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बिहार चुनाव में सीमांचल क्यों हो गया महत्वपूर्ण? अमित शाह भी कर रहे दौरा
बिहार चुनाव में सीमांचल क्यों हो गया महत्वपूर्ण? अमित शाह भी कर रहे दौरा

बीजेपी पिछले चुनाव में 24 में से आठ सीटें जीत सीमांचल की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. कांग्रेस को पांच, जनता दल (यूनाइटेड) को चार, सीपीआई (एमएल) और आरजेडी को एक-एक सीटें मिली थीं.
बिहार का सीमांचल इलाका. इस इलाके में मुस्लिम आबादी काफी है. सीमांचल में कुल चार जिले हैं. इन चार जिलों में 24 विधानसभा सीटें हैं. जाति जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, सूबे की कुल आबादी में करीब 18 फीसदी मुस्लिम हैं. सीमांचल के इन चार जिलों की आबादी की बात करें तो किशनगंज में 68, अररिया में 43, कटिहार में 45 और पूर्णिया में 39 फीसदी हिस्सेदारी मुस्लिम समाज की है. यही आंकड़े सीमांचल को महत्वपूर्ण बनाते हैं. बिहार में चुनाव बीजेपी प्लस या बीजेपी माइनस वोटर होता है. इसे यूं भी कह सकते हैं लालू प्लस या लालू माइनस होता है. हां, नीतीश फैक्टर भी जरूर काम करता है, मगर वो इन वोटों में अपने वोट जोड़कर सत्ता की चाभी बन जाता है.
बिहार का सीमांचल इलाका. इस इलाके में मुस्लिम आबादी काफी है. सीमांचल में कुल चार जिले हैं. इन चार जिलों में 24 विधानसभा सीटें हैं. जाति जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, सूबे की कुल आबादी में करीब 18 फीसदी मुस्लिम हैं. सीमांचल के इन चार जिलों की आबादी की बात करें तो किशनगंज में 68, अररिया में 43, कटिहार में 45 और पूर्णिया में 39 फीसदी हिस्सेदारी मुस्लिम समाज की है. यही आंकड़े सीमांचल को महत्वपूर्ण बनाते हैं. बिहार में चुनाव बीजेपी प्लस या बीजेपी माइनस वोटर होता है. इसे यूं भी कह सकते हैं लालू प्लस या लालू माइनस होता है. हां, नीतीश फैक्टर भी जरूर काम करता है, मगर वो इन वोटों में अपने वोट जोड़कर सत्ता की चाभी बन जाता है.
बीजेपी पिछले चुनाव में 24 में से आठ सीटें जीत सीमांचल की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. कांग्रेस को पांच, जनता दल (यूनाइटेड) को चार, सीपीआई (एमएल) और आरजेडी को एक-एक सीटें मिली थीं.
बिहार का सीमांचल इलाका. इस इलाके में मुस्लिम आबादी काफी है. सीमांचल में कुल चार जिले हैं. इन चार जिलों में 24 विधानसभा सीटें हैं. जाति जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, सूबे की कुल आबादी में करीब 18 फीसदी मुस्लिम हैं. सीमांचल के इन चार जिलों की आबादी की बात करें तो किशनगंज में 68, अररिया में 43, कटिहार में 45 और पूर्णिया में 39 फीसदी हिस्सेदारी मुस्लिम समाज की है. यही आंकड़े सीमांचल को महत्वपूर्ण बनाते हैं. बिहार में चुनाव बीजेपी प्लस या बीजेपी माइनस वोटर होता है. इसे यूं भी कह सकते हैं लालू प्लस या लालू माइनस होता है. हां, नीतीश फैक्टर भी जरूर काम करता है, मगर वो इन वोटों में अपने वोट जोड़कर सत्ता की चाभी बन जाता है.
बिहार का सीमांचल इलाका. इस इलाके में मुस्लिम आबादी काफी है. सीमांचल में कुल चार जिले हैं. इन चार जिलों में 24 विधानसभा सीटें हैं. जाति जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, सूबे की कुल आबादी में करीब 18 फीसदी मुस्लिम हैं. सीमांचल के इन चार जिलों की आबादी की बात करें तो किशनगंज में 68, अररिया में 43, कटिहार में 45 और पूर्णिया में 39 फीसदी हिस्सेदारी मुस्लिम समाज की है. यही आंकड़े सीमांचल को महत्वपूर्ण बनाते हैं. बिहार में चुनाव बीजेपी प्लस या बीजेपी माइनस वोटर होता है. इसे यूं भी कह सकते हैं लालू प्लस या लालू माइनस होता है. हां, नीतीश फैक्टर भी जरूर काम करता है, मगर वो इन वोटों में अपने वोट जोड़कर सत्ता की चाभी बन जाता है.
