दिल्ली-NCR में आंधी-तूफान का अलर्ट, हिमाचल में भी खूब बरसेंगे बादल

दिल्ली-NCR में आंधी-तूफान का अलर्ट, हिमाचल में भी खूब बरसेंगे बादल

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मौसम विभाग ने दिल्ली- NCR में सोमवार को गरज के साथ बारिश की संभावना जताई है. वहीं दिल्ली में यमुना का जलस्तर अब खतरे के निशाने से नीचे आ रहा है. रविवार को पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 205.56 मीटर दर्ज किया गया.

पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान में बारिश का दौरा अभी भी जारी है. हिमाचल प्रदेश के स्थानीय मौसम केंद्र ने सोमवार को राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में आंधी-तूफान और बिजली गिरने का ‘येलो' अलर्ट जारी किया है. वहीं मौसम विभाग ने दिल्ली-NCR में सोमवार को गरज के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया है. रविवार को बाढ़ ग्रस्त पंजाब के कुछ हिस्सों में बारिश हुई, लेकिन पिछले दिनों की तुलना में बारिश की मात्रा कम रही. पंजाब इस साल मानसून से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में से एक रहा है, जहां सतलुज, व्यास और रावी नदियों तथा मौसमी नालों के उफान के कारण सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं. यहां तक की किसानों की फसले भी बर्बाद हो गई.

रविवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक अमृतसर में 3.7 मिमी, लुधियाना में 2.4 मिमी और पटियाला में 9.2 मिमी बारिश हुई. फरीदकोट, पठानकोट और फिरोजपुर में भी बारिश हुई. पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा में सिरसा में 49.5 मिमी, पानीपत में 10.5 मिमी, मेवात में एक मिमी, अंबाला में 12.1 मिमी और हिसार में 14.6 मिमी बारिश हुई.

पंजाब में भीषण बाढ़ के कारण दो और लोगों की मौत होने से मरने वालों की संख्या 48 तक पहुंच गई है, जबकि 1.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो गई हैं. शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि राज्य में सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय आठ सितंबर से खुलेंगे. बाढ़ की वजह से बीते दिनों शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए थे.

हिमाचल में कैसे हैं हालात

हिमाचल प्रदेश में 20 जून से सात सितंबर तक भारी बारिश के कारण बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की घटनाओं से लगभग 4,080 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून में बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क हादसों में अब तक 366 लोगों की मौत हो चुकी है. वर्तमान में राज्य में 826 सड़कें बंद हैं, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-3 (मंडी-धर्मपुर मार्ग) और एनएच-305 (औट-सैंज मार्ग) शामिल हैं. इसके अलावा, 1,480 बिजली ट्रांसफार्मर और 336 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं. कुल्लू क्षेत्र में सबसे अधिक 227 सड़कें बंद हैं. इसके बाद मंडी में 191, शिमला क्षेत्र में 146 और चंबा क्षेत्र में 88 सड़कें बंद हैं. 

जम्मू-कश्मीर में मची तबाही

हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश ने कई क्षेत्रों में तबाही मचाई है. सड़कें बंद हो गई हैं, बिजली और पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है और कई पंचायतें पूरी तरह कट चुकी हैं. स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं. वहीं, प्रधानमंत्री जल्द ही जम्मू-कश्मीर का दौरा करने वाले हैं.

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश के कारण नॉर्थ ब्लॉक खेड़ी पंचायत में तो भारी तबाही मचाई है. इस क्षेत्र में लगभग 200 घर खतरे की जद में हैं, जिनमें से 20 घरों की जमीन धंस रही है. खेड़ी पंचायत में बारिश के कारण भूस्खलन और जमीन धंसने की घटनाओं ने स्थानीय निवासियों को बेघर होने के कगार पर ला खड़ा किया है. प्रभावित परिवारों का कहना है कि उनकी जीवन भर की कमाई इन घरों में लगी थी, जो अब पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं.

दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे

भारी बारिश के कारण दिल्ली में बढ़ा यमुना नदी का जलस्तर अब कम हो रहा है. दिल्ली के पुराने रेलवे पुल के निकट यमुना का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान यानी 205.33 मीटर से नीचे आ गया. पांच दिन पहले जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था, रात नौ बजे जलस्तर 205.33 मीटर दर्ज किया गया. खतरे का निशान 205.33 मीटर है जबकि इसके 206 मीटर पर पहुंचने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू किया जाता है. दिल्ली में चेतावनी का निशान 204.50 मीटर है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अरुणाचल प्रदेश में सोमवार से पूरे सप्ताह के दौरान बारिश और आंधी-तूफान का दौर जारी रहने का अनुमान जताया है.

मौसम विभाग ने दिल्ली- NCR में सोमवार को गरज के साथ बारिश की संभावना जताई है. वहीं दिल्ली में यमुना का जलस्तर अब खतरे के निशाने से नीचे आ रहा है. रविवार को पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 205.56 मीटर दर्ज किया गया.

पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान में बारिश का दौरा अभी भी जारी है. हिमाचल प्रदेश के स्थानीय मौसम केंद्र ने सोमवार को राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में आंधी-तूफान और बिजली गिरने का ‘येलो' अलर्ट जारी किया है. वहीं मौसम विभाग ने दिल्ली-NCR में सोमवार को गरज के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया है. रविवार को बाढ़ ग्रस्त पंजाब के कुछ हिस्सों में बारिश हुई, लेकिन पिछले दिनों की तुलना में बारिश की मात्रा कम रही. पंजाब इस साल मानसून से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में से एक रहा है, जहां सतलुज, व्यास और रावी नदियों तथा मौसमी नालों के उफान के कारण सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं. यहां तक की किसानों की फसले भी बर्बाद हो गई.

रविवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक अमृतसर में 3.7 मिमी, लुधियाना में 2.4 मिमी और पटियाला में 9.2 मिमी बारिश हुई. फरीदकोट, पठानकोट और फिरोजपुर में भी बारिश हुई. पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा में सिरसा में 49.5 मिमी, पानीपत में 10.5 मिमी, मेवात में एक मिमी, अंबाला में 12.1 मिमी और हिसार में 14.6 मिमी बारिश हुई.

पंजाब में भीषण बाढ़ के कारण दो और लोगों की मौत होने से मरने वालों की संख्या 48 तक पहुंच गई है, जबकि 1.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो गई हैं. शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि राज्य में सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय आठ सितंबर से खुलेंगे. बाढ़ की वजह से बीते दिनों शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए थे.

हिमाचल में कैसे हैं हालात

हिमाचल प्रदेश में 20 जून से सात सितंबर तक भारी बारिश के कारण बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की घटनाओं से लगभग 4,080 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून में बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क हादसों में अब तक 366 लोगों की मौत हो चुकी है. वर्तमान में राज्य में 826 सड़कें बंद हैं, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-3 (मंडी-धर्मपुर मार्ग) और एनएच-305 (औट-सैंज मार्ग) शामिल हैं. इसके अलावा, 1,480 बिजली ट्रांसफार्मर और 336 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं. कुल्लू क्षेत्र में सबसे अधिक 227 सड़कें बंद हैं. इसके बाद मंडी में 191, शिमला क्षेत्र में 146 और चंबा क्षेत्र में 88 सड़कें बंद हैं. 

जम्मू-कश्मीर में मची तबाही

हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश ने कई क्षेत्रों में तबाही मचाई है. सड़कें बंद हो गई हैं, बिजली और पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है और कई पंचायतें पूरी तरह कट चुकी हैं. स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं. वहीं, प्रधानमंत्री जल्द ही जम्मू-कश्मीर का दौरा करने वाले हैं.

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश के कारण नॉर्थ ब्लॉक खेड़ी पंचायत में तो भारी तबाही मचाई है. इस क्षेत्र में लगभग 200 घर खतरे की जद में हैं, जिनमें से 20 घरों की जमीन धंस रही है. खेड़ी पंचायत में बारिश के कारण भूस्खलन और जमीन धंसने की घटनाओं ने स्थानीय निवासियों को बेघर होने के कगार पर ला खड़ा किया है. प्रभावित परिवारों का कहना है कि उनकी जीवन भर की कमाई इन घरों में लगी थी, जो अब पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं.

दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे

भारी बारिश के कारण दिल्ली में बढ़ा यमुना नदी का जलस्तर अब कम हो रहा है. दिल्ली के पुराने रेलवे पुल के निकट यमुना का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान यानी 205.33 मीटर से नीचे आ गया. पांच दिन पहले जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था, रात नौ बजे जलस्तर 205.33 मीटर दर्ज किया गया. खतरे का निशान 205.33 मीटर है जबकि इसके 206 मीटर पर पहुंचने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू किया जाता है. दिल्ली में चेतावनी का निशान 204.50 मीटर है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अरुणाचल प्रदेश में सोमवार से पूरे सप्ताह के दौरान बारिश और आंधी-तूफान का दौर जारी रहने का अनुमान जताया है.

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