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राज ठाकरे के घर बप्पा के दर्शन को पहुंचे उद्धव
राज ठाकरे के घर बप्पा के दर्शन को पहुंचे उद्धव

राज और उद्धव का एक साथ आना बीएमसी चुनाव के लिहाज से भी अहम मना जा रहा है. अगर ये दोनों नेता मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ते हैं तो मराठी वोट बैंक पर इसका गहरा असर देखने को मिल सकता है. दोनों परिवारों की ये नजदीकी बीएमसी चुनावों में कुछ बड़ा कमाल कर सकती है.
कहते हैं कि त्योहार और उत्सव अपनों को और करीब लाने का काम करते हैं. आज गणपति बप्पा पधारे हैं. ऐसे शुभ मौके पर महाराष्ट्र समेत देशभर में लोग जश्न में डूबे हैं. मुंबई में तो गणपति पूजा की धूम देखते ही बनती है. इस खास मौके पर दो परिवार काफी नजदीक नजर आ रहे हैं. शिवनेता (UBT) नेता उद्धव ठाकरे (Uddhav-Raj Thackeray) बुधवार को अपने पूरे परिवार के साथ बप्पा के दर्शन के लिए अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के घर शिवतीर्थ पहुंचे. मुंबई में बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव का राज के घर पहुंचना अहम माना जा रहा है. दोनों परिवार लगभग 2 घंटे साथ रहे और साथ में दोपहर का भोजन किया. करीब 22 साल बाद उद्धव राज ठाकरे के आवास पर पहुचे. दोनों परिवारों ने मिलकर गणेश उत्सव मनाया.
राज के घर बप्पा के दर्शन के लिए पहुंचे उद्धव
उद्धव ठाकरे के साथ उनके बेटे आदत्य ठाकरे और पत्नी रश्मि ठाकरे भी भाई राज ठाकरे के घर बप्पा के दर्शन के लिए पहुंचे. बता दें कि लंबे समय के बाद दोनों ठाकरे भाइयों के बीच नजदीकी देखी जा रही है. दशकों के बाद दोनों भाई एक दूसरे के करीब आते दिखाई दे रहे हैं. आगामी बीएमसी चुनाव से पहले दोनों के बीच नदकीकियां बढ़ना काफी अहम माना जा रहा है. इस दौरान दोनों नेता अपने दादा प्रबोधनकर ठाकरे और बालासाहेब ठाकरे और श्रीकांत ठाकरे की तस्वीर के सामने खड़े होकर पोज देते नजर आए.
राज-उद्धव फिर साथ-साथ
बता दें कि करीब 20 साल बाद राज और उद्धव इसी जुलाई महीने में वर्ली में एक साथ एक मंच पर दिखाई दिए थे. दोनों ने मिलकर फडणवीस सरकार के राज्य में हिंदी अनिवार्य करने के फैसले का विरोध किया था. दबाव बढ़ने के बाद सरकार को वह फैसला वापस लेना पड़ा था. वहीं उद्धव ठाकरे से भी साफ कहा था कि साथ आए हैं तो साथ ही रहेंगे.
राज-उद्धव का साथ आना क्यों अहम?
इसके बाद दोनों नेता कई बार एक साथ देखे गए. राज उद्धव के जन्मदिन के मौके पर भी मातोश्री पहुंचे थे. इस दौरान दोनों नेताओं ने बाला साहेब ठाकरे की तस्वीर के सााथ पोज भी दिए थे. अब उद्धव अपने पूरे परिवार के साथ राज ठाकरे के घर पर पहुंचे हैं. बप्पा के आगमन के मौके पर दोनों परिवारों में भी नजदीकी देखने को मिली है. पुराने गिले शिकवे मिटाकर दोनों परिवार फिर साथ आ गए हैं. राज और उद्धव का एक साथ आना बीएमसी चुनाव के लिहाज से भी अहम मना जा रहा है. अगर ये दोनों नेता मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ते हैं तो मराठी वोट बैंक पर इसका गहरा असर देखने को मिल सकता है. दोनों परिवारों की ये नजदीकी बीएमसी चुनावों में कुछ बड़ा कमाल कर सकती है.
राज और उद्धव का एक साथ आना बीएमसी चुनाव के लिहाज से भी अहम मना जा रहा है. अगर ये दोनों नेता मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ते हैं तो मराठी वोट बैंक पर इसका गहरा असर देखने को मिल सकता है. दोनों परिवारों की ये नजदीकी बीएमसी चुनावों में कुछ बड़ा कमाल कर सकती है.
कहते हैं कि त्योहार और उत्सव अपनों को और करीब लाने का काम करते हैं. आज गणपति बप्पा पधारे हैं. ऐसे शुभ मौके पर महाराष्ट्र समेत देशभर में लोग जश्न में डूबे हैं. मुंबई में तो गणपति पूजा की धूम देखते ही बनती है. इस खास मौके पर दो परिवार काफी नजदीक नजर आ रहे हैं. शिवनेता (UBT) नेता उद्धव ठाकरे (Uddhav-Raj Thackeray) बुधवार को अपने पूरे परिवार के साथ बप्पा के दर्शन के लिए अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के घर शिवतीर्थ पहुंचे. मुंबई में बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव का राज के घर पहुंचना अहम माना जा रहा है. दोनों परिवार लगभग 2 घंटे साथ रहे और साथ में दोपहर का भोजन किया. करीब 22 साल बाद उद्धव राज ठाकरे के आवास पर पहुचे. दोनों परिवारों ने मिलकर गणेश उत्सव मनाया.
राज के घर बप्पा के दर्शन के लिए पहुंचे उद्धव
उद्धव ठाकरे के साथ उनके बेटे आदत्य ठाकरे और पत्नी रश्मि ठाकरे भी भाई राज ठाकरे के घर बप्पा के दर्शन के लिए पहुंचे. बता दें कि लंबे समय के बाद दोनों ठाकरे भाइयों के बीच नजदीकी देखी जा रही है. दशकों के बाद दोनों भाई एक दूसरे के करीब आते दिखाई दे रहे हैं. आगामी बीएमसी चुनाव से पहले दोनों के बीच नदकीकियां बढ़ना काफी अहम माना जा रहा है. इस दौरान दोनों नेता अपने दादा प्रबोधनकर ठाकरे और बालासाहेब ठाकरे और श्रीकांत ठाकरे की तस्वीर के सामने खड़े होकर पोज देते नजर आए.
राज-उद्धव फिर साथ-साथ
बता दें कि करीब 20 साल बाद राज और उद्धव इसी जुलाई महीने में वर्ली में एक साथ एक मंच पर दिखाई दिए थे. दोनों ने मिलकर फडणवीस सरकार के राज्य में हिंदी अनिवार्य करने के फैसले का विरोध किया था. दबाव बढ़ने के बाद सरकार को वह फैसला वापस लेना पड़ा था. वहीं उद्धव ठाकरे से भी साफ कहा था कि साथ आए हैं तो साथ ही रहेंगे.
राज-उद्धव का साथ आना क्यों अहम?
इसके बाद दोनों नेता कई बार एक साथ देखे गए. राज उद्धव के जन्मदिन के मौके पर भी मातोश्री पहुंचे थे. इस दौरान दोनों नेताओं ने बाला साहेब ठाकरे की तस्वीर के सााथ पोज भी दिए थे. अब उद्धव अपने पूरे परिवार के साथ राज ठाकरे के घर पर पहुंचे हैं. बप्पा के आगमन के मौके पर दोनों परिवारों में भी नजदीकी देखने को मिली है. पुराने गिले शिकवे मिटाकर दोनों परिवार फिर साथ आ गए हैं. राज और उद्धव का एक साथ आना बीएमसी चुनाव के लिहाज से भी अहम मना जा रहा है. अगर ये दोनों नेता मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ते हैं तो मराठी वोट बैंक पर इसका गहरा असर देखने को मिल सकता है. दोनों परिवारों की ये नजदीकी बीएमसी चुनावों में कुछ बड़ा कमाल कर सकती है.
