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UP के 13 जिलों में रेड अलर्ट, अगले दो दिन बहुत भारी बारिश की संभावना
UP के 13 जिलों में रेड अलर्ट, अगले दो दिन बहुत भारी बारिश की संभावना

उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी के साथ रेड अलर्ट जारी किया गया है। यूपी से सटे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के भी कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने जिन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, वो सभी यूपी के पश्चिमी हिस्से के जिले हैं। यूपी के अलावा उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के भी कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर में मंगलवार के दिन भी तेज बारिश के आसार हैं। ऐसे में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए सभी को अलर्ट रहने के लिए कहा है।
दो सितंबर के बाद यूपी के सभी जिलों में मौसम सामान्य रहने के आसार हैं। इस दौरान आसमान साफ रह सकता है। हल्की बारिश भी हो सकती है। हालांकि, उत्तराखंड और हिमाचल में हो रही बारिश के चलते कई डैम भर चुके हैं और इनसे पानी छोड़ा जा रहा है। ऐसे में नदियों के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
इन जिलों में बारिश के आसार
सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, ज्योतिबाफुले नगर, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, बदायूं, बरेली, पीलीभीत, शाहजाहंपुर।
उत्तर पश्चिम भारत में इस महीने जमकर हुई बारिश
उत्तर-पश्चिमी भारत में अगस्त में 265 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो 2001 के बाद से इस महीने में सबसे अधिक और 1901 के बाद से 13वीं सबसे अधिक बारिश है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इस क्षेत्र में अब तक मानसून के तीन महीनों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। जून में 111 मिलीमीटर वर्षा हुई, जो सामान्य से 42 प्रतिशत अधिक है, जबकि जुलाई में 237.4 मिलीमीटर वर्षा हुई, जो सामान्य से 13 प्रतिशत अधिक है। आईएमडी ने बताया कि अगस्त में 265 मिलीमीटर बारिश हुई जो सामान्य से 34.5 प्रतिशत अधिक है। सामान्य बारिश 197.1 मिलीमीटर होती है। कुल मिलाकर, उत्तर-पश्चिमी भारत में एक जून से 31 अगस्त के बीच 614.2 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य 484.9 मिलीमीटर से लगभग 27 प्रतिशत अधिक है।
पंजाब में लाखों लोग विस्थापित
मौसम विभाग ने कहा कि सितंबर में उत्तर-पश्चिमी भारत, विशेषकर उत्तराखंड, दक्षिण हरियाणा, दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में भारी बारिश की संभावना है। पंजाब को दशकों में सबसे भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा है, जहां उफनती नदियों और टूटी नहरों के पानी में हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई और लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। हिमालयी राज्यों में, बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के कारण भूस्खलन हुआ और व्यापक क्षति हुई।
देश में सामान्य से 6 फीसदी ज्यादा बारिश
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पुल तथा सड़कें बह गईं, जबकि जम्मू कश्मीर में बार-बार बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं हुईं। आईएमडी ने इस अतिरिक्त बारिश के लिए सक्रिय मानसून को जिम्मेदार ठहराया, जिसे पश्चिमी विक्षोभों से लगातार ताकत मिली, जिससे क्षेत्र में बारिश में वृद्धि हुई। इसने कहा कि दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में अगस्त में 250.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से लगभग 31 प्रतिशत अधिक है। मौसम विभाग ने कहा कि यह 2001 के बाद से इस महीने की तीसरी सबसे अधिक और 1901 के बाद से आठवीं सबसे अधिक बारिश है। कुल मिलाकर, इस क्षेत्र में एक जून से 31 अगस्त के बीच 607.7 मिलीमीटर बारिश हुई जो सामान्य से 9.3 प्रतिशत अधिक है। सामान्य बारिश 556.2 मिलीमीटर होती है। पूरे देश में अगस्त में 268.1 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य से लगभग पांच प्रतिशत अधिक है और जून से अगस्त तक के तीन महीनों में 743.1 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य से लगभग छह प्रतिशत अधिक है।
उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी के साथ रेड अलर्ट जारी किया गया है। यूपी से सटे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के भी कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने जिन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, वो सभी यूपी के पश्चिमी हिस्से के जिले हैं। यूपी के अलावा उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के भी कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर में मंगलवार के दिन भी तेज बारिश के आसार हैं। ऐसे में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए सभी को अलर्ट रहने के लिए कहा है।
दो सितंबर के बाद यूपी के सभी जिलों में मौसम सामान्य रहने के आसार हैं। इस दौरान आसमान साफ रह सकता है। हल्की बारिश भी हो सकती है। हालांकि, उत्तराखंड और हिमाचल में हो रही बारिश के चलते कई डैम भर चुके हैं और इनसे पानी छोड़ा जा रहा है। ऐसे में नदियों के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
इन जिलों में बारिश के आसार
सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, ज्योतिबाफुले नगर, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, बदायूं, बरेली, पीलीभीत, शाहजाहंपुर।
उत्तर पश्चिम भारत में इस महीने जमकर हुई बारिश
उत्तर-पश्चिमी भारत में अगस्त में 265 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो 2001 के बाद से इस महीने में सबसे अधिक और 1901 के बाद से 13वीं सबसे अधिक बारिश है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इस क्षेत्र में अब तक मानसून के तीन महीनों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। जून में 111 मिलीमीटर वर्षा हुई, जो सामान्य से 42 प्रतिशत अधिक है, जबकि जुलाई में 237.4 मिलीमीटर वर्षा हुई, जो सामान्य से 13 प्रतिशत अधिक है। आईएमडी ने बताया कि अगस्त में 265 मिलीमीटर बारिश हुई जो सामान्य से 34.5 प्रतिशत अधिक है। सामान्य बारिश 197.1 मिलीमीटर होती है। कुल मिलाकर, उत्तर-पश्चिमी भारत में एक जून से 31 अगस्त के बीच 614.2 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य 484.9 मिलीमीटर से लगभग 27 प्रतिशत अधिक है।
पंजाब में लाखों लोग विस्थापित
मौसम विभाग ने कहा कि सितंबर में उत्तर-पश्चिमी भारत, विशेषकर उत्तराखंड, दक्षिण हरियाणा, दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में भारी बारिश की संभावना है। पंजाब को दशकों में सबसे भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा है, जहां उफनती नदियों और टूटी नहरों के पानी में हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई और लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। हिमालयी राज्यों में, बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के कारण भूस्खलन हुआ और व्यापक क्षति हुई।
देश में सामान्य से 6 फीसदी ज्यादा बारिश
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पुल तथा सड़कें बह गईं, जबकि जम्मू कश्मीर में बार-बार बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं हुईं। आईएमडी ने इस अतिरिक्त बारिश के लिए सक्रिय मानसून को जिम्मेदार ठहराया, जिसे पश्चिमी विक्षोभों से लगातार ताकत मिली, जिससे क्षेत्र में बारिश में वृद्धि हुई। इसने कहा कि दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में अगस्त में 250.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से लगभग 31 प्रतिशत अधिक है। मौसम विभाग ने कहा कि यह 2001 के बाद से इस महीने की तीसरी सबसे अधिक और 1901 के बाद से आठवीं सबसे अधिक बारिश है। कुल मिलाकर, इस क्षेत्र में एक जून से 31 अगस्त के बीच 607.7 मिलीमीटर बारिश हुई जो सामान्य से 9.3 प्रतिशत अधिक है। सामान्य बारिश 556.2 मिलीमीटर होती है। पूरे देश में अगस्त में 268.1 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य से लगभग पांच प्रतिशत अधिक है और जून से अगस्त तक के तीन महीनों में 743.1 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य से लगभग छह प्रतिशत अधिक है।
