटैक से रूस के करीब 40 रणनीतिक बॉमबर्स को नुकसान पहुंचाया है, जिसकी कीमत 7 अरब डॉलर के आसपास है. कीव की सुरक्षा सेवा ने कहा कि इस योजना को बनाने में 18 महीने लगे थे, जिसमें रूस में ड्रोन की तस्करी शामिल थी, जिसे बाद में फ्रंट लाइंस से हजारों किलोमीटर दूर एयरबेस के पास से लॉन्च किया गया था.
इस बीच रूसी सैनिक जमीन पर आगे बढ़ रहे हैं, खासकर उत्तरपूर्वी सुमी क्षेत्र में, जहां पुतिन ने अपनी सेना को सीमा पर "बफर जोन" स्थापित करने का आदेश दिया था. खार्किव के गवर्नर ओलेग सिनेगुबोव ने सोमवार को कहा कि पूर्वोत्तर खार्किव क्षेत्र में बैलिस्टिक हमलों में सात साल के बच्चे सहित कम से कम छह लोग घायल हो गए और एक नागरिक व्यवसाय और एक गोदाम को नुकसान पहुंचा.