- Hindi News
- राज्य
- पंजाब
- पंजाब में अब तक पराली जलाने के 90 मामले, 49 किसानों पर FIR, लग रहा भारी जुर्माना
पंजाब में अब तक पराली जलाने के 90 मामले, 49 किसानों पर FIR, लग रहा भारी जुर्माना
पंजाब में अब तक पराली जलाने के 90 मामले, 49 किसानों पर FIR, लग रहा भारी जुर्माना

धान की कटाई के साथ ही पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ने लगी हैं। राज्य में अब तक 90 मामले सामने आ चुके हैं। सबसे अधिक 51 मामले अमृतसर में सामने आए हैं।
पंजाब में धान की कटाई शुरू होते ही पराली जलाने के मामले एक बार फिर से सामने आने लगे हैं। राज्य में पराली जलाने के अब तक 90 मामले सामने आ चुके हैं। रविवार को प्रदेश में पराली जलाने के 8 नए मामले सामने आए हैं। अब तक सबसे अधिक 51 मामले अमृतसर में सामने आए हैं। पराली जलाने के 47 मामलों में 225000 का जुर्माना लगाया गया है। वहीं 49 मामलों में BNS के सेक्शन 223 के तहत FIR भी दर्ज की गई है।
32 मामलों में किसानों के जमीन रिकॉर्ड में रेड एंट्री दर्ज की गई है। जमीन रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री होने पर किसान ना तो अपनी जमीन बेच सकता है और ना ही उसे गिरवी या फिर उस जमीन पर लोन ले सकता है।
किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू
इस समस्या को रोकने के लिए विभिन्न जिलों के पराली जलाने वाले ‘हॉटस्पॉट’ में किसानों को जागरूक करने के लिए गहन अभियान शुरू किया गया है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को अक्टूबर और नवंबर में धान की कटाई के बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने की एक प्रमुख वजह माना जाता है।
किसान क्यों जलाते हैं पराली?
दरअसल, धान की कटाई के बाद रबी की फसल- गेहूं के बुआई के लिए किसानों के पास में काफी कम समय होता है। इसी कारण से कुछ किसान अगली फसल को बोने के लिए पराली को जल्दी से साफ करने के लिए अपने खेतों में आग लगा देते हैं। अक्टूबर और नवंबर महीने में धान की कटाई के बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण काफी बढ़ जाता है। ऐसा होने के लिए अक्सर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को जिम्मेदार बताया जाता है।
बीते साल पराली जलाने के कितने मामले आए?
साल 2024 में, पंजाब में पराली जलाने की कुल 10,909 घटनाएं सामने आई थीं। वहीं, साल 2023 में पराली जलाने की घटनाएं 36,663 थीं। इस हिसाब से पराली जलाने की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी।
धान की कटाई के साथ ही पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ने लगी हैं। राज्य में अब तक 90 मामले सामने आ चुके हैं। सबसे अधिक 51 मामले अमृतसर में सामने आए हैं।
पंजाब में धान की कटाई शुरू होते ही पराली जलाने के मामले एक बार फिर से सामने आने लगे हैं। राज्य में पराली जलाने के अब तक 90 मामले सामने आ चुके हैं। रविवार को प्रदेश में पराली जलाने के 8 नए मामले सामने आए हैं। अब तक सबसे अधिक 51 मामले अमृतसर में सामने आए हैं। पराली जलाने के 47 मामलों में 225000 का जुर्माना लगाया गया है। वहीं 49 मामलों में BNS के सेक्शन 223 के तहत FIR भी दर्ज की गई है।
32 मामलों में किसानों के जमीन रिकॉर्ड में रेड एंट्री दर्ज की गई है। जमीन रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री होने पर किसान ना तो अपनी जमीन बेच सकता है और ना ही उसे गिरवी या फिर उस जमीन पर लोन ले सकता है।
किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू
इस समस्या को रोकने के लिए विभिन्न जिलों के पराली जलाने वाले ‘हॉटस्पॉट’ में किसानों को जागरूक करने के लिए गहन अभियान शुरू किया गया है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को अक्टूबर और नवंबर में धान की कटाई के बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने की एक प्रमुख वजह माना जाता है।
किसान क्यों जलाते हैं पराली?
दरअसल, धान की कटाई के बाद रबी की फसल- गेहूं के बुआई के लिए किसानों के पास में काफी कम समय होता है। इसी कारण से कुछ किसान अगली फसल को बोने के लिए पराली को जल्दी से साफ करने के लिए अपने खेतों में आग लगा देते हैं। अक्टूबर और नवंबर महीने में धान की कटाई के बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण काफी बढ़ जाता है। ऐसा होने के लिए अक्सर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को जिम्मेदार बताया जाता है।
बीते साल पराली जलाने के कितने मामले आए?
साल 2024 में, पंजाब में पराली जलाने की कुल 10,909 घटनाएं सामने आई थीं। वहीं, साल 2023 में पराली जलाने की घटनाएं 36,663 थीं। इस हिसाब से पराली जलाने की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी।
