रात के अंधेरे में गंगा एक्सप्रेस-वे पर उतरे लड़ाकू विमान, भारत में पहली बार नाइट लैंडिंग ड्रिल के क्या है मायने?

रात के अंधेरे में गंगा एक्सप्रेस-वे पर उतरे लड़ाकू विमान, भारत में पहली बार नाइट लैंडिंग ड्रिल के क्या है मायने?

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गंगा एक्सप्रेस-वे पर बनाई गई 3.5 किलोमीटर लंबी विशेष पट्टी को युद्धकाल और आपदा के समय हवाईपट्टी की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. यह ड्यूल-यूज़ इन्फ्रास्ट्रक्चर देश की डिफेंस लॉजिस्टिक्स और रेस्क्यू ऑपरेशंस में अहम भूमिका निभाएगा.

गंगा एक्सप्रेस-वे यानी भारत की हवाई शक्ति का नया रणक्षेत्र. देश का सबसे लंबा ये एक्सप्रेस-वे अब केवल एक हाइवे नहीं, बल्कि भारतीय वायुसेना की रणनीतिक शक्ति का प्रतीक बन चुका है. ये देश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे है जिसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि उस पर रात के अंधेरे में भी फाइटर जेट न केवल उतर सकते हैं बल्कि ईंधन भरकर दुश्मन पर सटीक प्रहार भी कर सकते हैं.

शुक्रवार को वायुसेना ने इसी एक्सप्रेस-वे पर दो चरणों में अभूतपूर्व सैन्य अभ्यास किया. इसमें दिन और रात दोनों समय में उड़ान भरने, लैंडिंग, टेक-ऑफ और कम ऊंचाई पर फ्लाई-पास्ट जैसी युद्धक तकनीकों का प्रदर्शन किया गया. रात 9 से 10 बजे के बीच हुई ‘नाइट लैंडिंग' तो इस अभ्यास का मुख्य आकर्षण बनी, जिसने भारतीय वायुसेना की अत्याधुनिक क्षमताओं को प्रमाणित कर दिया.

गंगा एक्सप्रेस-वे पर बनाई गई 3.5 किलोमीटर लंबी विशेष पट्टी को युद्धकाल और आपदा के समय हवाईपट्टी की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. यह ड्यूल-यूज़ इन्फ्रास्ट्रक्चर देश की डिफेंस लॉजिस्टिक्स और रेस्क्यू ऑपरेशंस में अहम भूमिका निभाएगा.

इस युद्धाभ्यास में राफेल, सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29, मिराज-2000, जगुआर, एएन-32, सी-130जे सुपर हरक्यूलिस और एमआई-17 जैसे अग्रिम पंक्ति के विमान शामिल हुए. अभ्यास के दौरान न केवल भारत की युद्ध क्षमता दिखाई गई, बल्कि आपदा के समय त्वरित प्रतिक्रिया की भी झलक देखने को मिली.

जैसे ही आसमान में लड़ाकू विमान गर्जना करते हुए करतब दिखा रहे थे, आसपास के गांवों और स्कूलों से आए नागरिक रोमांच से भर गए. ये आयोजन न केवल सैन्य कौशल का प्रदर्शन था, बल्कि भारतीय जनता के मन में आत्मविश्वास और गर्व का संचार भी था.

पाकिस्तान द्वारा हाल ही में किए गए कायराना हमले के बाद यह अभ्यास भारत की तैयारियों का स्पष्ट संकेत है। प्रधानमंत्री मोदी पहले ही जल, थल और वायु सेना को पूर्ण स्वतंत्रता दे चुके हैं, और अब भारतीय सेनाएं हर मोर्चे पर सतर्क और सक्षम हैं.

उधर, पाकिस्तान ने कराची एयरबेस पर लड़ाकू विमान तैनात कर दिए हैं और लाहौर व कराची के एयरस्पेस को बंद कर दिया है. ये कदम उसकी घबराहट और भारतीय कार्रवाई के डर को उजागर करते हैं.

सीमा पर हर रात हो रहे संघर्ष विराम उल्लंघनों का जवाब अब भारत नई रणनीति और दमखम से दे रहा है. देश की सेना, सीमा पर तैनात जवान और आम नागरिक – सब मिलकर एकजुट हैं, और हर चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

 

गंगा एक्सप्रेस-वे पर बनाई गई 3.5 किलोमीटर लंबी विशेष पट्टी को युद्धकाल और आपदा के समय हवाईपट्टी की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. यह ड्यूल-यूज़ इन्फ्रास्ट्रक्चर देश की डिफेंस लॉजिस्टिक्स और रेस्क्यू ऑपरेशंस में अहम भूमिका निभाएगा.

गंगा एक्सप्रेस-वे यानी भारत की हवाई शक्ति का नया रणक्षेत्र. देश का सबसे लंबा ये एक्सप्रेस-वे अब केवल एक हाइवे नहीं, बल्कि भारतीय वायुसेना की रणनीतिक शक्ति का प्रतीक बन चुका है. ये देश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे है जिसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि उस पर रात के अंधेरे में भी फाइटर जेट न केवल उतर सकते हैं बल्कि ईंधन भरकर दुश्मन पर सटीक प्रहार भी कर सकते हैं.

शुक्रवार को वायुसेना ने इसी एक्सप्रेस-वे पर दो चरणों में अभूतपूर्व सैन्य अभ्यास किया. इसमें दिन और रात दोनों समय में उड़ान भरने, लैंडिंग, टेक-ऑफ और कम ऊंचाई पर फ्लाई-पास्ट जैसी युद्धक तकनीकों का प्रदर्शन किया गया. रात 9 से 10 बजे के बीच हुई ‘नाइट लैंडिंग' तो इस अभ्यास का मुख्य आकर्षण बनी, जिसने भारतीय वायुसेना की अत्याधुनिक क्षमताओं को प्रमाणित कर दिया.

गंगा एक्सप्रेस-वे पर बनाई गई 3.5 किलोमीटर लंबी विशेष पट्टी को युद्धकाल और आपदा के समय हवाईपट्टी की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. यह ड्यूल-यूज़ इन्फ्रास्ट्रक्चर देश की डिफेंस लॉजिस्टिक्स और रेस्क्यू ऑपरेशंस में अहम भूमिका निभाएगा.

इस युद्धाभ्यास में राफेल, सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29, मिराज-2000, जगुआर, एएन-32, सी-130जे सुपर हरक्यूलिस और एमआई-17 जैसे अग्रिम पंक्ति के विमान शामिल हुए. अभ्यास के दौरान न केवल भारत की युद्ध क्षमता दिखाई गई, बल्कि आपदा के समय त्वरित प्रतिक्रिया की भी झलक देखने को मिली.

जैसे ही आसमान में लड़ाकू विमान गर्जना करते हुए करतब दिखा रहे थे, आसपास के गांवों और स्कूलों से आए नागरिक रोमांच से भर गए. ये आयोजन न केवल सैन्य कौशल का प्रदर्शन था, बल्कि भारतीय जनता के मन में आत्मविश्वास और गर्व का संचार भी था.

पाकिस्तान द्वारा हाल ही में किए गए कायराना हमले के बाद यह अभ्यास भारत की तैयारियों का स्पष्ट संकेत है। प्रधानमंत्री मोदी पहले ही जल, थल और वायु सेना को पूर्ण स्वतंत्रता दे चुके हैं, और अब भारतीय सेनाएं हर मोर्चे पर सतर्क और सक्षम हैं.

उधर, पाकिस्तान ने कराची एयरबेस पर लड़ाकू विमान तैनात कर दिए हैं और लाहौर व कराची के एयरस्पेस को बंद कर दिया है. ये कदम उसकी घबराहट और भारतीय कार्रवाई के डर को उजागर करते हैं.

सीमा पर हर रात हो रहे संघर्ष विराम उल्लंघनों का जवाब अब भारत नई रणनीति और दमखम से दे रहा है. देश की सेना, सीमा पर तैनात जवान और आम नागरिक – सब मिलकर एकजुट हैं, और हर चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

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रात के अंधेरे में गंगा एक्सप्रेस-वे पर उतरे लड़ाकू विमान, भारत में पहली बार नाइट लैंडिंग ड्रिल के क्या है मायने?
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