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वक्फ संपत्तियों के लिए UMEED पोर्टल लॉन्च, अब ये काम होंगे ऑनलाइन
वक्फ संपत्तियों के लिए UMEED पोर्टल लॉन्च, अब ये काम होंगे ऑनलाइन

वक्फ संपत्तियों के लिए UMEED पोर्टल लॉन्च, अब ये काम होंगे ऑनलाइन
नई वक्फ संपत्ति का रजिस्ट्रेशन पोर्टल के ज़रिए ही होगा. नई संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को लेकर काफ़ी विरोध हो रहा था क्योंकि रजिस्ट्रेशन का काम अब जिला कलेक्टर को दिया गया है. पहले सर्वे कमिश्नर इस काम को करता था.
केंद्र सरकार ने वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन और रजिस्ट्रेशन में पारदर्शिता लाने के लिए आज UMEED पोर्टल की शुरुआत की. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इस पोर्टल को लॉन्च किया, जो 1995 के वक़्फ़ कानून में संशोधन के बाद बने नए UMEED कानून के क्रियान्वयन का हिस्सा है.
नए कानून और पोर्टल की पृष्ठभूमि
पिछले संसद सत्र में 1995 के वक़्फ़ कानून में बदलाव करते हुए इसका नाम बदलकर UMEED कानून कर दिया गया. यह नया कानून 8 अप्रैल 2025 से लागू हुआ है. इसके तहत देश भर की सभी वक़्फ़ संपत्तियों की जानकारी 6 महीने के भीतर, यानी 8 अक्टूबर 2025 तक, UMEED पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है.
UMEED पोर्टल के मुख्य कार्य
- संपत्ति की जानकारी अपलोड: नए कानून के सेक्शन 3B के तहत सभी वक़्फ़ संपत्तियों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा.
- औकाफ की सूची: सेक्शन 5 के तहत वक़्फ़ दान करने वालों (औकाफ) की सूची अपलोड की जाएगी.
- नए वक़्फ़ का रजिस्ट्रेशन: सेक्शन 36 के तहत नए वक़्फ़ के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन पोर्टल के जरिए ही होंगे.
- मुतवल्ली के खातों का रखरखाव: वक़्फ़ की देखभाल करने वाले मुतवल्ली के खातों का रिकॉर्ड और उसकी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध होगी.
- औकाफ रजिस्टर का रखरखाव: पोर्टल के जरिए औकाफ रजिस्टर को मेंटेन किया जाएगा.
- ऑडिट रिपोर्ट का प्रकाशन: वक़्फ़ संपत्तियों की ऑडिट रिपोर्ट भी पोर्टल पर प्रकाशित होगी.
नई रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और विवाद
नए कानून के तहत अब नई वक़्फ़ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन केवल UMEED पोर्टल के जरिए ही होगा. आवेदन के बाद वेरिफिकेशन और मंजूरी की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर को दी गई है, जो पहले सर्वे कमिश्नर के पास थी. इस बदलाव को लेकर काफी विरोध हो रहा है, क्योंकि कई संगठनों का मानना है कि जिला कलेक्टर के पास पहले से ही कई जिम्मेदारियां हैं, और जिससे पारदर्शिता प्रभावित हो सकती है.
मंत्री किरेन रिजिजू का बयान
पोर्टल लॉन्च के दौरान किरेन रिजिजू ने कहा, "इस पोर्टल का मुख्य लक्ष्य वक़्फ़ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन और रखरखाव में पारदर्शिता लाना है. हमारा मकसद वक़्फ़ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और दुरुपयोग रोकना है."
वक्फ संपत्तियों के लिए UMEED पोर्टल लॉन्च, अब ये काम होंगे ऑनलाइन
नई वक्फ संपत्ति का रजिस्ट्रेशन पोर्टल के ज़रिए ही होगा. नई संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को लेकर काफ़ी विरोध हो रहा था क्योंकि रजिस्ट्रेशन का काम अब जिला कलेक्टर को दिया गया है. पहले सर्वे कमिश्नर इस काम को करता था.
केंद्र सरकार ने वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन और रजिस्ट्रेशन में पारदर्शिता लाने के लिए आज UMEED पोर्टल की शुरुआत की. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इस पोर्टल को लॉन्च किया, जो 1995 के वक़्फ़ कानून में संशोधन के बाद बने नए UMEED कानून के क्रियान्वयन का हिस्सा है.
नए कानून और पोर्टल की पृष्ठभूमि
पिछले संसद सत्र में 1995 के वक़्फ़ कानून में बदलाव करते हुए इसका नाम बदलकर UMEED कानून कर दिया गया. यह नया कानून 8 अप्रैल 2025 से लागू हुआ है. इसके तहत देश भर की सभी वक़्फ़ संपत्तियों की जानकारी 6 महीने के भीतर, यानी 8 अक्टूबर 2025 तक, UMEED पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है.
UMEED पोर्टल के मुख्य कार्य
- संपत्ति की जानकारी अपलोड: नए कानून के सेक्शन 3B के तहत सभी वक़्फ़ संपत्तियों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा.
- औकाफ की सूची: सेक्शन 5 के तहत वक़्फ़ दान करने वालों (औकाफ) की सूची अपलोड की जाएगी.
- नए वक़्फ़ का रजिस्ट्रेशन: सेक्शन 36 के तहत नए वक़्फ़ के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन पोर्टल के जरिए ही होंगे.
- मुतवल्ली के खातों का रखरखाव: वक़्फ़ की देखभाल करने वाले मुतवल्ली के खातों का रिकॉर्ड और उसकी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध होगी.
- औकाफ रजिस्टर का रखरखाव: पोर्टल के जरिए औकाफ रजिस्टर को मेंटेन किया जाएगा.
- ऑडिट रिपोर्ट का प्रकाशन: वक़्फ़ संपत्तियों की ऑडिट रिपोर्ट भी पोर्टल पर प्रकाशित होगी.
नई रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और विवाद
नए कानून के तहत अब नई वक़्फ़ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन केवल UMEED पोर्टल के जरिए ही होगा. आवेदन के बाद वेरिफिकेशन और मंजूरी की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर को दी गई है, जो पहले सर्वे कमिश्नर के पास थी. इस बदलाव को लेकर काफी विरोध हो रहा है, क्योंकि कई संगठनों का मानना है कि जिला कलेक्टर के पास पहले से ही कई जिम्मेदारियां हैं, और जिससे पारदर्शिता प्रभावित हो सकती है.
मंत्री किरेन रिजिजू का बयान
पोर्टल लॉन्च के दौरान किरेन रिजिजू ने कहा, "इस पोर्टल का मुख्य लक्ष्य वक़्फ़ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन और रखरखाव में पारदर्शिता लाना है. हमारा मकसद वक़्फ़ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और दुरुपयोग रोकना है."
