एंबुलेंस को रास्ता न देने पर 66 हजार का चालान, आप भी सायरन सुनते ही हो जाएं अलर्ट

एंबुलेंस को रास्ता न देने पर 66 हजार का चालान, आप भी सायरन सुनते ही हो जाएं अलर्ट

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एंबुलेंस को रास्ता न देने पर 66 हजार का चालान, आप भी सायरन सुनते ही हो जाएं अलर्ट

भारत के मोटर वाहन अधिनियम 196E सेक्शन का मकसद सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना और बिना वैध लाइसेंस के वाहन चलाने वालों को दंडित करना है. यह सेक्शन वाहन चलाने के नियमों का पालन करने और सड़क सुरक्षा को बनाए रखने में मदद करता है.

अगर आप भी सड़क पर एंबुलेंस का सायरन सुनकर अनदेखा कर देते हैं... एंबुलेंस को बार-बार हॉर्न बजाने पर भी रास्‍ता नहीं देते, तो सावधान हो जाइए. एंबुलेंस को रास्‍ता न देने पर आपको भारी-भरकम चालान देना पड़ सकता है. हिमाचल के लाहुल स्पिति में टैंपो ट्रैवलर औऱ फॉर्च्यूनर पर एंबुलेंस को रास्ता न देने पर 66 हजार का जुर्माना लगा है. मामला गुरुवार रात हुर्लिंग इलाके का है, जब एंबुलेंस एक सीरियस मरीज को लेकर काजा से रिकांगपिओ जा रही थी. मरीज को जल्‍द से जल्‍द अस्‍पताल पहुंचाना जरूरी था. ऐसे में एंबुलेंस का ड्राइवर लगातार साइड मांगने के लिए हॉर्न बजा रहा था, लेकिन टूरिस्ट नशे में धुत थे और स्थिति बिगड़ती चली गई. अब पुलिस ने इन टूरिस्‍टों के खिलाफ कदम उठाया है.   

एंबुलेंस का सायरन सुनते ही हो जाएं अलर्ट!

दरअसल, लाहुल स्पिति में टैंपो ट्रैवलर और फॉर्च्यूनर में पास देने को लेकर बहस हो गई. ऐसे में उन्होंने पीछे से आ रही एंबुलेंस को भी रास्ता नहीं दिया. इस दौरान एंबुलेंस में मौजूद मरीज की जान पर बन आई. पुलिस ने नंबर के आधार पर दोनों वाहनों का 66 हजार रुपये का चालान काटा है. अगर आप भी एंबुलेंस को रास्‍ता नहीं देते हैं, तो भारी चालान भरना पड़ सकता है. जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से अब आरोपी की पहचान बड़ी आसानी से की जा सकती है. नियमों के मुताबिक, किसी एंबुलेंस को पास न देने पर 10 हजार रुपये तक का चालान भरना पड़ सकता है. 

भारत के मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act), 1988 में सेक्शन 196E का उल्लेख अधिनियम में हाल के संशोधनों के बाद जोड़ा गया है, विशेष रूप से मोटर व्‍हीकल (संशोधन ) एक्‍ट, 2019 में. यह धारा वाहन के राष्ट्रीय परमिट, अंतर-राज्यीय या अंतर-राष्ट्रीय संचालन या अनाधिकृत रूप से विदेशी वाहनों के भारत में संचालन से संबंधित है. धारा 196E में यह बताया गया है कि बिना बीमा वाले वाहन का उपयोग करने पर क्या दंड होगा। इस धारा के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति बिना बीमा वाले वाहन को चलाता है या उसकी अनुमति देता है, तो उसे अधिकतम ₹10000 तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. 

लाइसेंस भी हो सकता है रद्द 

बता दें कि 196E सेक्शन का मकसद सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना और बिना वैध लाइसेंस के वाहन चलाने वालों को दंडित करना है. यह सेक्शन वाहन चलाने के नियमों का पालन करने और सड़क सुरक्षा को बनाए रखने में मदद करता है. चालान के साथ-साथ इस अपराध के लिए व्यक्ति का वाहन चलाने का लाइसेंस निलंबित या रद्द किया जा सकता है. हिमाचल प्रदेश के मामले में भी ड्राइवर का लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश हिमाचल पुलिस ने की है. 

 

एंबुलेंस को रास्ता न देने पर 66 हजार का चालान, आप भी सायरन सुनते ही हो जाएं अलर्ट

भारत के मोटर वाहन अधिनियम 196E सेक्शन का मकसद सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना और बिना वैध लाइसेंस के वाहन चलाने वालों को दंडित करना है. यह सेक्शन वाहन चलाने के नियमों का पालन करने और सड़क सुरक्षा को बनाए रखने में मदद करता है.

अगर आप भी सड़क पर एंबुलेंस का सायरन सुनकर अनदेखा कर देते हैं... एंबुलेंस को बार-बार हॉर्न बजाने पर भी रास्‍ता नहीं देते, तो सावधान हो जाइए. एंबुलेंस को रास्‍ता न देने पर आपको भारी-भरकम चालान देना पड़ सकता है. हिमाचल के लाहुल स्पिति में टैंपो ट्रैवलर औऱ फॉर्च्यूनर पर एंबुलेंस को रास्ता न देने पर 66 हजार का जुर्माना लगा है. मामला गुरुवार रात हुर्लिंग इलाके का है, जब एंबुलेंस एक सीरियस मरीज को लेकर काजा से रिकांगपिओ जा रही थी. मरीज को जल्‍द से जल्‍द अस्‍पताल पहुंचाना जरूरी था. ऐसे में एंबुलेंस का ड्राइवर लगातार साइड मांगने के लिए हॉर्न बजा रहा था, लेकिन टूरिस्ट नशे में धुत थे और स्थिति बिगड़ती चली गई. अब पुलिस ने इन टूरिस्‍टों के खिलाफ कदम उठाया है.   

एंबुलेंस का सायरन सुनते ही हो जाएं अलर्ट!

दरअसल, लाहुल स्पिति में टैंपो ट्रैवलर और फॉर्च्यूनर में पास देने को लेकर बहस हो गई. ऐसे में उन्होंने पीछे से आ रही एंबुलेंस को भी रास्ता नहीं दिया. इस दौरान एंबुलेंस में मौजूद मरीज की जान पर बन आई. पुलिस ने नंबर के आधार पर दोनों वाहनों का 66 हजार रुपये का चालान काटा है. अगर आप भी एंबुलेंस को रास्‍ता नहीं देते हैं, तो भारी चालान भरना पड़ सकता है. जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से अब आरोपी की पहचान बड़ी आसानी से की जा सकती है. नियमों के मुताबिक, किसी एंबुलेंस को पास न देने पर 10 हजार रुपये तक का चालान भरना पड़ सकता है. 

भारत के मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act), 1988 में सेक्शन 196E का उल्लेख अधिनियम में हाल के संशोधनों के बाद जोड़ा गया है, विशेष रूप से मोटर व्‍हीकल (संशोधन ) एक्‍ट, 2019 में. यह धारा वाहन के राष्ट्रीय परमिट, अंतर-राज्यीय या अंतर-राष्ट्रीय संचालन या अनाधिकृत रूप से विदेशी वाहनों के भारत में संचालन से संबंधित है. धारा 196E में यह बताया गया है कि बिना बीमा वाले वाहन का उपयोग करने पर क्या दंड होगा। इस धारा के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति बिना बीमा वाले वाहन को चलाता है या उसकी अनुमति देता है, तो उसे अधिकतम ₹10000 तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. 

लाइसेंस भी हो सकता है रद्द 

बता दें कि 196E सेक्शन का मकसद सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना और बिना वैध लाइसेंस के वाहन चलाने वालों को दंडित करना है. यह सेक्शन वाहन चलाने के नियमों का पालन करने और सड़क सुरक्षा को बनाए रखने में मदद करता है. चालान के साथ-साथ इस अपराध के लिए व्यक्ति का वाहन चलाने का लाइसेंस निलंबित या रद्द किया जा सकता है. हिमाचल प्रदेश के मामले में भी ड्राइवर का लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश हिमाचल पुलिस ने की है. 

 

एंबुलेंस को रास्ता न देने पर 66 हजार का चालान, आप भी सायरन सुनते ही हो जाएं अलर्ट
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