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- 'मई-जून में ज्यादा मर्डर होते हैं, बिहार में बढ़ते क्राइम पर ADG का बेतुका बयान
'मई-जून में ज्यादा मर्डर होते हैं, बिहार में बढ़ते क्राइम पर ADG का बेतुका बयान
'मई-जून में ज्यादा मर्डर होते हैं, बिहार में बढ़ते क्राइम पर ADG का बेतुका बयान

बिहार के एडीजी कुंदन कृष्णन ने गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में कहा, 'इधर हाल में कई हत्याएं हुई हैं. पिछले कई सालों से यह ट्रेंड रहा है. जब तक बरसात नहीं होती है, तब तक ये सिलसिला जारी रहता है.
बिहार में बीते कुछ दिनों से अपराध का ग्राफ काफी तेजी से बढ़ा है. राजधानी पटना में कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या से शुरू हुआ अपराध का सिलसिला लगातार जारी है. गुरुवार को पटना के पारस हॉस्पिटल में भर्ती एक बंदी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. जदयू, भाजपा, राजद के नेताओं के साथ-साथ वकील, किसान, कारोबारियों की भी हत्या हुई है. इन घटनाओं से राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. विपक्षी दलों के साथ-साथ एनडीए के सहयोगी भी बिहार सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं. इस बीच गुरुवार को बिहार के एडीजी कुंदन कृष्णन का एक अटपटा बयान सामने आया है. इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर बिहार पुलिस की कार्यशैली और सोच पर तंज किए जा रहे हैं.
अप्रैल, मई, जून के महीने में होते है ज्यादा मर्डरः ADG
बिहार के एडीजी कुंदन कृष्णन (ADG Kundan Krishnan) ने गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में कहा, 'इधर हाल में कई हत्याएं हुई हैं. पिछले कई सालों से यह ट्रेंड रहा है. जब तक बरसात नहीं होती है, तब तक ये सिलसिला जारी रहता है. अप्रैल, मई-जून के महीने में वर्षों से ज्यादा मर्डर होते आए हैं. क्योंकि ज्यादातर किसानों के पास कोई काम नहीं होता है. बरसात होने के बाद किसान समाज के लोग व्यस्त हो जाते हैं.'
एडीजी ने आगे कहा, इस साल चुनाव है. मीडिया भी हत्या पर हत्या जैसी खबरें चलाते हैं. राजनीतिक दलों की ओर से भी घटनाओं पर नजरिया दिया जा रहा है. उसको लेकर भी हमलोग चिंतित हैं. नवयुवक पैसों के लिए सुपारी किलिंग करने लगे हैं.
तेजस्वी ने एडीजी के बयान पर उठाया सवाल
एडीजी कुंदन कृष्णन के इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया है. तेजस्वी ने बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर ADG STF कुंदन कृष्णन के बयान को अतार्किक बताया. उन्होंने कहा कि इससे पुलिस का मनोबल गिरता है. उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है.
तेजस्वी बोले- पुलिस बारिश का बहाना बना रही है
तेजस्वी यादव ने कहा, पुलिस अभी बारिश का बहाना बना रही है. गर्मी में बोलेंगे गर्मी की वजह से अपराध बढ़ गया. ठंड में बोलेंगे कि ठंड की वजह से अपराध बढ़ गया. ये पुलिस की नाकामी है. पुलिस लाचार हो गई है. सीएम कुछ नहीं कर पा रहे हैं. और डिप्टी सीएम बेकार हैं.
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने भी एडीजी के बयान को गलत बताया
एडीजी के बयान पर बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा, अपराध को महीनों से जोड़ने का कोई औचित्य नहीं है. किसानों को इससे जोड़ना तो कतई सही नहीं है. किसान तो अन्नदाता है, हमारे लिए अन्न उगाता है. उन्होंने कहा कि बिहार में जंगलराज या नरसंहार जैसा अपराध नहीं होने दिया जाएगा. बालू माफिया को राज्य से खत्म कर दिया गया है.कानून का राज कायम होने और अपराधियों के मन में खौफ के सवाल पर सिन्हा ने कहा, निश्चित तौर पर ये बात सही है. एडीजी ने ये बयान किस संदर्भ में दिया है, उसका पता लगाया जा रहा है. गोपाल खेमका के मर्डर के मामले में सरकार ने तुरंत ही एक्शन लिया. एनकाउंटर भी किया गया.
एडीजी के बयान पर सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रिया देते हुए तंज कस रहे हैं. कांग्रेस नेता गौरव पांधी ने इस एडीजी के बयान पर तंज करते हुए कहा कि क्या बकवास है ये.
बिहार के एडीजी कुंदन कृष्णन ने गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में कहा, 'इधर हाल में कई हत्याएं हुई हैं. पिछले कई सालों से यह ट्रेंड रहा है. जब तक बरसात नहीं होती है, तब तक ये सिलसिला जारी रहता है.
बिहार में बीते कुछ दिनों से अपराध का ग्राफ काफी तेजी से बढ़ा है. राजधानी पटना में कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या से शुरू हुआ अपराध का सिलसिला लगातार जारी है. गुरुवार को पटना के पारस हॉस्पिटल में भर्ती एक बंदी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. जदयू, भाजपा, राजद के नेताओं के साथ-साथ वकील, किसान, कारोबारियों की भी हत्या हुई है. इन घटनाओं से राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. विपक्षी दलों के साथ-साथ एनडीए के सहयोगी भी बिहार सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं. इस बीच गुरुवार को बिहार के एडीजी कुंदन कृष्णन का एक अटपटा बयान सामने आया है. इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर बिहार पुलिस की कार्यशैली और सोच पर तंज किए जा रहे हैं.
अप्रैल, मई, जून के महीने में होते है ज्यादा मर्डरः ADG
बिहार के एडीजी कुंदन कृष्णन (ADG Kundan Krishnan) ने गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में कहा, 'इधर हाल में कई हत्याएं हुई हैं. पिछले कई सालों से यह ट्रेंड रहा है. जब तक बरसात नहीं होती है, तब तक ये सिलसिला जारी रहता है. अप्रैल, मई-जून के महीने में वर्षों से ज्यादा मर्डर होते आए हैं. क्योंकि ज्यादातर किसानों के पास कोई काम नहीं होता है. बरसात होने के बाद किसान समाज के लोग व्यस्त हो जाते हैं.'
एडीजी ने आगे कहा, इस साल चुनाव है. मीडिया भी हत्या पर हत्या जैसी खबरें चलाते हैं. राजनीतिक दलों की ओर से भी घटनाओं पर नजरिया दिया जा रहा है. उसको लेकर भी हमलोग चिंतित हैं. नवयुवक पैसों के लिए सुपारी किलिंग करने लगे हैं.
तेजस्वी ने एडीजी के बयान पर उठाया सवाल
एडीजी कुंदन कृष्णन के इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया है. तेजस्वी ने बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर ADG STF कुंदन कृष्णन के बयान को अतार्किक बताया. उन्होंने कहा कि इससे पुलिस का मनोबल गिरता है. उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है.
तेजस्वी बोले- पुलिस बारिश का बहाना बना रही है
तेजस्वी यादव ने कहा, पुलिस अभी बारिश का बहाना बना रही है. गर्मी में बोलेंगे गर्मी की वजह से अपराध बढ़ गया. ठंड में बोलेंगे कि ठंड की वजह से अपराध बढ़ गया. ये पुलिस की नाकामी है. पुलिस लाचार हो गई है. सीएम कुछ नहीं कर पा रहे हैं. और डिप्टी सीएम बेकार हैं.
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने भी एडीजी के बयान को गलत बताया
एडीजी के बयान पर बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा, अपराध को महीनों से जोड़ने का कोई औचित्य नहीं है. किसानों को इससे जोड़ना तो कतई सही नहीं है. किसान तो अन्नदाता है, हमारे लिए अन्न उगाता है. उन्होंने कहा कि बिहार में जंगलराज या नरसंहार जैसा अपराध नहीं होने दिया जाएगा. बालू माफिया को राज्य से खत्म कर दिया गया है.कानून का राज कायम होने और अपराधियों के मन में खौफ के सवाल पर सिन्हा ने कहा, निश्चित तौर पर ये बात सही है. एडीजी ने ये बयान किस संदर्भ में दिया है, उसका पता लगाया जा रहा है. गोपाल खेमका के मर्डर के मामले में सरकार ने तुरंत ही एक्शन लिया. एनकाउंटर भी किया गया.
एडीजी के बयान पर सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रिया देते हुए तंज कस रहे हैं. कांग्रेस नेता गौरव पांधी ने इस एडीजी के बयान पर तंज करते हुए कहा कि क्या बकवास है ये.
