देश में मोदी सरकार आने के बाद BJP के पास कैसे बढ़ा पिछड़ा-OBC वोट बैंक

देश में मोदी सरकार आने के बाद BJP के पास कैसे बढ़ा पिछड़ा-OBC वोट बैंक

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साल 2014 में जब से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, तब से लगातार बीजेपी के पास ओबीसी समुदाय का समर्थन और वोट दोनों ही बढ़ रहा है. आंकड़ों के जरिए इसे डिटेल में समझिए.

एक वक्त था जब बीजेपी का कोर वोट बैंक (BJP Vote Bank) सिर्फ सवर्ण माने जाते थे. बीजेपी का नाम आते ही सबके जहन में पहला ख्याल हाई कास्ट का ही आता था. ऐसा माना जाता था कि बीजेपी को मुख्य वोटर सिर्फ हाई कास्ट ही हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. बीजेपी को पिछड़ा-ओबीसी समुदाय से भी खूब समर्थन मिल रहा है. बीजेपी के खाते में पिछड़ा-ओबीसी वोट बैंक (BJP OBC Vote Bank) लगातार बढ़ता जा रहा है. साल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) बनने के बाद बीजेपी के पिछड़ा-ओबीसी वोट बैंक में अच्छा खासा इजाफा हुआ है. इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि पीएम मोदी ने सत्ता में आने के बाद  इस वर्ग के लिए उन्होंने खूब काम किया है. उनके हर छोटे-छोटे मुद्दे पर उन्होंने बखूबी ध्यान दिया है. विकास योजनाओं से लेकर उनके हितों तक, हर चीज पर पीएम मोदी का फोकस रहा है. ताकि ये वर्ग खुद को अलग-थलग महसूस न करे. साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि वह खुद भी पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखते हैं. बीजेपी के इस वोट बैंक में इजाफा होने का ये भी बड़ा कारण माना जा सकता है. 

बीजेपी का ओबीसी वोट बैंक बढ़ने का दूसरा बड़ा कारण ये भी है कि उन्होंने लोकसभा चुनावों में ज्यादा से ज्यादा ओबीसी उम्मीदवारों पर दाव लगाया था. इस भरोसे को कायम रखते हुए वह जीतकर लोकसभा भी पहुंचे. ओबीसी वोटर्स बढ़ने की ये भी एक बड़ी वजह रही है.

देश में कितना है OBC वोट ?

मंडल आयोग ने देश में ओबीसी की संख्या 52 प्रतिशत बताई थी. जबकि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय ने 41 प्रतिशत ओबीसी होने की बात कही थी. हालांकि दोनों के आंकड़ों में विरोधाभास है. अगर बात बिहार जाति जनगणना की करें तो इसके मुताबिक, राज्य में ओबीसी की संख्या 63 प्रतिशत है. 

कैसे बढ़ा BJP का OBC वोट बैंक?

बीजेपी को ओबीसी का सबसे ज्यादा समर्थन मिला है. साल 1971 (भारतीय जनसंघ के दिनों में) 7 प्रतिशत से तेजी से बढ़कर 1996 में यह 19 प्रतिशत हुआ. साल 2019 में दोगुने से ज्यादा बढ़कर यह 44 प्रतिशत पर पहुंच गया. 

बीजेपी के पास कितना OBC समर्थन?

बात अगर बीजेपी के ओबीसी समर्थन की करें तो यह साल दर साल बढ़ा है. साल 1999 में बीजेपी के 100 वोटर्स में से 48 ओबीसी थे. 2019 के चुनाव में यह आंकड़ा बढ़कर 59 हो गया. वहीं अगर कांग्रेस की बात करें तो साल 1999 में हर 100 वोटर में उनके पास 42 ओबीसी वोटर थे. मतलब बीजेपी से उनके पास 6 वोटर कम थे. कांग्रेस के साथ उल्टा हुआ साल 2019 में उनका यह वोट बैंक घट गया. हर 100 वोटरों में से ओबीसी वोटर्स घट कर सिर्फ 38 रह गए. वहीं अन्य दलों के ओबीसी वोटर्स साल 1999 में 100 में से 55 थे जो 2019 के चुनाव में घटकर सिर्फ 48 रह गए. 

लोकसभा में बीजेपी में कितने OBC सांसद?

 बीजेपी के पास 2025 लोकसभा में ओबीसी सांसदों का प्रत‍िशत भी 2019 की तुलना में बढ़ा है.  2019 में उसके पास लोकसभा में 22.8 प्रत‍िशत ओबीसी सांसद थे. इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 25.4 फीसदी हो गया है. जब कि साल 2024 में NDA के पास 26.2 प्रतिशत ओबीसी सांसद जबकि इंडिया गठबंधन के पास ओबीसी सांसदों का आंकड़ा 30.7 प्रतिशत था. 

 

साल 2014 में जब से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, तब से लगातार बीजेपी के पास ओबीसी समुदाय का समर्थन और वोट दोनों ही बढ़ रहा है. आंकड़ों के जरिए इसे डिटेल में समझिए.

एक वक्त था जब बीजेपी का कोर वोट बैंक (BJP Vote Bank) सिर्फ सवर्ण माने जाते थे. बीजेपी का नाम आते ही सबके जहन में पहला ख्याल हाई कास्ट का ही आता था. ऐसा माना जाता था कि बीजेपी को मुख्य वोटर सिर्फ हाई कास्ट ही हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. बीजेपी को पिछड़ा-ओबीसी समुदाय से भी खूब समर्थन मिल रहा है. बीजेपी के खाते में पिछड़ा-ओबीसी वोट बैंक (BJP OBC Vote Bank) लगातार बढ़ता जा रहा है. साल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) बनने के बाद बीजेपी के पिछड़ा-ओबीसी वोट बैंक में अच्छा खासा इजाफा हुआ है. इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि पीएम मोदी ने सत्ता में आने के बाद  इस वर्ग के लिए उन्होंने खूब काम किया है. उनके हर छोटे-छोटे मुद्दे पर उन्होंने बखूबी ध्यान दिया है. विकास योजनाओं से लेकर उनके हितों तक, हर चीज पर पीएम मोदी का फोकस रहा है. ताकि ये वर्ग खुद को अलग-थलग महसूस न करे. साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि वह खुद भी पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखते हैं. बीजेपी के इस वोट बैंक में इजाफा होने का ये भी बड़ा कारण माना जा सकता है. 

बीजेपी का ओबीसी वोट बैंक बढ़ने का दूसरा बड़ा कारण ये भी है कि उन्होंने लोकसभा चुनावों में ज्यादा से ज्यादा ओबीसी उम्मीदवारों पर दाव लगाया था. इस भरोसे को कायम रखते हुए वह जीतकर लोकसभा भी पहुंचे. ओबीसी वोटर्स बढ़ने की ये भी एक बड़ी वजह रही है.

देश में कितना है OBC वोट ?

मंडल आयोग ने देश में ओबीसी की संख्या 52 प्रतिशत बताई थी. जबकि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय ने 41 प्रतिशत ओबीसी होने की बात कही थी. हालांकि दोनों के आंकड़ों में विरोधाभास है. अगर बात बिहार जाति जनगणना की करें तो इसके मुताबिक, राज्य में ओबीसी की संख्या 63 प्रतिशत है. 

कैसे बढ़ा BJP का OBC वोट बैंक?

बीजेपी को ओबीसी का सबसे ज्यादा समर्थन मिला है. साल 1971 (भारतीय जनसंघ के दिनों में) 7 प्रतिशत से तेजी से बढ़कर 1996 में यह 19 प्रतिशत हुआ. साल 2019 में दोगुने से ज्यादा बढ़कर यह 44 प्रतिशत पर पहुंच गया. 

बीजेपी के पास कितना OBC समर्थन?

बात अगर बीजेपी के ओबीसी समर्थन की करें तो यह साल दर साल बढ़ा है. साल 1999 में बीजेपी के 100 वोटर्स में से 48 ओबीसी थे. 2019 के चुनाव में यह आंकड़ा बढ़कर 59 हो गया. वहीं अगर कांग्रेस की बात करें तो साल 1999 में हर 100 वोटर में उनके पास 42 ओबीसी वोटर थे. मतलब बीजेपी से उनके पास 6 वोटर कम थे. कांग्रेस के साथ उल्टा हुआ साल 2019 में उनका यह वोट बैंक घट गया. हर 100 वोटरों में से ओबीसी वोटर्स घट कर सिर्फ 38 रह गए. वहीं अन्य दलों के ओबीसी वोटर्स साल 1999 में 100 में से 55 थे जो 2019 के चुनाव में घटकर सिर्फ 48 रह गए. 

लोकसभा में बीजेपी में कितने OBC सांसद?

 बीजेपी के पास 2025 लोकसभा में ओबीसी सांसदों का प्रत‍िशत भी 2019 की तुलना में बढ़ा है.  2019 में उसके पास लोकसभा में 22.8 प्रत‍िशत ओबीसी सांसद थे. इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 25.4 फीसदी हो गया है. जब कि साल 2024 में NDA के पास 26.2 प्रतिशत ओबीसी सांसद जबकि इंडिया गठबंधन के पास ओबीसी सांसदों का आंकड़ा 30.7 प्रतिशत था. 

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