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CM सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव को तत्काल प्रभाव से क्यों हटाया गया, सूत्रों ने बताई वजह
CM सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव को तत्काल प्रभाव से क्यों हटाया गया, सूत्रों ने बताई वजह

CM सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव को तत्काल प्रभाव से क्यों हटाया गया, सूत्रों ने बताई वजह
आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की जीत का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ जुटने के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास बुधवार शाम मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 56 अन्य घायल हो गए थे.
बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ की घटना को लेकर आलोचनाओं के बीच कर्नाटक सरकार ने विधान परिषद सदस्य के गोविंदराज को शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के राजनीतिक सचिव के पद से हटा दिया. जबकि राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी, खुफिया) हेमंत निंबालकर का तबादला कर दिया. शीर्ष सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अपने राजनीतिक सचिव, एमएलसी के गोविंदराज के बयान से खुश नहीं थे. जो कि बेंगलुरू में भगदड़ में हुई मौतों के बाद सामने आया था.
- आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की जीत का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ जुटने के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास बुधवार शाम मची भगदड़ मच गई थी.
- भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 56 अन्य घायल हो गए थे.
- मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भगदड़ की घटना के सिलसिले में बृहस्पतिवार को बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद और चार अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था.
- मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव के रूप में के गोविंदराज की नियुक्ति भी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई थी. हालांकि, गोविंदराज को हटाने का कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया था.
सूत्रों ने बताया कि बुधवार की सुबह - भगदड़ से कुछ घंटे पहले मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में गोविंदराज ने आरसीबी के समारोह और सम्मान समारोह की अनुमति देने पर जोर दिया था. जबकि पुलिस आयुक्त ने तीन कार्यक्रमों पर सहमति जताने से इनकार कर दिया था और कहा था कि विजय परेड को मंजूरी नहीं दी जा सकती. लेकिन उन्होंने अखबरों को कुछ और ही बयान दिया था.
जब एक अख़बार ने गोविंदराज से पूछा कि क्या उन्होंने ही मुख्यमंत्री को विधान सौध में आयोजित सम्मान समारोह में भाग लेने की सलाह दी थी, तो उन्होंने कथित तौर पर दावा किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को इस समारोह को आयोजित न करने या इसमें भाग न लेने की सलाह दी थी. हालांकि बाद में गोविंदराज ने दावा किया था कि अखबार ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया है. सूत्र ने कहा, "कहा जाता है कि इस दोहरेपन ने मुख्यमंत्री को परेशान कर दिया और ऐसे में उन्हें पद से हटा दिया गया.
पुलिस वालों पर गिरी गाज
भगदड़ को लेकर खुफिया विफलता और प्रशासनिक लापरवाही के आरोपों के बीच सरकार ने एडीजीपी (खुफिया) हेमंत निंबालकर का तबादला करने का फैसला लिया है. एक अधिसूचना में कहा गया था कि “1998 बैच के कर्नाटक कैडर के आईपीएस अधिकारी रवि एस, जो अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (बेंगलुरु) और सरकार के प्रमुख सचिव (पीसीएएस) पद पर कार्यरत हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित किया जाता है और अगले आदेश तक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खुफिया) के पद पर तैनात किया जाता है. वह इस पद पर हेमंत एम निंबालकर की जगह लेंगे.”
CM सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव को तत्काल प्रभाव से क्यों हटाया गया, सूत्रों ने बताई वजह
आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की जीत का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ जुटने के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास बुधवार शाम मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 56 अन्य घायल हो गए थे.
बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ की घटना को लेकर आलोचनाओं के बीच कर्नाटक सरकार ने विधान परिषद सदस्य के गोविंदराज को शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के राजनीतिक सचिव के पद से हटा दिया. जबकि राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी, खुफिया) हेमंत निंबालकर का तबादला कर दिया. शीर्ष सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अपने राजनीतिक सचिव, एमएलसी के गोविंदराज के बयान से खुश नहीं थे. जो कि बेंगलुरू में भगदड़ में हुई मौतों के बाद सामने आया था.
- आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की जीत का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ जुटने के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास बुधवार शाम मची भगदड़ मच गई थी.
- भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 56 अन्य घायल हो गए थे.
- मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भगदड़ की घटना के सिलसिले में बृहस्पतिवार को बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद और चार अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था.
- मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव के रूप में के गोविंदराज की नियुक्ति भी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई थी. हालांकि, गोविंदराज को हटाने का कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया था.
सूत्रों ने बताया कि बुधवार की सुबह - भगदड़ से कुछ घंटे पहले मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में गोविंदराज ने आरसीबी के समारोह और सम्मान समारोह की अनुमति देने पर जोर दिया था. जबकि पुलिस आयुक्त ने तीन कार्यक्रमों पर सहमति जताने से इनकार कर दिया था और कहा था कि विजय परेड को मंजूरी नहीं दी जा सकती. लेकिन उन्होंने अखबरों को कुछ और ही बयान दिया था.
जब एक अख़बार ने गोविंदराज से पूछा कि क्या उन्होंने ही मुख्यमंत्री को विधान सौध में आयोजित सम्मान समारोह में भाग लेने की सलाह दी थी, तो उन्होंने कथित तौर पर दावा किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को इस समारोह को आयोजित न करने या इसमें भाग न लेने की सलाह दी थी. हालांकि बाद में गोविंदराज ने दावा किया था कि अखबार ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया है. सूत्र ने कहा, "कहा जाता है कि इस दोहरेपन ने मुख्यमंत्री को परेशान कर दिया और ऐसे में उन्हें पद से हटा दिया गया.
पुलिस वालों पर गिरी गाज
भगदड़ को लेकर खुफिया विफलता और प्रशासनिक लापरवाही के आरोपों के बीच सरकार ने एडीजीपी (खुफिया) हेमंत निंबालकर का तबादला करने का फैसला लिया है. एक अधिसूचना में कहा गया था कि “1998 बैच के कर्नाटक कैडर के आईपीएस अधिकारी रवि एस, जो अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (बेंगलुरु) और सरकार के प्रमुख सचिव (पीसीएएस) पद पर कार्यरत हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित किया जाता है और अगले आदेश तक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खुफिया) के पद पर तैनात किया जाता है. वह इस पद पर हेमंत एम निंबालकर की जगह लेंगे.”
