- Hindi News
- राज्य
- दिल्ली
- 80400 अवैध सिगरेट बेचने की फिराक में था दानिश, COTPA एक्ट के तहत हुई कार्रवाई.....
80400 अवैध सिगरेट बेचने की फिराक में था दानिश, COTPA एक्ट के तहत हुई कार्रवाई.....
80400 अवैध सिगरेट बेचने की फिराक में था दानिश, COTPA एक्ट के तहत हुई कार्रवाई.....

दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद दानिश के फ्लैट से 8.04 लाख रुपये की प्रतिबंधित सिगरेट बरामद की। वह 2 वर्षों से तस्करी में शामिल था। उसके ऊपर COTPA एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
दिल्ली के हौज काजी इलाके में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 40 साल के 'इंटीरियर डिजाइनर' मोहम्मद दानिश के फ्लैट से 8.04 लाख रुपये कीमत की प्रतिबंधित विदेशी सिगरेट जब्त की हैं। गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि मोहम्मद दानिश को 8 अप्रैल को उसके फ्लैट पर छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया। पुलिस को दानिश के बारे में गुप्त सूचना मिली थी जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। छापेमारी में दानिश के फ्लैट से 5 लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की 80,400 सिगरेट बरामद हुईं।
2 वर्षों से तस्करी के धंधे में शामिल था दानिश
बता दें कि देश में ये सिगरेट प्रतिबंधित हैं क्योंकि इन पर भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अनिवार्य वैधानिक स्वास्थ्य चेतावनियां अंकित नहीं थीं। यह सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम यानी कि COTPA का उल्लंघन है, जिसके तहत इनकी बिक्री अवैध मानी जाती है। पूछताछ में दानिश ने खुलासा किया कि वह पिछले 2 सालों से प्रतिबंधित सिगरेट की तस्करी और सप्लाई के धंधे में शामिल था। उसने बताया कि वह फरमान नाम के शख्स और उसके सहयोगियों से ये सिगरेट खरीदता था और फिर इन्हें मुनाफे पर लोकल दुकानदारों को बेचता था।
दानिश ने किरोड़ीमल कॉलेज से की है पढ़ाई
दानिश दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से बीए (ऑनर्स) की डिग्री लिए हुए है। वह मौजपुर में एक ‘फिश एक्वेरियम’ से जुड़ी दुकान का मालिक है और साथ ही इंटीरियर डिजाइनर के रूप में भी काम करता है। उसने पुलिस को बताया कि जल्दी पैसा कमाने के लालच में वह इस धंधे में शामिल हुआ। पुलिस ने बताया कि जब्त सिगरेट की कीमत बाजार में 8.04 लाख रुपये आंकी गई है। इस मामले में तस्करी गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए जांच जारी है। दानिश के खिलाफ COTPA और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
क्या है भारत सरकार का COTPA एक्ट?
भारत सरकार का COTPA एक्ट, जिसका पूरा नाम Cigarettes and Other Tobacco Products (Prohibition of Advertisement and Regulation of Trade and Commerce, Production, Supply and Distribution) Act 2003 है, तंबाकू उत्पादों के उपयोग को नियंत्रित करने और इसके हानिकारक प्रभावों से जनता को बचाने के लिए बनाया गया एक कानून है। इसे 18 मई 2003 को लागू किया गया था और इसका उद्देश्य तंबाकू के विज्ञापन, प्रचार और बिक्री पर प्रतिबंध लगाना तथा इसके उत्पादन, आपूर्ति और वितरण को विनियमित करना है।
COTPA एक्ट के प्रमुख प्रावधान
विज्ञापन पर प्रतिबंध: सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन, प्रचार और प्रायोजन पर पूर्ण प्रतिबंध।
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध: होटल, रेस्तरां, दफ्तर, एयरपोर्ट जैसे सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। धूम्रपान क्षेत्र (Smoking Zones) को छोड़कर यह नियम लागू होता है।
जुर्माना और सजा
COTPA एक्ट के तहत विभिन्न उल्लंघनों के लिए सजा और जुर्माने के प्रावधान अलग-अलग हैं। यह उल्लंघन की प्रकृति और गंभीरता पर निर्भर करता है। नीचे इसके प्रमुख प्रावधानों के तहत सजा और जुर्माने की जानकारी दी गई है:
1. सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान (धारा 4)
जुर्माना: 200 रुपये तक।
सजा: यह अपराध कम्पाउंडिंग नेचर का है, यानी जुर्माना भरकर मामला खत्म हो सकता है। इसमें जेल की सजा का प्रावधान नहीं है।
तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन (धारा 5)
पहली बार उल्लंघन: 1 साल तक की जेल या 1,000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों।
दूसरी बार या उसके बाद: 2 साल तक की जेल और 5,000 रुपये तक का जुर्माना।
यहां सजा और जुर्माना दोनों लागू हो सकते हैं, खासकर अगर विज्ञापन बड़े पैमाने पर हो।
19 साल से कम उम्र के व्यक्ति को तंबाकू बेचना (धारा 6(a))
सजा: 7 साल तक की जेल।
जुर्माना: 1 लाख रुपये तक।
यह गंभीर अपराध माना जाता है, क्योंकि इसका लक्ष्य नाबालिगों को तंबाकू से बचाना है।
शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में बिक्री (धारा 6(b))
जुर्माना: 200 रुपये तक।
यहां सजा का प्रावधान नहीं है, लेकिन बार-बार उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।
बिना स्वास्थ्य चेतावनी के पैकेजिंग (धारा 7)
पहली बार उल्लंघन: 1 साल तक की जेल या 1,000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों।
दूसरी बार या उसके बाद: 2 साल तक की जेल और 5,000 रुपये तक का जुर्माना।
यह उत्पादकों और वितरकों पर लागू होता है।
अन्य उल्लंघन
अगर कोई व्यक्ति या संस्था इन नियमों का पालन नहीं करती, जैसे निर्धारित धूम्रपान क्षेत्र न बनाना (धारा 21 के तहत), तो:
जुर्माना: 1,000 रुपये तक (पहली बार)।
दूसरी बार: 2,000 रुपये तक और सजा बढ़ सकती है।
ध्यान देने योग्य बातें
- छोटे उल्लंघन (जैसे सार्वजनिक धूम्रपान) के लिए जुर्माना मामूली है और तुरंत वसूला जा सकता है।
- गंभीर अपराधों (जैसे नाबालिगों को बेचना) में कठोर सजा और भारी जुर्माना लगाया जाता है।
- सजा और जुर्माने का निर्धारण कोर्ट के विवेक और अपराध की बार-बार होने की स्थिति पर भी निर्भर करता है।
COTPA एक्ट का उद्देश्य
यह एक्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के Framework Convention on Tobacco Control (FCTC) के अनुरूप है और इसका लक्ष्य तंबाकू से होने वाली बीमारियों (जैसे कैंसर, हृदय रोग) को कम करना, युवाओं को इसके सेवन से रोकना और जन स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है।
दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद दानिश के फ्लैट से 8.04 लाख रुपये की प्रतिबंधित सिगरेट बरामद की। वह 2 वर्षों से तस्करी में शामिल था। उसके ऊपर COTPA एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
दिल्ली के हौज काजी इलाके में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 40 साल के 'इंटीरियर डिजाइनर' मोहम्मद दानिश के फ्लैट से 8.04 लाख रुपये कीमत की प्रतिबंधित विदेशी सिगरेट जब्त की हैं। गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि मोहम्मद दानिश को 8 अप्रैल को उसके फ्लैट पर छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया। पुलिस को दानिश के बारे में गुप्त सूचना मिली थी जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। छापेमारी में दानिश के फ्लैट से 5 लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की 80,400 सिगरेट बरामद हुईं।
2 वर्षों से तस्करी के धंधे में शामिल था दानिश
बता दें कि देश में ये सिगरेट प्रतिबंधित हैं क्योंकि इन पर भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अनिवार्य वैधानिक स्वास्थ्य चेतावनियां अंकित नहीं थीं। यह सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम यानी कि COTPA का उल्लंघन है, जिसके तहत इनकी बिक्री अवैध मानी जाती है। पूछताछ में दानिश ने खुलासा किया कि वह पिछले 2 सालों से प्रतिबंधित सिगरेट की तस्करी और सप्लाई के धंधे में शामिल था। उसने बताया कि वह फरमान नाम के शख्स और उसके सहयोगियों से ये सिगरेट खरीदता था और फिर इन्हें मुनाफे पर लोकल दुकानदारों को बेचता था।
दानिश ने किरोड़ीमल कॉलेज से की है पढ़ाई
दानिश दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से बीए (ऑनर्स) की डिग्री लिए हुए है। वह मौजपुर में एक ‘फिश एक्वेरियम’ से जुड़ी दुकान का मालिक है और साथ ही इंटीरियर डिजाइनर के रूप में भी काम करता है। उसने पुलिस को बताया कि जल्दी पैसा कमाने के लालच में वह इस धंधे में शामिल हुआ। पुलिस ने बताया कि जब्त सिगरेट की कीमत बाजार में 8.04 लाख रुपये आंकी गई है। इस मामले में तस्करी गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए जांच जारी है। दानिश के खिलाफ COTPA और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
क्या है भारत सरकार का COTPA एक्ट?
भारत सरकार का COTPA एक्ट, जिसका पूरा नाम Cigarettes and Other Tobacco Products (Prohibition of Advertisement and Regulation of Trade and Commerce, Production, Supply and Distribution) Act 2003 है, तंबाकू उत्पादों के उपयोग को नियंत्रित करने और इसके हानिकारक प्रभावों से जनता को बचाने के लिए बनाया गया एक कानून है। इसे 18 मई 2003 को लागू किया गया था और इसका उद्देश्य तंबाकू के विज्ञापन, प्रचार और बिक्री पर प्रतिबंध लगाना तथा इसके उत्पादन, आपूर्ति और वितरण को विनियमित करना है।
COTPA एक्ट के प्रमुख प्रावधान
विज्ञापन पर प्रतिबंध: सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन, प्रचार और प्रायोजन पर पूर्ण प्रतिबंध।
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध: होटल, रेस्तरां, दफ्तर, एयरपोर्ट जैसे सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। धूम्रपान क्षेत्र (Smoking Zones) को छोड़कर यह नियम लागू होता है।
जुर्माना और सजा
COTPA एक्ट के तहत विभिन्न उल्लंघनों के लिए सजा और जुर्माने के प्रावधान अलग-अलग हैं। यह उल्लंघन की प्रकृति और गंभीरता पर निर्भर करता है। नीचे इसके प्रमुख प्रावधानों के तहत सजा और जुर्माने की जानकारी दी गई है:
1. सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान (धारा 4)
जुर्माना: 200 रुपये तक।
सजा: यह अपराध कम्पाउंडिंग नेचर का है, यानी जुर्माना भरकर मामला खत्म हो सकता है। इसमें जेल की सजा का प्रावधान नहीं है।
तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन (धारा 5)
पहली बार उल्लंघन: 1 साल तक की जेल या 1,000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों।
दूसरी बार या उसके बाद: 2 साल तक की जेल और 5,000 रुपये तक का जुर्माना।
यहां सजा और जुर्माना दोनों लागू हो सकते हैं, खासकर अगर विज्ञापन बड़े पैमाने पर हो।
19 साल से कम उम्र के व्यक्ति को तंबाकू बेचना (धारा 6(a))
सजा: 7 साल तक की जेल।
जुर्माना: 1 लाख रुपये तक।
यह गंभीर अपराध माना जाता है, क्योंकि इसका लक्ष्य नाबालिगों को तंबाकू से बचाना है।
शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में बिक्री (धारा 6(b))
जुर्माना: 200 रुपये तक।
यहां सजा का प्रावधान नहीं है, लेकिन बार-बार उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।
बिना स्वास्थ्य चेतावनी के पैकेजिंग (धारा 7)
पहली बार उल्लंघन: 1 साल तक की जेल या 1,000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों।
दूसरी बार या उसके बाद: 2 साल तक की जेल और 5,000 रुपये तक का जुर्माना।
यह उत्पादकों और वितरकों पर लागू होता है।
अन्य उल्लंघन
अगर कोई व्यक्ति या संस्था इन नियमों का पालन नहीं करती, जैसे निर्धारित धूम्रपान क्षेत्र न बनाना (धारा 21 के तहत), तो:
जुर्माना: 1,000 रुपये तक (पहली बार)।
दूसरी बार: 2,000 रुपये तक और सजा बढ़ सकती है।
ध्यान देने योग्य बातें
- छोटे उल्लंघन (जैसे सार्वजनिक धूम्रपान) के लिए जुर्माना मामूली है और तुरंत वसूला जा सकता है।
- गंभीर अपराधों (जैसे नाबालिगों को बेचना) में कठोर सजा और भारी जुर्माना लगाया जाता है।
- सजा और जुर्माने का निर्धारण कोर्ट के विवेक और अपराध की बार-बार होने की स्थिति पर भी निर्भर करता है।
COTPA एक्ट का उद्देश्य
यह एक्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के Framework Convention on Tobacco Control (FCTC) के अनुरूप है और इसका लक्ष्य तंबाकू से होने वाली बीमारियों (जैसे कैंसर, हृदय रोग) को कम करना, युवाओं को इसके सेवन से रोकना और जन स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है।
