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ट्रंप के टैरिफ पर बोले मनीष तिवारी, अखिलेश ने साधा निशाना
ट्रंप के टैरिफ पर बोले मनीष तिवारी, अखिलेश ने साधा निशाना

पिछले सप्ताह घोषित 25 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को भारत पर रूसी तेल की खरीद को लेकर और 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया, जिससे भारत पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है जो कि अमेरिका द्वारा किसी भी देश पर लगाए गए सबसे अधिक शुल्कों में से एक है.
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने इस मुद्दे पर कहा, "भारतीय प्रशासन ने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ जिस विशेष रिश्ते का दावा किया था, वह अब मौजूद नहीं है. शुरुआती 25% के बाद, यह कम होने के बजाय और बढ़ गया है. यानी रिश्ता टूट गया है. मुझे राष्ट्रपति ट्रंप का मकसद नहीं पता, लेकिन यह कोई औपचारिक रिश्ता नहीं है. सरकार को संसद को विश्वास में लेना चाहिए और स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि वे इन चीजों को कैसे देखते हैं, इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा और वे इसका मुकाबला कैसे करेंगे. अगर वे संसद को विश्वास में नहीं ले पा रहे हैं, तो उन्हें एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और सभी दलों के नेतृत्व को विश्वास में लेना चाहिए..."
भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने पर समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "आपको अमेरिका के साथ संबंध बनाए रखने होंगे. अमेरिका के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंध रहे हैं और हमें इन संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में काम करने की ज़रूरत है. इस सरकार के 11 साल पूरे होने के बाद सरकार यह सब क्यों कह रही है?..."
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा रूसी तेल की खरीद पर भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने पर कहा, इस टैरिफ से हमारी दवाई उद्योग समाप्त हो जाएगी. पीएम मोदी निर्णय ले कि यहां से जो दवाई अमेरिका के पास सप्लाई होती है उसे बंद कर दे.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर कुल 50 प्रतिशत का शुल्क लगाए जाने की घोषणा के बाद आरोप लगाया कि मोदी सरकार की विदेश नीति पूरी तरह लड़खड़ा गई है और उसे समझ नहीं आ रहा कि इस स्थिति से कैसे निपटें. खरगे ने दावा किया कि ट्रंप बार बार धमका रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुप हैं. खरगे ने ‘एक्स' पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘ भारत का राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है. कोई भी देश जो गुटनिरपेक्षता की विचारधारा में अंतर्निहित हमारी समय की कसौटी पर कसी गई सामरिक स्वायत्तता की नीति के लिए भारत को मनमाने ढंग से दंडित करता है, वह भारत के मज़बूत ढांचे को नहीं समझता.''
बता दें भारत से आयात पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित 25 प्रतिशत शुल्क का पहला चरण बृहस्पतिवार से लागू हो गया. पिछले सप्ताह, व्हाइट हाउस ने घोषणा की थी कि भारत को 25 प्रतिशत शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा. इसके बाद ट्रंप ने एक शासकीय आदेश जारी किया था जिसमें यह सूची थी कि अमेरिका दुनिया भर के विभिन्न देशों से आयात पर कितना शुल्क लगाएगा. ट्रंप ने एक शासकीय आदेश में करीब 70 देशों के लिए शुल्क दरों की घोषणा की थी. भारत पर 25 प्रतिशत ‘‘जवाबी शुल्क'' बृहस्पतिवार से प्रभावी हो गया.
पिछले सप्ताह घोषित 25 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को भारत पर रूसी तेल की खरीद को लेकर और 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया, जिससे भारत पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है जो कि अमेरिका द्वारा किसी भी देश पर लगाए गए सबसे अधिक शुल्कों में से एक है. यह अतिरिक्तशुल्क 21 दिन बाद यानी 27 अगस्त से प्रभावी होगा.
पिछले सप्ताह घोषित 25 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को भारत पर रूसी तेल की खरीद को लेकर और 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया, जिससे भारत पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है जो कि अमेरिका द्वारा किसी भी देश पर लगाए गए सबसे अधिक शुल्कों में से एक है.
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने इस मुद्दे पर कहा, "भारतीय प्रशासन ने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ जिस विशेष रिश्ते का दावा किया था, वह अब मौजूद नहीं है. शुरुआती 25% के बाद, यह कम होने के बजाय और बढ़ गया है. यानी रिश्ता टूट गया है. मुझे राष्ट्रपति ट्रंप का मकसद नहीं पता, लेकिन यह कोई औपचारिक रिश्ता नहीं है. सरकार को संसद को विश्वास में लेना चाहिए और स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि वे इन चीजों को कैसे देखते हैं, इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा और वे इसका मुकाबला कैसे करेंगे. अगर वे संसद को विश्वास में नहीं ले पा रहे हैं, तो उन्हें एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और सभी दलों के नेतृत्व को विश्वास में लेना चाहिए..."
भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने पर समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "आपको अमेरिका के साथ संबंध बनाए रखने होंगे. अमेरिका के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंध रहे हैं और हमें इन संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में काम करने की ज़रूरत है. इस सरकार के 11 साल पूरे होने के बाद सरकार यह सब क्यों कह रही है?..."
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा रूसी तेल की खरीद पर भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने पर कहा, इस टैरिफ से हमारी दवाई उद्योग समाप्त हो जाएगी. पीएम मोदी निर्णय ले कि यहां से जो दवाई अमेरिका के पास सप्लाई होती है उसे बंद कर दे.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर कुल 50 प्रतिशत का शुल्क लगाए जाने की घोषणा के बाद आरोप लगाया कि मोदी सरकार की विदेश नीति पूरी तरह लड़खड़ा गई है और उसे समझ नहीं आ रहा कि इस स्थिति से कैसे निपटें. खरगे ने दावा किया कि ट्रंप बार बार धमका रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुप हैं. खरगे ने ‘एक्स' पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘ भारत का राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है. कोई भी देश जो गुटनिरपेक्षता की विचारधारा में अंतर्निहित हमारी समय की कसौटी पर कसी गई सामरिक स्वायत्तता की नीति के लिए भारत को मनमाने ढंग से दंडित करता है, वह भारत के मज़बूत ढांचे को नहीं समझता.''
बता दें भारत से आयात पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित 25 प्रतिशत शुल्क का पहला चरण बृहस्पतिवार से लागू हो गया. पिछले सप्ताह, व्हाइट हाउस ने घोषणा की थी कि भारत को 25 प्रतिशत शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा. इसके बाद ट्रंप ने एक शासकीय आदेश जारी किया था जिसमें यह सूची थी कि अमेरिका दुनिया भर के विभिन्न देशों से आयात पर कितना शुल्क लगाएगा. ट्रंप ने एक शासकीय आदेश में करीब 70 देशों के लिए शुल्क दरों की घोषणा की थी. भारत पर 25 प्रतिशत ‘‘जवाबी शुल्क'' बृहस्पतिवार से प्रभावी हो गया.
पिछले सप्ताह घोषित 25 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को भारत पर रूसी तेल की खरीद को लेकर और 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया, जिससे भारत पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है जो कि अमेरिका द्वारा किसी भी देश पर लगाए गए सबसे अधिक शुल्कों में से एक है. यह अतिरिक्तशुल्क 21 दिन बाद यानी 27 अगस्त से प्रभावी होगा.
