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मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने किया योगाभ्यास, कहा-योग ऐसा दिव्य द्वार है जहां मिलती है शांति
मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने किया योगाभ्यास, कहा-योग ऐसा दिव्य द्वार है जहां मिलती है शांति

मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने किया योगाभ्यास, कहा-योग ऐसा दिव्य द्वार है जहां मिलती है शांति
मुख्यमंत्री मोहन यादव शनिवार को भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में शामिल हुए। उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और सांसद आलोक शर्मा के साथ त्रिकोणासन, पद्मासन जैसे कई योगासन किए।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भोपाल में अटल पथ पर आयोजित "योग संगम" कार्यक्रम में योगाभ्यास किया। इस मौके पर मोहन यादव ने कहा कि मैं 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों और देशवासियों को बधाई देता हूं। सीएम यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश और दुनिया इस दिन को मना रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया भारत के प्राचीन ज्ञान, विज्ञान और जीवनशैली से तेजी से परिचित हो रही है।
सीएम मोहन यादव ने योग को बताया दिव्य अवस्था
मोहन यादव ने कहा कि योग एक ऐसी दिव्य अवस्था है जब चेतना और परम चेतना का मिलन होता है। इस अवस्था को प्राप्त करने का अवसर हर जीव के पास है। योग सनातन हिन्दू धर्म और संस्कृति का सम्पूर्ण मानवता के लिए अमूल्य उपहार है। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में एक अदभुत वातावरण बना है। पूरा विश्व आज योग कर रहा है। योग ने विश्व में असंख्य लोगों को सहारा दिया है। हमारे लिये यह गौरव का क्षण है। योग का विधिवत विज्ञान यहां सुरक्षित है। योग दर्शन की विरासत से आज पूरा विश्व समाज लाभान्वित हो रहा है। हम इस अलौकिक समय के साक्षी बन रहे हैं। हम आज गौरव और आनंद से भरे हैं। योग, धर्म, जाति और रंग की सीमाओं से परे है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत का गौरव बढ़ाने वाला दिवस है साथ ही पूरे विश्व को परम चेतना के प्रति जागृत करने का क्रांतिकारी कदम भी है।
योग करने से मिलती है शांति
मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर सवाल किया जाता है कि योग से क्या मिलता है? इसका सीधा सरल जवाब है योग से मिलती है शांति। मन और तन को सबसे ज्यादा जरूरत है शांति की। अशांत मन और अनियंत्रित तन पूरे समाज को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। योग एक ऐसा दिव्य द्वार है जो शांति की ओर खुलता है। शांति से उपजती है एकाग्रता।
योग का उद्देश्य परम चेतना में प्रवेश पाना है। यह परम चेतना क्या है जो योग से मिलती है? यह अवस्था ऐसी अवस्था है जब मन केवल न्याय और धर्म के साथ होता है। सिर्फ दया, करूणा, मैत्री और शांति जैसे मूल्य प्रखर होते है। यह अवस्था हर मनुष्य के लिये अनिवार्य है चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या समुदाय का हो या विश्व के किसी भी कोने में रहता हो।
मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने किया योगाभ्यास, कहा-योग ऐसा दिव्य द्वार है जहां मिलती है शांति

मुख्यमंत्री मोहन यादव शनिवार को भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में शामिल हुए। उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और सांसद आलोक शर्मा के साथ त्रिकोणासन, पद्मासन जैसे कई योगासन किए।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भोपाल में अटल पथ पर आयोजित "योग संगम" कार्यक्रम में योगाभ्यास किया। इस मौके पर मोहन यादव ने कहा कि मैं 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों और देशवासियों को बधाई देता हूं। सीएम यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश और दुनिया इस दिन को मना रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया भारत के प्राचीन ज्ञान, विज्ञान और जीवनशैली से तेजी से परिचित हो रही है।
सीएम मोहन यादव ने योग को बताया दिव्य अवस्था
मोहन यादव ने कहा कि योग एक ऐसी दिव्य अवस्था है जब चेतना और परम चेतना का मिलन होता है। इस अवस्था को प्राप्त करने का अवसर हर जीव के पास है। योग सनातन हिन्दू धर्म और संस्कृति का सम्पूर्ण मानवता के लिए अमूल्य उपहार है। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में एक अदभुत वातावरण बना है। पूरा विश्व आज योग कर रहा है। योग ने विश्व में असंख्य लोगों को सहारा दिया है। हमारे लिये यह गौरव का क्षण है। योग का विधिवत विज्ञान यहां सुरक्षित है। योग दर्शन की विरासत से आज पूरा विश्व समाज लाभान्वित हो रहा है। हम इस अलौकिक समय के साक्षी बन रहे हैं। हम आज गौरव और आनंद से भरे हैं। योग, धर्म, जाति और रंग की सीमाओं से परे है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत का गौरव बढ़ाने वाला दिवस है साथ ही पूरे विश्व को परम चेतना के प्रति जागृत करने का क्रांतिकारी कदम भी है।
योग करने से मिलती है शांति
मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर सवाल किया जाता है कि योग से क्या मिलता है? इसका सीधा सरल जवाब है योग से मिलती है शांति। मन और तन को सबसे ज्यादा जरूरत है शांति की। अशांत मन और अनियंत्रित तन पूरे समाज को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। योग एक ऐसा दिव्य द्वार है जो शांति की ओर खुलता है। शांति से उपजती है एकाग्रता।
योग का उद्देश्य परम चेतना में प्रवेश पाना है। यह परम चेतना क्या है जो योग से मिलती है? यह अवस्था ऐसी अवस्था है जब मन केवल न्याय और धर्म के साथ होता है। सिर्फ दया, करूणा, मैत्री और शांति जैसे मूल्य प्रखर होते है। यह अवस्था हर मनुष्य के लिये अनिवार्य है चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या समुदाय का हो या विश्व के किसी भी कोने में रहता हो।